अपने शरीर को एक सही आकार देने के लिए इन 5 प्रकार के इंटरमिटेंट उपवास का प्रयास करें। इंटरमिटेंट उपवास के बारे में लाभ और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी।(2020)

अपने शरीर को एक सही आकार देने के लिए इन 5 प्रकार के इंटरमिटेंट उपवास का प्रयास करें। इंटरमिटेंट उपवास के बारे में लाभ और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी।(2020)

यदि आप चाहते हैं कि आपका शरीर आकार में रहे या आपका सुंदर शरीर बना रहे, तो आपको इस इंटरमिटेंट उपवास का प्रयास करना चाहिए। यहां 5 प्रकार के इंटरमिटेंट उपवासों की एक सूची दी गई है जो आपके वजन घटाने और कई अन्य स्वास्थ्य लाभों में मदद करेंगे। हमने आपको इंटरमिटेंट उपवास के लाभों के बारे में भी बताया और उन सभी सवालों के जवाब भी दिए जो आपके दिमाग में विकसित हो सकते हैं। अधिक जानने के लिए पूरा लेख पढ़ें।

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इंटरमिटेंट उपवास क्या है?

कोविड-19 के फैल जाने के बाद लोग अधिकांश अपने घरो में ही फंस कर रह गए है और लगातार अपने स्वास्थ्य के विषय में चिंतित रहते है। ये स्वस्थ रहने के लिए नए और आकर्षक मार्ग आजमा रहे है और सबसे सुप्रसिद्ध जरियो में से एक है इंटरमिटेंट उपवास करना (आईएफ)। यह वजन कम करने, स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और एक सरल जीवन जीने में सहायता करता है। शोध यह सिद्ध करते है कि इंटरमिटेंट उपवास का मानव शरीर और मस्तिष्क पर उत्तम प्रभाव पड़ता है और यह लम्बी आयु में सहायता करता है।

इंटरमिटेंट उपवास खाने का एक पैटर्न बनाता है जो खाने और उपवास की अवधि के बीच एक चक्र का निर्माण करता है। इंटरमिटेंट उपवास में आपको यह ध्यान रखना होता है कि आपको कब खाना है और कब नहीं खाना है, न की इसका ध्यान रखना होता है कि क्या खाना है। सबसे समान्य इंटरमिटेंट उपवास है 16 घंटे उपवास या सप्ताह में दो बार 24 घंटे उपवास, पर उससे पहले चलिए देखते है कि इंटरमिटेंट उपवास कैसे कार्य करता है।

इंटरमिटेंट उपवास वजन कम करने में कैसे सहायता करता हैं

इंटरमिटेंट उपवास वजन कम करने में सहायता करता हैं। जब आप भोजन ग्रहण करते है तो एंजाइम भोजन को टुकड़ो में तोड़ देता है और अंत में भोजन छोटे छोटे अणुओ के रूप में हमारे रक्त में प्रवाह होते है। कार्बोहाइड्रेट, और अनाज को शकर्रा में बदल दिया जाता है और ऊर्जा के रूप में इसका उपयोग किया जाता है लेकिन जब इसका सम्पूर्ण उपयोग नहीं होता है तो इसे वसा के रूप में संग्रहित कर लिया जाता है। यह इन्सुलिन के माध्यम से किया जाता है जोकि एक हार्मोन है जो अग्न्याशय में बनता है। इंसुलिन शकर्रा को वसा कोशिकाओं में ले जाता है और उसे वहां संग्रहीत कर देता है। इसीलिए, भोजन के दौरान (यदि कोई नास्ता न करे) इन्सुलिन का स्तर गिर जाता है और वसा कोशिकाएं ऊर्जा के लिए संग्रहित शकर्रा का उपयोग करने लगता है जो वजन कम करने में सहायता करता है।

इंटरमिटेंट उपवास इन्सुलिन स्तर को कम करने में सहायता करता है जिससे हमारे शरीर में वसा की खपत होने लगती है। अन्य शब्दों में, जब आप नहीं खाते है तो आपका शरीर ऊर्जा के लिए संग्रहित वसा का उपयोग करने लगता है और वसा निरंतर घटता रहता है। यह खाने और उपवास के बीच संतुलन बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण कुंजी हैं। यदि एक आदमी खाता है और तब तक नहीं रुकता है जब तक वह सोने न चला जाये तो वह अपने शरीर को संग्रहित वसा को उपयोग करने का अवसर नहीं दे रहा है जिससे वजन बढ़ता है, इसीलिए लोग को एक निश्चित समय तक न खाकर संग्रहित वसा को खर्च होने के लिए समय देने की आवश्यकता है और यही इंटरमिटेंट उपवास है।

