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होममेड प्रोबायोटिक चीजे जो आप अपने बेहतर स्वस्थ के लिए बना सकते है
इडली बनाने की विधि
यदि आपको दक्षिण भारतीय भोजन पसंद है तो आपको यह व्यंजन अवश्य आजमाना चाहिए। इडली बनाने के लिए, आपको विभाजित काली दाल, एक चम्मच मेथी दाने, दो कप आधे पके चावल, तीन बड़े चम्मच मोटा पीटे हुए चावल और आपके स्वादानुसार कुछ नमक की आवश्यकता होगी।
एक कमल की सीधी बनाने के लिए, सबसे पहले, एक कटोरे में पहले दो सामग्री लीजिये और पानी डालिये, इन्हे अच्छे से मिलाइये और ढक्कन से ढक कर चार घंटे के लिए अलग रखें। अब, अगली दो सामग्रियों को कटोरे में निकालिये और इसमें कुछ पानी डालिये, अच्छे से मिलाइये और इसे भी ढककर चार घंटे के लिए एक तरफ रख दीजिये। उसके बाद पहले मिश्रण से पानी को अलग कर लीजिये, और एक कप पानी के साथ दाल और मेथी के दानो का पेस्ट बना लीजिये।
अब पहले मिश्रण की तरह ही दूसरे मिश्रण के पानी को आधे कप तक कम करके पेस्ट बनाने से पहले, पहले मिश्रण के पेस्ट को एक बड़े कटोरे में रखकर अलग कर दीजिये। इसके बाद, इस पेस्ट को पहले पेस्ट में नमक के साथ डालकर अच्छे से मिला लीजिये। इसके बाद, इसे अच्छी तरह से मिलाने से पहले आधे दिन के लिए ढक दें और प्रत्येक इडली मोल्ड में एक चम्मच घी लगाइये। अंतिम में, इसे थोड़ा पकने और निकालने से पहले करीबन 12 मिनट तक भाप में पका लीजिये।
भारतीय निम्बू का अचार
यदि आपको अचार पसंद है तो इस रेसिपी को एक बार आजमाकर देखिये। भारतीय अचार बनाने के लिए, आपको करीबन एक किलो छोटे निम्बू, चार बड़े चम्मच नमक, तीन बड़े चम्मच हल्दी पाउडर, एक बड़ा चम्मच सफेद विनेगर, एक कप जैतून का तेल, एक बड़ा चम्मच हींग पाउडर, आधा कप सरसो के बीज, 1/4 कप कुचल मेथी के बीज, और दो बड़े चम्मच कैयेन मिर्च की आवश्यकता होगी।
इसे बनाने के लिए, प्रत्येक निम्बू को आठ भागो में काट लीजिये और निम्बू, हल्दी, नमक और विनेगर को एक किण्वन पोत में डाल लीजिये और अच्छे से मिलाइये। अब, अब इसे एक तोलिये से ढक दीजिये या एक एयरलॉक से बंद कर दीजिये और एक महीने के लिए किण्वित होने के लिए छोड़ दीजिये। उसके बाद, सरसो के बीज को भूनिये और जब ठंडा हो जाये तो इसे पाउडरो, हींग और मिर्ची के साथ पोत में डाल दीजिये। अब इसे एक हवाबंद जार में डालने और जमने के लिए रखने से पहले इसे आधे महीने के लिए छोड़ दीजिये।
क्लासिक मसाला डोसा रेसिपी
शायद आप नहीं जानते है लेकिन मसाला डोसा प्रोबिओटिक्स के बहुत अच्छे साधन है। इसे बनाने के लिए, आपको दो कप छोटे दानेदार चावल, आधा कप बिना छिलके की काली दाल, एक चम्मच मेथी के दाने, आधा चम्मच नमक, थोड़ा तेल, तीन बड़ी चम्मच घी, एक चम्मच जीरा, दो सुखी लाल मिर्च, एक प्याज, आधा चम्मच नमक, आधा चम्मच हल्दी, एक चुटकी हींग, एक बड़ा चम्मच अदरक बारीक़ पिसा हुआ, आठ कढ़ी पत्ता, चार लहसुन की कली पीसी हुयी, दो हरी मिर्च कटी हुयी, डेढ़ पौंड फ्लेशड आलू और आधा कप कटी होती धनिया।
