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क्या आप मार्च में छुट्टी की योजना बना रहे हैं ।

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होली का त्यौहार।

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अगर आप मार्च के महीने में भारत में छुट्टियों की योजना बना रहे हैं :- तो फिर आपको एक बात का ध्यान रखना होगा कि मार्च के महीने में भारत में होली का त्यौहार बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। वैसे तो यह त्योहार पूरे भारतवर्ष में मनाया जाता है लेकिन फिर भी भारत के कुछ राज्यों में इसका विशेष महत्व है। होली भगवान कृष्ण के साथ जुड़ा हुआ त्योहार है इसीलिए मथुरा और वृंदावन में ईस त्यौहार का अधिक महत्व है ।

राजस्थान में भी होली को बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है :- जयपुर, उदयपुर, पुष्कर जैसे शहरों में बड़े-बड़े होली के समारोह होते हैं जो पर्यटकों का ध्यान आकर्षित करते हैं। उदयपुर में बड़े पैमाने पर होलिका दहन समारोह मनाया जाता है। इन दिनों मथुरा में एक अजीब सा उत्सव मनाया जाता है जिसका नाम है लात मार होली। इस उत्सव में जैसे राधा भगवान श्री कृष्ण को प्यार से पीटते थे वैसे ही सभी पत्नीया अपने पति को बंबू से पीटते हैं। इन दिनों राजस्थान पर्यटक विभाग जयपुर में खास होली समारोह की व्यवस्था करते हैं। होली जिसे डोलजात्रा या वसंत उत्सव भी कहते हैं उसे बंगाल में कुछ अलग ही तरह से मनाया जाता है।





बहुत ही अच्छा मौसम।

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मौसम की वजह से मुसाफिर या यात्रा करने के लिए मार्च का महीना सबसे अच्छा और सही महीना है :- यह एक वसंत ऋतु है और गर्मी के दिन अभी शुरू नहीं हुए होते। इस महीने में बारिश की भी कोई संभावना नहीं होती और तापमान करीब 25 से 28 डिग्री सेंटीग्रेड तक होता है। इसलिए आप कार द्वारा बिना गर्मी का सामना किए लंबी यात्रा आसानी से कर सकते हो।

भारत के गुजरात, दिल्ली, राजस्थान जैसे राज्यों में गर्मियों के दिनों में अधिक गर्मी और ठंडियों के दिनों में अधिक ठंडी रहती है। इसलिए मार्च का महीना इन राज्यों की मुलाकात करने के लिए भी सबसे सही रहेगा :- इन दिनों पेड़ भी हरे होते हैं और उन पर फुल भी आने शुरू हो गए होते है। चारों और हरियाली ही हरियाली होती हैं। अधिकतर समय आसमान भी साफ रखता है। इसलिए अगर आप पहाड़ी इलाके की मुलाकात ले रहे है तो फिर पहाड़ी श्रुखला के शानदार दृश्य भी से देख सकेंगे। इस तरह मार्च का महीना भारत की मुसाफारी और यात्रा करने के लिए बिल्कुल सही रहेगा।



सभी उपमहाद्वीपों पर मनाए जाने वाले विविध त्योहार।

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होली के अलावा ऐसे और कई त्योहार है जो मार्च के महीने में भारत में मनाए जाते हैं :- उत्तराखंड के ऋषिकेश में अंतरराष्ट्रीय योग समारोह का भी आयोजन किया जाता है। मिजोरम में चापचर कूट का त्योहार मनाया जाता है जो बांस की खेती से जुड़ा फसल से संबंधित त्यौहार है। केरल में पारपल्ली गजमेला उत्सव का आयोजन किया जाता है। इसे 10 दिनों तक मनाया जाता है। जिसमें हाथियों की परेड होती है और मंदिर के परीसर में सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया जाता है।

चेट्टीकुलंगरा मंदिर उत्सव भी है :- जयपुर हाथी उत्सव एक और मशहूर उत्सव है जहां पर हाथी घोड़े और ऊंट की परिणय निकलती है। उनका संगीत मय प्रदर्शन भी होता है। सर्दियों के दिनों को अलविदा कहने और वसंत ऋतु का आगमन करने के लिए गोवा में शिमोत्सव नामक एक उत्सव मनाया जाता है। उत्सव में परेड, स्थानीय नृत्य, लोक संगीत, बांसुरी, और ड्रम बीट्स का आयोजन किया जाता हैं।




