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बच्चो में खांसी - घरेलू उपचार या दवाईया ।

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सर्दियों या वर्षा ऋतू में खांसी होना बहुत आम बात है। बच्चो में यह बहुत अधिक होती है :- क्योकि उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली अभी भी विकासशील अवस्था में होती है। खांसी कभी अचानक नहीं होती है, सबसे पहले रक्त संकुलन होती है, जो बाद में खांसी में बदल जाता है। यह कई सप्ताह तक रह सकता है और बच्चो के चीजों को असुविधाजनक बना सकता है। कफ सिरप या ओटीसी दवाओं का चयन करने के बजाय, घरेलू उपचारो को आजमाकर देखिए जो आपके छोटे बच्चो को बेहतर महसूस करने में सहायता करेगा और ये एक सुरक्षित विकल्प भी है। एक चिकित्सक के पास कब जाना है?

हालांकि घरेलू उपचार आजमाने के लिए एक अच्छा विचार है, लेकिन ध्यान में रखे कि यदि आप बच्चे में ये लक्षण देखते है तो आपको एक चिकित्सक के पास जाना चाहिए :

  • यदि 3 से 4 दिनों से अधिक समय से खांसी हो रही है
  • श्वाश लेने में कष्ट या आमतौर से अधिक तीव्र हो रही है
  • बहुत तेज बुखार है जिसमें कोई भरी या बहती नाक और खांसी नहीं है
  • स्ट्रिडोर है
  • यदि बच्चा चिड़चिड़ा, कर्कश और कमजोर है।
  • यदि डीहाइड्रेटेड है। तंद्रा, चक्कर आना, बिना आँसू के रोना या बहुत कम आँसू, धँसी हुई आँखें या कम पेशाब करना यह दर्शाता है कि बच्चा डीहाइड्रेटेड है।
  • खांसी के साथ रक्त आ रहा है।
  • यदि सांस लेते समय खरास होती है
  • होंठ, जीभ या चेहरे का रंग सांवला या नीला हो जाता है।
  • यदि आप इनमे से कोई भी लक्षण देखते है तो तुरंत चिकित्सक देखभाल लीजिये।

बच्चो में खांसी के कारण ।

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अम्ल प्रतिवाह ।

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खांसी के प्रमुख कारणों में से एक है अम्ल प्रतिवाह। हालांकि, यदि खांसी का कारण अम्ल प्रतिवाह है तो खांसी के साथ अन्य कई लक्षण भी दिखाई देते है।

संक्रमण ।

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संक्रमण जैसे सर्दी और फ्लू से खांसी होती है।

अस्थमा ।

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यह एक लक्षण है यदि बच्चे को अस्थमा है तो रात और बाद में, और उच्च शारीरिक गतिविधियों के दौरान खांसी की मात्रा बढ़ जाती है। बच्चो में अस्थमा की संभावना को पता लगाना बहुत मुश्किल होता है क्योकि प्रत्येक मामलो में लक्षण भिन्न भिन्न होते है।

किसी अवांछित कण का प्रवेश ।

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बच्चो के द्वारा चीजों को मुंह में डालना एक आम बात है और इस दौरान, यदि कोई अवांछित वस्तु शरीर में प्रवेश कर जाती है। यह वायुमार्ग में फंस सकता है जिससे बच्चों में खांसी हो सकती है।

उत्तेजक ।

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हमारे आसपास कई पर्यावरणीय उत्तेजक होते हैं और जो गले में सूजन उत्पन्न कर सकते है जिसके परिणामस्वरूप सुखी खांसी हो सकती है। धूल, फफूंदी, कार निकासी हवा, धुआं, बहुत शुष्क या ठंडी हवा और वायु प्रदूषण कुछ पर्यावरणीय उत्तेजक हैं।

बच्चो में खांसी के 10 सुरक्षित घरेलू उपचार ।

1. शहद ।

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इसके औषधीय गुणों के कारण शहद को प्राचीन काल से ही महत्व दिया जाता है :- पारंपरिक दवाओं में, इसका उपयोग खांसी के उपचार के लिए किया जाता था। अनेको अध्यनो ने इसकी एंटीवायरल, जीवाणुरोधी और सूजन विरोधी गुणों को साबित किया है। ये गुण खांसी में आराम पहुंचने में सहायता करते है। साथ ही, इसकी चिपचिपी प्रकृति के कारण, शहद गले की अंदरूनी परत को शांत करता है और सुखदायक प्रभाव देता है। हालांकि, शहद एक वर्ष से कम की आयु वाले बच्चो के लिए सुझावित नहीं है क्योंकि इससे शिशु बोटुलिज़्म हो सकता है।

