माता पिता होना महत्वपूर्ण कार्य है,लेकिन बच्चो की सही देख रेख करना और उन्हें अनुसाशित करना मुश्किल है : यहां स्कूल जाने से पहले बच्चों की सही देख रेख और उनके अनुशासित जीवन में माता पिता की सांझेदारी का महत्व बताया गया है।(2020)

माता पिता होना महत्वपूर्ण कार्य है,लेकिन बच्चो की सही देख रेख करना और उन्हें अनुसाशित करना मुश्किल है : यहां स्कूल जाने से पहले बच्चों की सही देख रेख और उनके अनुशासित जीवन में माता पिता की सांझेदारी का महत्व बताया गया है।(2020)

आप कैसे अपने बच्चे को अनुशासित करेंगे कि वह बड़ा होकर एक जिम्मेदार इंसान बने।एक बार जब बच्चे स्कूल जाने लगते है, तो इस पड़ाव को एक चंचल पड़ाव कहते है क्योकि इस दौरान बच्चे अपने आप को संभालना और अपनी भावनाओ पर नियंत्रण करना सीखते हैं।आपके बच्चे के साथ आपका व्यवहार कैसा हो यह एक आधार बनाने और उनकी भावनाओ को विकसित करने में में मदद करता है।इस लेख में कुछ बिंदुओं पर विस्तरित वर्णन किया गया है जो आपके बच्चों के भविष्य के लिए जानना जरूरी है,अवश्य पढ़ें।

Related articles

एक बच्चे को अनुशासित करने में माता पिता की भूमिका ।

अपने बच्चे को दिन प्रतिदिन बड़े होते देखना एक अद्भुत अनुभव है :- ये बहुत सारी खुशियाँ तो लाता ही है, साथ में बहुत सी चिंता भी लाता है कि आप कैसे अपने बच्चे को अनुशासित करेंगे कि वह बड़ा होकर एक जिम्मेदार इंसान बने। एक बार जब बच्चे स्कूल जाने लगते है, तो फिर वे छोटे दूध पीते बच्चे नहीं रहते है। इस पड़ाव को एक चंचल पड़ाव कहते है क्योकि इस दौरान बच्चे अपने आप को संभालना और अपनी भावनाओ पर नियंत्रण करना सीखते हैं।

अपने बच्चे के साथ एक अच्छा रिश्ता थोड़ा घातक भी हो सकता है :- क्योकि ये उनके मानसिक और शारीरिक विकास जैसे संचार कौशल, स्व नियमन, सहोदर और सहकर्मी संबंध, शैक्षणिक उपलब्धियां इत्यादि को प्रभावित करता है। आपके बच्चे के साथ आपका बंधन उसे अपने लिए एक आधार बनाने और उनकी भावनाओ को विकसित करने में में मदद करता है।

    अपने बच्चे के साथ एक मजबूत सम्बन्ध बनाने के अन्य लाभ ऐसे है :

  • 1. आपका अपने बच्चे के साथ एक मजबूत और अच्छा रिश्ता होना, बच्चे को बाद में उसके जीवन में दुसरो के साथ अच्छे और मजबूर सम्बन्ध बनाने में सहायता करता है।
  • 2. अपने माता-पिता के साथ अच्छे और मजबूत संबंध होने से बच्चे तनाव या कठिन परिस्थिति में अपनी भावनाओं को साँझा करने में सक्षम होते हैं।
  • 3. यह बच्चे के मानसिक, भाषा ज्ञान और भावनात्मक विकास में भी सहायता करता है।
  • 4. यह उनके सामाजिक और शैक्षणिक कौशल को बढ़ने में भी मदद करता है क्योकि उन्हें यह सोचकर आत्मविश्वास मिलता है कि उनके माता पिता सदैव उनका साथ देंगे।

बच्चे के जीवन में माता पिता की सांझेदारी का महत्व ।

एक बच्चे के जीवन के प्राथमिक वर्ष बहुत महत्वपूर्ण होते है :- यही समय होता है जब बच्चे स्वयं में संज्ञानात्मक कौशल का विकास करते है और अपनी शिक्षा प्रणाली शुरू करते है। साथ ही यही समय होता है जब उनके पूर्ण विकास के लिए उन्हें अपने माता पिता की आवश्यकता होती हैं।

