रेज अ स्मार्टर चाइल्ड बाय किंडरगार्टन(2020): इस किताब में बच्चे के विकाश के लिए शारीरिक गतिविधियां,संगीत शिक्षण,उचित मात्रा में खुराक,तनाव मुक्त वातावरण आदि के बारे में वर्णन किया गया है।(2020)

रेज अ स्मार्टर चाइल्ड बाय किंडरगार्टन(2020): इस किताब में बच्चे के विकाश के लिए शारीरिक गतिविधियां,संगीत शिक्षण,उचित मात्रा में खुराक,तनाव मुक्त वातावरण आदि के बारे में वर्णन किया गया है।(2020)

डॉ डेविड पर्लमुटर नेपल्स फ्लोरिडा के रहने वाले हैं,यह चंद लेखकों में से एक है जिन्होंने दिमाग की बीमारियों को धर्मिक तथ्यों के साथ जोड़कर बखान किया है। रेज अ स्मार्टर चाइल्ड बाय किंडरगार्टन किताब बच्चो के आई क्यू लेवल को 30 पॉइंट्स तक बढ़ा के उनको स्मार्ट जींस में बदलने के लिए काम करती है। इस लेख में पढ़े की आप को इस किताब में क्या क्या मिलेगा

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रेज अ स्मार्टर चाइल्ड बाय किंडरगार्टन किताब किसने लिखी है?

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डॉ डेविड पर्लमुटर नेपल्स फ्लोरिडा के रहने वाले हैं :- यह एक अमेरिकन सेलेब्रिटी भी हैं। यह अन चंद लेखकों में से एक है जिन्होंने दिमाग की बीमारियों को धर्मिक तथ्यों के साथ जोड़ कर बखान किया है। वह पर्लमुटर हैल्थ सेंटर के प्रेसिडेंट भी है। यह न्यूयॉर्क के बोर्ड सेरतीफाइड न्यूरोलॉजिस्ट होने के साथ तीन बार बेस्ट लेखक का अवॉर्ड भी जीत चुके है। इनकी किताब 27 भाषाओं में पब्लिश हुई थी।

यह किताब बच्चो के आई क्यू लेवल को 30 पॉइंट्स तक बढ़ा के उनको स्मार्ट जींस में बदलने के लिए काम करती है :-
यहां, लेखक अत्यधिक प्रभावी और आसान रणनीतियों के बारे में बात करता है जो कि बच्चे के आईक्यू को बढ़ाने के लिए, उनकी मस्तिष्क शक्ति को बढ़ाने के लिए उपयोग किया जा सकता है और यह एडीडी और एडीएचडी के विकास के जोखिम को कम करता है।

3 दिमागी गतिविधि को तेज़ करने वाली एक्टिविटीज ।

कुछ लोग मानते हैं कि इंटेलिजेंस जींस पर निर्भर करती है पर यह सिर्फ एक धारणा है :- इंटेलिजेंस माता पिता के द्वारा बदली भी जा सकती है यहां कुछ एक्टिविटीज जो बच्चे की इंटेलिजेंस को बेहतर तरीके से स्वारती हैं।

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    1. फिजिकल एक्टिविटी :

  • बच्चा एक्टिव है यह सुन कर अच्छा तो लगता है पर इंटेलिजेंस एक बहुत जरूरी क्वालिटी है जो बच्चे में होना बहुत ही आवश्यक है। एक्टिव शरीर में एक्टिव दिमाग का वास होता है। बच्चे को घर और बाहर एक्टिव रखने की कोशिश करें। छोटी मुश्किलें बनाती रहें और देखे की बच्चा उनको कैसे डील करता हाई। सही या गलत ज्यादा फर्क नहीं पड़ता। उसको प्लेग्राउंड तक लेकर जाएं और उसकी ब्लड सरकुलेशन बढ़ाने में मदद करें। अपने बच्चे को एनर्जी से भरपूर रखें और वह क्लियर थिंकिंग और क्रिएटिविटी में मजबूत होगा।
  • 2. ब्लॉक :

  • अपने बच्चों को ब्लॉक से भरा हुआ एक डब्बा दे। ब्लॉक्स अलग-अलग रंगों के होने चाहिए और उन्हें जब तक चाहे उनके साथ खेलने दे। यह है वह उम्र होती है जब बच्चे पुरानी तकनीकों को अच्छे से सीख सकते हैं। इसके मदद से वह रंगो शेप्स और क्रिएटिविटी को गहराई से समझ सकेंगे।
  • 3.पजल :