डोसा बनाने के लिए, सबसे पहले, चावल को एक कटोरे में डालिये, इसे ठन्डे पानी में भिगोइये और दूसरे कटोरे में दाल और मेथी दाने को भिगोने से पहले इसे अच्छे से धो लीजिये, उसके बाद इसे भी पानी में भिगोइये और अच्छे से धो लीजिये। अब दोनों को 6 घंटो के लिए भिगो कर रख दीजिये, और उसके बाद दोनों मिश्रणो और चावलों को एक फ़ूड प्रोसेसर में डाल कर अच्छे से ब्लेंड कर लीजिये। अब, इसमें एक कप पानी और मिलाइये और 10 मिनट तक अच्छ से ब्लेंड कीजिये। अब दूसरे मिश्रण के साथ भी यही प्रक्रिया दोहराइये और दोनों मिश्रणो को मिलकर 6 कप का गाढ़ा बेटर तैयार कीजिये। इसमें नमक जोड़ने और जमने के लिए एक तोलिये से ढकिये और आठ घंटे के लिए किण्वित होने के लिए छोड़ दीजिये।
उसके बाद, घी को गरम कीजिये और इसमें मिर्च और प्याज डालने से पहले, सरसो और जीरा दाने डालिये। अब इसे हिलाते हुए पांच मिनट तक पकाइये और फिर इसके बाद इसमें नमक डालिये और उसके बाद, अदरक, करी पत्ता, लहसुन, हरी मिर्चऔर हल्दी डालिये। अब इसमें पानी और आलू मिलाइये, पांच मिनट तक हिलाते हुए पकाइये, और इसमें नमक और धनिये डालते हुए अच्छे से मैश कीजिये और एक तरफ रख दीजिये। उसके बाद, अब एक ग्रिडले लीजिये और इसपर तेल लगाइये और इसपर 1/4 भाग बेटर डालकर फैलाइये। अब इसके ऊपर से तेल छिडकिये और निकलने से पहले इसे अच्छे से पकने दीजिये, अब इसमें आधा कप स्टफ्फिंग डालिये और डोसा को चारो और से मोड़ दीजिये।
फर्मेन्टेड एप्पल रेसिपी
किण्वित सेब बनाने के लिए, आपको चार कप कटे हुए सेब, एक चम्मच नमक, आधा चम्मच तजा मट्ठा, अंकुरित बादाम, किशमिश, मेडजूल खजूर, कुछ ताजा मिंट और कुछ वनीला बीन्स की आवश्यकता होगी।
इसे बनाने के लिए, सबसे पहले, सेबो को काटिये और इसमें सभी समग्रिया मिलकर इन्हे अच्छे से मिला लीजिये। अब, इन सभी एक किण्वन पोत में निकल लीजिये, इसमें कुछ साफ पानी डालिये और शीर्ष से कुछ एक इंच तक जगह छोड़ दीजिये और इसे अच्छे से बंद कर दीजिये। इसे एक दिन या दो दिन के लिए छोड़ दीजिये, और, एक बार जब ये हल्का चटपटा हो जाये लेकिन एक सशक्त सुगंध के साथ बहुत ज्यादा खट्टा नहीं, आप इसे जमने के लिए रख सकते है और इसे बाद में खा सकते है।
मसाला मटर रेसिपी
मसाला मटर भारत की एक ओर उत्तम रेसिपी है जो न केवल स्वादिष्ट है बल्कि इसे तुरंत और सरलता से बनाया जा सकता है। इसे बनाने के लिए, आपको एक कप हरा मटर, एक चम्मच नमक, दो टमाटर, एक चम्मच हल्दी पाउडर, एक चम्मच धनिया पाउडर, आधा चम्मच लाल मिर्च पाउडर, 1/4 कप दही, दो चम्मच कनोला तेल, आधा चम्मच जीरा, एक करी पत्ता, आधा कप लाल प्याज, दो हरी मिर्च, 1/4 चम्मच गरम मसाला, चार लहसुन की कलिया, और दो बड़ी चम्मच कटा हुआ धनिया की आवश्यकता होती है।
इसे बनाने के लिए, सबसे पहले प्याज, मिर्च और लहसुन का अच्छे से पेस्ट बना लीजिये और उसके बाद दो बड़ा चम्मच तेल गर्म कीजिये। अब इसमें करी पत्ता और जीरा डालिये और इसे एक मिनट तक फ्राई कीजिये और इसमें पेस्ट डालिये। अब इसे छह मिनट तक फ्राई कीजिये और उसके बाद इसमें हल्दी और लाल मिर्च डालिये और इसे करीबन एक मिनट ओर पकाइये।
अब, इसमें टमाटर का पेस्ट, नमक, हल्दी डालिये और तब तक फ्राई कीजिये जब तक तेल साइड से निकलने न लगे। एक बार जब यह हो जाये तो इसे ठंडा होने दीजिये और इसमें दही डालिये और अच्छे से मिलाने के बाद पुनः आंच पर गर्म होने के लिए रखिये। उसके बाद, इसमें आधा कप पानी और मटर डालिये, और इसे पांच मिनट तक उबलने दीजिये। अंत में, इसमें गर्म मसाला डालिये और अच्छे से मिलाइये, और इसे गर्मागर्म गार्निश करके परोसिये।