एक अध्यन के अनुसार :- ऊपरी श्वास नलिका में संक्रमण से पीड़ित एक से पांच वर्ष के बच्चों को सोने से पहले 2 चम्मच शहद पिलाया गया। यह पाया गया कि शहद न केवल बच्चो को निंद्रा को बेहतर बनाता है, बल्कि रात में होने वाली खांसी को भी बहुत कम कर देता है। यह कई खांसी के लक्षणों को भी कम करता है। काउंटर पर मिलने वाली खांसी की दवाओं के कारण गंभीर दुष्प्रभाव हो सकते हैं। हालांकि, शहद बच्चों द्वारा अच्छी तरह से पसंद किया जाता है और बहुत कम मामलो में ही, इसके कारण उलटी या जी मिचलाना जैसे दुष्प्रभाव का कारण बन सकता है।

कैसे उपयोग करना है :-

  • 1 एक वर्ष से अधिक आयु के बच्चे 2 से 5 मि.ली. शहद का सेवन सीधा कर सकते है, जो बलगम को पतला करता है और खांसी को कम करने में सहायता करता है।
  • 2 कुछ तुलसी के पत्तो के साथ एक कप पानी गर्म कीजिये। इस मिश्रण को ठंडा कीजिये और छान लीजिये। अब इसमें एक चम्मच शहद डालिये और इसे अपने बच्चे को खांसी से राहत पाने के लिए दीजिये।

2. हल्दी ।

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हल्दी सबसे शक्तिशाली मसालों में से एक है :- * जिसका व्यापक रूप से आयुर्वेद जैसे प्राचीन उपचारों में विभिन्न रोगो के उपचार के लिए उपयोग किया जाता है। करक्यूमिन, हल्दी में विद्यमान सक्रिय तत्वों में से एक है जिसे एक शक्तिशाली घटक के रूप में जाना जाता है और इस पीले मसाले में विद्यमान अधिकांश औषधीय गुणों का कारण माना जाता है।

खांसी के उपचार के लिए हमारी दादियों द्वारा सबसे अधिक सुझावित उपचार है ‘हल्दी दूध’ या ‘हल्दी लाटे’ :- यह बच्चो और व्यस्को दोनों पर प्रभावशाली है और खांसी और सर्दी के उपचार के लिए एक प्रसिद्ध घरेलू नुश्खा है। छोटे बच्चो के लिए सम्पूर्ण गिलास पीना मुश्किल हो सकता है, इसलिए आरम्भ में आप कुछ चम्मच पीला सकते हैं और फिर धीरे-धीरे मात्रा को बढ़ा सकते हैं।

कैसे उपयोग करना है :-

    हल्दी दूध -

  • एक कटोरे में 1 कप दूध लीजिये और अब इसमें ½ चम्मच हल्दी मिलाइये।
  • अब इसमें 2 पीसी हुई काली मिर्च और जैविक गुड़ मिलाइये।
  • इस मिश्रण को लगातार चलाते हुए करीब 5 मिनट तक अच्छे से उबालिए।
  • दूध को छान कर गरमागरम पेश कीजिये।
  • हल्दी गार्गल -

  • यह खांसी से एक आराम प्रदान करता है।
  • अब 1 कप गर्म पानी में ½ चम्मच हल्दी पाउडर और ½ चम्मच नमक डालिये।
  • इसे अच्छी तरह से मिलाएं और अपने बच्चे को इस पानी से गरारे करने के लिए कहें।
  • शहद और हल्दी -

  • सुखी खांसी के लिए, ½ चम्मच शहद और ½ चम्मच हल्दी पाउडर के एक मिश्रण को एक दिन में 3 से 4 लेने का सुझाव दिया जाता है।
  • हल्दी में जीवाणुरोधी गुण होते है और इसलिए ये हल्दी आधारित घरेलू उपचार गले की जलन को शांत करते हैं और खांसी को कम करते हैं।