  • यह हर बच्चे के फेवरेट होते हैं यह आपके बच्चे की सोचने की क्षमता को विकसित करते हैं। येआपके बच्चे में पार्शियल परसेप्शन,प्रॉब्लम सॉल्विंग,कोऑर्डिनेशन और कॉग्निटिव स्किल्स के साथ फाइन मोटर स्किल्स को भी बढ़ावा देते हैं। यह ब्रेन डेवलपमेंट के लिए जरूरी हैं और हर एक बच्चे वाले घर में जरूर होने ही चाहिए।

किताब में नीचे लिखे एक्टिविटी सुनाई गई है बच्चे का आइक्यू लेवल तेज करने के लिए ।

अगर हो सके बच्चे को स्तनपान कराएं ।

ब्रेस्टफीडिंग बच्चे और मां के बीच में रिश्ते को और भी गहरा बनाता है :- यह बच्चे के लिए पहला भोजन है जिससे वह अपने शरीर के लिए पोषक तत्व हासिल करता है। इसके और भी बहुत से फायदे हैं जो कि मां और बच्चे दोनों के लिए समान रूप में कार्य करते हैं। यह बच्चे के आईक्यू लेवल को भी बढ़ाता है।

बहुत सी रिसर्च ओं में यह पाया गया है कि यह बात सच है कि ब्रेस्टफीडिंग यानी कि स्तनपान बच्चे के आईक्यू को बढ़ाता है :- इस रिसर्च को करने के लिए स्तनपान करने वाले बच्चों को उन बच्चों के साथ टेस्ट किया गया जो स्तनपान नहीं करते थे। इससे यह पता चला कि स्तनपान करने वाले बच्चों का आईक्यू लेवल 3.7 6 पॉइंट दूसरे बच्चों से ज्यादा था। यह माना जाता है कि यह ब्रेस्ट मिल्क में मौजूद लोंग चेन पॉलीअनसैचुरेटेड फैटी एसिड की वजह से है। बच्चा जितने ज्यादा समय तक स्तनपान करता है उसके उतने ही बेहतर नतीजे आते हैं इससे बच्चे का वजन कम या ज्यादा नहीं होता एकदम समान मात्रा में बढ़ता रहता है। इसलिए यह भी कहा जाता है कि मां की इंटेलिजेंस खानपान और जेनेटिक्स भी बच्चे की आइक्यू लेवल में काफी ज्यादा काम करते हैं।

शारीरिक गतिविधियां ।

बच्चे का आइक्यू लेवल बढ़ाने का दूसरा तरीका है कि आप उसे शारीरिक गतिविधियों में संलग्न रखें :- यह गतिविधियां बच्चे के मेटाबॉलिज्म और ब्लड सरकुलेशन को बढ़ाती है। जिससे बच्चा एक्टिव रहता है इससे बच्चे की मोटर स्किल्स भी इंप्रूव होती है। उसकी फैसला लेने की ताकत, जजिंग स्पीड,वेलोसिटी और कोआर्डिनेशन बेहतर बनते हैं।

अपने बच्चे को जितना हो सके एक्टिव रखें और उसके डेली रूटीन में ज्यादा फिजिकल एक्टिविटी शामिल करें :- अगर आपका बच्चा एनर्जी से भरपूर रहेगा तो वह कम थकेगा और अलग-अलग काम करना सीखेगा। उसको लैंग्वेज लर्निंग स्किल सिखाएं। एक शोध से यह पता चला है जो बच्चे ज्यादा फिजिकल एक्टिविटी में बिजी रहते हैं वह नॉर्मल बच्चों से 20% ज्यादा नहीं शब्द सीखते हैं और उनका लाइफस्टाइल भी दूसरे बच्चों से बेहतर होता है।

