बीमार पड़ना कभी भी अच्छा नहीं होता और इससे बचने का सबसे अच्छा तरीका है अपनी इम्युनिटी को मजबूत बनाना: भोजन और स्वस्थ आदतें जो  आपकी रोग प्रतिरोधक शक्ति को प्राकृतिक रूप से बढ़ा सकते हैं (2020)

बीमार पड़ना कभी भी अच्छा नहीं होता और इससे बचने का सबसे अच्छा तरीका है अपनी इम्युनिटी को मजबूत बनाना: भोजन और स्वस्थ आदतें जो आपकी रोग प्रतिरोधक शक्ति को प्राकृतिक रूप से बढ़ा सकते हैं (2020)

सभी जानते हैं की पौष्टिक भोजन खाने के साथ-साथ व्यायाम और स्वस्त आदतें रखना अच्छे सेहत के लिए जरूरी है। लेकिन आज की व्यस्त दुनिया में इन सब बातों के लिए किसके पास समय है? काम के बीच में दोपहर का भोजन करने के लिए १०-१५ मिनट मिल जाये तो यह बड़ी बात हो जाती है और इसमें जो भी जल्दी, स्वादिष्ट खाना मिल जाये हम अक्सर खा लेते हैं चाहे वह तेल में तैरता क्यों न रहे। दिन भर के स्नैक्स, शकर भरे ड्रिंक्स, केक, आदि और सारा सारा दिन लैपटॉप के सामने बैठे रहने से हमारी सेहत कहाँ बन रही है। परन्तु आज के दुनिया में स्वस्थ रहना बहुत महत्वपूर्ण हो गया है, इसलिए यह लेख पड़ें और अपनी इम्युनिटी को नैचुरली मजबूत बनायें।

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बिमारियों का मुकाबला करने के लिए मजबूत रोगनिरोधक शक्ति की जरुरत है

बहुत बार, हम लोगों को बीमारियों से पीड़ित पाते हैं, लेकिन उसी परिवार से कुछ लोग ऐसे होते है, जो सर्दी से भी कभी बीमार नहीं पड़े। ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें पूरे घर में फ्लू हुआ है, लेकिन परिवार का एक सदस्य सुरक्षित है। कभी आपने सोचा है कि, कुछ लोगों को दूसरों की तुलना में बीमार पड़ने का खतरा क्यों नहीं होता है? इसलिए कि, हममें से कुछ लोगों में दूसरों की तुलना में रोग से प्रतिरोधक शक्ति ज्यादा प्रबल होती है।

किसी भी बीमारी के खिलाफ प्रतिरोधक प्रणाली आपका पहला सुरक्षा कवच है। कुछ लोगों के लिए, यह उनके जीन्स में ही होती है। हालांकि, आप अपने जीवन की आदतों को बदलकर अपनी प्रतिरोधक प्रणाली मजबूत भी कर सकते हैं। आपको अपने आहार को बदलने और अपनी बुरी आदतों जैसे धूम्रपान और शराब का सेवन करने की आदतें छोड़ने की आवश्यकता है। उचित तरीके से और नियमित रूप से व्यायाम करें। कम से कम, दिन में कुछ समय के लिए धूप में चलें। उसकी भी आपको मदद मिलेगी।

अपनी रोग प्रतिरोध शक्ति कैसे बढ़ाये

स्वस्थ लोग भी बीमार पड़ सकते हैं, लेकिन आप अपनी प्रतिरोधक प्रणाली को मजबूत कर के खुद को बचा सकते हैं। आपके प्रतिरोधक प्रणाली के लिए विभिन्न तरीके बूस्टर के रूप में कार्य कर सकते हैं और अन्य रोगाणु के साथ हानिकारक बैक्टीरिया और वायरस को दूर करने में आपकी सहायता कर सकते हैं। इसे अपनाने में, आपको अनेक प्रकार की गतिविधियाँ करनी चाहिए जो आपको स्वस्थ रहने में मदद करेंगी।