3. गर्म सूप ।

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जब तापमान गिर जाता है, बच्चे को विशेष रूप से खाँसी, गले में खराश, छींकने आदि जैसे लक्षणों के साथ सामान्य सर्दी हो जाती है :- जो ऊपरी श्वसन संक्रमण के कारण होता है। हालांकि आमतौर पर अच्छी नींद और दवा लेने की सलाह दी जाती है, यह कोई रहस्य नहीं है कि एक कटोरी गर्म सूप का सरल घरेलू उपाय भी इस दौरान बहुत सहायक होता है। पोषक, पचाने में सरल, दृढ और पोषक तत्वों से भरपूर सूप जल्दी ठीक होने में सहायता करता है।

ये कुछ सूप रेसिपीया हैं,जो बच्चों में खांसी और सर्दी से राहत पाने में सहायता करेंगे :

    टोमेटो सूप :

  • एक प्रेशर कुकर में 2 कप पानी के साथ 4 मध्यम आकार के टमाटर लीजिये।
  • टमाटर को नरम होने तक पकाइये।
  • टमाटर के बहरी आवरण को छीलिये और मिक्सर में एक अच्छी प्यूरी बनने तक अच्छे से ब्लेंड कीजिये।
  • एक सॉसपैन में, ½ चम्मच मक्खन डालिये।
  • मक्खन पिघल जाने के बाद, ½ चम्मच बारीक़ कटे हुए अदरक और 1 बड़ा चम्मच प्याज डालिये।
  • अब एक मिनट के लिए इसे भूनिये और ¾ कप पानी के साथ टमाटर की प्यूरी को डालिये।
  • अब उच्च आंच पर इसे 5 मिनट तक उबालिए।
  • अब इसके ऊपर से नमक, काली मिर्च, छोटा चम्मच तुलसी पाउडर और अजवायन डालिये।
  • वेजिटेबल सूप :

  • 1 बड़े चम्मच गाजर, 1 बड़ा चम्मच हरी मटर, ½ छोटा आलू, 1 लहसुन की कली और 1/8 चम्मच जीरा, हल्दी और 2 कप पानी के साथ अच्छे से प्रेशर कुकर में पकाइये।
  • अब इसे 5 सिटी तक अच्छे से पकाइये। कुकर के ठंडा होने के बाद, मिश्रण को ब्लेंडर में निकालिये और इसे अच्छे से प्यूरी बनाइये।
  • अब इसके ऊपर से नमक और काली मिर्च छिडकिये।
  • इस गुनगुने पानी को 6 महीने से ऊपर के बच्चों को पेश कीजिए।

4. अजवाइन ।

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बच्चो को तो अक्सर सर्दी और खांसी होता ही रहता है और यही बेहतर है :- कि इस परिस्तिथि को नजरअंदाज करने के लिए शक्तिशाली एंटीबायोटिक के उपयोग को नजरअंदाज किया जाए। दवाइयों का उपयोग करने से पहले आप कुछ घरेलू नुस्खों का उपयोग कर सकते है। अजवाइन भारत में आमतौर पर उपयोग की जाने वाला एक मसाला है जोकि बच्चे और व्यस्को दोनों को सर्दी से राहत पाने में प्रभावशाली है। अजवाइन में पाया जाने वाला घटक थाइमॉल में रोगाणुरोधी गुण पाए जाते है जो बलगम से राहत दिलाने में सहायक सिद्ध है।

ये कुछ उपाय है जिनके माध्यम से आप बच्चो को अजवाइन दे सकते है :

    1 हर्बल काढ़ा –

  • 8 – 10 तुलसी पत्ता, 1 चम्मच अजवाइन, 5 काला मिर्च, ½ चम्मच अदरक पाउडर, ½ चम्मच हल्दी, 1/3 कप गुड़ और ½ कप पानी का उपयोग करते हुए काढ़ा बनाइये।
  • इन सभी सामग्रियों को अच्छे से 10 मिनट तक उबालिए। इसे छान लीजिये और अपने बच्चो को गरमागरम पेश कीजिए।
  • मात्रा –