मार्च के महीने में छुट्टियां मनाने के लिए 10 स्थान।

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वाराणसी (उत्तर प्रदेश)।

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उत्तर प्रदेश का वाराणसी शहर दुनिया के सबसे प्राचीन शहरों में से एक है :- यह शहर मंदिर और साधुओं का शहर है। यह शहर गंगा नदी के किनारे बसा हुआ है। इसकी वजह से वाराणसी गंगा घाट के लिए प्रसिद्ध है। यह गंगा किनारा कुछ ना कुछ गतिविधियों से हरा भरा रहता है। बॉडीबिल्डर, पवित्र पुरुष या साधु, दैनिक स्नान करने वाले, संगीतकार, दैनिक आरती ’में भाग लेने वाले लोग, परिवार और रिश्तेदारों का अंतिम संस्कार करने वाले लोग और निश्चित रूप से बड़ी संख्या में पर्यटक इस गंगा के किनारे आपको मिलेंगे।

मणिकर्णिका घाट पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है :- वाराणसी शहर गली मोहल्लों से भरा हुआ है। जो पुरानी और नई चीजें बेचने वाले स्टोल और अपने स्ट्रीट फूड के लिए जाना जाता है। आप ट्रेन से, सड़क मार्ग से या फिर विमान द्वारा वाराणसी पहुँच सकते हैं। हवाई अड्डा शहर से 26 किमी की दूरी पर है।


वृंदावन (उत्तर प्रदेश)।

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वृंदावन एक और ऐसा शहर है जिसे की आप मार्च के महीने में मुलाकात ले सकते हो :- कहा जाता है कि इस शहर में भगवान श्री कृष्णा बड़े हुए थे। इसी वजह से होली के उत्सव का वृंदावन में कुछ अलग ही महिमा है। बांके बिहारी मंदिर में एक सप्ताह पहले ही इस उत्सव को मनाना शुरू कर देते हैं। मंदिर का परिसर पुजारियों के साथ उत्सव मनाने का एक स्थान बन जाता है जहां पर इन दिनों पुजारी खुद भी रंगीन पानी और गुलाल के साथ होली का उत्सव बड़ी ही धूमधाम से मनाते हैं। भजन के रूप में संगीत भी बजाया जाता है। हर किसी को अपने जीवन में कम से कम एक बार तो इस उत्सव का अनुभव करना ही चाहिए। इसके अलावा वृंदावन में और भी ऐसे कई मंदिर है जिनकी मुलाकात आपको करनी चाहिए।

वृंदावन पहुंचने के लिए :- आप मथुरा तक ट्रेन कर सकते हैं और फिर मथुरा से कार, रिक्शा या फिर बस द्वारा वृंदावन पहुंच सकते हैं। ये आगरा से भी सिर्फ 50 किलोमीटर की दूरी पर ही है।



शान्तनिकेतन (पश्चिम बंगाल)।

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शांतिनिकेतन पश्चिम बंगाल में आया हुआ एक छोटा सा शहर है :- जो प्रसिद्ध कवि रवींद्रनाथ टैगोर का शहर है। इस साल में पूरी महिमा के साथ वसंत ऋतु को मनाया जाता है। इस शहर में होली के उत्सव को डोलजात्रा या वसंत उत्सव के नाम से जाना जाता है। जिसे नृत्य और संगीत के साथ बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है और यहां पर कोई भी रंगीन पानी का इस्तेमाल नहीं किया जाता। इस उत्सव को टागोर द्वारा प्रसिद्ध की गई प्रसिद्ध विश्व भारतीय विद्यालय में मनाया जाता है।

मार्च का महीना इस शहर की मुलाकात करने के लिए सबसे सही विकल्प रहेगा :- त्योहार और उत्सव के अलावा यह शहर संगीत, कला और हस्तशिल्प के लिए भी जाना जाता है। सोनझुरी में शनिवार का बाजार होता है, जहाँ आप गहनों से लेकर साज-सज्जा के सामान और संगीत वाद्ययंत्र तक सब कुछ पा सकते हैं। इसके अलावा इस शहर में कई बुटीक और हस्तशिल्प के केंद्र भी है जहां से आप कपड़े, हस्तशिल्प, चमड़े का सामान, बैग और जूते सब खरीद सकते हो।




