गर्मियों के दिन और साथ-साथ स्कूल की छुट्टी, इसका मतलब है सारा परिवार बेचैन। परिवार के साथ या दोस्तों के संग, इस साल गर्मियों में भारत की ठुण्डी जगहों की सैर करने निकल जाईये। यह 10 स्थान लाजवाब हैं

गर्मियों के दिन और साथ-साथ स्कूल की छुट्टी, इसका मतलब है सारा परिवार बेचैन। परिवार के साथ या दोस्तों के संग, इस साल गर्मियों में भारत की ठुण्डी जगहों की सैर करने निकल जाईये। यह 10 स्थान लाजवाब हैं

हमारी इस वेबसाइट पर आपका बहुत-बहुत स्वागत है। अगर आप भी गर्मियों की छुट्टियों में कहीं जाने की सोच रहे हैं, तो हम आपके लिए कुछ शानदार और बहुत खूबसूरत समर डेस्टिनेशंस लाए हैं। साथ ही हमने आपको कई टिप्स और जरूरी बातों के बारे में भी बताया है जिन्हें ध्यान में रखने पर आप की होलीडेज और भी अच्छी बीतेगी।

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ट्रैवेलिंग टिप्स।

गर्मियों की छुट्टियों में घूमने के टिप्स।

चाहे आपने टाइम टू टाइम बुकिंग की हो या सब एडवांस में प्लान किया हो जब तक आप मेंटली प्रीपेर नहीं है तब तक घूमने का कोई फायदा नहीं है। ऐसा करने से आपकी गर्मियों की छुट्टिया मजेदार होने के बजाय निराशाजनक हो सकती है। बाहर जाने से पूर्व यह महत्वपूर्ण है कि आप खुद को पहले मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार कर ले , ताकि आप घूमने, सैर, तैराकी या खरीदारी का भरपूर आनंद ले सकें। अपने आप को हर समय हाइड्रेटेड रखने के लिए पर्याप्त चाय बैग तथा थकान और भूख से बचने के लिए ग्रेनोला बार या प्लांट आधारित प्रोटीन पाउडर ले जाना न भूले । साथ ही जरूर सुनिश्चित करें कि यात्रा के दौरान आप जो भी खाये वो पौष्टिक हो। उन चीजों से बचें जो पेट में संक्रमण कर सकती हैं। पानी से भरपूर फल और सब्जियां अच्छे विकल्प साबित हो सकते है ।

जाने से पहले।

ध्यान रहे ट्रिप पर जाने से पहले अपने घर की एक स्पेयर की और कांटेक्ट डिटेल्स किसी भरोसेमंद पड़ोसी या अपने करीबी रिश्तेदार को देकर जाये। क्योंकि मानलो अगर आपके पीछे कोई आपातकालीन स्थिति पैदा हो जाती है तो वे लोग सब संभाल सके। यह बहुत ही अक्लमंदी और सूझबूझ वाला निर्णय है। टेक्निकल या ऑपरेशनल ग्लिच के लिए अपने अलार्म को जाने से पहले अवश्य चेक करें। वापस लौटने पर बिजली कटौती या पानी की कमी से बचने के लिए अपने सभी उपयोगिता बिलों का भुगतान करके जाये । अपने सभी इलेक्ट्रॉनिक और बिजली के उपकरणों को डिस्कनेक्ट करने के साथ जल्दी ख़राब होने वाले आइटम्स को फ्रिज से बाहर निकाल दे। ये बात बहुत छोटी है पर बड़े काम की है।

पैकिंग करे स्मार्टली।

अपने कपड़ो का उस जगह की संस्कृति और मौसम के अनुरूप चयन करे। हो सके तो बल्की कपड़े ले जाने से बचे। हैट, टोपी और धूप के चश्मे तो हर डेस्टिनेशन स्पॉट के अनुकूल चीज़े है। कड़कड़ाती धूप ,लू और सनस्ट्रोक्स से बचने के लिए छाता सबसे उपयोगी है इसलिए इसको ले जाना न भूले । अगर आप किसी गर्म जगह पर जा रहे है तो वाटर रेसिस्टेंट सनस्क्रीन बैग में जरूर रख ले क्योंकि यह धूप से निकलने वाली यू.वी किरणों से हमारी त्वचा की सुरक्षा करता है और इसे अपनी स्किन पर हर 3-4 घंटे में अप्लाई करते रहे । गहरे रंग के कपड़ो को हो सके तो अवॉयड करे। इसके आलावा अपने साथ फर्स्ट ऐड किट ले जाये जिसमे यात्रा के दौरान जरूरत पड़ने पर काम आने वाली चीज़े जरूर रखे जैसे छोटे-मोटे कट और खरोंच के लिए बेंडेड , डेटोल , एंटीसेप्टिक ऑइंटमेंट और दस्त व उलटी की दवा।

10 समर हॉलिडे डेस्टिनेशंस

औली।

औली उत्तराखंड राज्य के चमोली जिले में पड़ता है। यह 6-7 किलोमीटर में फैला छोटा सा स्की डेस्टिनेशन है। गढ़वाल भाषा में औली घास के मैदान को कहां जाता है। इस रिसोर्ट को समुन्द्र तल से लगभग 2500 मीटर से 3050 मीटर की ऊंचाई पर बनाया गया है। औली में एक तरफ पहाडो का मनमोहक नजारा देखने को मिलता है तो दूसरी ओर है हरे भरे शंकुधारी और देवदार के वृक्ष। औली और जोशीमठ के बीच बने मेनमेड रोपवे और केबल कार जो 3010 मीटर की ऊंचाई पर चलती है लोगो के बिच खासी लोकप्रिय है। औली में घूमने के लिए सर्वश्रेष्ठ स्थानों में गोरसन बुग्याल, औली की कृत्रिम झील, नंदादेवी शिखर और चतरकुंड शामिल हैं।