  • 3 दिनों तक एक वर्ष से कम की आयु वाले बच्चो को 1 चम्मच करके दिन में दो बार करके पिलाइये।
  • 1 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों के लिए 1/4 कप हर्बल काढ़ा उत्तम है।
  • बच्चो को यह काढ़ा पिलाने के दौरान कफ सिरप या अन्य दवाइया न पिलाये।
  • 2 हॉट पैड –

  • 2 चम्मच अजवाइन को एक पैन में अच्छे से भूनिये जब तक इससे सुगंध न आने लगे।
  • अब इसे भुने हुए अजवाइन को एक मलमल के कपडे के टुकड़े में निकालिये।
  • अब इसे बांधते हुए एक पाउच बनाइये।
  • अब इसे एक हॉट पद के रूप में इस्तेमाल करते हुए, बच्चे की छाती पर मालिश कीजिये।
  • यह सुनिश्चित कर ले कि यह अतिरिक्त गर्म न हो, अन्यथा यह बच्चे कि त्वचा को जला सकता है।
  • यह उपाय छाती में जमाव और भरी हुई नाक को साफ करने के लिए जाना जाता है।
  • यदि खांसी और जुकाम बुखार के साथ लंबे समय तक बने रहते है तो डॉक्टर की सलाह लीजिये।

5. लहसुन ।

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सर्दी और खांसी बच्चो में बहुत आम बात है और अपरिहार्य भी है :- क्योंकि बच्चों में रोग प्रतिरक्षा प्रणाली बहुत अधिक शक्तिशाली नहीं होती है। भारतीय रसोई में ऐसी बहुत सी सामग्रियाँ है जो उनकी औषधिये गुणों के कारण जाने जाते है और सर्दी खांसी से पीड़ित बच्चो को प्राकृतिक रूप से राहत प्रदान करते है। ऐसी ही एक समान्य सामग्री है लहसुन। लहसुन में विद्यमान एंटीऑक्सिडेंट और कई शक्तिशाली यौगिक रोग प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर बनाते हैं जिससे शरीर को बीमारियों से लड़ने के लिए तैयार किया जाता है।

लहसुन दूध : यह रोग प्रतिरक्षा क्षमता बढ़ाने वाले गुणों से भरा हुआ है और सर्दी खांसी के लिए एक उत्तम घरेलू नुस्खा है।

    सामग्रियां -

  • 1.5 कप दूध
  • 3 लहसुन की कलिया
  • 2 चम्मच चीनी।
  • विधि –

  • लहसुन की कलियों को मोटा-मोटा काट लें।
  • दूध को झाग आने तक उबाल लीजिये।
  • अब आंच को कम कर दीजिये और इसमें गुड़ और कटे हुए लहसुन डालिये।
  • अच्छे से मिलाइये और इसे कम आंच पर 5 मिनट के लिए उबालिये।
  • अब इसे छान लीजिये और एक वर्ष से अधिक आयु के अपने बच्चो को गर्मागर्म पेश कीजिये।
  • पाम शुगर न केवल मिठास जोड़ता है, बल्कि पाचन एंजाइमों को भी सक्रिय करता है जिससे पेट साफ हो जाता है।
  • मात्रा –

  • एक सप्ताह में दो बार रात को सोने से 25 मि.ली. लहसुन दूध।
  • थोड़ी थोड़ी मात्रा में शुरू कीजिये और बाद में धीरे धीरे मात्रा बढ़ाइए।

6. सरसो के तेल की मालिश ।

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प्राचीन काल से ही नवजात शिशुओं की मालिश सरसो के तेल से की जाती है :- ऐसे कई कारण है जिसके कारण सरसो के तेल का उपयोग मालिश करने के लिए किया जाता है। ठंडे जलवायु वाले क्षेत्रों में तेल का व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है, क्योकि यह शरीर में गर्मी बनाये रखने में सहायता करता है और यह एक इंसुलेटर के भांति कार्य करता है। यह एक बेहतरीन रक्ताधिक्यहारी भी है।

सर्दी खाँसी की दवा –

  • तकरीबन 100 मि.ली. सरसो के तेल को 8 से 10 लहसुन की कलियों के साथ गर्म कीजिये।
  • तब तक गर्म कीजिये जब तक लहसुन जलकर काला न हो जाये।
  • तेल को छान लें और उपयोग करने से पहले थोड़ा ठंडा करें।
  • इस तेल से शिशु की पीठ और छाती की मालिश करें।
  • तुरंत राहत पाने के लिए पैरों और बच्चे की हथेली पर थोड़ा सा तेल लगाएं।
  • यह मालिश विशेषकर सर्दियों में बहुत अच्छी होती है और यह सर्दी और खांसी के लक्षणों के उपचार में भी सहायक है।
  • बच्चे की सरसों के तेल से मालिश से -