संगीत शिक्षण ।

म्यूजिक बच्चे के आईक्यू को बढ़ाने का एक बहुत ही बेहतरीन तरीका है :- यह बच्चे की दिमागी स्ट्रेस को कम करता है और मेमोरी और कॉग्निशन में मदद करता है। लोग अक्सर तब म्यूजिक सुनते हैं जब वह तनाव में होते हैं क्योंकि म्यूजिक या संगीत आपका मूड ठीक करके आपको तनाव रहित बनाता है।एक फॉर्मल सी म्यूजिक ट्रेनिंग आपके बच्चों का आईक्यू लेवल बढ़ाने में मदद करेगी क्योंकि ऐसा करने से आपके बच्चे का यंग दिमाग बहुत से नए शब्द सीखेगा अलग-अलग धुने और शब्द उसको नए नए तरीके से बेहतर बनाएंगे।

उसकी कॉग्निटिव एबिलिटी को भी बढ़ाएंगे ऐसा करने से बच्चे का दिमाग ता उम्र चीजें याद रखने में सक्षम बनेगा :- एक फॉर्मल म्यूजिक ट्रेनिंग आपके बच्चे के आईक्यू के साथ-साथ उसके इमोशनल कोशंट, सीखने की ताकत मोटर्स के और मेमोरी को भी बढ़ाएगी। इससे आपके बच्चे में सेल्फ एस्तीम और सेल्फ कॉन्फिडेंस बढ़ेगा। यह है भी सत्य है कि आपके बच्चे का कॉरपस चलोसम म्यूजिक के जरिए मजबूत बनेगा जो कि आपके दिमाग के दो अलग हेमिस्फियर्स को जोड़ने का काम करता है। अगर यह मजबूत होंगे तो बच्चे के इमोशन डिसिप्लिन और बिहेवियर में काफी स्ट्रांग नेस होगी।

अपने बच्चे को उचित मात्रा में खुराक दें ।

बच्चे का आहार और खुराक सबसे जरूरी तत्व है जो आपके बच्चे के दिमाग के विकास के लिए कार्य करता है :- फल,सब्जियां,प्रोटीन से भरपूर मीट,घर का बना खाना बच्चे के लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद होता है। यह भी रिसर्च में साबित हो चुका है कि जिन बच्चों की आहार और खुराक अच्छी होती है उनका आईक्यू लेवल दूसरे बच्चों से बेहतर होता है। इसलिए अपने बच्चे के भोजन में आहार की मात्रा में एक संतुलन बनाकर रखें उनके लिए ऐसा भोजन बनाए जिसमें टेस्ट के साथ-साथ पोषक तत्व भी शामिल हो।

हो सके तो उनके भोजन में अंडे शामिल करें यह प्रोटीन से भरपूर होते हैं और नाश्ते के लिए सबसे बेहतरीन भोजन है :- यह बच्चे के कंसंट्रेशन लेवल को इंप्रूव करते हैं।ग्रीक योगर्ट भी एक प्रोटीन से भरपूर भोजन है। यह आपके बच्चे को किसी भी तरीके की जानकारी लेने और देने में सक्षम बनाता है। यह फेट से भरपूर होता है और आपके बच्चे के शरीर के लिए बहुत जरूरी है।

• केल :- सब्जियां खासकर हरे पत्तेदार सब्जियां पोषण से भरपूर होते हैं ऐसे में एक सुपर फूड है कि यह एंटीऑक्सीडेंट्स के साथ पैक किया जाता है और बच्चे में नए ब्रेन सेल बनाने में काफी मदद करता है। बच्चे इस को सलाद के रूप में काफी पसंद करते हैं।

• सीफूड में ज्यादातर हम लोग मछली को ही खाते हैं :- क्योंकि यह प्रोटीन,विटामिन डी और ओमेगा 3 फैटी एसिड से भरपूर होती है। ये आपकी शरीर की स्ट्रेंथ को मजबूत करती है और मानव में मेमोरी लॉस की बीमारी को कम करती है। इसलिए ध्यान दें कि यह आपके बच्चे की आहार में जरूर शामिल करें। इसके अलावा आप अपने बच्चे को नट्स, फ्रूट और ओटमिला दे सकते हैं। यह सभी चीजें प्रोटीन एंटीऑक्सीडेंट्स फैटी एसिड और विटामिन से भरपूर होती हैं यह बच्चे को अच्छी मेंटल हेल्थ प्रदान करती है।