अपने आहार को जानो

अपनी प्रतिरोध शक्ति को बढ़ाने के लिए आपको स्वस्थ खाद्य पदार्थ खाने की जरूरत है। पौधे आधारित खाद्य पदार्थ, जैसे कि सब्जियां, फल, मसाले और जड़ी-बूटियां, आपके स्वास्थ्य के लिए आवश्यक हैं। इन खाद्य पदार्थों में से अधिकांश में रोगाणुरोधी गुण होते हैं जो रोगों से लड़ने में मदद करते हैं। विटामिन के साथ तांबा, लोहा, जस्ता और सेलेनियम जैसे खनिज आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए आवश्यक हैं।

विटामिन सी की कमी से हानिकारक संक्रमण हो सकता है| खट्टे फलों में यह विटामिन बहुत ही प्रचुर मात्रा में होता है। आपके शरीर के लिए प्रोटीन भी आवश्यक हैं। प्रोटीन में मौजूद अमीनो एसिड आपकी प्रतिरोध शक्ति बनाने में मदद करते हैं और उसकी कमी से बीमारियों केखिलाफ आपकी रक्षा ढ़ीली पड़ सकती है।

आपके भोजन के हिस्से के रूप में आप को बहुत सारे फल और सब्जियां खानी चाहिए, क्योंकि उनमें से अधिकांश विटामिन ए और सी के उत्कृष्ट स्रोत हैं, और मेवे से विटामिन ई, जस्ता और प्रोटीन मिलता हैं।

अच्छी नींद ले लो

हमारे शरीर को अगले दिन के लिए ऊर्जावान होने के लिए समय की आवश्यक मात्रा में सोना पड़ता है। इसके अलावा, सोते समय आपके शरीर में एंजाइम और रसायन स्रावित होते हैं, जो शरीर की प्रतिरोध प्रतिक्रिया को नियमित करने में मदद करते हैं। एक स्वस्थ व्यक्ति को हर दिन कम से कम आठ घंटे की नींद लेनी चाहिए। नींद की आवश्यक मात्रा न होने से बीमारियों का हमला हो सकता है और आपका बचाव कम पड़ता है। संशोधन से पता चला है कि, जिन उत्तरदाताओं की नींद छह घंटे से कम थी, उनमें श्वसन संक्रमण होने का खतरा अधिक था।

जिन लोगों को सोने में परेशानी होती है, उन्हें टेलीविजन नहीं देखना चाहिए और सोने से कम से कम एक घंटे पहले अपने मोबाइल फोन को दूर रखना चाहिए। बिस्तर पर जाने से पहले किताबें न पढ़ें या झगड़ा भी न करें। यह आपकी नींद की में बाधा डालता है। सोने से पहले आपको कमरे में अंधेरा रखना चाहिए और सुबह नींद से जागने के बाद व्यायाम करना चाहिए। नींद की कमी से कोर्टिसोन लेवल बढ़ता है, जिससे प्रतिरोध क्षमता कम होती है।

व्यायाम की दिनचर्या रखो

स्वस्थ रहने के लिए व्यायाम की एक निश्चित नित्य स्वरूप दिनचर्या की आवश्यकता है। उस नित्य क्रम का चयन करने से पहले, आपको अपने डॉक्टर और जिम प्रशिक्षक से बात करनी चाहिए। माइक्रोबियल और वायरल संक्रमण के खिलाफ आपको स्वस्थ रखने के अलावा, नियमित व्यायाम गंभीर बीमारियों को दूर करने में भी मदद करता है। हालाँकि, अपनी नित्य क्रम में ज़्यादती न करें, क्योंकि यह रक्षा प्रणाली को दबा सकता है। इसके बजाय, एक साधारण नित्य क्रम रहना चाहिए।

नियमित व्यायाम से अक्सर आपकी प्रतिरोध कोशिकाओं का कायाकल्प होता है। वयस्कों को हर हफ्ते दो बार शक्ति प्रशिक्षण के साथ कम से कम ढाई घंटे का मध्यम एरोबिक व्यायाम करना चाहिए। खुली हवा में, प्रकृति के बीच नियमित कुछ समय बिताने का भी सुझाव दिया जाता है, क्योंकि यह आपकी प्रतिरक्षा को बढ़ाता है।