इंटरमिटेंट उपवास के लाभ

इंटरमिटेंट उपवास वजन कम करने में सहायता करता है लेकिन इसके कई अन्य लाभ भी है। यह कोलेस्ट्रॉल कम करने, ग्लूकोस स्तर को बढ़ाने, पेट की चर्बी को कम करने और रक्तचाप को बेहतर बनाने में सहायता करता है। कई लोगो ने यह स्वीकार किया है कि इससे उन्हें बेहतर मोटर समन्वय करने में और उन्हें बेहतर नींद प्राप्त करने में सहायता प्राप्त हुयी है। कई अध्यनो से भी यह सिद्ध हुआ है कि इंटरमिटेंट उपवास ट्यूमर के विकास को कम करने में सहायता करता है और ब्रैस्ट कैंसर की रोकथाम में भी सहायता कर सकता है।

लेकिन यह ध्यान में रखना है कि इंटरमिटेंट उपवास सबके लिए नहीं है, आपको एक उचित शोध कर लेना है और इंटरमिटेंट उपवास पर कार्य करने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श कर लीजिये। यह इंटरमिटेंट उपवास से होने वाले लाभों की एक सूचि है।

  • अधिकांश लोग वजन कमाने के लिए इंटरमिटेंट उपवास करते है, लेकिन यह तभी सहायक होता है जब आप भोजन के समय कैलोरी की आवश्यक मात्रा प्राप्त करने के लिए पर्याप्त भोजन ग्रहण करेंगे। कम समय का उपवास चयापचय दर को 14% से बढ़ा देता है और अधिक से अधिक कैलोरी को नष्ट करने में सहायता करता है।
  • इंटरमिटेंट उपवास ऑक्सीकरण और सूजन को कम करके कोशिकाओं की क्षति को भी कम करता है।
  • यह रक्त शर्करा को भी कम करता है और मधुमेह के खतरे को कम करता है या शरीर पर इसके प्रभावों को नियंत्रित करता है।
  • यह स्मरण शक्ति को बेहतर बनाने के लिए भी जाना जाता है।
  • इंटरमिटेंट उपवास मल्टीपल स्केलेरोसिस और पार्किंसंस की प्रगति को भी रोकता है
  • यह कई प्रकार के कैंसर के खतरे को कम करने के लिए भी जाना जाता है और यह सर्जरी से उभरने में भी सहायता करता है।

इंटरमिटेंट उपवास के प्रकार

अब जब हम यह जानते है कि इंटरमिटेंट उपवास कैसे कार्य करता है, तो चलिए इंटरमिटेंट उपवास के विभिन्न प्रकारो के बारे में जानते है। आप इन सभी को पढ़िए और देखिये कि कौनसा आपके लिए उत्तम है, हालांकि हमारी सलाह है कि आप 16:8 से शुरू करे और इससे पहले कि आप अन्य उपवासो की ओर बढे, आपका शरीर उपवासों के अनुकूल हो जाए।

16:8 डाइट

किसी भी प्रकार के डाइट का आरम्भ करने के सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण है कि आप एक चिकित्सक से परामर्श कर ले और यह पता कर ले कि क्या आप इसके लिए तैयार है। यदि आपको टाइप 1 मधुमेह, गर्भवती या स्तनपान कराने वाली है तो आपको इससे दूर रहना चाहिए।

16:8 उपवास 8 घंटे उपवास के रूप में भी जाना जाता है। आप प्रत्येक दिन इस 8 घंटे के समय के दौरान खा सकते है और बाकि के दिन आपको उपवास करना होता है। हालांकि आपको सावधान रखने की आवश्यकता है क्योकि 16:8 के दौरान आप निर्णय इस बात बार निर्धारित होकर नहीं लेते है कि आप कितने भूखे है, लेकिन आप समय पर ध्यान केंद्रित करते हुए और आवश्यकता से अधिक खा लेते है। 16:8 डाइट के दौरान, आपको प्रत्येक दिन 16 घंटे बिना कुछ खाये लेकिन पेय जैसे पानी, चीनी के बिना कॉफ़ी और चाय के साथ और आठ घंटो में जो आपने खाया है उस के साथ बिताना होता है। हमारी सलाह है कि आप रात में उपवास करे और सुबह के नास्ते को छोड़ दे और आप अपना पहला आहार दिन के मध्य में कर सकते है। इस समय के दौरान आप कुछ भी खा सकते है लेकिन अधिकांश लोग जल्दी और बेहतर परिणाम के लिए कीटो डाइट का पालन करते है ।