कूर्ग (कर्नाटक)।

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कुर्ग एक छोटा सा हिल स्टेशन है :- जो कर्नाटक की पहाड़ियों के बीच में आया है। कुर्ग कोडावा कबीले का घर है जो मार्शल आर्ट के लिए मशहूर है और अपने आतिथ्य के लिए जाने जाते हैं । वैसे तो आप कोई भी समय पर इस शहर की मुलाकात ले सकते हो लेकिन फिर भी मार्च का महीना ज्यादा उचित रहेगा क्योंकि इस समय मौसम सबसे अच्छा रहता है। तापमान भी उतना अधिक नहीं होता और ना ही कोई बारिश आने की संभावना होती है।

यहां की हरियाली पहाड़ियां आपको आकर्षित करने वाली है :- यहां पर मसाले और कॉफी के बाग बगीचे हैं। खुद का केंद्रबिंदु मड़ीकेरी से आपको सभी परिवहन की सुविधा मिल जाएंगी। इसके अलावा विराजपेट, कुशालनगर, गोनिकोप्पल, पोलिबेटा और सोमवारपेट भी काफी मशहूर है। अगर आप कुर्ग जा रहे हैं तो हम आपको सुझाव देंगे कि इस जगह की सुंदरता का पूरी तरह से आनंद लेने के लिए आप वहां पर एक होमस्टे करें। मैसूर, बेंगलुरु और मेंगलुरु से आप बस या फिर कार द्वारा कुर्ग पहुंच सकते हो।




शिलोंग (मेघालय)।

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शिलांग मेघालय की राजधानी है :- यह शहर चीर के पेड़ और झरनों के लिए जाना जाता है। इस शहर में कई सारी गुफाएं और प्रसिद्ध उमियाम झील भी आया है। वैसे तो इस शहर में पूरे वर्ष आए दिन बारिश होती रहती है लेकिन मार्च महीने में कम बारिश होती है। शिलोंग की संस्कृति और शिलोंग के लोग इस शहर को और भी अधिक महान बनाते हैं। यहां पर पूरे वर्ष में कोई संगीत समारोह होते रहते हैं।

इसके पास में ही एक छोटा सा गाँव मावलिननोंग है :- जिसे एशिया में सबसे स्वच्छ गाँव घोषित किया गया है। आप गुवाहाटी से कार या बस द्वारा शिहोंग जा सकते हैं या फिर शिहाेंग जाने के लिए हवाई जहाज का भी इस्तेमाल कर सकते हैं


मथुरा (उत्तर प्रदेश)।

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मथुरा और एक ऐसा शहर है जो अपने होली के उत्सव के लिए जाना जाता है :- यह भगवान श्री कृष्ण की जन्मभूमि है और कहां जाता है कि इसी शहर से होली मनाने की परंपरा शुरू हुई थी। इस शहर में लात मार होली समारोह मनाया जाता है। जहां पर सभी पत्नियां अपने पतियों को लकड़ी से पिटती है और उसे रंग लगाती है। यह भगवान श्री कृष्ण और राधा जी की कहानियों से उपजी हुई एक परंपरा है। यहां पर होली को रंगीन पानी, रंगीन पाउडर या गुलाल से मनाया जाता है।यहां पर होली को लगभग 1 सप्ताह तक मनाया जाता है। इसलिए इस प्राचीन शहर की मुलाकात करने के लिए मार्च महीना सबसे उचित रहेगा। आप मथुरा ट्रेन द्वारा जा सकते हैं या फिर दिल्ली, आगरा से सड़क मार्ग से भी मथुरा पहुंच सकते हो



जयपुर (राजस्थान)।

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जयपुर जिसे गुलाबी शहर के नाम से भी जाना जाता है :- यह राजस्थान की राजधानी है और राजस्थान का सबसे बड़ा शहर है। इस शहर में कई सारे राजाओं और रानियों के पुराने महल भी है। हवा महल और आमेंर का किला यहां के मशहूर जगह है। नाहरगढ़ किला और जंतर मंतर, जो एक ज्योतिषीय ऐतिहासिक आवास है। उसमे राजपूत राजा सवाई जय सिंह II द्वारा निर्मित उन्नीस वास्तुशिल्प खगोलीय उपकरणों का संग्रह किया गया है। जयपुर में हर साल साहित्य उत्सव मनाया जाता है जो बहुत ही बड़ी संख्या में लेखकों और पुस्तक प्रेमियों को ना केवल भारत से बल्कि पूरे विश्वास से आकर्षित करता है।

