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नवरात्रि का विशेष महत्व

भारत के पूर्वी और ईशान्य राज्यों में जैसे कोलकाता में नवरात्रि की जगह दुर्गा पूजा विशेष प्रचलित है| कहानी बताती है कि, माता दुर्गा ने धर्म की रक्षा ,संस्थापना और विश्व में शांति प्रस्थापित करने के लिए अवतार लेकर महिषासुर याने भैस राक्षस के साथ युद्ध करके उसपर विजय पाकर उसका वध किया था| दुष्टों पर बुरे पर अच्छे का विजय इसी मूलभूत तत्वों की समानता भारत के उत्तर और पश्चिमी राज्यों में पाई जाती है जिसमें भगवान राम ने नौ दिन युद्ध करके विजयादशमी के दिन राक्षस राज रावण का वध किया था|

माता दुर्गा विभिन्न रूपों में पूजी जाती है और सभी रूप पवित्र माने जाते हैं| दुर्गा माता के बहुत सारे अवतार या रूप है जो उसने भक्तों के संरक्षण के लिए लिये हैं जैसे शक्ति, काली, गौरी, उमा, पार्वती, जावा, राजेश्वरी, चंडी, अम्बिका, ललिता, भवानी और बहुत हैं| संस्कृत में 'दुर्गा' का अर्थ है ,'अजेय ' जिसे कोई नहीं हरा सकता| वह सारे दुष्टों से,राक्षसों से मुक्ति का प्रतीक है| हमारे दू:ख, यातना जैसे अन्याय , क्रूरता, गर्व, इन सबसे छुटकारा देने के लिए अवतार लेती है| इन सब अवतारों की भारत में पूजा की जाती है|

चार अलग अलग नवरात्रि

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शाक्त और वैष्णव जैसे हिन्दू पुरानों में साल भर के चार नवरात्रि का जिक्र किया है| उसमें से शारदीय नवरात्रि शरद ॠतु में याने पतझड़ में आनेवाली नवरात्रि ज्यादा प्रचलित है| इसके बाद दूसरी वासंतिक याने वसंत ॠतु में आनेवाली या मार्च-अप्रैल में आनेवाली नवरात्रि का भारत की संस्कृति में अधिक महत्व है | हर राज्यों में मनाने का तरीका उस राज्य की कल्पकता और प्राधान्य पर निर्भर होता है|

शरद नवरात्रि:- इसे सबसे ज्यादा मनाया जाता है जो शरद ॠतु में वर्षा के बाद जब नया धान खेतों में आता है तब मनाई जाती है| ये प्राय: सितम्बर और अक्तूबर में आती है| जिसमें नए धन को देवी मा की कृपा समझकर भोग चढ़ाया जाता है|

वसंत नवरात्रि:- ये उत्सव दुसरे स्थानपर महत्व पाता है| ये मार्च अप्रैल याने वसंत ॠतु में आती है| बहुत से राज्यों में यह उत्सव धान की कटाई के बाद आता है तो कंही कटाई के वक्त आता है|

बाकि 2 नवरात्रि कुछ कुछ राज्य में मनाई जाती है|

माघ नवरात्रि :- ये जनवरी -फरवरी में ठंडी के मौसम में मनायी जाती है| इसका पांचवा दिन बसंत पंचमी नाम से मशहूर है| ये वसंत ॠतु के आगमन की सूचना देती है| माता सरस्वती का पूजन लोग काला, गायन वादन, लेखन और पतंग उड़ाकर करते हैं|

आषाढ़ नवरात्रि:- ये वर्ष ॠतु के आगमन के पहले जून जुलाई में मनायी जाती है| इस नवरात्रि में माता के वाराही रूप की पूजा की जाती है, जिसमें माता ने भयंकर रूप धारण किया है, फिर भी अपने बच्चों के प्रति उसके मन में अपार करुणा भी है|

नवरात्रि के नौ दिनों का अर्थ और विशेषता

माता के नौ दिनों के नौ रूप है। माता की मूर्ति को नौ दिनो उस तरह सजाकर पूजा जाता है|

  • पहला दिन: प्रतिपदा: शैलपुत्री :- पहले दिन को प्रतिपदा कहते हैं| इस दिन देवी मा के शैलपुत्री के रूप का पूजन करते है| इसका दुसर नाम भी गिरिजा है जिसका अर्थ "परबत की पुत्री" या शैलपुत्री है | यह माता पार्वती का अवतार है जिसमें वह नंदी बैल पर बैठी है, एक हाथ में त्रिशूल तथा दुसरे हाथ में कमल है| शैलपुत्री महाकाली का ही अवतार माना जाता है जो शारीरिक शक्ति तथा अच्छी सेहत का प्रतीक होता है|

