क्या आप अपनी सूची में जोड़ने के लिए स्थलों की तलाश कर रहे हैं(2019)?भारत के सर्वश्रेष्ठ शहर जिससे आप देश के विविध आकर्षण का अनुभव कर सकते है ।

क्या आप अपनी सूची में जोड़ने के लिए स्थलों की तलाश कर रहे हैं(2019)?भारत के सर्वश्रेष्ठ शहर जिससे आप देश के विविध आकर्षण का अनुभव कर सकते है ।

यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि जब हम यात्रा करने के लिए गंतव्यों के बारे में सोचना शुरू करते हैं, तो भारत सबसे पहले दिमाग में आता है। इसमें कई भाषाएं, जातीय समूह, संस्कृतियां, झरने और अन्य शानदार चीज़े है देखने लायक। भारत में ऐसी कोई जगह नहीं है जिसे पर्यटन उबाऊ बताये। आपकी मदद करने के लिए भारत के कौन से शीर्ष शहर घूमने के लिए संकीर्ण हैं, हुमने इस सूची में बताया है ।

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भारतवर्ष निश्चित ही पुरे विश्व में एक ऐसा अनोखा देश है जहाँ संस्कृतियाँ और भाषाएँ हर मोड़ पर बदल जाती हैं :- इन सभी सांस्कृतिक भिन्नताओं को बहुत खूबसूरती से सजोये हुए इस देश की तरफ इसीलिए सैकड़ों वर्षों से पर्यटक आकर्षित होते रहे हैं| देश का हर हिस्सा सैकड़ों वर्षों का ऐतिहासिक महत्व रखता है और इसके ऊपर स्वतंत्रता से पूर्व का उपनिवेशिक असर यहाँ की सांस्कृतिक विरासत को और बढ़ता ही है|

उत्तर में बर्फ के पहाड़ों वाले श्रीनगर से लेकर दक्षिण के छोर पर धनुषकोडी :- पश्चिम में थार मरुस्थल से लेकर पूर्व के असम के जंगलों तक विकल्पों की इतनी बहुतायत है की आप इनमे से कोई भी स्थान अपनी छुट्टियाँ बिताने के लिए चुन सकते हैं| भारत उप-महाद्वीप की भव्यता के कारण एक ही बार में इस पूरा देख पाना असंभव है इसलिए हमने आपके लिए चुनिन्दा शहरों की एक सूचि बनाई है जिससे आपको शुरुआत करने में कुछ तो सुविधा अवश्य हो सकती है|

ऐतिहासिक महत्व वाले शहर ।

उदयपुर ।

भारत में वेनिस के समरूप उदयपुर में आकर आप रोमांचित हुए बिना नहीं रह सकेंगे :- पिन्चोला झील के साथ, अरावली पहाड़ियों के बीच स्थित यह उदयपुर शहर भारत के बेहद खुबसूरत शहरों में से एक है और इसकी विरासत इसका अपना गौरवपूर्ण इतिहास और संस्कृति है| अगर आप बीते सामय के शाही जीवन की स्मृतियों का अनुभव करना चाहते हैं तो उदयपुर का नाम सबसे ऊपर आना चाहिए| यहाँ के आश्चर्यचकित करने वाले राजमहल, भव्य किले, सदियों पुराने मंदिर, हवेलियाँ और जगह जगह पर स्थित शांत झीलें मुख्य आकर्षण होते हैं| पर्यटकों को एक राहत और भी मिलती है की यहाँ के लोग बहुत अच्छे मैत्री स्वभाव के होते हैं और पर्यटकों का बहुत साथ देते हैं|

क्या देखें :- यहाँ के मुख्य आकर्षणों में राज महल जैसे सिटी पैलेस, लेक पैलेस और मौनसून पैलेस| पिन्चोला झील जो की उदयपुर को घेरे हुए चारों झीलों में सबसे ज्यादा खुबसूरत है| यहाँ के उत्पादों में वस्त्र, सहायक शिल्पकारी उत्पाद और हस्तशिल्प के उत्पाद काफी लोकप्रिय होते हैं तो अगर आप खरीददारी करना चाहते हों तो हिप्पी मार्किट जा सकते हैं| आप यहाँ अरावली पहाड़ियों में ट्रैकिंग, झीलों में नौका विहार भी कर सकते हैं, आयुर्वेदिक मसाज ले सकते हैं और शाम के वक्त बागोर की हवेली से सूर्यास्त का लुभावना दृश्य भी देख सकते हैं|