तान तनाव का अच्छी तरह से संभालो

काम का आधुनिक माहौल और काम के लिए आने-जाने की यातायात से हमारे तनाव का स्तर बढ़ता है। हमारा यह बढ़ा हुआ तनाव का स्तर, गंभीर बीमारियों की जड़ है। यह हमारी प्रतिरोध प्रणाली को भी दबा देता है। अपने तनाव के स्तर को नियंत्रण में रखना जरुरी है। जब आपके तनाव का स्तर जितना अधिक होता है, आपका शरीर कोर्टिसोल भी उतना छोड़ता है। जब आपका तनाव का स्तर लगातार उच्च स्तर का होता है, तब आपकी प्रतिरोध शक्ति भी कम हो जाती है।

लंबे समय तक तनाव का स्तर प्रतिरोध के स्तर को काफी हद तक प्रभावित करता है। डॉक्टर तनाव कम करने के कई तरीके बताते हैं। उनमें से कुछ है ध्यान करना या अपनी पसंद के विभिन्न प्रकार के शौक में मन लगाना, जैसे ड्राइंग, खेल, मछली पकड़ना आदि। व्यायाम और योग भी आपके तनाव के स्तर को कम कर सकते हैं।

सफाई का ध्यान रहें

आपको बीमारियों को दूर करने के लिए उचित स्वच्छता बनाए रखनी चाहिए। हेल्थकेयर पेशेवर सलाह दते हैं कि, किसी भी भोजन को करने से पहले साबुन और गर्म पानी का उपयोग करके बीस सेकंड तक हमारे हाथ धोने चाहिए | सार्वजनिक स्थानों को छूने या बाथरूम का उपयोग करने के बाद आपको अपने हाथों को साबुन या अल्कोहल-आधारित सैनिटाइज़र से भी धोना चाहिए। यह रोगाणुओं और वायरस के प्रसार को रोकने में मदद करता है।

कीटाणुओं के प्रसार को रोकने के लिए आपको नियमित रूप से स्नान करना चाहिए और अपने नाखूनों को काटना चाहिए। उचित स्वच्छताभाव रखने से आपको आंतरिक रूप से अच्छा महसूस होता है। यह आपके मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी जरुरी है।

पूरक चीजों का इस्तेमाल

यह हमें ज्ञात है कि, हम जो खाना खाते है वह बीमारियों को रोकने में मदद कर सकता है। जड़ी बूटी भी हमारी प्रतिरोध शक्ति में सुधार लाने में मदद कर सकती है। सर्दी से बचाव के लिए विभिन्न जड़ी-बूटियाँ जैसे एल्डरबेरी, एस्ट्रैगैलस, एन्ड्रोग्राफी, इचिनेशिया आदि प्रभावी हैं। कई मेडिकल पत्रिकाओं ने उल्लेख किया है कि, यदि आप अक्सर धूप में नहीं होते हैं,आप विटामिन 'डी' का पूरक आहार ले सकते हैं| आपको विटामिन 'डी' की कमी है या नहीं इसके लिए रक्त परीक्षण कर सकते हैं| हालांकि, पूरक आहार लेने से पहले, आपको अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए। एक विकल्प के रूप में, आप खाने में ही पकाते वक्त जड़ी-बूटियों का उपयोग कर सकते हैंजैसे कि, लहसुन, अजवायन, अदरक और हल्दी | इन में त्रासदी-विरोधी गुण होते हैं और ये प्रतिरोध शक्ति को बढ़ाते हैं।

बुरी आदतों से मुंह मोड़ ले

बहुत अधिक शराब पीना और सिगरेट पीना आपकी प्रतिरोध प्रणाली को कम करता है। शराब पीने पर, शरीर डिटॉक्सिफाइंग में व्यस्त होता है और प्रतिरोध प्रणाली पर ज्यादा ध्यान नहीं दे पाता है। बहुत अधिक शराब पीने से श्वसन संकट और अन्य लंबी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। शराब की मात्रा प्रत्येक दिन एक से दो पेग तक सीमित करने का सुझाव दिया जाता है।

