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भारतीय मिठाइयां क्यों है खास ?

विविधता।

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जब बात खाने की आती है तो भारतीय खाना अपनी विविधता के कारण समूचे विश्व के व्यंजनों को मात देकर आगे निकल जाता है। तभी तो भारतीय मिठाईया के प्रकारभी इतने है कि देखने भर से ही आपके मुँह में पानी आ जाये। भारतीय मिठाइयां स्वाद,बनावट और फ्लेवर में भिन्न होती हैं। कुछ मिठाइयां नरम व स्पंजी है तो कुछ कुरकुरी और कठोर। वहीं स्वाद में कुछ मिठाइयां सिरप के वजह से बहुत मीठी ,तो कुछ हल्की मीठी होती है। यहां तक कि कुछ मिठाइयों के स्वाद में हल्का सा तीखापन भी महसूस होता है।उदाहरण के लिए, सबसे पहला हमारे पास सिरप में डूबा हुआ रसगुल्ला है, जो मीठा और स्पंजी होता है ,दूसरी हमारी टेढ़ी मेढ़ी जलेबी है जो कुरकुरी ,चिपचिपी होने के साथ मीठी भी होती है।,तीसरी है हमारी खीर जो असल में सेमी लिक्विड राइस है यह सुगंधित और मलाईदार होती है चौथा है गाजरा का हलवा जो देखने में खुरदरा सा होता है पर स्वाद में मीठा और नट्स से भरा। ये सिर्फ चार हैं जिनका हमने उल्लेख किया हैं । ऐसी अनेक मिठाइयां है। खास बात है कि प्रत्येक मिठाई का स्वाद और बनावट एक दूसरे से बिल्कुल अलग होता है ।

सांस्कृतिक कारक।

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भारत के हर क्षेत्र की अपनी विशेष पारम्परिक मिठाई है। देश के प्रत्येक भाग की मिठाइयो एक दूसरे से अलग होती हैं।
इसके पीछे कई कारण हो सकते है कि जैसे मिठाई को स्थानीय रूप से उपलब्ध सामग्री का उपयोग करके तैयार किया जाना लवायु अंतर का प्रभाव और सांस्कृतिक कारक जो कहीं न कहीं पहले बताए गए कारकों पर निर्भर करते है। इसलिए उत्तरी और पश्चिमी भारत के मिष्ठान स्वाद में धनी होते हैं क्योकि इनको अनाज , सूखे मेवे ,शुद्ध दूध और निश्चित रूप से घी या मक्खन का इस्तेमाल करके बनाया जाता हैं। सफ्रॉन को फ्लेवर और रंग के लिए डाला जाता है ।पूर्वी भारत में, मुख्य रूप से मिठाइयाँ दूध और उसके उत्पादों से ही बनी होती है।कुछ में सौंफ और इलायची डाली जाती है।तो कुछ क्षेत्र की मिठाइयों में चावल मेन इंग्रीडिएंट होता है।दक्षिण की ओर रुख करे तो नारियल, फल जैसे केला ,चावल और बेशक दूध आम सामग्री है। वहीं इस्लाम प्रधान स्थान हैदराबाद और मैसूर जैसे शहरों की मिठाइयाँ में मुगल प्रभाव देखा जा सकता हैं।


जितनी मिठाई उतने बनाने के तरीके।

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मिठाई जितनी ज्यादा है उनको बनाने के तरीके भी उतने ही अधिक है। कुछ मिठाई जैसे रबड़ी बहुत जल्दी बन जाती है तो वही कुछ मिठाई जैसे सोनपापड़ी को बनाने में काफी मशक्क्त करनी पड़ती है। मिठाइयों को विभिन्न तरीकों का उपयोग करके तैयार किया जाता है। तीन मिठाई जैसे जलेबी गुलाब जामुन, शाही टुकडा, बालूशाही, घेवर अधिक तेल पिने वाले मिष्ठान हैं। वहीं मालपुआ और बंगाली पटिशप पैन फ्राइड हैं। रसगुल्ला उबाल कर बनाया जाता है, बर्फी ,संदेशऔर लड्डूओं को पहले कढ़ाई में भुना जाता है और फिर बॉल बनाई जाती है या काटा जाता है। कुछ मिठाई बहुत ही गुलगुली और सॉफ्ट होती है जैसे आगरा का मशहूर पेठा। कभी-कभी गुड़ का उपयोग स्वीटनर या चीनी सिरप के रूप में किया जाता है। खीरनी, खीर और पोंगल को कम आंच पर सभी सामग्रियों को उबालकर क्रीमी बनाया जाता है। फ्लेवर के लिए इलायची, गुलाब जल, केसर, वेनिला, नारियल और काजू का इस्तेमाल किया जा सकता है । पीस्ता बीज, तिल, विभिन्न नट्स जैसे बादाम, पिस्ता, काजू और सूखे मेवे का उपयोग सजाने और टेस्ट बढ़ाने के लिए किया जाता है ।