कुछ भी खा सकते है का अर्थ यह नहीं है कि आप तला हुआ खाना शुरू कर दे, आपको एक संतुलन बनाये रखने और स्वस्थ खाना खाने कि आवश्यकता होती है। अधिकांश लोग खाने के समय के दौरान आवश्यक कैलोरी ग्रहण करने में नाकामयाब हो जाते है जोकि प्रभावशाली नहीं होता है और ध्यान रखे कि आपको अतिरिक्त शर्करा से दूर रहना है। आप स्वस्थ रहने के लिए हल्का मांस, अंडे, डेयरी, सब्जियां, नट्स और बीन्स, टोफू और अन्य उच्च फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ खा सकते हैं। ज्यादा से ज्यादा पानी पीना न भूले क्योकि अधिकांश समय प्यास के कारन भी आपको भूख लग सकती है।

यदि आप 16:8 डाइट शुरू करने कि सोच रहे यही तो टेलीविज़न से दूर रहे क्योकि टीवी पर आने वाले आकर्षक भोजन के विज्ञापन आपमें खाने की लालसा जगा सकते है चाहे आप भूखे न भी हो। ध्यान रखिये कि थोड़ा भूखा रहना वास्तव में एक अच्छी बात है क्योकि यह आपको आपका लक्ष्य याद रखने में सहायता करता है। यदि आपको व्यायाम करना पसन्द है तो खाने से पहले व्यायाम कर ले, अन्यथा व्यायाम के लगभग डेढ़ घंटे के बाद आपको भूख लग सकती है और आप कुछ खा सकते है। 16:8 डाइट इतना मुश्किल नहीं है जितना यह सुनने में लगता है, दृढ़ बने रहें और अपने कैलोरी सेवन पर ध्यान रखे, तरल पेय पीएं और सब ठीक हो जाएंगा।

5:2 उपवास

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इंटरमिटेंट उपवास का दूसरा प्रकार है 5:2 डाइट जिसमे आप 5 दिन तक नियमित रूप से खाना कहते है और शेष दो दिन आप बहुत थोड़ा खाते है। कुछ लोगो का यह मानना है कि इसे एक उपवास नहीं कहना चाहिए क्योकि आप उपवास नहीं कर रहे है, बल्कि दो दिन के लिए अपने कैलोरी सेवन को सिमित कर दे रहे है, तो यदि एक आदमी प्रति दिन 2000 कैलोरी ग्रहण करता है तो उपवास के दिनों में केवल 500 कैलोरी ही खाता है।

अधिकांश लोग उपवास के दिनों में अंतर रखने की सलाह देते हैं, इसलिए वे सोमवार और गुरुवार या बुधवार और शनिवार को उपवास करते हैं। यह आपको एक संतुलन बनाने में सहायता करता है और आप उदास महसूस नहीं करेंगे और न आपको लगेगा कि आप दो दिनों से लगातार कुछ छोड़ दे रहे हैं। ध्यान रखे कि 5 दिन जो आप खाएंगे उसमे चीनी और प्रोसेस्ड खाद्य से दूर रहते हुए एक स्वस्थ आहार का पालन करे।

5:2 डाइट आपको बिना मांसपेशियों को घटाए वजन को कम करने में सहायता करता है क्योकि यह शरीर में मानव विकास हार्मोन के स्तर को बढ़ा देता है जो मांसपेशियों के निर्माण में सहायता करता है। आप अधिकांश जो चाहे वो खा सकते है क्योकि इंटरमिटेंट उपवास में आप जो खाते हैं उससे अधिक भोजन के समय पर ध्यान दिया जाता है लेकिन पौष्टिक भोजन खाने का लक्ष्य निर्धारित रखें। बहुत सारी सब्जियां, फल, हल्के प्रोटीन, गेहूं के ब्रेड, पास्ता, ब्राउन राइस, क्विनोआ, साबुत अनाज और स्वस्थ वसा आदि का सेवन करे जो आपके शरीर और मस्तिष्क को ऊर्जा प्रदान करता है। आपको उच्च फाइबर युक्त भोजन जैसे गाजर, फूलगोभी, पत्तेदार साग, अंकुरित अनाज, शकरकंद, स्क्वैश और ब्रोकोली आदि भी खाना चाहिए।