    1 हड्डियों को मजबूत बनाना –

  • यह रक्त संचार में मदद करने के अलावा बच्चों की नाजुक और कोमल हड्डियों को भी मजबूत करता है।
  • 2 एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण –

  • सरसों का तेल फंगस और बैक्टीरिया के विकास को रोकता है, जो समय पर इलाज न करने पर शिशुओं के लिए हानिकारक हो सकता है।

7. काली मिर्च ।

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तेज काली मिर्च खांसी और सर्दी को कम करने और प्राकृतिक रूप से रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए आयुर्वेदिक कषाय में उपयोग किए जाने वाले कई मसालों में से एक है :- सूजन रोधी और जीवाणुरोधी गुणों से भरपूर, काली मिर्च संक्रमण को दूर रखता है और सर्दियों में बच्चो को होने वाले जिद्दी खांसी को कम करता है। यह एक अद्भुत एंटीबायोटिक भी है। यह नाक बंद करके और छाती में जमाव को कम करके राहत देने के लिए जाना जाता है।

काली मिर्च एक प्राकृतिक कफ सप्रेसेंट के रूप में कार्य करती है :

    कैसे उपयोग करना है :-

  • 1 दो चम्मच शहद में ताजा पिसा हुआ ¼ चम्मच काली मिर्च पाउडर को मिलाइये। अपने बच्चे को खांसी मुक्त निंद्रा के लिए काली मिर्च और शहद के इस मिश्रण को पिलाइये। सुनिश्चित करें कि इस मिश्रण को लेने के बाद लगभग ½ घंटे तक कुछ भी न खाएं-पिएं।
  • 2 एक कप पानी में कुछ तुलसी के पत्ते, ½ चम्मच बारीक़ कटे हुए अदरक और ½ चम्मच काली मिर्च मिलाइये। अब इस काढ़ा को 10 मिनट तक उबालिये या तब तक उबालिये जब तक इसकी मात्रा कम कर आधा न हो जाये। इसे शहद के साथ मीठा करें और अपने बच्चे को खांसी और गले की खराश को शांत करने के लिए गुनगुना काढ़ा पिलाये।
  • 3 काली मिर्च रसम गले में खराश और बहती नाक से तुरंत राहत प्रदान करता है। यह पाचन तंत्र को भी बेहतर बनाता है और रोग प्रिरोधक्षमता को बढ़ाता है।
  • इसलिए, यह खांसी और सर्दी के इलाज के लिए व्यापक रूप से इस्तेमाल किए जाने वाले घरेलू नुस्खों में से एक है। यह नुस्खा एक वर्ष से ऊपर के बच्चों के लिए उपयुक्त है।
  • काली मिर्च रसम कैसे बनाये :

  • 1 एक पैन में, मध्यम आंच पर 2 चम्मच काली मिर्च, 2 चम्मच उड़द की दाल, 1 चम्मच जीरा, 2 चम्मच धनियां, 1/4 चम्मच सौंफ को मध्यम आंच पर सूखा भून लीजिये। अब इसे ठंडा कर लीजिये और पीस कर पाउडर बना लीजिये।
  • 2 इमली का रस (नींबू के आकार की इमली) निकाल लें। इमली के गूदे में 1 छोटा चम्मच गुड़ पाउडर और ½ छोटा चम्मच हल्दी मिलाएं। अब इसमें 2 कप पानी, मसाला पाउडर, स्वादानुसार नमक डालिये और माध्यम आंच पर 5 मिनट के लिए उबाल लीजिये।
  • 3 एक पैन में, 1 चम्मच घी डालिए। अब इसमे 1/4 चम्मच सरसों, कुछ करी पत्ते, एक चुटकी हींग और 1 लाल मिर्च डालें। आप इसके तड़के में कुचले हुए लहसुन की कुछ कलियां भी डाल सकते हैं। इस मिश्रण को रसम में डालिए और आंच को बंद कर दीजिये।
  • 4 अब धनिया पत्ता से इसकी गार्निश कीजिये और गर्मागर्म पेश कीजिये।