धूम्रपान आपकी प्रतिरोधक क्षमता को भी कम कर सकता है क्योंकि धूम्रपान के दौरान निकलने वाले रसायन प्रतिरक्षा कोशिकाओं के विकास को रोक सकते हैं। यदि आपको कोई वायरल संक्रमण हो रहा है, तो यह धूम्रपान से और बढ़ जाएगा। स्वस्थ रहने और एक उत्कृष्ट प्रतिरक्षा प्रणाली सुनिश्चित करने के लिए, आपको धूम्रपान छोड़ना चाहिए। धूम्रपान छोड़ने के कई तरीके हैं, जिनमें निकोटीन रिप्लेसमेंट प्रोडक्ट्स और थेरेपी शामिल हैं।

प्रोबायोटिक्स की भी मदद हो सकती है

प्रतिरक्षा बढ़ाने का एक और तरीका है खमीर उठाया हुआ भोजन लेना। ये खाद्य पदार्थ बैक्टीरिया से समृद्ध होते हैं जो स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं प्रोबायोटिक्स। किमची और नट्टो के साथ आप ज्यादा मात्रा में दही भोजन में शामिल कर सकते है। शोध के माध्यम से यह भी साबित हुआ है कि, जिन व्यक्तियों ने प्रोबायोटिक भोजन अपना लिया, उनमें बीमार पड़ने की संभावना कम थी। इसके अलावा, मददगार बैक्टीरिया आपकी प्रतिरक्षा कोशिकाओं की हानिकारक रोगजनकों और स्वस्थ कोशिकाओं के बीच अंतर समझने में मदद कर सकते हैं। इस तरह, यह बीमारियों को रोक सकता है।

रोग-प्रतिरोध शक्ति बढ़ने वाले खाद्य

आपकी प्रतिरोध प्रणाली से रोगजनुकों से बचा कर के आपको स्वस्थ रखना चाहिए। जब आपकी प्रतिरोध प्रतिक्रिया शुरू हो जाती है, तो आपका शरीर उन्हें मारने के लिए एंटीजन छोड़ता है। इस गतिविधि को विशिष्ट भोजन लेने से बढ़ाया जाता है जो आपकी प्रतिरोध शक्ति में सुधार लाता है। इनमें से कुछ पर अब हम चर्चा करेंगे।

लाल मिर्च /शिमला मिर्च

जैसे कि हम जानते हैं ज्यादातर फलों में विटामिन 'सी' मौजूद होता है। हालाँकि, इसमें प्राकृतिक शर्करा भी भरपूर मात्रा में होती है। परिणामस्वरूप, हममें से कई लोग मेवा नहीं खा सकते हैं। एक विकल्प है लाल मिर्च, जिसमें विटामिन 'सी' भी प्रचुर मात्रा में होता है। नौसिखियों के लिए, हमें यह बताना चाहिए कि, लाल खट्टी मिर्च में अधिकांश खट्टे फलों की तुलना में विटामिन 'सी' की मात्रा दोगुनी होती है।

इसके अलावा, वे बीटा कैरोटीन का एक स्रोत भी हैं जो विटामिन 'ए' में मौजूद, हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए आवश्यक घटक है| यह हमारी त्वचा को भी स्वस्थ रखता है। इससे नेत्र स्वास्थ्य और दृष्टि भी अच्छी होती है।

अदरक

सर्वव्यापी अदरक आवश्यक एंटी-ऑक्सीडेंट प्रदान करके हमारी प्रतिरोध शक्ति को बढ़ाकर हमारी मदद करता है एंटीऑक्सिडेंट संक्रमण से मुक्त हुए फ्री रेडिकल्स से लड़ते हैं, और विभिन्न विकारों के खिलाफ रक्षा करते हैं। संशोधन द्वारा यह सिद्ध किया गया है कि, अदरक में एंटी-माइक्रोबियल गुण भी होते है।