आपको खट्टे फल, स्टार्च वाले फल, जामुन आदि भी खाने चाहिए। आपको एवोकाडो, ऑयली फिश और ऑलिव ऑयल के माध्यम से बहुत सारे ओमेगा 3 और ओमेगा 6 को भी ग्रहण करना चाहिए। साथ ही आप मांसपेशियों की वृद्धि और सेलुलर मरम्मत के लिए हल्के प्रोटीन जैसे चिकन ब्रैस्ट, ग्राउंड टर्की, पर्याप्त ऊर्जा और प्रोटीन पाने के लिए अंडे आदि का सेवन भी कर सकते है। अन्य दिनों में आप कोई भी पेय का सेवन कर सकते है लेकिन उपवास के दिनों में केवल जल का ही सेवन करे ।

यदि आप उपर्लिखित नियमो का सही से पालन करते है तो आप 5:2 डाइट में सक्षम होंगे और इससे अधिक लाभ पा सकेंगे ।

20:4 फास्टिंग/इट-स्टॉप-इट

24 घंटे उपवास को इट-स्टॉप-इट डाइट भी कहा जाता है जिसका सप्ताह में एक या दो बार पालन किया जाता है। इस डाइट योजना के तहत आपके पास खाने के लिए 4 घंटे का समय होता है, शेष बचे 20 घंटे आपको उपवास करना होता है। इसीलिए, यदि आप प्रति दिन दोपहर 2:00 से और शाम 6:00 बजे के दौरान भोजन करते है तो शेष बचे 20 घंटे आपको उपवास करना होता है। आप खाने के समय के दौरान एक बड़ा आहार और दो छोटे आहार ग्रहण कर सकते है।

कुछ लोग इस डाइट को योद्धा आहार कहते है और इसकी खोज 2000 के शुरुवाती दशकों में ओरी हॉफमेकलर ने अपने निजी अनुभवों के आधार पर की थी। आपको यहाँ भी दोनो समय के बीच में आहार का संतुलन बनाये रखना है। पहले कुछ दिनों तक शायद आपको भूख का अनुभव हो सकता है, लेकिन जल्द ही आपका शरीर इसका आदि हो जायेगा और आपके लिए यह आसान हो जायेगा, यह डाइट आपकी आदत भी बन सकती है जोकि कोई बुरी बात नहीं है क्योकि आप लम्बा संतुलन बनाये रख सकेंगे और आवश्यक मात्रा में कैलोरी ग्रहण कर सकेंगे।

24 घंटे उपवास का महत्व तब तक है जब तक आप ध्यान रखेंगे है कि जब आप कुछ भी नहीं खा रहे होते हैं तब भी आपके शरीर को कार्य करने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है और इस दौरान आपका शरीर शरीर में विद्यमान ग्लूकोस का उपयोग करता है , इसीलिए मॉडरेशन के माध्यम से अनाज, डेयरी उत्पाद, फल, फलियां, सब्जियां और बीयर और डोनट्स जैसे कार्बोहाइड्रेट का सेवन करते रहिये।

आपका यकृत ग्लूकोज को रक्तप्रवाह में प्रवाहित करता है लेकिन 24 घंटे उपवास के दौरान यकृत अंतिम संगृहीत ग्लूकोस का उपयोग करता है और शरीर ग्लुकोनियोजेनेसिस में जाता है और वसा को iईंधन के रूप में उपयोग करना शुरू कर देता है। यदि आप भोजन और उपवास में संतुलन बनाये नहीं रख पते है तो शरीर ऊर्जा के लिए मांसपेशियों का उपयोग करना शुरू कर देता है और आपको भूख लगने लगेगी। आपको ऐसा लग सकता है कि 24 घंटा उपवास सुरक्षित नहीं है लेकिन यह तब तक सुरक्षित है जब तब आप खाने के समय के दौरान उपयुक्त भोजन करेंगे। उपवास के दौरान शरीर को परिष्कृत करने के लिए बहुत अधिक जल का सेवन न करे और आपको इसके लाभ दिखने लगेंगे।