इमाजीनेटिव प्ले ।

बच्चे के आईक्यू को बढ़ाने के लिए इमेजी नेटिव प्ले को शामिल करना और उनका पालन-पोषण करना सबसे नवीन और मजेदार तरीका है :- जब एक बच्चा एकइमेजी नेटिव प्ले में व्यस्त होता है, तो उसमें बहुत सारे मस्तिष्क कार्य और रचनात्मकता शामिल होती है। बच्चा वास्तव में उन तरीकों की खोज कर ता है कि उन्हें कैसे करना है, उनसे कैसे प्रतिक्रिया करनी है। उन्हें अपनी पसंद और नापसंद का एहसास होने लगता है।

ऐसा करने के लिए अपने बच्चे को एक मंच प्रदान करके इन कल्पनाशील नाटकों का पोषण करें :- उन्हें रचनात्मक होने दें और यदि संभव हो तो उनके साथ जुड़ें और उनकी आज्ञा का पालन करें, उनके नाटक का हिस्सा बनें। यहां वे विकास के शुरुआती चरणों में सहयोग, संचार, पारस्परिक और समस्या-सुलझाने के कौशल भी सीखते हैं। वे सामाजिक परिस्थितियों को संभालने के लिए भावनात्मक बुद्धि और क्षमता विकसित करते हैं।

इस बात का ध्यान रखें कि वातावरण तनाव मुक्त हो ।

बच्चा कैसे वातावरण में बढ़ रहा है यह उसके ऊपर बहुत प्रभाव डालता है :- इसलिए इस बात का ध्यान रखें कि आपके बच्चे के आसपास एक बहुत ही सकारात्मक वातावरण हो। जिसकी वजह से वह तनाव मुक्त रहें और हमेशा खुश रहे। एक खुश बच्चा ही एक जिम्मेदार व्यक्ति के रूप में विकसित हो सकता है। तनाव दिमागी विकास के लिए अच्छी नहीं है जिसकी वजह से उसकी ग्रोथ में भी रूकावट आ सकती है।

आसपास के तनाव की वजह से बच्चे के शरीर में हार्मोनल इंबैलेंस हो जाता है :- जो बाद में बहुत सी बीमारियों को भी जन्म दे सकता है। जो बच्चा अच्छे और सकारात्मक वातावरण में पलता है उसका आइक्यू लेवल दूसरे बच्चों के मुकाबले ज्यादा होता है। हम यह भी जानते हैं कि तनाव का प्रभाव व्यस्को पर भी बुरा ही होता है तो इस बात का ध्यान रखें कि हमेशा अपने बच्चे को एक सकारात्मक वातावरण दे और उनकी दिमागी विकास के लिए एक मजबूत नींव तैयार करें।

अभिभावकों की तरफ से ममता ।

जब भी आपका बच्चा कुछ करे तो हर बार जवाब देकर अपने बच्चे से प्यार करें :- यह उस बच्चे को विश्वास दिलाता है कि दुनिया एक उद्देश्यपूर्ण है। उन्हें महसूस कराएं कि आप उनके लिए वहां हैं, उन्हें पकड़ कर रखने के लिए। कुछ उपहार देकर उनके साथ खेलें, या स्माइली का आदान-प्रदान करें, उसके साथ बात करें। ये सभी क्रियाएं मस्तिष्क को बढ़ावा देती हैं और उत्तेजनाओं को बेहतर ढंग से समझने में मदद करती हैं यह प्रक्रिया समन्वय कौशल, संचार कौशल और भाषा विकसित करती हैं।

बच्चे को प्यार और सुरक्षित महसूस कराएं, इससे बच्चे की बुद्धिमत्ता बढ़ती है :- जब वे आप पर प्रतिक्रिया करते हैं और आपको एक हद तक समझने में सक्षम होते हैं, तो वह रचनात्मक और तर्कसंगत होना शुरू कर देता है। ऐसे में बच्चे अधिक सशक्त हो जाते हैं और मनोबल विकसित करते हैं।

स्नेही होना एक बच्चे में मूल्यों को पैदा करने और भावनात्मक रूप से बुद्धिमान होने में मदद करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है :- वे महत्व की भावना भी विकसित करते हैं और जानते हैं कि उनके कार्यों का आप पर प्रभाव पड़ता है। एक अध्ययन के अनुसार, जिस बच्चे को अधिक स्नेही देखभाल दी जाती है, उसके पास दूसरे की तुलना में बेहतर आईक्यू होने की संभावना होती है।