अदरक हमारे शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में भी मदद करता है। गले में खराश होने परb भी कई लोग अदरक का इस्तेमाल करते हैं। यह अरुचि और लंबे दर्द के प्रभाव को कम करने में भी मदद करता है।

खट्टे फल

प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर बनाने के लिए विटामिन सी एक महत्वपूर्ण घटक है। हम में से अधिकांश पहले से ही यह जानते हैं और जब हम सर्दी से परेशान होते है, तब हम खट्टे फलों का सेवन बढ़ाते हैं। यह सफेद रक्त कोशिकाओं के उत्पादन को बढ़ाता है जो रोगजनकों के खिलाफ लड़ते है। अधिकांश खट्टे फलों में उच्च मात्रा में विटामिन 'सी' होता है।

खट्टे फलों में कॉपर, पोटैशियम, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस और विटामिन 'बी' पाया जाता है। विटामिन 'सी' इम्यून सेल्स बीऔर टीसेल्स को बढ़ाकर हमारी मदद करता है। इसके अलावा, खट्टे फल में फ्लैवोनॉइड्स (flavonoids) भी पाए जाते हैं, जिसमे एंटीऑक्सीडेंट गुण भी होते हैं। बीमार पड़ने पर वे जल्दी ठीक होने में मदद करते हैं। स्ट्रॉबेरी, ब्रोकोली और कीवी फल विटामिन 'सी' के अन्य स्रोत हैं।

हल्दी

हम अपने कई खाद्य पदार्थों में हल्दी का उपयोग बेहतर स्वाद के लिए करते रहे हैं। हम थोड़ा कम जानते हैं कि, यह हमारी प्रतिरक्षा को बढ़ाने में भी मदद करता है। यह एक रसायन 'करक्यूमिन' जो एक एंटीऑक्सीडेंट है उसके कारण है। आप कच्ची हल्दी को छोटी खुराक की मात्रा में भी ले सकते हैं। करक्यूमिन शरीर में मुक्त कणों( फ्री रैडिकल ) पर हमला करता है और बीमारियों से लड़ता है। विभिन्न अध्ययनों से पता चला है कि, हल्दी में एंटीऑक्सिडेंट का स्तर होता है और ऑक्सीडीकरण बढाता है। उसका परिणाम बीमारियों की रोक या उन्मूलन तक होता है।

दही और योगर्ट

दही हमेशा से हमारे अधिकांश खाद्य पदार्थों को स्वादिष्ट बनाता है। इसमें प्रचुर मात्रा में प्रोबिओटिक्स होते है, जो सर्दी की तीव्रता को कम करने में मदद करता है। मददगार बैक्टीरिया हमारे इम्यून सिस्टम को बढ़ाने में मदद करते हैं। यह हमारे शरीर के विषों का नाश और पाचन में भी मदद करता है। कम फॅट-वाला दही हमें आवश्यक प्रोटीन और कैल्शियम भी प्रदान करता है। बिना चीनी के हमेशा सादा दही खाना चाहिए। इसमें विटामिन 'डी' भी होता है जो हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को नियंत्रित करता है।

भारतीय व्यंजनों में दही को हमारे भोजन में दही चावल और रायता जैसे व्यंजन में शामिल करते होते हैं, लेकिन आप इन्हें अलग-अलग रूपों में भी इस्सतेमाल कर सकते हैं जैसे कि शाकाहारियों के लिए ओट्स और छाछ के साथ एक मसालेदार डिप।

ग्रीन टी

हम आमतौर पर कैफीन की कम मात्रा के कारण चाय की जगह ग्रीन टी लेते हैं, जो इसे विषाक्त नहीं बनाती है। ग्रीन टी में फ्लेवोनॉयड्स होता है जो सर्दी से आपका बचाव करता है। इसमें एक एंटीऑक्सिडेंट भी शामिल है एपिगैलोकैटेचिन गैलेट जो हमारी प्रतिरक्षा को बढ़ाता है। चूँकि यह किण्वित नहीं है, इसलिए पोषक तत्व संरक्षित किए जाते हैं। ग्रीन टी में मौजूद अमीनो एसिड एल-थीनिन शरीर में रोगाणु से लड़ने वाली कोशिकाओं के उत्पादन को बढ़ाता है। इसके अलावा, हरी चाय रक्त में लिपिड के स्तर में सुधार करने में भी मदद करती है।