10 स्वादिष्ट भारतीय डेसर्ट |

गुलाब जामुन |

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गुलाब जामुन ऐसी भारतीय मिठाई है जो दुनिया भर के लोगो द्वारा पसंद की जाती है। हम यकीनन ऐसा कह सकते हैं कि यह सबसे लोकप्रिय भारतीय डेसर्ट में से एक है।

  • स्वादिष्ट गोल आकर की मिठाई को खोया जो दूध को काढ़कर प्राप्त होने वाला पदार्थ है
  • मैदा या ऑल-पर्पज आटा और थोड़े दूध को मिलाकर बनाई जाती है
  • स्वाद में इजाफा करने के लिए कुछ लोग इलायची पाउडर और कुछ लोग गुलाब जल भी मिलाते हैं।
  • अब इन सब मिश्रण से तैयार आटे की छोटी छोटी बॉल बनाकर उनको डीप फ्राई किया जाता है
  • और अंत में 15 से 20 मिनट के लिए चीनी के सिरप में डूबा कर छोड़ दिया जाता है ।
  • रिजल्ट होता है मुँह में डालते ही घुल जाने वाला सुगंधित और लाजवाब रसगुल्ला।

भारत में लगभग सभी मिठाई की दुकानो पर गुलाब जामुन आसानी से मिल जाता है।आप चाहे तो हल्दीराम के ऑनलाइन स्टोर से स्वादिष्ट गुलाब जामुन का एक टिन खरीदें। एक किलो की इस टिन के डब्बे में आपको 12 गुलाब जामुन के पीस मिलते है। वो भी केवल 210 रूपए में।

रसगुल्ला |

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रसगुल्ला का जन्म पश्चिम बंगाल में हुआ था । कहा जाता है कि मशहूर मिठाई की दुकान के मालिक " एन सी दास " ने पहली बार रसगुल्ला बनाया था। यह मिठाई देखने और बनाने में जितनी सरल है खाने में उतनी ही स्वादिष्ट है।

  • आपको इसे तैयार करने के लिए मात्र तीन सामग्री की आवश्यकता पड़ती है।
  • रसगुल्ला या रोशोगोल्ला जिस तरह बंगाली लोग इसका उच्चारण करते है
  • बनाने के लिए आपको छेना एक प्रकार का पनीर और मैदा या ऑल पर्पज आटे को मिलकर नरम आटा गुंथना होता है।
  • फिर इस आटे की छोटी छोटी गेंद या 'गोलस' के आकार की लोई बनाकर चीनी की चाशनी में डाल दी जाती है ।
  • इसके आलावा किसी ओर इंग्रीडेंट की कोई जरूरत नहीं पड़ती है।
  • है न आसान ?इस मिठाई की सादगी ही इसे सबसे खास और मजेदार बनाती है।
  • यह एक भारी भोजन करने के बाद खाने के लिए एकदम परफेक्ट है
  • क्योंकि ये बाकि मिठाइयों की तरह बहुत हैवी न होकर बस थोड़ी सा मीठा और स्पंजी है।

आप किसी भी बंगाली स्वीट शॉप से रसगुल्ला खरीद सकते हैं।हालाँकि कोलकाता में स्थित एक के.सी. दास नामक विश्व प्रसिद्ध मिठाई की दुकान है।आप अगर वहां नहीं जा सकते है तो फिर बिग बास्केट से उनका बनाये रसगुल्ले खरीदा सकते है ।एक 900 ग्राम के टिन के डब्बे में आपको 20 पीस रसगुल्ले मिलते है । ऐसे ही दो टिन की कीमत मात्र 556 रूपए है।

कुल्फी |

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भारतीय कुल्फी आइसक्रीम के बराबर है। यह मिठाई मुगल युग के दौरान लोकप्रियता में आई।यह सुगंधित होने के साथ क्रीमी भी होती है । कुल्फी कई तरह के फ्लेवर की हो सकती है। लेकिन पारम्परिक कुल्फी में केसर पिस्ता ,रोज ,इलाइची ,आम आदि शामिल है।