पनीर रेसिपी
पनीर भारतीय चीज़ है और इसका उपयोग विभिन्न स्वादिस्ट रेसिपीयो में किया जाता है। आज, आप इसे बाजार से खरीद सकते है लेकिन सबसे अच्छा यही होता है कि आप इसे घर पर ही बनाये। इसे बनाने के लिए, आपको डेढ़ लीटर अच्छे गाढ़े दूध और तीन चम्मच विनेगर की आवश्यकता होगी।
इसे बनाने के लिए, आपको सबसे पहले दूध को एक पोट में दाल लेना है और इसे मध्यम आंच में उबालना है। ऐसा करते समय, एक कटोरे के ऊपर एक कोलंडर डालें और मट्ठा इकट्ठा करें। अब, इसके ऊपर एक मलमल का कपड़ा रखें। एक बार जब दूध गर्म हो जाये तो इसमें विनेगर डालें और इसे आंच से हटा ले। अच्छे से हिलाइये जब तक दूध फैट न जाये और, अधिक पकने से रोकने के लिए इसमें ठंडा पानी डाले और पनीर और मट्ठे को कोलंडर में निकल लीजिये।
अब, इसे धो ले, और इसके चारो और कपडे को अच्छे से लपेट के इसमें से अतिरिक्त जल को दबाकर निकल लीजिये। उसके बाद, इसमें एक अच्छी सी गाँठ लगाइये और इसे एक आधे घंटे के लिए तंग दीजिये, गाँठ को खोलने से पहले इसे एक लकड़ी के फत्ते पर रख लीजिये। कपडा हटाने से पहले कोई भरी कस्तु रखकर इसे दबाइये, तीन घंटे के बाद इसका कपडा हटाइये और इसे पनीर के आकार में काट लीजिये। अंत में, इसे ठंडा रखे या जमा ले और जब अवशता हो उपयोग करे।
खमण ढोकला रेसिपी
खमण ढोकला एक ओर भारत की आकर्षक और साथ साथ लाभदायी रेसिपी है। इस सरल लेकिन स्वादिस्ट रेसिपी को बनाने के लिए, आपको एक कप बेसन, एक चम्मच चीनी, एक चम्मच नमक, एक चम्मच रिफाइंड तेल, एक चम्मच सरसों के बीज, डेढ़ कप पानी, एक पूरा और 1/3 चम्मच नींबू का रस, 3/4 चम्मच बेकिंग सोडा और पंद्रह करी पत्ते की आवश्यकता होगी।
इसे बनाने के लिए, एक कटोरा लीजिये और इसमें बेसन, पानी, नमक, बेकिंग सोडा और निम्बू का रस डालिये और इसे अच्छे से मिलाइये। अब, इसे 2 घंटे के किण्वित होने के लिए छोड़ दीजिये और उबले हुए जल को स्ट्रीमर में रखिये और बर्तन पर अच्छे से तेल लगाइये। उसके बाद, अब ढोकला के बटेर को बर्तन पर रखिये और इसे ठंडा करके टुकड़ो में काटने से पहले 20 मिनट तक अच्छे से पकाइये।
उसके बाद, दूसरे पैन में तेल को गर्म कीजिये और इसमें करी पत्ते, सरसो के बीज, हरी मीर्च डालिये, फिर आधा कप पानी डालकर अच्छे से उबालिये। तीन बार उबलने के बाद, इसमें चीनी और धनिया पत्ते डालिये और फिर इसमें आधा निम्बू निचोडिये। बाद में, इसे आंच से हटा लीजिये और तड़के को ढोकले के ऊपर डालें और इसे कटोरे में रखने या परोसने से पहले इस पर नारियल पाउडर छिड़किये।
प्रोबायोटिक पेय जिन्हे आप घर पर ही बना सकते हैं
कांजी रेसिपी
यह भारतीय पेय बनाने के लिए, आपको एक बड़ा चम्मच कुचल भूरे सरसों के बीज, पांच बड़े छिले हुए गाजर, एक छिला हुआ चुकंदर, सात कप साफ फ़िल्टर पानी और एक बड़ा चम्मच समुंद्री नमक की आवश्यकता होगी।
इसे बनाने के लिए, बीजो को पीसिये और, गाजर और चुकंदर दोनों को लम्बे लम्बे टुकड़ो में काट लीजिये। अब सभी सामग्रियों को एक जार में इकठा कर लीजिये और इसे टाइट बंद करने से पहले इसे अच्छे से मिला लीजिये। इसे दिन में दो तीन बार अच्छे से हिलाते हुए एक सप्ताह के लिए रख दीजिये और जब इसमें चटपटा स्वाद आ जाये, तब इसे छान लीजिये और इसमें से अचार को बाद में खाने के लिए अलग रख दीजिये। पेय को ठंडा होने के लिए रख दीजिये और इसे ठंडा ठंडा पीजिये।