यह महत्वपूर्ण है कि माता पिता अपने बच्चे के स्कूल और साथ ही उन सभी ज्ञान में सांझेदारी देनी चाहिए :- जो वो कक्षा के बहार सीखते है ताकि वे अपने जीवन में अच्छा प्रदर्शन कर सके। जब एक माता-पिता अपने बच्चे के स्कूल और उनका स्कूल के बाहर के जीवन में शामिल होते है तो उनका अपने बच्चे के साथ एक ऐसा सम्बन्ध बनता है जिससे वे अपने बच्चे की मन की बात जान पाते है, जो उन्हें उनके बच्चे में विकास और उनकी सीखने की प्रक्रिया के विकास में सहायता करता है।

अपने बच्चो के मानसिक स्वास्थ्य का समर्थन करना भी बहुत आवश्यक है :- आपका अपने बच्चे के साथ एक मजबूत सम्बन्ध उन्हें अपने अंदर एक आत्म सम्मान विकसित करने में सहायता करता है और उन्हें नकारात्मक भावनाओं से लड़ने में सहायता मिलती है। यह उन्हें चीजों को ओर अधिक सकारात्मक रूप से देखने में सहायता करती है और उन्हें उनके जीवन में आने वाली कई नकारात्मक परिस्थितियों जैसे बड़ो द्वारा परेशान करना आदि का सामना करने में सक्षम बनती है।

शिशु की देखभाल के लिए प्रभावी सलाहें ।

Source listaka.com

एक माता पिता होना विश्व का सबसे महत्वपूर्ण कार्य है :- आप उन्हें सारी दुनिया की खुशिया भी देना चाहते है और आप उन्हें बिगड़ने भी नहीं देना चाहते है। ऐसा कई रास्ते है जिनसे आप यह कर सकते है। बच्चो की सही देखरेख करना मुश्किल है लेकिन नामुमकिन नहीं है।

यह एक युक्तियों की सूची है, जो आपको एक प्रभावी माता-पिता बनने में भी सहायता करेंगी और आपके शिशु को बिना बिगाड़े उसे अनुशासित बनाने में भी सहायता करेंगी :

  • 1. संचार कौशल बहुत महत्व रखता हैं :
    क्योकि जब वे स्कूल के लिए बहार जायेंगे तो वे बहुत से नए लोगो से भी मिलेंगे। आपके बच्चे आपको अपनी बात बताना या समझना सीख जाते है लेकिन प्रीस्कूल एक ऐसा स्थान होता है जहां बच्चे अपने अध्यापक और अन्य विद्यार्थीओ से बात करना सीखते है। उनके संचार कौशल को विकसित करना आवश्यक है। उनसे बात कीजिये, उन्हें नए शब्द सिखाइये, उन्हें ठीक कीजिये जब वे कोई गलत शब्द का उपयोग करते है और उन पर हसिये मत क्योकि ये उनके आत्म विश्वास को ठेस पहुंचा सकता है ।
  • 2. एक और महत्वपूर्ण कौशल है मिलकर काम करना :
    स्कूल एक ऐसा स्थान है जहां पर वे सबसे ज्यादा समय बिताएंगे और नए नए लोगो के साथ काम करेंगे। उन्हें पता होना चाहिए कि मिलकर कैसे कार्य करते है। उन्हें सामूहिक गतिविधियों में भाग लेना होगा इसलिए आपको उन्हें यह कौशल सीखने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। घर पर टीम बनाकर और काम को टीमो में बात कर इसकी शुरुवात कीजिये। यह उनके भाई बहन के साथ या माता-पिता के साथ भी हो सकता है। ऐसे खेल खेलिए जो उन्हें टीम बनाने के लिए प्रोत्साहित करे जैसे पजल बनाना, या एक आर्ट प्रोजेक्ट इत्यादि ।
  • 3. उन्हें आत्मनिर्भर बनने की शिक्षा दीजिये : यही समय है जब आपको उन्हें छोटे छोटे काम स्वयं ही करना सीखाना है। ऐसे समय में आपको लग सकता है कि बच्चा यह नहीं कर सकता है या आप इस काम को अच्छे से कर सकते है, लेकिन उन्हें उस काम को आजमाने दीजिये। उन्हें स्वयं से कपडे पहनकर तैयार होने दीजिये, उन्हें अपने साथ रसोई में सहायता करने के लिए कहिए, रात के भोजन से पहले टेबल ठीक करने दीजिये, गन्दी प्लेटो को हटाना, लिविंग रूम को साफ करना, उन्हें अपने खिलौने को उनके स्थान पर रखना और अपने कमरे को खुद से साफ करना आदि कार्य स्वयं करने दीजिये। यह उन्हें सीखने के साथ-साथ गर्व का अनुभव भी कराएगा जब वे आपकी मदद के बिना किसी कार्य को पूरा करेंगे।
  • 4. उनकी छोटी छोटी समस्याओ का हल उन्हें स्वयं करने दीजिये : यदि आप देखते है कि आपका बच्चा फ्रिज के ऊपर से अपनी पसंदीदा बिस्कुट लेने की कोशिश कर रहा है, तो उन्हें सोचने के लिए कहिये कि वह वहां तक कैसे पहुंच सकता है। उनके हाथ में बिस्कुट देने की बजाए, उन्हें कहिये कि एक टूल ले और स्वयं उतार ले। ये ऐसे समय होते हैं जब आपका बच्चा अपने चरित्र का निर्माण करता हैं और आपका यह जान लेना आवश्यक है कि आप सदैव उनकी मदद करने के लिए उनके साथ नहीं रहेंगे, उन्हें स्वयं से सब करना सिखने दे। बच्चो के लिए सब कुछ स्वयं करके उनकी सफलता के अनुभव के साथ बईमानी मत कीजिये।