  • कुल्फी बनाने के लिए दूध को किसी मोटे तले वाले बर्तन में उबाल कर गाढ़ा किया जाता है।
  • फिर इस गाढ़े दूध में फ्लेवर ऐड करके इसको ठंडा किया जाता है।
  • आइसक्रीम की तरह कुल्फी को फेंटने की जरूरत नहीं होती है ।
  • इसके बाद इस सुगंधित दूध को सांचों में डालकर फ्रिज में जमने के लिए छोड़ दिया जाता है

मुगल युग में जब रेफरिजरेसन सिस्टम नहीं हुआ करता था तो कुल्फी को हिमालय के क्षेत्रों में पाए जाने वाले लवण, गंदी बर्फ और प्राकृतिक बर्फ का उपयोग करके तैयार किया जाता था।परन्तु आज के इस आधुनिक दौर में कुल्फी को बाजार में उपलब्ध कुल्फी मिक्सचर का प्रयोग करके झटपट बनाया जा सकता हैं।तो फिर सोचना कैसा ? अमेज़न पर मिल रहे 100 ग्राम केसर कुल्फी डेजर्ट मिक्स को आर्डर करने में देरी न करे। इसका मूल्य है केवल 80 रूपए।

जलेबी।

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यदि एक मिठाई को चुना जाये जो नाश्ते में खाने के लिए बेस्ट हो तो वो है हमेशा से लोकप्रिय रही जलेबी। यह स्वादिष्ट टेढ़ी मेढ़ी आकार की मिठाई चावल के फर्मेन्टेड घोल और चीनी की चाशनी से बनी होती है।इसकी शेप को बनाना थोड़ा कठिन होता हैं।

  • लेकिन एक बार जब आपने बनाना शुरू कर दिया तो फिर काफी आसान है।
  • बैटर को तेल में तलकर कुछ मिनटों के लिए चीनी की चाशनी में भिगने के लिए छोड़ दिया जाता है।
  • और फिर चाशनी में से निकाल कर ड्राई होने के लिए बाहर रख दिया जाता है।
  • यह मिठाई कुरकुरी, छिद्रपूर्ण और मीठी लगती है।
  • आप ग्राउंड राइस पाउडर का उपयोग करके खरोंच से बैटर बना सकते हैं

या फिर आप चाहे तो रेडीमेड जलेबी मिक्स ऑनलाइन भी प्राप्त कर सकते हैं।आज ही अमेज़न से एनबीके जलेबी मिक्स खरीदें ।एक 200 ग्राम पैक की कीमत 80 रूपए है।यह मिठाई पूर्णतय: शाकाहारी है और इसमें कोई प्रेज़रवेटिव भी ऐड नहीं किये गए है।

गाजर का हलवा |

गाजर का हलवा मुख्य रूप से नार्थ इंडिया डेजर्ट है जिसको गाजर कद्दूकस करके बनाया जाता है।गाजर के हलवे को लोग सर्दियों में बड़े चाव से खाना पसंद करते है।सब्जियों से बनाये जाने के कारण इसको काफी हेल्दी होना चाहिए था। पर ऐसा नहीं है क्योंकि इसमें घी ,मक्खन, खोया या पूर्ण वसा वाले दूध के ठोस पदार्थ और चीनी की उदार मात्रा शामिल होती है। लेकिन स्वास्थ्य की चिंता भला किसको पड़ी होती है जब आँखों के सामने लजीज मिठाई हो।हालंकि नट्स इसकी पौष्टिक को बढ़ाने का काम करते हैं

  • इस हलवे को बनाने के लिए कसी हुई गाजर को घी में तब तक पकाये जब तक हलवा पूरा पानी न सोख ले।
  • फ्लवेर के लिए इलायची पाउडर के साथ बाकी सामग्री मिलाएं।
  • स्वाद के लिए पिस्ता, बादाम और काजू जैसे कटे हुए मेवे डाले।
  • परिणाम में आपको मिलता है एक स्वादिष्ट और क्रंची मिश्रण।
  • जो लोग गाजर खाना पसंद नहीं करते है यह मिठाई उनको भी गाजर का फैन बना देती है।

आप आलसी है और घर में गाजर के हलवे को बनाने की मेहनत से बचना चाहते है तो फिर आप नैवेद्य से रेडी टू ईट वर्जन खरीदें। एक 120 एफएम पैक की कीमत मात्र 210 रूपए है।