केफिर बादाम दूध रेसिपी
पेय में, केफिर बादाम दूध सबसे स्वादिष्ट और सबसे अधिक पौष्टिक प्रोबायोटिक पेय है। इसे बनाने के लिए, आपको सात कप पानी, एक कप कच्चे बादाम, एक चुटकी नमक, एक चम्मच प्रोबायोटिक पाउडर, कुछ तरल स्टेविआ, और एक चम्मच निम्बू का रस या एप्पल साइडर विनेगर की आवश्यकता होगी।
इसे बनाने के लिए, सबसे पहले, बादाम को सामान्य तापमान में नमक और निम्बूका रस डालकर, किचन तोलिये से ढककर 12 घंटो के लिए भिगोकर रख दीजिये। अब, पानी को निकल लीजिये, और बादाम को एक ब्लेंडर में डालने से पहले इसे अच्छे से धो लीजिये और एक मिनट तक इसे अच्छे से ब्लेंड कीजिये। उसके बाद, दूध को छान लीजिये, और बादाम के साथ इसे एक कटोरे में डालिये, और मिश्रण में प्रोबायोटिक पाउडर डालकर अच्छे से हिलाइये।
उसके बाद, कटोरे को कपडे से ढक दीजिये और इसे चौदह घंटो के लिए रख दीजिये। इसके बाद, इसकी मोती परैत को हटाइये और एक कप अलग करके शेष को अच्छे से छान लीजिये। अंत में, तैयार किये गए दूध को मीठापन देने के लिए इसमें थोड़ा शहद या स्टेविआ डालिये और यह तैयार है।
मसाला छास रेसिपी
यह पेय बड़ी तीव्रता और सरलता से बनाया जा सकता है और इसमें प्रोबायोटिक की मात्रा बहुत अधिक होती है। इसे बनाने के लिए, आपको एक कप सामान्य दही, दो कप पानी, एक हरी मिर्च, आधा-इंच अदरक, एक बड़ी चम्मच धनिया, आधा चम्मच धनिया पाउडर, आधा चम्मच काला नमक, 1/4 चममच नमक, और 1/4 चम्मच चाट मसाला की आवश्यकता होगी।
इसे बनाने के लिए, सबसे पहले एक ब्लेंडर में दही, पानी, हरी मिर्च और अदरक डालकर अच्छे से ब्लेंड कीजिये। अब, बाकि की सामग्रियों को इसमें डालिये और फिर दोबारा अच्छे से कुछ समय के लिए ब्लेंड कीजिये, और उसके बाद इसे गिलासो में निकाल लीजिये। अंत में इसे धनिये या पुदीने से गार्निश कीजिये और ठंडा ठंडा पेश कीजिये।
प्रोबायोटिक के सेवन के लिए कुछ समान्य सलाहें
प्रोबायोटिक सप्लीमेंट लेने के बारे में सोच रहे है? चयन करने से पहले इन बातो को अवश्य ध्यान में रखिये
इनकी जांच उतने अच्छे से नहीं की जाती है जितनी अच्छे से दवाइयों की करी जाती है और इसीलिए हम आपको एक्सपायरी डेट पर ध्यान देने की सलाह देते है
आमतौर पर प्रोबायोटिक सुरक्षित होते है और इसीलिए नियमित रूप से इनका परीक्षण नहीं होता है। ये पूरक आहार होते है जिनमे बैक्टीरिया और यीस्ट होते है जो स्वस्थ्य के लिए लाभदायी होते है। विभिन्न शोधो से यह पता चलता है कि प्रोबायोटिक्स पाचन में सहायता कर सकते हैं और साथ ही आंत के स्वास्थ्य को बनाए रखने में भी मदद कर सकते हैं, लेकिन इनके प्रभावों को अस्पष्ट रूप से बताया गया है, और इसलिए इनका ठीक से परीक्षण नहीं किया गया है।
इसके आलावा, प्रोबायोटिक सप्लीमेंट खरीदने समय, आपको इसकी एक्सपायरी डेट देख लेनी चाहिए। ऐसा इसलिए क्योकि सुप्प्लिमेंट के कुछ तत्व उत्पाद के समापन तिथि के तुरंत बाद ही नष्ट हो जाते है और अधिक प्रभावशाली नहीं रहते है। साथ ही, इनके उत्पादन के बाद जितना जल्दी आप इनका उपयोग करेंगे, उतना अधिक ये आपके लिए लाभदायी होते है।