  • दुसरा दिन: द्वितीया: ब्रह्मचारिणी:- द्वितीय या दुसरे दिन में माता पार्वती का अवतार ब्रह्मचारिणी का पूजन होता है| इस अवतार में माता "सती" के रूप में ब्रह्म चारिणी अर्थात अविवाहित रूप में होती है| इसे मोक्ष, शांति तथा समृद्धि के लिए पूजा जाता है| इसका रूप है- नंगे पाव चलने वाली, हाथ में कमण्डलु और जपमाला लिए हुई माता जो कृपा और शांति का प्रतीक है| उस दिन नीला वस्त्र जो शांति का फिर भी तेज उर्जा का प्रतीक है, उसे पहनना चाहिए|

  • तीसरा दिन: तृतीया:चंद्रघंटा:- इस दिन देवी चंद्रघंटा का ,जो माता पार्वतीका ही अवतार है ,उसे पूजा जाता है| इसका नाम चंद्रघंटा इसलिए है क्योंकि भगवान शिव के साथ शादी के बाद उसने अपने माथे पर अध चन्द्रमा धारण किया है| यह देवी सुन्दरता तथा शौर्य का प्रतीक है| पिला रंग ,जो हर्ष और उल्ल्हास का प्रतीक माना जाता है उसे इस दिन पहने|

  • चौथा दिन: चतुर्थी: कुष्मांडा :- चौथे दिन देवी कुष्मांडा का पूजन किया जाता है | ऐसा विश्वास है कि,वह विश्व की उत्पत्ति का कारण है इसलिए इस दिन हरा रंग पहने, जो उत्पत्ति का प्रतीक है| इसके इस रूप में आठ हाथ है और वह शेर पर बैठी हुई है|

  • पांचवा दिन पंचमी: स्कंदमाता:-पांचवे दिन देवी स्कंदमाता याने स्कन्द (कार्तिकेय) की माता का पूजन किया जाता है| इस दिन भरा रंग पहने जो शक्तिपात का प्रतीक है जो एक माता जब उसका पुत्र संकट में हो तब उसे देती है| इस रूप में उसके चार हाथ है जिसमें एक हाथ में शिशु को लिया है और वह क्रोधित सिंह पर बैठी है|

  • छठा दिन:षष्ठी: कात्यायनी:- छठे दिन माता दुर्गा के कात्यायनी रूप का जो कतराज ॠषि की कन्या है उसका पूजन करते है| इस दिन का रंग है ओरेंज जो धेर्य और साहस का प्रतीक है| माता देवी का यह रूप सबसे क्रोधित और भयंकर है| इसे योद्धा देवी भी मानते हैं| यह रूप माता पार्वती के उग्र रूपों में से एक है| इसका आसन है सिंह और इसके चार हाथ है।

  • सात्व दिन: सप्तमी:कालरात्रि:- सातवे दिन काली माता का पूजन होता है| ये माता पार्वती का सबसे उग्र रूप है| ऐसा कहा जाता है कि शुम्भ और निशुम्भ नाम के राक्षसों को मारते वक्त वह इतनी क्रोधित हुई थी की क्रोध से उसका रंग काला हो गया| इस दिन सफ़ेद वस्त्र पहने| सफेद वस्त्र प्रार्थना और शांति का मंगल रूप है| यह विश्वास दिलाता है कि माता भक्तों को किसी भी किस्म की हानी नहीं पहुचने देगी|

  • आठवा दिन: अष्टमी:महागौरी:- आठवे दिन महागौरी का पूजन करते हैं| ये प्रज्ञा और बुद्धि तथा शांति का प्रतीक है| इस दिन गुलाबी वस्त्र पहने| ये आशा का सन्देश देता है|

  • नौवा दिन: नवमी:सिद्धिदात्री:- इस आखरी दिन की नवमी कहते है| लोग सिद्धिदात्री याने सब प्रकार की सिद्धियाँ प्रदान करनेवाली, माता का पूजन करते हैं| उसका लोकप्रिय नाम है सरस्वती| वह कमल के फुल पर बैठी है और चार हाथ हैं| वह विणा बजाती हुई दिखती है| इस दिन हल्का नीला रंग पहने जो आकाश और प्रकृति के सौंदर्य की स्तुति का प्रतीक है|