टॉक्सिंस अवॉइड करें ।

घर में मौजूद सम्मान में बहुत से टॉक्सिंस मौजूद होते हैं जो कि बच्चे के आई क्यू के ऊपर बहुत ही गलत प्रभाव डालते हैं :- कुछ स्टडी से यह भी पता चला है कि फ्लेम रिटायरडेंट और पेस्टिसाइड्स बच्चे का आइक्यू लेवल कम करते हैं। इसलिए जितना हो सके ऑर्गेनिक प्रोडक्ट का इस्तेमाल करें और कोई भी नया प्रोडक्ट खरीदने से पहले उसके कंटेंट को जरूर पढ़ें।

इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि आपका बच्चा क्या छू रहा है,क्या खा रहा है और किस चीज के साथ खेल रहा है :- हर जगह को साफ सुथरा और टॉक्सिक मटेरियल से दूर रखने की कोशिश करें। अपने घर के सामान को डस्ट से साफ रखें और हो सके तो दिन में एक से दो बार झाड़ू पहुंचा करें। बहुत कम मात्रा में भी लीड मर्करी या फिर पेस्टिसाइड घर में मौजूद ही होते हैं यह बच्चे की ग्रोथ और आइक्यू पर गलत प्रभाव डालते हैं। साथ ही यह हानिकारक और इम्यूनिटी पावर को भी कम करते हैं। जितना हो सके ऑर्गेनिक प्रोडक्ट इस्तेमाल करें।

डॉ डेविड पर्ल मुटर द्वारा लिखित किताबें।

    1. ग्रेन ब्रेन होल लाइफ प्लान :

  • इस पुस्तक में, डॉ पर्लमुटर स्वास्थ्य प्राप्त करने, वजन कम करने, मस्तिष्क की जीवन शक्ति और पुरानी बीमारियों के जोखिम को कम करने की दिशा में एक व्यावहारिक दृष्टिकोण लेते हैं। इस पुस्तक के पाठों को शामिल करने से आपको स्वास्थ्य का अनुकूलन करने और चरम मानसिक प्रदर्शन प्राप्त करने में मदद मिल सकती है
  • 2.पॉवर अप युर ब्रेन :

  • इस पुस्तक में, डॉ पर्लमुटर हमें पांच सप्ताह की योजना प्रदान करते हैं जो मस्तिष्क को ध्यान, आहार और पोषण संबंधी विकल्प आदि के माध्यम से ज्ञान के लिए प्रशिक्षित करने में मदद करता है। इससे पाठकों को अपने आघात से गुजरने और आंतरिक शांति पाने में मदद मिलती है।
  • 3. ग्रेन ब्रेन :

  • ग्रेन ब्रेन 30-दिन की योजना के साथ पाठक को प्रदान करता है जो उन्हें सुधार करने के लिए अपने आनुवंशिक भाग्य को बदलने में मदद करता है। यह इस बारे में बात करता है कि हम आहार और जीवन शैली विकल्पों द्वारा अपने स्मार्ट जीन को कैसे नियंत्रित कर सकते हैं।
  • 4. द ब ग्रेन ब्रेन कुकबुक :

  • यह पुस्तक पाठकों को शरीर और मस्तिष्क को फिट रखने के लिए 150 व्यंजनों के साथ प्रस्तुत करती है और उन्हें अल्जाइमर, अवसाद, एडीएचडी और मिर्गी से दूर रखती है।
  • ब्रेन मेकर, द माइक्रोबायोम और ब्रेन, द ग्रेन ब्रेन होल लाइफ प्लान, द बेटर ब्रेन बुक भी डॉ पर्लमुटर की कुछ सर्वश्रेष्ठ कृतियां हैं।
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स्नेही होना एक बच्चे में भावनात्मक रूप से बुद्धिमान होने में मदद करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

जब भी आपका बच्चा कुछ करे तो हर बार जवाब अवश्य दें क्यूंकि यह उस बच्चे को विश्वास दिलाता है कि दुनिया एक उद्देश्यपूर्ण है। उन्हें महसूस कराएं कि आप उनके लिए वहां हैं, उन्हें पकड़ कर रखने के लिए। कुछ उपहार देकर उनके साथ खेलें, या स्माइली का आदान-प्रदान करें, उसके साथ बात करें। ये सभी क्रियाएं मस्तिष्क को बढ़ावा देती हैं और यह प्रक्रिया समन्वय कौशल, संचार कौशल और भाषा विकसित करती हैं।

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