कहाँ/ क्या खाएं :- चिकन या मटन कबाब या फिर राजस्थानी दाल|

मैसोर।

इसका वास्तविक नाम मैसूरू है :- और चौदहवीं से लेकर उन्नीसवीं शताब्दी तक ये वोदेयार राजवंश की राजधानी हुआ करता था| चामुंडी पहाड़ी पर स्थित कर्नाटक राज्य की सांस्कृतिक राजधानी यह शहर भारत देश के सबसे ज्यादा साफ़ सुथरे और हरे भरे शहरों में से एक है| यहाँ पर आज भी वोदेयार राजघराने के वंशज अपने मुख्य महल में रहते हैं| एक छोटा शहर होने के बावजूद यहाँ के पुराने मैसोर की गलियों में घूमना और यहाँ के भव्य इतिहास और विरासतों का अवलोकन करना एक बहुत ही अविस्मर्णीय अनुभव होता है| भारत के कई शहरों की तुलना में यहाँ की सड़कें और गलियां काफी कम भीड़ भरी होती हैं और वाहनों का आवागमन भी कम ही होता है|

क्या देखें :- दिन की शुरुआत भव्य मैसोर पैलेस से करें जो की सन 1890 में लकड़ी से बनाया गया था, किन्तु आज इतने वर्षों बाद भी उतनी ही मजबूती से खड़ा है और पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है, इसके अलावा वृन्दावन गार्डन, मैसोर चिड़ियाघर, करान्जी झील, मुख्य बाज़ार, मैसोर विश्वविद्यालय, रंगनातिट्टू पक्षी विहार जो की कावेरी नदी के किनारे बना है, जगन्मोहन पैलेस, ललित महल पैलेस, जयलक्ष्मी विलास, राजेंद्र विलास और चामुंडी पहाड़ियां आगंतुकों के लिए उत्तम स्थल हैं| करीब 100 वर्ष पुराना देवराज बाज़ार देखना न भूलें| अगर आपके पास एक और दिन शेष है तो शहर से आधे घंटे की दुरी पर स्थित श्रीरंगपटना भी देख सकते हैं जो की अपने वक्त में टीपू सुल्तान जी की राजधानी होने के कारण अति विशिष्ठ है|

कहाँ और क्या खाएं :- RRR की मशहूर बिरयानी, मैलारी जॉइंट का प्रसिद्ध और विशुद्ध डोसा या फिर महेश प्रसाद की शुद्ध शाकाहारी कन्नड़ थाली

सांस्कृतिक महत्व रखने वाले भारत के शहर।

वाराणसी।

गंगा नदी के तट पर स्थित वाराणसी शहर भारत के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है :- हिन्दू और जैन धर्म के अनुयायियों के लिए यह समान रूप से महत्वपूर्ण है| और इसे भारत के सबसे प्राचीन बसे हुए शहरों में से एक भी माना जाता है| जीवन और मृत्यु से सम्बंधित कई रीतियों को पूरा करने के लिए पुरे भारतवर्ष से लोग यहाँ गंगा किनारे आते हैं| एक बहुत ही जटिल भूल-भुलैया का रूप लिए हुए ये शहर भारत के विभिन्न रंगों, स्वरूप और जटिलताओं के सार को दर्शाता है| वाराणसी शहर आपको एक न भूलने वाला धार्मिक अनुभव कराता है इसलिए कोशिश करके यहाँ दीवाली या होली के समय आयें जिससे रंगों और रौशनी के अविस्मर्णीय अनुभव को महसूस कर सकें| याद रखें छुट्टियों में आराम फरमाने के लिए यह जगह बिलकुल नहीं है बल्कि आप यहाँ संस्कृति के रंग में अपने आप को सराबोर करने का मन बना के रखें| यहाँ का पुराना क्षेत्र 84 घाटों पर स्थित है जहाँ पर लोग अपने पूर्वजों के लिए प्रार्थना करने आते हैं, और यहाँ के लोग किसी की मृत्यु होने पर उसके क्रियाकर्म के लिए इन घाटों पर आते हैं| यह दृश्य कुछ विचलित करने वाला हो सकता है लेकिन पुरे वाराणसी शहर का अपना अनुभव इस सबके ऊपर अपनी अलग छाप छोड़ ही देता है|