खीर |

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खीर कुछ मसाले और अतिरिक्त स्वाद के साथ राइस पुडिंग का इंडियन वर्जन है।

  • दूध में अधपके चावल डालकर उबालने से खीर तैयार होती है।
  • मिठास के लिए चीनी या गुड़ का उपयोग किया जाता है।
  • इलायची पाउडर को स्वाद के लिए ऐड किया जाता है और कभी कभी गुलाब या केवड़े वाला पानी भी।
  • आप इच्छानुसार अपनी खीर में सूखे मेवे मिला सकते हैं।
  • आमतौर पर इस्तेमाल किये जाने वाले सूखी फल सुल्ताना, किशमिश, सूखे अंजीर में से ही होते हैं।
  • काफी लोग तो काजू, पिस्ता और बादाम वाली खीर खाना पसंद करते है।
  • इस मिठाई की ख़ासियत यह है कि इसेे अपने बजट और टेस्ट के अनुसार सरल या विस्तृत करना अपने हाथ में है ।
  • आप सिर्फ एक किस्म के ड्राई फ्रूट या नट्स का भी यूज कर सकते हैं।
  • सुगंधित इलायची वाली खीर को चावल के बजाय जवे या सेवइयां और गाढ़े दूध का उपयोग करके भी बनाया जा सकता है।
  • अगर आप ज्यादा मीठा खाने से परहेज करते है तो आप गुड़ या चीनी के स्थान पर कंडेंस्ड मिल्क का प्रयोग कर सकते है
  • क्योंकि इसमें गाढ़ापन होने के साथ हल्की सी मिठास भी होती है ।

आप अमेज़न से बनी बनाई त्रिगुनि ईज़ राइस खीर भी खरीद सकते हैं जिसकी कीमत 65 रूपए है ।

मैसूर पाक |

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मैसूर पाक एक मीठा व्यंजन है जिसकी उत्पत्ति दक्षिण में स्थित कर्नाटक राज्य से हुई थी। यह एक समृद्ध मिठाई है

  • बेसन ,ग्राम फ्लावर, घी और चीनी सिरप को एक साथ धीमी आंच पर धीरे-धीरे मिलाकर गाढ़ा होने तक पकाया जाता है।
  • आप अतिरिक्त स्वाद के लिए इलायची पाउडर या केसर को ऐड कर सकते है।
  • हर सामग्री का सही मात्रा में इस्तेमाल किया जाना परफेक्ट कंसिस्टेंसी प्राप्त करने का सबसे सफल तरीका है।
  • जब मिश्रण पूरी तरह से गाढ़ा हो जाये इसे एक ट्रे पर फैलाएं और ध्यान रखे कि यह कुछ इंच मोटा जरूर रहे।
  • ठंडा और जमने के बाद इसको टुकड़ों में काट ले।

जिसे मैसूर पाक फ्लेवर ऑफ माय सिटी वेबसाइट पर ऑनलाइन उपलब्ध हैं। 250 ग्राम का यह पैक आपको केवल 255 रूपए मे मिलता है

रबड़ी |

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रबड़ी बेशक उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम के लोगों द्वारा समान रूप से पसंद की जाने वाली भारतीय मिठाई हैं। रबड़ी एक तरह से मलाई की परतों वाला मीठा दूध है।कभी-कभी इलायची, केसर और बारीक कटे हुए पिस्ता को स्वाद में इजाफा करने के लिए प्रयोग किया जाता है।

  • रबड़ी को घर पर तैयार करने के लिए आपको थोड़ा समय, धैर्य और अच्छा पूर्ण वसा वाला दूध चाहिए।
  • दूध को जलने से रोकने के लिए आपको भारी तले के बर्तन की भी आवश्यकता होती है।
  • इस स्वादिष्ट मिठाई को बनाने के लिए आपको दूध को तब तक उबालते रहना है जब तक सतह पर वसा की परतें न जमने लगे।
  • रबड़ी का असली मजा ठंडा करके खाने में है।
  • इस मनोरम मिठाई में आप अपनी पसंदानुसार सूखे मेवों का उपयोग भी कर सकते है।

लड्डू |

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लड्डू भारत में विभिन्न स्थानों पर बनाई जाने वाली गोल आकार की मिठाइयाँ के लिए प्रयोग किये जाने वाला सामान्य शब्द हैं।