भोजन करने के समय के दौरान, आप पाकी हुयी सब्जिया जैसे फूलगोभी, ब्रसेल्स स्प्राउट्स, तोरी, हरी सब्जियां आदि का सेवन कर सकते है। आप प्रोटीन जैसे चिकन, स्टेक, मछलिया और अंडो का सेवन भी कर सकते है। स्टार्च के लिए बीन्स, आलू, मकई, शकरकंद के माध्यम से सेवन करें लेकिन स्टार्च आपको भूख का एहसास कराता है इसलिए इसका अधिक सेवन न करें। कण्ठ के लिए आप जई, क्विनोआ, पास्ता और यहां तक ​​कि कुछ पिज्जा का सेवन भी किया जा सकता है। दूध पीजिये, पनीर और दही खाइये, नट्स, ऑलिव ऑयल आदि का सेवन कीजिये। ऐसी कई चीजे है जिनका सेवन आपको नहीं करना है जैसे कि कैंडी, कूकीज, आइस क्रीम, चिप्स तला हुआ भोजन, भुना हुआ खाना और प्रोसेस्ड मांस, परिष्कृत कार्बोहाइड्रेट और कृत्रिम मिठास। अपने अंदर के लालसा को दबाइये और कोक, फलो के रस, मीठा नींबू ऐड आदि से दूर रहिये।

तो आपने देखा कि बहुत सी ऐसी चीजे है जो आप खा सकते है और घर बैठे बैठे 24 घंटे उपवास का पालन कर सकते है और वजन घटा सकते है।

36 घंटे उपवास

आप 36 घंटे उपवास को भी आजमा सकते है जिसमे आपको पूरा एक दिन उपवास करना होता है, इसीलिए यदि आप दिवस 1 के रात 7 बजे भोजन करते है तो आप दिवस 2 को भोजन नहीं करेंगे और दिवस 3 के सुबह 7 बजे नास्ता करेंगे। इसे 36 घंटे उपवास डाइट कहते है।

यह आहार नॉरपेनेफ्रिन की वृद्धि के कारण बेसल चयापचय दर को बढ़ाता है। ग्लाइकोजन या कार्बोहाइड्रेट के स्थान पर शरीर वसा का उपयोग करके ऊर्जा का उत्पादन करता है, जिससे नोरपाइनफ्राइन के स्तर में वृद्धि होती है और बेसल चयापचय दर 20% तक कम हो जाती है जिससे वजन कम होता है। जब आप 36-घंटे उपवास के बाद भोजन करते है तो भी आपका शरीर ग्लाइकोजन के साथ अतिरिक्त वसा को भी ऊर्जा के लिए निरंतर उपयोग करता रहता है और यह देखा गया है कि 36-घंटे उपवास का एक दीर्घकालिक उपयोग यह है कि आपका शरीर वसा का उपयोग करने की इस पद्धति का स्थायी रूप से उपयोग करने लगता है, हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि आपको अपने शरीर को इस स्थिति में लाने के लिए कितनी बार उपवास करन पड सकता है।

स्वस्थ भोजन खाये और भोजन करने, भोजन न करने और वजन कमाने के लिए व्यायाम करने में संतुलन बनाये रखे। अध्यनो से पता चला है कि लोगो को भोजन करने के दिनों में भी भूख नहीं लगती है, उनकी भोजन ग्रहण करने की दर 20% तक कम हो जाती है क्योकि उनका शरीर उपवास का आदि हो जाता है।

सहज उपवास / लंघन भोजन

इंटरमिटेंट उपवास में शामिल होने का दूसरा सबसे अच्छा मार्ग है भोजन में सहन अंतर। आपको बस आहार को छोड़ना है और जब भूख लगे तब ही खाना है। हमारा शरीर लंबी अवधि तक अकाल से निपटने के लिए सक्षम है इसलिए एक या दो बार भोजन को छोड़ देने से शरीर को कोई नुकसान नहीं होता है। इसीलिए, यदि आपका मन न हो तो अपने सुबह के नास्ते या दोपहर के खाने को ग्रहण न करने से मत डरिये। तब कहिये जब आपका मन हो और स्वस्थ भोजन करिये, और आप इस प्रकार से सहज भोजन लंघन उपवास कर रहे है।

आहार का छोटा छोटा त्याग कोलेस्ट्रॉलस्तर को कम करने, एंटीऑक्सिडेंट्स जैसे यूरिक एसिड के स्तर को बढ़ाने में, शरीर में किसी भी प्रकार के सूजन को कम करने, अस्थमा को बेहतर करने में सहायता करता है और सबसे अच्छा यह है कि यह वजन घटाने में सहायता करता है । बीएस यह सुनिश्चित कर लीजिये कि जब आप एक आहार छोड़ देते है तो अगले आहार में अतिरिक्त न खाये क्योंकि यह आपके चयापचय प्रणाली में प्रतिकूल प्रभाव उत्पन्न कर सकता है। छोड़े हुए आहार की भरपाई करने की बजाये साधारण भोजन ही करे। इसीलिए यदि आप सुबह का नास्ता अच्छे से करते है तो दोपहर का खाना न खाकर सीधा रत का भोजन कीजिये और बस हो गया।

इंटरमिटेंट उपवास पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

Source tcoyd.org

यदि आपके मन में अभी भी इंटरमिटेंट उपवास को लेकर कोई प्रश्न है तो ये रहे आपके लिए कुछ अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न।

    इंटरमिटेंट उपवास कैसे कार्य करता है?