क्या देखें :- भारत के अन्य शहरों के विपरीत वाराणसी में अपने आपको दैविक अनुभव प्राप्ति के लिए मन बना कर आएं| सुबह जल्दी उठकर गंगा नदी में नौका विहार करते हुए सूर्योदय होते हुए देखना एक अच्छी शुरुआत हो सकती है| नदी के किनारे कई मंदिर और आश्रम हैं जिनमे ज्यादा प्रसिद्द है काशी विश्वनाथ मंदिर| घाटों में प्रसिद्द हैं दसस्वमेध घाट, मणिकर्णिका घाट, अस्सी घाट, शिवाला घाट और दरभंगा घाट| यहाँ की गंगा आरती का दृश्य बहुत ही अद्भुत होता है, जिसे आप या तो घाट पर बैठकर या नदी में नौका में बैठकर देख सकते हैं|

कहाँ खाएं :- वाराणसी शहर की गलियों और सडकों के किनारे कई जगह प्रसिद्द और स्वादिष्ट नाश्ता और खाना मिल जाता है| कचौरी सब्जी, चूर मटर, दही चटनी, गोल गप्पे, बाटी चोखा, मलैय्यो और रबड़ी जलेबी कुछ विकल्प हैं| अगर आप देसी भारतीय खाने से कुछ अलग स्वाद लेना चाहते हैं तो डोसा कैफ़े, नियति कैफ़े, पिज़्ज़ेरिया वाटिका कैफ़े, ॐ कैफ़े या ओपन हैण्ड कैफ़े जा सकते हैं| याद रखें की मंदिर और घाटों के आस पास मदिरा का सेवन प्रतिबंधित है| - बोनस टिप: अगर आपको कोई पूजा या प्रार्थना नहीं करनी हो तो गंगा नदी में न जाएँ|

कोलकाता।

कोलकाता शहर में हमें भव्य भोजन, अद्भुत ऐतिहासिक वास्तुकला, और अनोखी संस्कृति इन तीनों का समागम देखने को मिलता है :- अंग्रेजी शासन के वक्त यह शहर उनकी राजधानी हुआ करता था| मन की बहुत गहरे में बसी हुई संस्कृति और खुशियों से भरे त्योहारों के लिए गर्व से पहचाने जाने वाले इस शहर कोलकाता को देखने और यहाँ घुमने के लिए अक्टूबर से लेकर फरवरी तक का समय सर्वोत्तम होता है| अपनी बेहद मज़बूत साहित्यिक विरासत, कला के संग्रहालय, और बीते वक्त की विरासत वाले स्थान भी इस शहर को एक प्रभावशाली स्वरूप प्रदान करते हैं| ये शहर घुमने में आपको खर्चों के बारे में भी ज्यादा परेशान होने की ज़रूरत नहीं|

क्या देखें :- शहर भ्रमण के दौरान सुनिश्चित कर लीजिये की विक्टोरिया मेमोरियल, फोर्ट विलियम, टैगोर हाउस, सुन्दरबन्स, अलिपोरे ज़ू, संत जॉन और संत ऐन्द्रयूस के गिरिजाघर, फ्लावर मार्किट, दक्षिणेश्वर मंदिर, बिरला मंदिर, इंडियन म्यूजियम, स्टेट आर्कियोलॉजिकल म्यूजियम, अकैडमी ऑफ़ फाइन आर्ट्स और हुगली नदी आपकी सूचि में शामिल है| कला की भव्यता देखने और जानने के लिए भी उचित स्थानों का अवलोकन अवश्य करें|

क्या और कहाँ खाएँ:- कोलकाता शहर में खाने की सबसे बड़ी खूबी है की यहाँ पर खुले बाज़ार में सडकों के किनारे छोटे छोटे आउट लेट्स में ही बहुत ही स्वादिष्ट और सस्ता खाना मिल जाता है| निज़ाम के आस पास के इलाकों में फुचके और काठी रोल्स, फेयरली प्लेस की लुची जो आलू दम को कहते हैं, स्टॉक एक्सचेंज स्ट्रीट पर मिलने वाली दाल पकोरी और दही चाट| डेकर लेन स्ट्रीट को तो W.H.O. ने दुनिया में सर्वोत्तम स्ट्रीट फ़ूड मिलने वाली जगह के तौर पे नामित किया है| नकुर नंदी का सोंदेश, गोल्बरी का कोषा मंग्शो (मटन करी), तेरित्ति बाज़ार में मिलने वाला तिब्बती खाना, पीटर कैट का चेलो कबाब, भजहोरी मन्ना का माछेर झोल (फिश करी), कॉलेज स्ट्रीट का कलिका मुखोरोचोक तेलेभाजा, अर्सलन और रॉयल की बिरयानी, और अंत में K C Das या बलराम मलिक या राधारम मलिक में मिलने वाली लज़ीज़ बंगाली मिठाइयां