10 ऑनलाईन नवरात्रि उपहार

उपहार लिये या दिये बिना कोई भी त्यौहार अधुरा है, और अपने प्रियजनों के लिए उपहार खरीदना हो तो ऑनलाईन खरीदना हो तो आप ऑनलाइन भी इसा उपहार को खरीद सकते है| यहाँ हम आप के लिए लाये हैं, अपने प्रियजनों को और बच्चोंको देने के लिए कुछ खास खास उपहार।

शॅडो गणेश जी मेटल टी लाईट होल्डर

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पहली गिफ्ट की शुरुआत गणेशजी से करते हैं| यह शॅडो गणेश जी मेटल टी लाईट होल्डर यह क्राफ्ट इंडिया की तरफ से है| यह हलके सुनहरे रंग के धातु के पत्रे से बना और हाथसे कलाकृति किया हुआ एक उत्कृष्ट उपहार है| इसके अलावा यह एक ऐसा उपहार है जो आप किसी भी अवसर पर जैसे वर्षगांठ, जन्मदिन की रिटर्न उपहार, कार्पोरेट उपहार या गृहप्रवेश के उपहार के तौर पर दे सकते हैं| यह अमेजोन.इन की वेबसाईट पर सिर्फ रू 145/- में उपलब्ध है| जो काफी किफायती दाम में है और आपके जेब को बोझ भी नही पड़ने देगी|

फनुस्ता ब्लैक वुडन कैंडल

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ऑनलाईन नवरात्रि उपहार के दुसरे स्थान पर है अमेजोन से फनुस्ता ब्लैक वुडन कैंडल| 16.5X 16.5X 20 से.मि. का ब्लैक और ओरेंज रंग का यह लकड़ी का बनाया शमादान है | हाथ से बनाया हुआ और चित्रित किया हुआ यह शमादान आपके दीवान खाना, दीवार, घर शयनगृह और हैंगिंग की सजावट में शोभा बढ़ाएगा| यह अमेजोन.इन पर सिर्फ रू. 1935/- में उपलब्ध है|

हांड़ी सेट

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नवरात्रि के अवसर पर ये बेहतरीन सुन्दर हांड़ी सेट आप मंदिर मे भी रख सकते है या किसी को भेट मे भी दे सकते है| एक ट्रे में दो हांडियां और दो चम्मच होते हैं| ट्रे तथा हांडियों पर सुन्दर कलाकृति होती है| पीतल के इस सेट पर चांदी की परत होती है| इसलिए किसी भी अवसर पर यह एक बिलकुल सही उपहार है| आप इसे विन्नी.इन पर ऑर्डर कर सकते हैं| ये होम डिलीवरी से भी मिलता है और कीमत है सिर्फ रू .1349/- |

दुर्गा देवी की मूर्ति

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आप के लिए दूसरा बहुत खास उपहार हमने चुना है, वह है दुर्गा मा की मूर्ति| किसी श्रद्धालु इन्सान को देने के लिए यह बिलकुल सही उपहार है| यह पोली रेजिन और ज्वेलरी काम की हुई मिलती है, और वजन सिर्फ 450 ग्राम है| यह फ्लिपकार्ट.इन पर सिर्फ रू . 614/- में उपलब्ध है|

हाथ से बनाया हुआ पारंपरिक सजावट का दिया

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हाथ से बनाया हुआ पारंपरिक सजावट का दिया सजावट से अधिक हमारी सभ्यता और परम्परा का प्रतीक है | मिट्टी के कलश जैसे बर्तन में सुगंधीत बाती और मोम होता है| इसे जलाते वक्त धुआ नहीं छोड़ता और यह शुद्ध होता है और जादा देर तक जलता है| | इस कलश के 12,24,36, के सेट होते है जिससे आनेवाली दिवाली को आप पूरा घर रोशन कर सकोगे| कलश पर गुजराती स्टाइल की नक्काशी है| ये शोभायमान दिये घर में पवित्रता का माहौल निर्माण करते हैं| आप इसे अमेजोन.इन पर सिर्फ रू. 799/- में पाओगे|