ग्रीन टी के अलग-अलग प्रकार होते हैं, जो फ्लेवर वाले भी होते हैं, जिन्हें आप अपनी दिनचर्या में शामिल कर सकते हैं।

बुजुर्गों के लिए टिप्स

बुजुर्ग लोगों में प्रतिरक्षा प्रणाली ऐसे ही कम होती है किसी भी बीमारी से बचने के लिए उन्हें बहुत सावधान रहने की जरुरत है। उन्हें बहुत सारे पोषक तत्वों के साथ एक स्वास्थ्यकर आहार लेना चाहिए। हल्के फ्लू और ठंड से भी जटिल समस्याएँ हो सकती हैं। यदि आपकी उम्र 65 से अधिक है, तो आपको कुछ बातें ध्यान में रखना चाहिए।

  • खान पान
    बुजुर्गों को बहुत सारे फल और सब्जियां खाने चाहिए। उनके आहार में प्रचुर मात्रा में एंटीऑक्सिडेंट और विटामिन 'सी' शामिल होने चाहिए। उन्हें अवोकाडोस, जामुन, ब्रोकोली, पालक और अन्य पत्तेदार साग, खट्टे फल, बादाम, आदि खाने चाहिए। उन्हें भोजन में कम प्रोटीनवाले समुद्री भोजन एवं चिकन, आदि का भी समावेश करना चाहिए। उनके लिए अंकुरित अनाज भी संपूर्ण भोजन हो सकता है। विशेषज्ञ बुजुर्गों को हर दिन कम से कम आठ गिलास पानी पीने की सलाह देते हैं।

  • टिका लगाइए
    बुजुर्गों को फ्लू का टीका जरूर लगवाएं क्योंकि इससे संक्रमण का खतरा कम हो जाता है। टीका यह सुनिश्चित करता है कि, शरीर में आवश्यक एंटीबॉडी का निर्माण किया जाए। वायरस हर साल अपना रूप बदलता है। इसलिए, आपको हर साल टीकाकरण करवाना चाहिए।
  • स्वस्थ वजन रखों
    बुजुर्गों को अपना वजन नियंत्रण में रखने की जरुरत है। उन्हें नियमित शारीरिक गतिविधि करने की आवश्यकता है। उसमे चलना, तैराकी, बाइकिंग या यहां तक कि योग भी शामिल है। साधारणत:, व्यायाम करने का समय कम से कम आधा घंटा होना चाहिए। नियमित व्यायाम हृदय प्रणाली के काम में सुधार करता है और रक्त परिसंचरण में सुधार करता है।

  • खुली हवा में समय बिताइये
    जब आप बूढ़े हो रहे हों, तो आपकी अधिकांश गतिविधियां कम होती जाती हैं। आप काम पर जाना बंद कर देते है, दौड़ना बंद कर देते है, परिणामस्वरूप, बुजुर्ग सूरज से विटामिन 'डी' के संपर्क में नहीं आते हैं। विटामिन 'डी' प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाता है। जबकि पूरक पर्याय उपलब्ध हैं, यह सुझाव दिया जाता है कि, बुजुर्ग धूप में कुछ समय बिताए। हालांकि, अपने डॉक्टर से बात करें कि, आप कितना समय बाहर बिता सकते हैं, ताकि यह किसी भी अन्य जटिलताओं को न बढ़ाए।

  • बुरी आदतों को छोड़ दो
    बुजुर्गों को धूम्रपान और शराब पीने की आदत छोड़ देनी चाहिए। इन दोनों आदतों से प्रतिरक्षा प्रणाली प्रभावित होती है। इसके अलावा, तम्बाकू या अल्कोहल विभिन्न पुरानी बीमारियों को जन्म दे सकता है। यदि वे अपनी आदत को छोड़ना मुश्किल समझते हैं, तो वे चिकित्सक की मदद ले सकते है।
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