    5. आपका बच्चा बहुत से अजनबियों के बिच आपसे दूर होगा, इसीलिए यह महत्वपूर्ण है कि वह स्वयं कि रक्षा करना सीख ले। ऐसी कुछ चीजे है जो आप अपने बच्चे को स्कूल जाने से पहले सीखा सकते है :

  • उन्हें सिखाइये कि ट्रैफिक से दूर रहे और सड़क पर खेले या दौड़े नहीं।
  • बच्चो को उनकी तीन पहियों वाली साईकील को रस्ते के साइड में चलना सिखाइये और हेलमेट पहनने का महत्व सिखाइये।
  • उन्हें कोई खिलौना देने से पहले जांच लीजिये कि खिलौना कही से तेज या नुकीला तो नहीं है और उन्हें कहिये कि खेलने के मैदान में किसी भी चीज का उपयोग करने से पहले उन्हें जांच ले।
  • उनसे कहिये कि बहार खेलते वक़्त आप उनपर नजर रखेंगे और जैसे ही उन्हें आपकी जरूरत होगी आप उनके पास होंगे।
  • अपने बैठे को तैरना सिखाइये और उन्हें सिखाइये कि पूल या तालाब में सदैव बच्चो वाले विभाग में रहे।
  • उन्हें अजनबियों के आसपास सुरक्षित रहना, उनसे बात न करना या उनसे कोई चीज न लेना सिखाइये। उन्हें खतरनाक चीजों के बारे में बताइये जिन्हे कोई नहीं छू सकता।
  • उन्हें एक कार में बैठते हुए सीट बेल्ट लगाना, दरवाजो को सही से बंद करना और उनसे दूर रहना सिखाइये।
Source kristv.com
  • 6. बच्चा जब भी दुर्व्यवहार करता है हम परेशान हो जाते है और उन्हें दुत्कार देते है : अधिकतर समय हम नकारात्मक शब्दो का उपयोग करते है जैसे मत मारो, मत फेको इत्यादि। बच्चो को सँभालते समय सकारात्मक शबो का उपयोग कारण अभी महत्वपूर्ण है। उनकी सराहना कीजिये: जब बच्चे कुछ अच्छा करे, उन्हें गले लगाइये या चुम्बन दीजिये। धन्यवाद कहकर उनकी सराहना कीजिये जब भी बच्चे मेहमानो के साथ अच्छा पेश आते है और जब बड़े बात कर रहे हो तो चुपचाप शांति से बैठे हो।
  • 7. ध्यान रखे कि आप अपने बच्चे को घर के छोटे छोटे काम देते हो : यह उन्हें व्यस्त रखेगा और जिम्मेदार बनाएगा। उन्हें पोधो में पानी डालना, पालतू जानवर को खाना खिलाना, या अपने नास्ते के प्लेट स्वयं लगाना आदि जैसे काम दीजिये। यह सब उन्हें समर्थ होने का अनुभव कराएगा और उन्हें परिवार का एक जिम्मेदार सदस्य होने का अनुभव देगा।
  • 8. बच्चो को आनंद करना बहुत पसंद होता है : इसीलिए कोशिश कीजिये कि उनके काम को मजेदार बनाकर उन्हें जिम्मेदार बनाइये। जब आप देखे कि उन्हें कोई काम देने पर बच्चे मुंह बना लेते है तो उस काम को मजेदार बना दीजिये। उदहारण के लिए: यदि आप चाहते है कि बच्चे अपने जूते उनके स्थान पर रखे तो उनसे कहिये आप एक जूते कि दुकान के मैनेजर है और आपका दुकान का सारा समान सही स्थान पर रखना है।
  • 9. हमे शायद ऐसा लगता है कि बच्चो में घमंड नहीं होता है लेकिन ऐसा नहीं है : बच्चो में घमंड एक अव्यक्त स्थिति में उनके अंदर होता है, और यह उनके बड़े होने के साथ साथ बड़ा होता है। जब बच्चा कुछ अच्छा करता है, तो उसकी पीठ में थपथपाइए, इससे उसे अगली बार ओर अच्छा करने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा लेकिन उसे अहंकार मत कराइये क्योंकि यह बाद में उसके जीवन में विनाशकारी बन जायेगा।
  • 10. किसी को भी आदेश मानना अच्छा नहीं लगता है : हमारे बच्चो को सब समय एक आधिकारिक स्वर अच्छा नहीं लगता है। यदि आपको उन्हें घर में कोई काम सीखना है तो आपको उनसे प्यार भरे लहजे में बात करना होगा। एक आधिकारिक स्वर आपके बच्चे को तनाव की ओर ले जाता है और आपके बच्चे को उदास कर सकता है। जब आप अपने बच्चो से बात करते हैं, तो स्नेह और प्यार से पेश आएं। वह दूसरों के साथ भी ऐसा ही करेगा।