सम्पूर्णता का एहसास कराने वाले भारत के शहर।

दिल्ली।

ऊपर दिए गए शहरों से कुछ अलग और कई मायनो में बेहद ज़रूरी शहर है दिल्ली :- जो की भारत देश का पूर्णता से अनुभव कराने वाला एक शहर है| यहाँ पर हमें नए ज़माने की भाग दौड़ और मौज मस्ती से भरी ज़िन्दगी के साथ साथ, बहुत ही महत्वपूर्ण ऐतिहासिक पहलू जो की मुग़लों और अंग्रेजों के शासन काल से जुड़े हुए हैं भी देखने को मिलते हैं| इतिहास और आधुनिकता का अनोखा संगम हमें यहाँ मिलता है| भारत की राजधानी होने के कारण यहाँ काफी तादाद में पर्यटकों का आगमन होता है, वो भी पुरे वर्ष| उत्तरी भारत के व्यवसायिक क्षेत्र में बड़ा योगदान करने वाला ये दिल्ली शहर आपके लिए कई ऐतिहासिक विरासतें, खरीददारी के लिए बेहतर जगहें, खाने के लिए ढेरों जॉइंट्स और कई खुबसूरत बाग़ों के अलावा बहुत कुछ सजोये हुए है|

क्या देखें :- जामा मस्जिद, इंडिया गेट, हुमायूँ का मकबरा, कनौट प्लेस, पुराना किला, चांदनी चौक, छतरपुर मंदिर, अक्षरधाम मंदिर, राज घाट, जंतर मंतर, फ़िरोज़ शाह कोटला का किला, निजामुद्दीन की दरगाह, सरोजिनी मार्किट में खरीददारी, फतेहपुर मस्जिद के पास एशिया के सबसे बड़े मसाले का बाज़ार, लोदी आर्ट डिस्ट्रिक्ट की सैर, हौज़ ख़ास काम्प्लेक्स, सफदरजंग का मकबरा, नेशनल म्यूजियम, दिल्ली हाट का हस्तशिल्प बाज़ार|

कहाँ और क्या खाएं :- लिटिल तिब्बत में मिलने वाला विशुद्ध तिब्बती खाना, किन्ज़ुम ट्रेवल कैफ़े, आलू चाट, चाईनीज़ खाने के लिए इचिबन, इस्लामिक सेण्टर या पुरानी दिल्ली में मिलने वाले कबाब|

बोनस टिप :- अगर आप के पास एक और दिन हो तो आप आगरा भी जा सकते हैं जो यहाँ से तीन घंटे की दूरी पर है| सुबह जल्दी निकल कर आगरा में विश्व प्रसिद्द और भव्य ताज महल देखते हुए आप पूरा दिन बिता सकते हैं, या फिर कुछ समय नज़दीक ही स्थित फतेहपुर सीकरी भी देख सकते हैं|

कोच्ची ।

केरल राज्य का कोच्ची शहर इंडो-यूरोपियन वास्तुकला को सामान रूप से प्रदर्शित करने वाला एक अनोखा शहर है :- कला, साहित्य, नृत्य और संगीत यहाँ की संस्कृति को एक अलग रूप देते हैं| अरब महासागर की महारानी के रूप में जाना जाने वाला यह शहर पर्यटकों के लिए एक खुबसूरत और उर्जा से भरा हुआ शहर है| केरल राज्य अपने आयुर्वेदिक स्पास के लिए विश्व में प्रसिद्द है तो आप भी यहाँ आये तो मसाज के लिए ज़रूर जाएँ| कोच्ची का इंटरनेशनल लिटरेचर और आर्ट उत्सव बिएन्नेल इस शहर को और खुबसूरत बनता है| आप यहाँ दिसम्बर महीने में आये तो इस उत्सव के दौरान दुनिया भर से आये हुए कलाकारों को यहाँ की सडकों पर या समुन्दर के किनारे अपनी कला की छाप छोड़ते देख सकते हैं|

