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बिरयानी के बारे में कुछ तथ्य जो शायद आपको मालुम न हों ।
चाय और कॉफ़ी की तरह, बिरयानी नाम का ये अद्भुत पकवान भी पुरे भारत के अलग अलग प्रान्तों में भिन्न भिन्न पाक शैलियों और जायकों के कारण काफी प्रसिद्द है :- हालांकि इसके उद्गम के पुख्ता प्रमाण तो उपलब्ध नहीं हैं लेकिन अलग अलग मान्यताएं ज़रूर हैं| कुछ लोगों का मानना है की बिरयानी मुग़लों की देन है जिन्होंने इसे अपनी सेना के सैनिकों के लिए बनवाना शुरू किया था| युद्ध के दौरान ये ज़रूरी नहीं होता था की खाना बनाने के लिए उचित सामग्री उपलब्ध रहे इसलिए इसका इजाद हुआ क्यूंकि इसके लिए अपने साथ बस चावल और कुछ ज़रूरी मसालों को रखने की ज़रूरत पड़ती थी बाकी मांस के लिए जो मिल जाए उसे शामिल करके बिरयानी बनाई जा सकती थी| पर इस बात का तो प्रमाण नहीं है की मुग़लों ने वाकई में इसे इजाद किया इसलिए हो सकता है की बिरयानी उस समय से पहले भारत के बाहर के मुल्कों में बनाई जाती हो| कुछ का ये कहना है की भारत में जो पुलाव बनाया जाता था उसको ही मुग़लों के आने बाद बिरयानी कहा जाने लगा, ऐसा शायद इसलिए क्यूंकि पारसी भाषा में चावल को बिरिंज कहते हैं और बिरयानी बनाने में चावल का इस्तेमाल होता है|
खैर बिरयानी की कहानी चाहे जो भी हो लेकिन बिरयानी पुरे भारत में पसंद किया जाने वाला पकवान तो है :- दो प्रकार की बिरयानी होती है जिनमे एक को कहते हैं कच्ची बिरयानी जिसमे मांस को मसाले वगैरा में मिलाकर चावल के साथ पकाया जाता है, दूसरी होती है पक्की बिरयानी जिसमे मांस और चावल अलग अलग पकाए जाते हैं और फिर दोनों को साथ में एक देग में रखकर भाप में पकाया जाता है| फिर आती है अलग अलग पाक शैली जिसके मुताबिक बिरयानी का नाम पड़ता है जैसे लखनवी बिरयानी, हैदराबादी बिरयानी, दम बिरयानी (चावल और मांस को अलग अलग पकाने के बाद उन्हें एक देग में परतों में एकत्रित करके रखा जाता है फिर उस देग पर आटे की सहायता से ढक्कन को बन्द करके रखा जाता है जिससे इसकी भाप और खुशबु में पूरी बिरयानी एकसार हो जाती है) और मुंबई की तवा बिरयानी इत्यादि|
वैसे तो बिरयानी एक माँसाहारी पकवान है पर कई लोग इसका शाकाहारी विकल्प भी पसंद करते हैं :- जिसमे सोयाबीन की बड़ियाँ डाली जाती हैं| बिरयानी सिर्फ खाने का पकवान ही नहीं बल्कि अपनी ख़ुशी ज़ाहिर करने का, अपना स्नेह जताने का, कभी शर्त पूरी करने का और कभी तो घूस देने का भी जरिया बन जाती है|
हैदराबादी बिरयानी का इतिहास ।
हैदराबादी बिरयानी पारसी पाक शैली और भारत के मसालों के मिलन का एक अद्भुत प्रारूप है :- जिसकी शुरुआत अट्ठारवीं सदी मानी जाती है| इसे बनाने की प्रक्रिया हैदराबाद के निजामो की शाही रसोई में शुरू की गई और इसे बनाने में कुछ जड़ी बूटियों और उम्दा मसालों का इस्तेमाल बड़ी कुशलता से किया गया जिससे इसे अपनी विशिष्ठ खुशबु और स्वाद मिला|
बताया जाता है की किस प्रकार पुराने ज़माने मे :- लाल मांस, झींगा, मछली, मुर्गा, खरगोश या फिर हिरन से 50 विभिन्न प्रकार की बिरयानी बनाई जाती हैं| यहाँ पर दम बिरयानी बनती है जो पहले के समय पर तो कोयले की आंच पर मिटटी की या धातु की देग में बनाई जाती थी|
हैदराबादी बिरयानी बनाने की विधि ।
हैदराबादी बिरयानी की सामग्री मुख्य रूप से वैसी ही है जैसी अन्य बिरयानी की होती है|