बच्चो की प्रभावशाली देखरेख के लिए क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए ।

आप कभी भी बच्चो की पर्याप्त देखभाल नहीं सीख सकते है, जब बात बच्चो की पर्याप्त देखभाल की आती है तो ऊपर लिखित सलाहों के आलावा यहां एक सूचि दी गयी है :- जिसमे क्या करना है और क्या नहीं करना है, दिया गया है। इन्हे आप पढ़ सकते है ओर देख सकते है की आप कौनसी चीजे छोड़ रहे है और आप अपने बच्चे के स्कूल शुरू होने से पहले उन्हें अनुशाषि करने में इन्हे शामिल कर सकते है।

    प्रभावशाली देखरेख के लिए क्या करना है :-

  • 1. उन्हें असीमित प्रेम और स्नेह दे। उन्हें उनकी प्रतिभा, ताकत और कमजोरियो के साथ अपनाइये।
  • 2. उन्हें आशावादी बनाइये। उन्हें सकारात्मक रहना सिखाइये चाहहए परिस्थिति जैसी भी हो।
  • 3. उन्हें बातचीत का कौशल सिखाइये।
  • 4. यह एक सत्य है कि बच्चे वही सीखते है जो वो देखते है, बच्चे आपकी नक़ल करने की कोशिश करते है इसीलिए ध्यान रखे कि आप स्वयं को बच्चो के सामने कैसे पेश करते है।
  • यहां पालन-पोषण के पांच नियम है, जिसे आप कर सकते हैं :

  • साधन संपन्नता
  • ज़िम्मेदारी
  • आदर करना
  • संबंध निवेश
  • आवेगों और भावनाओं का विनियमन
  • 5. हमेशा अपना वादा निभाइये यदि आप चाहते है कि बच्चे अपना वादा निभाना सीखे।
  • 6. उनसे बात करने से पहले या उन्हें कोई आदेश देने से पहले, उनकी भावनाओ को ध्यान में रखे
  • 7. हमेशा अपने आदर्श को सुविधा से ऊपर रखें। यह उनके लिए तब मददगार सिद्ध होगा जब वे किसी अनुचित स्थिति में फंस जाते हैं।
  • 8. किसी कार्य को करने के बाद स्थान को साफ करना। बच्चे भी आपको देखकर यह सीखेंगे।
  • 9. आधिकारिक बनिए लेकिन स्नेह से
  • 10. यदि आप किसी चीज के विषय में अनजान है तो उन्हें बता दीजिये, यह उन्हें सिखाएगा कि किसी विषय में अनजान होना या गलत होना कोई बुरी बात नहीं है, उन्हें पूरी तरह परिपक्व होने कि आवश्यकता नहीं है।
  • 11. जब आपसे कोई गलती हो जाती है तो उन्हें बताइये, उन्हें सिखाइये कि गलत होना या गलतियाँ करना बुरी बात नहीं है।
  • 12. उन्हें सिखइया कि अपनी और अपने घर के आस पास कि चीजों के लिए जिम्मेदार बनना महत्वपूर्ण है।
  • 13. यदि आप अपने बच्चे को ईमानदार बनाना चाहते है तो आप भी उनसे ईमानदार बनिए। वे बच्चे है लेकिन वे जानते है जब आप झूठ बोलते है।
  • 14. अपने बच्चे को बहुत सारा प्यार और सम्मान दीजिये विषेशकर: जब वे कुछ अच्छा करते हैं या भले ही उनसे कोई गलती भी हो गयी हो। यह उन्हें दिखायेगा कि उनके गलत होने के बावजूद भी आप उनसे कितना प्यार करते है।
  • 15. हमेशा स्पष्ट निर्देश दें या अच्छा होगा आप उन्हें दिखाए कि आप उस काम को कैसा चाहते हैं। इससे बच्चे अधिक स्पष्ट रूप से समझेंगे और बेहतर काम करेंगे।