क्या देखें :- मत्तन्चेर्री पैलेस जो की पुर्तगालियों ने कोच्ची के राजा को उपहार स्वरूप दिया था, पैराडेसी सिनागोग जो की मूलतः 1568 में यूरोप से निष्कासित यहूदियों के लिए बनाया गया था| कोदानाद में बना हुआ हाथियों के प्रशिक्षण के लिए सेण्टर, स्कूबा कोच्ची में स्कूबा डाइविंग, संत फ्रांसिस चर्च, प्रिंसेस स्ट्रीट पर खरीददारी, इंडो-पोर्टुगीज़ म्यूजियम, सनसेट क्रूज़, फेरी से वायपीन द्वीप के सैर, फोर्ट कोच्ची की सैर, बोल्गात्टी पैलेस, मराद बीच(जो शहर से कुछ दूर है) हाउस बोट्स की सैर और कुमारकोम पक्षी विहार कि सैर|

कहाँ और क्या खाएँ :- स्वादिष्ट और दिलचस्प सीफूड और मांसाहार के कई विकल्प देने वाले बहुत सारे रेस्टारेंट यहाँ पर हैं| सबसे अच्छे विकल्प में आते हैं बिरयानी, बीफ फ्राई, मटन रोस्ट, और फिश फ्राई के विभिन्न प्रकार| श्री मुरुगन कैफ़े, अर्का नोवा, ग्रैंड पवेलियन, क्वालिटी बेकर्स, कईस रहमतुल्लाह कैफ़े, मधु सीफूड, वेल्ला कठारी, फातिमा फ़ास्ट फ़ूड, शिबूस पुत्तु कड़ई, श्री मुरुगा कैफ़े, ओजीन थाकदालोरम, फोर्ट हाउस रेस्टोरेंट, काशी आर्ट कैफ़े, जिंजर हाउस, म्यूजियम होटल, मालाबार जंक्शन, थे राइस बोट और अंत में केरल की सैर यहाँ पर मिलने वाली तोड़ी (पाम वाइन) के बिना पूरी नहीं हो सकती| इसके लिए नेत्तूर तोड़ी शॉप जा सकते हैं|

भारत में घुमने के लिए कुछ निर्देश और टिप्स।

अगर आप भारत भ्रमण की योजना बना रहे हैं तो कुछ ज़रूरी बातों को ध्यान में रख लीजिये :

  • धोखे से बचने के लिए हमेशा सतर्क रहें|
  • होटल या सफ़र किबूकिंग से पहले रेटिंग और रिव्यु जांच लें| सरकार द्वारा संचालित बसों या ट्रेनों में सफ़र करना सुरक्षित रहता है|
  • टिकेट बुक करते वक्त, होटल बुक करते वक्त या फिर मंदिर या फिर ऐतिहासिक स्थलों को घूमते वक्त कहीं भी धोखा हो सकता है|
  • कभी किसी चीज़ के लिए बेचने वाले की सही पहचान हुए बिना भुगतान न करे|
  • पॉवर बैंक हमेशा साथ रखें क्यूंकि यहाँ कई जगहों पर बिजली की समस्या रहती है जो आपका फ़ोन बन्द हो जाने की हालत में आपको मुश्किल में डाल सकती है|
  • अपने फ़ोन पर गूगल मैप और गूगल ट्रांसलेट इनस्टॉल करलें, यह आपके काफी काम आ सकता है|
  • अगर आप किसी दूर इलाकों में जाना चाहते हैं जहाँ फ़ोन का नेटवर्क शायद न मिले तो उस क्षेत्र के पुरे मैप का ऑफलाइन प्रकार फ़ोन में इनस्टॉल कर लें|
  • कुछ आमतौर पर काम आने वाले शब्दों को सीख लें और्याद करलें|
  • कहीं भी जाने से पहले वहां के मौसम का पूर्वानुमान ज़रूर देख लें|
  • ऊपर बताये गए सभी शहर आमतौर पर गर्म शहरों में आते हैं क्यूंकि साल के ज़्यादातर महीने यहाँ गर्मी पड़ती है|
  • छाता, धुप का चश्मा और पानी की बोतल आप के पास होने ही चाहिए|
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आरामदायक कपड़े और जूते पहनने चाहिए

चाहे आप जहा भी घूमने जा रहे है आरामदायक कपड़े ही पहनने चाहिए। हल्के कपड़े, मोजे, और आपकी गो-टू कोल्ड वेदर जैकेट पैक करें। चाहे आप हिमालय की खड़ी पहाड़ियों पर विजय प्राप्त करने की योजना बना रहे हों या दक्षिणी भारत के सुनहरी समुद्र तटों पर मौज करने जा रहे है, एक आरामदायक जूते जरूर ले कर चले । क्रोक या स्लिप-ऑन जूतों की एक जोड़ी भी एक अच्छे विकल्प के रूप में काम करती है।