हैदराबादी बिरयानी बनाने की विधि :
- बासमती चावल को 3 से 4 घंटे तक भिगो कर रखा जाता है
- फिर उसे उबलते पानी में नमक, कुछ हरी इलाइची, तेज पत्ता, काली मिर्च, दालचीनी के साथ पकाया जाता है| पानी में इसे ¾ पकने तक ही रखा जाता है|
- दूसरी तरफ मटन या चिकन को नमक और अदरक लहसुन का पेस्ट लगाकर अलग रखा जाता है|
- चावल को पानी से छानकर रख लेते है| महीन लच्छेदार कटी प्याज़ को भी तेल में सुनहरा भूरा होने तक भूनते हैं और अलग रख लेते हैं|
- अब आती है मसाला पीसने की बारी| लौंग, काली मिर्च, हरी इलाइची, दालचीनी, शाह जीरा को मिलकर इसका पाउडर बनाना है|
- अब इस पाउडर में लाल मिर्च पाउडर, पुदीना के पत्ते,धनिया के पत्ते, दही और एक चम्मच तेल के साथ भुने हुए प्याज़ का आधा हिस्सा मिलकर पेस्ट बना लेना है|
- बाकी प्याज़ बाद में इस्तेमाल होगी| मटन या चिकन पर ये पेस्ट लगाकर मैरिनेट होने के लिए 2 घंटे के लिए रख देना है|
- एक देग में 2 tbsp घी गर्म करें और इसमें 2 से 3 दालचीनी, कुछ बड़ी इलाइची, डालकर थोडा भुने करीब एक मिनट तक अब इसमें मैरिनेट किया हुआ मटन डालकर चलायें|
- इसे तेज़ आंच पर 5 मिनट तक पकाएं फिर इसपर ढक्कन लगाकर धीमी आंच पर तब तक पकाएं जब तक मीट गल ना जाये|
- अब एक भारी तले की देग लें उसे गैस पर रखकर गर्म करें और उसमे थोडा घी डाल कर गर्म करें| जब घी गर्म हो जाए तब उसपर छानकर रखा हुए चावल की एक परत डालें|
- चावल के ऊपर मीट को चावल की पूरी सतह पर बराबर से फैला कर रखें और इसपर कुछ बारीक कटा हुआ पुदीना डालें| इसके ऊपर फिर से बाकी बचे हुए चावल की परत बराबरी से फैला दें|
- कुछ केसर को दूध में मिलकर फिर उसे चावल के ऊपर फैला दें|
- अंत में इस देग के ऊपर ढक्कन लगा दें जिसे गीले आटे की मदद से चिपका कर रखें| ढक्कन के ऊपर थोडा जलता हुआ कोयला रख दें|
- बिरयानी धीमी आंच पर कुछ मिनट तक पकाएं| इस प्रकार तैयार की गई जायकेदार हैदराबादी बिरयानी अब परोसने के लिए तैयार है|
हैदराबाद शहर की सर्वोत्ताम बिरयानी ।
हैदराबाद की बिरयानी इतनी ज्यादा लोकप्रिय हो चुकी है की :- अब तो शहर के हर गली मोहल्ले में बिरयानी बेचने वालों की दूकान लगी है| लेकिन हर दूकान में हैदराबाद की विशिष्ठ बिरयानी का जायका मिले ऐसा ज़रूरी नहीं है| ये बिरयानी तो काबिल खानसामों जिन्हें बिरयानी बनाने का खासा तजुर्बा हो वो ही बना सकते हैं या फिर ऐसी दुकाने जहाँ बिरयानी बनाने के तरीके को बहुत व्यवस्था से संचालित किया जाता हो|
हमने आपके लिए कुछ ऐसी जगहों की सूचि बनाई है जहाँ आपको हैदराबाद की उत्कृष्ट बिरयानी मिल सकती है|
बिरयानी वाला एंड कंपनी ।
बंजारा हिल्स में स्थित इस रेस्टोरेंट :- ना सिर्फ स्वादिष्ट बिरयानी मिलती ही बल्कि उत्तर भारतीय पकवान, शाकाहारी, समुद्री और चाइनीज़ व्यंजन भी मिलते हैं| बाहर से देखने पर ये बाकी रेस्टोरेंट जैसा ही दिखता है पर एक बार अन्दर जाने पर जब यहाँ की सजावट और आरामदेह माहौल का अनुभव होता है
तब तसल्ली से पूरा खाना खाने का मन बन ही जाता है :- यहाँ की बिरयानी के अलावा पत्थर का गोश्त, पनीर मलाई टिक्का, खुबानी का मीठा और गाज़र का हलवा भी काफी प्रसिद्द है|
सर्वी रेस्टोरेंट ।