8. दालचीनी ।

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दालचीनी खाना पकाने में इस्तेमाल किये जाने वाला एक प्रसिद्ध मसाला है :- दालचीनी के प्रमुख लाभों में से एक इसकी ठंड और गले में खराश से राहत दिलाने की क्षमता है। इसमें एंटिफंगल, जीवाणुरोधी और एंटीवायरल गुण है। यह अपने घटकों जैसे प्रोएथोसायनिडिन और पॉलीफेनोल्स के लिए भी जाना जाता है जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर बनाता है। दालचीनी को 6 माह के ऊपर के शिशुओं के लिए कम परिमाण में दिए जाने पर सुरक्षित माना जाता है। यह आमतौर पर किसी भी एलर्जी का कारण नहीं बनता है।

कैसे उपयोग करना है :-

  • 1 चम्मच शहद के साथ ¼ चम्मच दालचीनी पाउडर मिलाइये। सर्दी और खांसी के शुरुवाती लक्षणों के दिखाई देने पर इसे प्रत्येक एक घंटे में एक बार पिलाये। आप इस शहद और दालचीनी के मिश्रण को गर्म पेय में या फ्रूट डिप के रूप में भी मिला सकते हैं और बच्चों को यह बहुत पसंद आएगा।
  • एक कप पानी में ½ छोटी चम्मच काली मिर्च और 3 से 4 सेंटीमीटर दालचीनी की छड़ डालें। इसे तब तक उबालिये जब तक इसकी मात्रा आधी न हो जाये। छान लीजिये और इस काढ़ा को अपने बच्चे को पिलाये। आप एक चम्मच शहद के साथ इसे मीठा बना सकते है।
  • आप अपने मीठे दही में एक चुटकी दालचीनी पाउडर डाल सकते हैं, या ताजे सेब के टुकड़ो पर इसे छिड़क सकते हैं या दूध, शकरकंद, केला, दलिया या किसी अन्य शिशु आहार में एक चुटकी पाउडर डाल मिला सकते हैं। यह न केवल आहार के स्वाद को बढ़ा देता है, बल्कि यह सर्दी और खांसी के लक्षणों से भी राहत प्रदान करता है।

महत्वपूर्ण सुझाव ।

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घर पर ही खांसी से आराम पाने के लिए कुछ सुझाव :

    भाप -

  • बच्चे को मानक स्टीमिंग तकनीक के माध्यम से वायुमार्ग को साफ करने के लिए भाप दिलाये। या आप बस शावर को चालू कर दे और बाथरूम के दरवाजे को बंद कर दीजिये, कमरे को गर्म हवा से भरने दीजिये और पाने बच्चे को नमीयुक्त हवा ग्रहण करने दीजिये।
  • गर्म पानी पिए -

  • गर्म पानी खांसी के लिए सबसे अच्छे घरेलू उपचारो में से एक है। गर्म पानी या सूप जैसा कोई भी गर्म तरल पदार्थ खांसी के कारण होने वाले गले में खराश से राहत पाने में सहायता करता है।
  • हुमिडिफिएर -

  • बच्चो को खांसी तब भी होती है जब कमरे में मौजूद शुष्क हवा के कारण बच्चे का वायुमार्ग सूख जाता है। इसीलिए यदि कमरे में नमि की मात्रा कम हो, तो आप कमरे में नमि की पूर्ति के लिए एक हुमिडिफिएर का उपयोग कर सकते है।

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शहद खांसी रोकने में सबसे प्रभावी और महत्वपूर्ण है।

एक अध्यन के अनुसार श्वास नलिका में संक्रमण से पीड़ित एक से पांच वर्ष के बच्चों को सोने से पहले 2 चम्मच शहद पिलाया गया। यह पाया गया कि शहद न केवल बच्चो की निंद्रा को बेहतर बनाता है, बल्कि रात में होने वाली खांसी को भी बहुत कम कर देता है। यह कई खांसी के कारको को भी कम करता है। अनेको अध्यनो ने इसकी एंटीवायरल, जीवाणुरोधी और सूजन विरोधी गुणों को साबित किया है। ये गुण खांसी में आराम पहुंचने में सहायता करते है।