    प्रभावशाली देखरेख के लिए क्या नहीं करना है :

  • 1. अपना वादा मत तोड़िये, बल्कि उसी चीज का वादा कीजिये जो आप पूरा कर सकते है। यह ठीक नहीं है कि किसी चीज के लिए एक मासूम दिल को दुखी किया जाये।
  • 2. ऐसे पेश मत आइये कि आपने उन्हें खरीद लिया है या आप उनके मालिक है। उनके साथ एक सामान व्यवहार करे।
  • 3. किसी रेस्टोरेंट में खाना खाने के लिए या कुछ खरीददारी करने के लिए लोगो को इंतजार मत कराइये। यह बच्चो को उन लोगो का सम्मान करना सिखाएगा जो आपका भला चाहते है या आपकी मदद करते है।
  • 4. अपने गलत व्यवहार को कभी भी उचित मत ठहराइए। उन्हें बताएं कि आपको अपने उस व्यवहार के लिए खेद है और आप कोशिश करेंगे कि दोबारा ऐसा न हो।
  • 5. उन्हें ऐसा मत दिखाइए कि आप सबकुछ जानते है।
  • 6. झूठ मत बोलिये और किसी को धोखा मत दीजिये। नियमो का पालन कीजिये ताकि बच्चे भी आपका व्यवहार अपनाये।
  • 7. कमजोरो के ऊपर अपना बल मत दिखाइए।
  • 8. अपने बच्चो कि तुलना दुसरो बच्चो से मत करिये या उनकी हर छोटी छोटी गलतियों के लिए उन्हें मत फटकारिये। हर बच्चा अलग होता है और सबकी अपनी अपनी काबिलियत होती है।
  • 9. यदि बच्चा आपको परेशान करता है या आपकी बात नहीं मानता है तो तुरंत से धैर्य मत खोये। शांत रहिये और उन्हें नियमो का पालन करना और बड़ो कि बात मानने का महत्व समझाइये।
  • 10. उन्हें बहुत सारे विकल्प मत दीजिये। बहुत सरे विकल्प दिए जाने पर बच्चे अपना ध्यान केंद्रित नहीं कर पाते हैं, इसकी बजाए उन्हें स्पस्ट निर्देश दीजिये और विकल्पो को सिमित कर दीजिये ताकि बच्चे एक उचित चयन कर सके।
  • 11. अपनी भावनाओ को बच्चो से मत छुपाइये। यदि आप उनके किसी कार्य की वजह से उदास है तो उन्हें बता दीजिये। अभिव्यक्त करिये। उन्हें यह सीखने की आवश्यकता है कि उदास होना और इसके बारे में बात करना सही चीज है, न की चीजों को छिपाना और तनावग्रस्त होना।
Related articles
From our editorial team

क्या आप जानते है,की बच्चो की प्रभावशाली देखरेख के लिए क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए ।

आप कभी भी बच्चो की पर्याप्त देखभाल करना खुद नहीं सीख सकते है, जब बात बच्चो की पर्याप्त देखभाल की आती है तो इस लेख में सलाहों की एक सूचि दी गयी है,जिसमे बच्चो की पर्याप्त देखभाल के लिए क्या करना है और क्या नहीं करना है,यह बताया गया है। इन्हे आप पढ़ सकते है और जान सकतें है की आप कौनसी चीजे छोड़ रहे है और आप अपने बच्चे के स्कूल शुरू होने से पहले उन्हें अनुसाशित करने में इन्हे शामिल कर सकते है।

Tag