जयपुर अपनी संस्कृति और विरासत के लिए भी जाना जाता है :- यहां का एंब्रॉयडरी काम भी काफी लोकप्रिय है। जयपुर जाने के लिए आप हवाई जहाज ले सकते हो या फिर दिल्ली से सड़क मार्ग के द्वारा भी जयपुर पहुंच सकते हो।



तवंग।

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अरुणाचल प्रदेश में आया हुआ तवंग एक बहुत ही शांत शहर है :- यह शहर हनीमून के लिए बिल्कुल सही शहर है क्योंकि यह मार्च महीने में काफी शांत हो जाता है। इस शहर से आप पहाड़ों की बर्फीली चोटियों को भी देख सकते हो जो बहुत ही आकर्षित लगती है। आसमान भी काफी साफ रहता है और यहां का मौसम भी काफी अच्छा होता है। तवंग में सेला टॉप पास और टिपी आर्किड अभयारण्य हैं। जीसकी मुलाकात आप ले सकते हो।

इस समय यहां के लोग नया साल मनाने के लिए लोंसर नामक एक उत्सव भी मनाते हैं :- तो आप कुछ पारंपरिक तिब्बती अनुष्ठानों का भी आनंद लें सकते हो। गुम्पा नृत्य और संगीत के द्वारा इस उत्सव को मनाया जाता है। तवंग तक पहुंचने के लिए तेजपुर हवाई अड्डे से तवंग के लिए कार या बस लें सकते हो। सबसे नजदीक का रेलवे स्टेशन रंगापारा रेलवे स्टेशन है।


दिल्ली।

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दिल्ली में गर्मियों के दिनों में काफी गर्मी और ठंडियो के दिनों में काफी ठंडी होती है :- इसलिए अगर आप दिल्ली की मुलाकात करना चाहते हो तो फिर मार्च महीने में ही करें। दिल्ली में देखने लायक इतनी सारी जगह है कि आप तय ही नहीं कर पाओगे कि सबसे पहले कहां जाए। यहां का लाल किला, हुमायूँ का मकबरा, इंडिया गेट, जंतर मंतर और कुतुब मीनार अवश्य देखे।

इसके अलावा दिल्ली के स्ट्रीट फूड का आनंद लेना भी ना भूले :- यहां के रेस्टोरेंट में भी आपको काफी स्वादिष्ट व्यंजन मिलेंगे। परांठे वाली गली इसके स्वादिष्ट भोजन के लिए काफी प्रसिद्ध है। यहां के प्रगति मैदान में काफी मेले भी लगते हैं। दिल्ली की निजामुद्दीन दरगाह में जाकर आप उसकी कव्वाली भी आनंद ले सकते हो। ये दरगाह बॉलीवुड की काफी फिल्मों में भी दिखाई गई है। अगर आप सौदे बाज्जी में पक्के हैं तो फिर आप सरोजिनी नगर में की जाने वाली सोमवार बाजार में जा सकते हैं। जहां पर आप काफी किफायती दाम में कपड़े खरीद सकते हो। आप तो दिल्ली ट्रेन या फिर हवाई जहाज से जा सकते हो।


वेलास (महाराष्ट्र)।

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अगर आप प्रकृति प्रेमी है तो फिर आपको वेलास की मुलाकात लेनी ही चाहिए :- जो महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले में आया हुआ है। यह ओलिव रिडले कछुए के लिए प्रसिद्ध है जो हर साल वेलास समुद्र तट पर अंडे देने के लिए आते हैं। यहां के लोगों ने कछुए की सुरक्षा के लिए एक आंदोलन शुरू किया है। जो सह्याद्री निसा नामक एक संस्था द्वारा शुरू किया गया था पर अब आंदोलन वहां की ग्राम पंचायतें ही संभाल रही है। त्योहार की यात्रा वाकई में अविस्मरणीय यात्रा रहेंगी।यहां पर आप कुछ पारंपरिक कोंकणी भोजन का भी आनंद ले सकते हो। वेलास तक आप मुंबई से कार या बस द्वारा पहुंच सकते हो


वसंत ऋतु की महिमा।

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मार्च का महीना यानी कि वसंत ऋतु :- अपने बैग तैयार कर लीजिए और एक नई यात्रा शुरू करने के लिए तैयार हो जाए। भारत में ऐसी कई सारी जगह है जिस की मुलाकात आपको मार्च के महीने में अवश्य करनी ही चाहिए। इसलिए इस बेहतरीन मौसम का अवश्य लाभ लें और एक से बढ़कर एक यादगार यादें बनाने के लिए तैयार हो जाए।

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