विभिन्न प्रकार के लाभदायी बेक्टरीआ युक्त प्रोबायोटिक का चयन करे
ऐसा प्रोबायोटिक ढूंढिए जिसमे विभिन्न प्रकार के बैक्टीरिया की एक लम्बी श्रृंखला मौजूद हो। किसी भी प्रोबायोटिक का सेवन करने से पहले यह सुनिश्चित कर लीजिए कि आपके द्वारा चुने गए प्रोबायोटिक में मुख्यत ये पांच प्रोबिओटिक मौजूद हो। इन पांचो में से एक है लैक्टोबैसिलस प्लांटरूम, जिसमे कुछ विशेष एंटीऑक्सीडेंट गतिविधिया है और साथ ही यह रोग प्रिरोधक क्षमता को बनाये रखने में सहायता करते है और हानिकारक टॉक्सिक से लड़कर, शरीर को स्वस्थ और अच्छा बनाये रखने में सहायता करता है। दूसरा बैक्टीरिया है लैक्टोबैसिलस एसिडोफिलस। यह आमतौर पर डेयरी उत्पादों में पाया जाता है और यह वजन और कोलेस्ट्रॉल को कम करने में सहायता करता है।
इसके आलावा, तीसरा है लैक्टोबैसिलस ब्रेविस जो दस्त के उपचार में सहायता करता है और कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकता है। चौथा है बैक्टीरियम, बिफिडोबक्टेरियम लैक्टिस बढ़ते कैंसर से लड़ता है, पाचन को बेहतर बनता है और रोग प्रतिरोधक कार्य प्रणाली को बेहतर बनाने में सहायता करता है। अंतिम महत्वपूर्ण बैक्टीरिया है बिफिडोबक्टेरियम लोंगम जो सूजन को कम करने में सहायता करता है और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल रोग को कम करने में बहुत प्रभावी है।
इनके दुष्प्रभाव हो सकते हैं और यह सबके लिए अच्छा नहीं होता है
शुरुवात में, जब लोग प्रोबायोटिक का सेवन शुरू करते है, वे गैस, सूजन, कब्ज या प्यास में बढ़ोतरी को महसूस करते है। हलाकि, ये हल्के लक्षण होते हैं और आमतौर पर प्रोबायोटिक्स लेने के कुछ दिनों या सप्ताहों के अंदर ही दूर हो जाते हैं। साथ ही, क्योकि प्रोबायोटिक सब पर एक समान कार्य नहीं करते है, ये संभवतः कुछ लोगो के लिए हानिकारक हो सकते है। अनेक अध्यनो से यह पता चलता है कि रोग प्रतिरोधक क्षमता और अन्य गंभीर स्वस्थ्य समस्या से ग्रसित लोगो को बिना चिकित्सक से सलाह किये बिना प्रोबायोटिक के सेवन को नजरअंदाज ही करना चाहिए क्योकि इनसे संक्रमण, ऐंठन, दस्त, और स्मृति समस्याएं आदि कि समस्या हो सकती है।
इन सभी समस्या के साथ साथ, कीमोथेरेपी, इम्यूनोथेरेपी और रेडियोथेरेपी आदि से गुजरने वाले लोगो को भी इनका उपयोग नहीं करना चाहिए क्योकि ये उनके लिए हानिकारक हो सकते है। इसके आलावा, कुछ लोग प्रोबायोटिक सप्लीमेंट्स में इस्तेमाल होने वाले अवयवों या प्रोबायोटिक खाद्य पदार्थों में प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले अमीनों आदि अच्छा नहीं भी लग सकते हैं। इसीलिए, यदि आप किसी मेडिकल समस्या से ग्रसित है तो आपको अपने चिकित्सक से चर्चा कर लेना चाहिए।
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अधिक मात्रा में न खाएं
हम आशा करते हैं कि आपने पूरा पैराग्राफ पढ़ा होगा और इसने आपकी मदद की होगी। अपने स्वास्थ्य के लिए अधिकांश लाभ प्राप्त करने के लिए नियमित रूप से इन प्रोबायोटिक्स भोजन को खाते रहें। याद रखें कि इन खाद्य पदार्थों को अधिक मात्रा में न खाएं क्योंकि इससे आपके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है।