  • यह कम कार्ब वाले आहार के सामान है। आहार ग्रहण करने के मध्य समय को बढ़ा देने से आपका शरीर संग्रहित वसा को ऊर्जा बनाने के लिए उपयोग करने लगता है। आपके रक्त में इन्सुलिन का स्तर कम जाता है और आपका शरीर संग्रहित वसा का उपयोग करने लगता है और वजन कम होने लगता है।
  • इंटरमिटेंट उपवास के क्या क्या लाभ है?

  • इंटरमिटेंट उपवास वजन कम करने में और आपके चयापचय स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में, आपके पाचन समारोह और सर्कैडियन लय में सुधार करने में आपकी सहायता करता है। कुल मिलाकर आपके शरीर और मस्तिष्क को बेहतर बनाता है।
  • क्या मै उपवास के दौरान पेय का सेवन कर सकता हूँ?

  • आपको उपवास और भोजन करने के दौरान बहुत सारा तरल पीना चाहिए। आप पानी, बिना चीनी के कॉफ़ी और चाय आदि भी पी सकते है। कॉफी की वास्तव में सलाह भी दी जाती है क्योंकि यह भूख पर अंकुश लगा देती है।
  • क्या सुबह का नास्ता न करना अस्वास्थ्यकर है?

  • वास्तव में नहीं, यह तभी अस्वास्थ्यकर होता है जब आप नास्ता न करके एक अस्वस्थ जीवनशैली अपनाते है। जब आप नास्ता नहीं करते है तो शेष दिन में आपको एक स्वस्थ आहार ग्रहण करना चाहिए।
  • क्या मै उपवास के दौरान पूरक का सेवन कर सकता हूँ?

  • जी हां आप कर सकते है लेकिन वसा में घुलनशील विटामिनो का सेवन आप केवल आहार के साथ ही कर सकते हैं।
  • क्या मै उपवास के साथ व्यायाम कर सकता हूँ?

  • जी हां, आप उपवास और व्यायाम कर सकते है।
  • क्या उपवास से मांसपेशिया कम हो जाती है?

  • वजन कम करने की किसी भी प्रक्रिया में मांसपेशियों को नुकसान होता ही है, इसीलिए उपयुक्त प्रोटीनो का सेवन करके वजन बढ़ाना महत्वपूर्ण है, हलाकि यह सिद्ध हो चुका है कि इंटरमिटेंट उपवास में अन्य विधियों की तुलना में मांसपेशियों को नुकसान कम होता है।
  • शरीर को इंटरमिटेंट उपवास का आदि होने में कितना समय लगता है?

  • उपवास के इस पैटर्न के साथ शरीर को आदि होने में 5 या 6 दिन का समय लग सकता है। आपको शुरुवात में खाने के समय ज्यादा रखना चाहिए और धीरे धीरे बाद में उपवास के समय को बढ़ाना चाहिए ।
  • कैसे मैं उपवास करते समय मानसिक कोहरे या थकान से निपट सकता हूं?

  • मानसिक कोहरे से दूर रहने के लिए आपको ज्यादा से ज्यादा पानी पीना चाहिए। आप ब्लैक कॉफी पीकर ऊर्जावान महसूस कर सकते है और ध्यान करने का प्रयत्न भी कर सकते है। आप कुछ कम प्रभाव वाले व्यायाम भी कर सकते हैं या सैर कर सकते हैं।
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एक मजबूत निर्णय लेना

हम आशा करते हैं कि आपने पूरा अनुच्छेद पढ़ा होगा। उपवास करते समय आपको कुछ भी अस्वास्थ्यकर नहीं खाने का एक मजबूत निर्णय लेना चाहिए क्योंकि केवल तभी आपके इंटरमिटेंट उपवास को ठीक से किया जा सकता है। अगर आप कुछ भी अस्वास्थ्यकर खाते हैं तो आपके उपवास का कोई फायदा नहीं होगा।