बंजारा हिल्स में ही स्थित ये रेस्टोरेंट भी बिरयानी के लिए मशहूर है :- यहाँ के खाने की कीमत बहुत ज्यादा नहीं है| इस रेस्टोरेंट के साधारण लुक को देखकर आपको कुछ और सोचने की ज़रूरत नहीं क्यूंकि यहाँ की विशेषता है यहाँ का उम्दा खाना और वो भी उचित दाम पर|
बिरयानी के अलावा यहाँ पर मिलने वाला हलीम, टंगरी चिकन कबाब, मिर्ची का सालन, चिल्ली मशरुम भी काफी पसंद किये जाते हैं :- उम्दा खाने के प्रेमियों के लिए ये जगह बिलकुल उपयुक्त है| हो सके तो आने से पहले अपने टेबल की बुकिंग कर लें क्यूंकि यहाँ ज़्यादातर भीड़ होती ही है|
होटल शादाब ।
घांसी बाज़ार में स्थित ये होटल जायके के शौक़ीन लोगों के लिए एक और बेहतरीन जगह है :- इस होटल में मुग़लई और पारसी व्यंजन मिलते हैं| अगर आपको ज्यादा मसालेदार खाना पसंद है तो आपको यहाँ का चिकन ड्रैगन, चिकन ड्रमस्टिक या मिर्ची का सालन टेस्ट करना चाहिए| इस होटल में एक बार में 200 लोगों के बैठने की जगह है और इससे भी ज्यादा लोग बाहर इंतज़ार करते रहते हैं| होटल का इतिहास 1953 से शुरू हुआ जब इस जगह पर एक छोटी सी कैंटीन जिसमे ईरानी चाय, कॉफ़ी और नाश्ता मिलना शुरू हुआ और काफी मशहूर हुआ|
करीब तीस साल बाद यानि 1983 में यही जगह एक वातानुकूलित रेस्टोरेंट में तब्दील हुई :- जो की उस वक्त के लिए एक बड़ी बात हुआ करती थी| इस रेस्टोरेंट का नाम रखा गया शादाब पेर्सिस| और इसके बाद सन 2002 में ये होटल शादाब बन गया| यहाँ पर खाने के बाद मीठे में फालुदे वाली लस्सी पीना मत भूलियेगा जो की यहाँ की एक विशेषता है|
कैफ़े बहार ।
कैफ़े बहार की शुरुआत 1973 में चाय और कॉफ़ी के जॉइंट के रूप में हुई थी :- समय के साथ ये छोटी दुकान भी बढ़कर एक बड़े रेस्टोरेंट में तब्दील हो गई जहाँ मुगलई और हैदराबादी पकवान मिलते हैं|
आप यहाँ पर देर रात में मूवी देखने के बाद भी आ सकते हैं क्यूंकि ये रात 1 बजे तक खुला रहता है :- बशीर बाग़ में स्थित इस कैफ़े में कुछ लोग तो आदतन रुक कर सिर्फ चीनी वाले मीठे बन या ईरानी समोसा खाने के लिए भी आ जाते हैं|
बावर्ची ।
अगर आप खाने के वक्त अपनी बारी आने का इंतज़ार नहीं करना चाहते :- आप पहले से किसी रेस्टोरेंट में बुकिंग करना भूल गए हैं तो आप ज़रूर यहाँ आ सकते हैं| इस रेस्टोरेंट में पर्याप्त जगह होने के साथ साथ यहाँ का खाना भी किसी और रेस्टोरेंट से कम नहीं| लोगों की सुविधा के लिए यहाँ पर पार्किंग की मुकम्मल व्यवस्था है|
यहाँ की मशहूर डिशेस में चिकन बिरयानी, फिश बिरयानी और ग्रिल बिरयानी है :- बावर्ची की बिरयानी खाने में हल्की होती है और इसका चिकन काफी मुलायम और जूसी होता है| नाल्लाकुनता में स्थित इस होटल में AC और नॉन AC सेक्शन हैं और ये जगह बड़े ग्रुप में जाने के लिए उपयुक्त है|
पेशावर ।
पाकिस्तान के एक शहर के नाम पर इस होटल का नाम है और यहाँ आप पाकिस्तानी जायकों का लुत्फ़ उठा सकते हैं :- जिसमे शामिल है मटन चपली कबाब, पेशावरी सीख कबाब, पेशावरी बोटी कबाब, दम पुख्त(मटन ग्रेवी जिसे धीमी आंच पर पारसी पाक शैली से बनाया जाता है), बादाम का हलवा और हाँ मटन बिरयानी जिसे यहाँ गुप्त तरीके से बनाया जाता है और इसका स्वाद बेमिसाल होता है| लकड़ी का पुल में इस होटल में बैठने के लिए काफी जगह है और यहाँ पर टेक अवे की सुविधा भी है|
रायुडु बिरयानी हाउस ।