  • लड्डू को बेसन या मैदा, चने के आटे या साबुत गेहूं के आटे, नारियल या तिल , सूजी और यहां तक कि चावल का प्रयोग करके भी बनाया जाता है।
  • हर तरफ के लड्डू का स्वाद एक दूसरे से काफी अलग होता है।
  • वही कुछ लड्डू दूसरे की तुलना में अधिक पौष्टिक होते है।
  • घी का उपयोग अधिकतर आटा आधारित लड्डू में होता है।
  • बाकि सभी लड्डू के लिए गुड़, चीनी की चाशनी और कभी-कभी दूध के ठोस पदार्थ या खोये का उपयोग किया जाता है।

लड्डूओं के बारे में अच्छी बात उनकी विविधता है।आप अपनी पसंद के अनुसार लड्डू के किस्म का चयन कर सकते है।यहाँ तक कि फिटनेस फ्रिक लोगो के लिए भी लड्डू मौजूद है।बाजार में मिठाई की दुकान पर आपको लड्डू का अलग से शेल्फ देखने को आसानी से मिल जाता हैं

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स्वास्थ्य के प्रति जागरूक लोगो के लिए हमारे पास यह स्वादिष्ट ब्लैक तिल लड्डू है।दो 100 ग्राम के पैकेट को अपना बनाने के लिए आपको केवल 120 रूपए खर्च करने होंगे।

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वही चटोरे लोगो के लिए उपलब्ध है खास 500 ग्राम बूंदी लड्डू का यह पैक।दोनों को आप प्लेसेस ऑफ़ ओरिजिन से खरीदें |

पूरन पोली |

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पूरन पोली देखने में तो मिठाई की तरह नहीं लगती है, लेकिन पूरन पोली की एक बाईट ही इसके मीठे होना का परिचय खुद-ब-खुद आपको दे देती है।यह खाने में बहुत ही स्वादिष्ट और मनोरम लगती है।यह मीठे भरवां पराठे की तरह लगने वाली डिश गुजरात और महाराष्ट्र के राज्यों में काफी लोकप्रिय है। पराठे की स्टफिंग महाराष्ट्र में अरहर या चना दाल का उपयोग करके तैयार की जाती है।वही दूसरी ओर गुजरात में तूर दाल या उड़द दाल का इस्तेमाल होता है।

  • बनाने की प्रक्रिया बहुत आसान है बिल्कुल एक पारंपरिक पराठे की तरह।
  • आटे को मैदा , नमक और घी का उपयोग करके गुंथा जाता है।
  • फिलिंग के लिए दाल, घी, चीनी या गुड़ को एक साथ मिलाकर पकाया जाता है।
  • जायफल, इलायची और सौंफ पाउडर को स्वादिष्ट बनाने के लिए मिलाया जाता है।
  • फिलिंग को ठंडा होने के बाद पराठे के बिच में भरकर तवे पर तेल या देशी घी में सेका जाता है।

इसको ज्यादातर लोग नाश्ते में मिठाई के तौर पर ,वही स्नैक या लंच या डिनर में अम्ती के साथ जो कि एक प्रकार की मराठी दाल का सूप है और काकड़ी ची कोशिंबिर, जो एक प्रकार की खीरे वाली सलाद है के साथ बड़े चाव से खाते है।

क्षेत्र विशेष मिठाई का स्वाद ले।

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यदि आप भारत घूमने का विचार कर रहे तो भारतीय मिठाइयों को चखना कतई न भूले। भारत में लगभग हर जगह की अपनी अलग प्रसिद्ध मिठाई है।हम दावे के साथ कह सकते है कि आपको ये बहुत पसंद आने वाली है।

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कुछ मीठा के साथ अपने भोजन की शुरुआत करें:

भारत में मीठा को शुभ माना जाता है। आप किसी को काम करने से पहले ऊपर दिए गए विकल्प में से अपने लिए एक मिठाई चुन सकते है और उससे खा कर अपने दिन की शुरुवात कर सकते है। अगर आप आपने खाने के साथ मिठाई लेना चाहते है तो अपने खाने की शुरुवात मिठाई से करे। इससे आप भूख से अधिक नहीं खाएंगे। अगर आप को खाना बनाना अच्छा लगता है तो आप ऊपर दिए गयी विधि से खुद भी बना सकते है और उससे अपने परिवार के साथ बैठकर खाये। इससे आपको २ फायदे मिलेंगे एक तो आपकी मेहनत के लिए आपको सरया जायेगा और दूसरा साथ खाने से प्यार बढ़ेगा।