बहुरंगी मिनी जेल केंडल कोम्बो

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आपके दीवानखाने को सजाने के लिए एक और उपहार है | बहुरंगी मिनी जेल कैंडल होल्डर कॉम्बो ये छोटे छोटे गिलास में पारदर्शक रंगीन जेल में स्पार्किंग मटेरियल डाला हुआ ऐसा 12 गिलास का कॉम्बो है| ये आपके दीवानखाने का माहौल और रंगीन बनाएगा| किसीको भी ऐसी रोमांटिक गिफ्ट पसंद आएगी| इसमें शुद्ध मोम जो कम धुआ छोड़ता है और बाती होती है| आपके घर को ये छोटे शमादान एक बहुत ही शानदार और आनंददायी वातावरण देंगा| इसे आप अमेजोन.इन पर सिर्फ रू .300/- में खरीद सकोगे|

अलामेलु थायर और वेंकटेश्वरा की मूर्तियाँ

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एक और पारंपरिक उपहार आप के प्रियजनों के लिए ऑनलाईन उपलब्ध है| इसमें सुनहरे रंग की एक साथ अलामेलु और वेंकटेश्वर की मूर्तियाँ है| मूर्ति की बनावट बहुत ही कुशल कारीगरी वाली है जिसमें दोनों देवता बहुत सुन्दर दिखाते है| इसे आप शो पिस की तरह भी इस्तेमाल कर सकते हैं| आप इसे रिटर्न गिफ्ट मे या किसी खास अवसर अपने रिश्तेदारों को दे सकते हैं| और तो और ये, बहुत सस्ती है| वेदट्री.इन पर सिर्फ रू. 90/- में उपलब्ध है|

डांडिया कोम्बो

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उपहार के लिए अर्चिस एक जाना माना नाम है और उन्होंने अब नवरात्रि के लिए एक खास उपहार पेश किया है| उसमे एक वायब्रेंट डांडिया का सेट जिसमें दो डांडिया है,एक पोटली और स्वादिष्ट काजू आते हैं| ये अर्चिस की वेब साईट पर सिर्फ रू. 499 में उपलब्ध है| |

संगमरमर का फूलोंके डिज़ाइन का स्टैंड क्लॉक

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अगर आप कुछ हटके और शाही गिफ्ट आप के प्रियजनों को देना चाहते हो तो ये विकल्प सबसे अच्छा है| ये टेबल का शो पिस है मगर सामान्य पिस के बजाय यह मार्बल किसी फुल की डिजाईन और बिच में घडी जेसा है| शाही रूप देने के लिए फुल पर भी मुग़ल डिजाईन है जिससे इसके रुपमें चार चाँद लग जाते हैं| आप इसे देकर निश्चित प्रशंसा के पात्र हो जायेंगे| ये गिफ्ट वेदट्री.इन पर सिर्फ रू. 334/- में उपलब्ध है|

पांच इलेक्ट्रिक अलंकर दीप (दिया)

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हिन्दू धर्म में दीप लगाना एक पवित्रता और त्यौहार का अनुभव देता है| इसलिए हमने एक ऐसा दिया चुना है जिसमें पांच अलंकारिक दिये एक के ऊपर एक और सबसे ऊपर एक मोर की आकृति है| ये एक दीपमाला जैसे मंदिर के बाहर होती है वैसी है| इसके साथ स्टेबलाइजर और वायर होते है| निचे एक गोल स्टैंड होता है| ये बढ़िया प्लास्टिक से बना हुआ है| जब इसे कनेक्ट करते है तो पुरे पांच दिये की बल्ब की बतियाँ चमक उठती है और पूरा घर रोशन हो जाता है| इसकी ऊंचाई 15 इंच और चौड़ाई 3.5 इंच है और इसे 230 वाल्ट बिजली का जरुरत होती है| आप इसे गिरी.इन की वेब साईट पर से ऑर्डर कर सकते है सिर्फ रु. 3300/- में |

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इस नवरात्रि पर अपने प्रियजनों को उपहार देना न भूले|

हम हर साल नवरात्रि बड़े ही धूमधाम से मनाते है| लेकिन इस नवरात्रि पर क्यों न हम अपने दोस्तों और प्रियजनों को एक से बढकर एक उपहार दे कर उन्हें भी आनंदित कर दे| ये सभी उपहार आपको ऑनलाइन बड़े ही आसानी से मिल जाएंगे| इनसे आप इस नवरात्रि पर माँ दुर्गा के साथ साथ अपने दोस्तों और प्रियजनों को भी प्रसन्न कर सकते हो|