हैदराबादी बिरयानी ही नहीं बल्कि इस होटल में आपको अन्य किस्म की बिरयानी भी खाने को मिलेंगे :- जैसे आंध्र स्टाइल बिरयानी, अवक्कई चिकन बिरयानी, गोंगुरा चिकन बिरयानी, खीमा बिरयानी और गोंगुरा मुत्तोंन बिरयानी|
यहाँ खाने के दाम ज्यादा नहीं है और यहाँ पर हमेशा भीड़ लगी रहती है :- जगह कम होने के कारण आपको यहाँ पर इंतज़ार भी करना पड़ सकता है| मोती नगर में स्थित ये होटल 15 साल पुराना है और ये रात में 10.30 तक खुला रहता है|
शाह घौस ।
शाह घौस सलारजंग कॉलोनी, टोली चौकी में स्थित है और हलीम और हैदराबादी बिरयानी के लिए प्रसिद्द है :- यहाँ पर मिलने वाले खाने में मशहूर है चिकन बिरयानी, उत्तर भारतीय व्यंजन, चाइनीस, समुद्री व्यंजन, मुगलई और अरेबियन खाने जैसे मटन बिरयानी, मछली, अफगानी चिकन, खिचड़ा और शवर्मा इत्यादि|
यहाँ की सजावट खुबसूरत है और जगह बड़े ग्रुप के लिए भी पर्याप्त है :- सुबह 5 बजे से रात 1.30 बजे तक खुलने वाली इस जगह पर आपको जब भूक लगे तब जा सकते हैं|
होटल सिटी डायमंड ।
ये होटल ऐसे लोगों के लिए जन्नत से कम नहीं जिन्हें निशाचर कहा जाता है मतलब जो ज्यादा रात में भी जगे रहते हैं :- और इधर उधर घूमते रहते हैं, क्यूंकि ये दिन में 12 बजे से सुबह 4 बजे तक खुला रहता है| होटल काफी साधारण है लेकिन यहाँ का खाना बड़ा स्वादिष्ट है और ज्यादा महंगा भी नहीं है|
यहाँ मिलने वाले खाने में मुख्य है :- चिकन बिरयानी, हलीम, बीफ बिरयानी, खिचड़ा, रीता, मटन बिरयानी, हैदराबादी मिर्यानी इत्यादि| ये मेहंदी पटनम में स्थित है और यहाँ दो लोगों के खाने की कीमत लगभग 250 रूपए आती है|
पैराडाइस बिरयानी ।
हैदराबाद में सबसे ज्यादा मशहूर जॉइंट्स में पैराडाइस बिरयानी का नाम आता है जो गाचीबौली में स्थित है :- यहाँ पर मुगलई और उत्तर भारतीय पकवान मिलते हैं| टेक अवे के लिए यहाँ अलग व्यवस्था है और डाइनिंग एरिया अलग है जो काफी खूबसूरती से डिजाईन किया गया है|
यहाँ की लोकप्रिय डिशेस में :- मटन बिरयानी, चिकन बिरयानी, मुर्ग प्लैटर, ब्राउनी चॉकलेट, मसाला पापड़, गाज़र का हलवा और मटन कबाब आते हैं|
होटल मुकर्रम ।
होटल मुकर्रम हैदराबाद के अम्बेरपेट में स्थित है :- यहाँ की सजावट वगैरा तो औसत है पर यहाँ का खाना बहुत उम्दा है जिसमे आपको मिलेगा मुगलई और उत्तर भारतीय जायका जैसे सीख कबाब, बोटी कबाब, मटन काली मिर्च, मटन फ्राई, मटन मसाला, मटन बिरयानी, चिकन बिरयानी, चिकन तंदूरी और चिकन मसाला इत्यादि|
मीठे में ख़ास कुर्बानी का मीठा और कद्दू की खीर मिलेगी :- कीमतें वाजिब हैं और ये रेस्टोरेंट सुबह 5 बजे से रात 1 बजे तक खुला रहता है| आपका ये जानना ज़रूरी है की यहाँ पर बीफ को मटन लिखा जाता है|
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निष्कर्ष
हैदराबाद भोजन के लिए एक अद्भुत गंतव्य है, और आप इस राजधानी तेलंगाना में सबसे अच्छा मुगलई व्यंजन प्राप्त कर सकते हैं। आप स्वादिष्ट बिरयानी और कबाब का स्वाद ले सकते हैं जो आपके मुंह में पानी ला देगा । आप यहां कुछ अन्य व्यंजनों की भी कोशिश कर सकते हैं, चाहे आपके पास एशियाई व्यंजनों के लिए एक नरम कोने हो, या आप दक्षिण भारत के चटनी के स्वाद से प्यार करते हों। जापानी से इतालवी, पारसी से चीनी तक, नवाबों की भूमि में हर प्रकार की तैयारी का आनंद लेना संभव है। इसलिए, इस सूची को संभाल कर रखें और शहर के बेहतरीन रेस्तरां में शाही की तरह लाड़-प्यार पाने के लिए तैयार रहें।