औली में परमानेंट स्की स्लोप्स का साहसिक अनुभव लेने हेतु अर्टिफिकल झील का निर्माण किया गया है। बर्फ़बारी कम होने के समय स्कीइंग के अवसर कम हो जाते है इसलिए ऐसी सिचुएशन से बचने के लिए बेसिन के फ्रेश वॉटर से स्नो गन्स को भरा जाता है। औली में पड़ने वाला जोशीमठ हिमालय के कई अभियानों और बद्रीनाथ की शुरुआत का केंद्र बिंदु है , जबकि गुरसो बुग्याल एक ट्रेल है जो नंदादेवी, द्रोण और त्रिशूल के पहाड़ों से होकर गुजरने के साथ ही कोनिफर, ओक और रोडोडेंड्रॉन पेड़ों से घिरा हुआ है। क्रिस्टल क्लियर ब्लू वॉटर वाली चतरकुंड झील बहुत ही खूबसूरत है। कुछ अन्य लोकप्रिय पर्यटक आकर्षण चेनाब झील, औली स्की रिसॉर्ट और विष्णुप्रयाग हैं। स्नो स्कीइंग डेस्टिनेशन होने के वजह से औली में घूमने का सबसे अच्छा समय नवंबर से मार्च महीने के बीच का रहता है।

चेरापूंजी।

"भारत के उत्तर पूर्वी राज्य मेघालय का शहर चेरापूंजी रबर के पेड़ों से बने लाइव रूट पुलों के लिए प्रसिद्ध है। चेरापूंजी पृथ्वी की सबसे साफ जगहो में से एक है। इसके नजदीक ही विशाल नोहकालीकाई झरना है जिसे देखने लोग दूर-दूर से आते है। इसके आलावा यहाँ पर कुछ झरने जैसे डेन थ्लेन फॉल्स , नोहसिंघिथिआंग फॉल्स और नोहकालिकाइ फॉल्स भी बहुत ही सुन्दर और दर्शनीय हैं। यहाँ पर स्थित भारत और बांग्लादेश के बीच का एक प्रमुख व्यापार केंद्र,डावकी टूरिस्ट का पसंदीदा पर्यटन स्थल है क्योंकि यह आपको लोकप्रिय उमंगोट नदी में नाव की सवारी , हरियाली, भव्य सस्पेंशन ब्रिज और वसंत के दौरान बोट राइडिंग कॉम्पिटिशन में हिस्सा लेने का सुनहरा मौका प्रदान करता है ।

चेरापूंजी की मावसई गुफाएँ अपनी रहस्यमय और आश्चर्यजनक गुफाओ के लिए विश्व भर में जानी जाती है। गुफा होने के बावजूद इनके अंदर आपको अच्छी लाइटिंग मिलती है। चुना पत्थर पर अनगिनत रंगो और डिजाइनों से की गयी अद्भुत कलाकारी सैलानियों का मन मोह लेती है । बांग्लादेश के मनोहक नजारे और सुंदर ऑर्चिड दिखाता इको पार्क एक ओर बेहतरीन टूरिस्ट स्पॉट है । नोंगसावलिया, मावदोक दंपप घाटी का नज़ारा, थांगकारंग पार्क, खासी मोनोलिथ, नोकरेक नेशनल पार्क और कई अन्य झरने चेरापूंजी और उसके आसपास के कुछ अन्य पर्यटन स्थल हैं । चेरापूंजी की यात्रा का सबसे अच्छा समय मई से सितंबर के बीच का होता है। "

गोवा।

"सैंडी समुद्र तट, लाइवली नाइटलाइफ़, विचित्र छोटे गाँव, मंत्रमुग्ध करने वाली पहाड़ियां और स्थानीय व्यंजन गोवा को एक शीर्ष पर्यटन स्थल बनाते हैं। भारत के पश्चिमी तट पर स्थित गोवा या गोआ सबसे लोकप्रिय स्थानों में से एक है। वर्षा ऋतू के आते ही प्रकृति गोवा की जलवायु को अद्भुत स्वरूप प्रदान करती है। इसलिए पुर्तगाली विरासत वाले गोवा को " पर्ल ऑफ़ ईस्ट " भी कहा जाता है। आपका बजट चाहे कितना भी हो गोवा में देखने के लिए आपके पास बहुत कुछ है। गोवा के खूबसूरत समुद्र तट आपको लक्जरी अनुभव, कुछ व्यक्तिगत शांत समय और फॅमिली वेकेशन तथा अडवेंचरस हॉलिडे के लिए प्राकृतिक सुंदरता प्रदान करते हैं। गोवा के समुंद्री तट जैसे अगोंडा, बागा, कैंडोलिम और कैलंग्यूट भीड़ भाड़ वाले और कम आबादी वाले समुंद्री तटों का मिश्रण है। भारत के समुद्र तट की राजधानी समुद्र तल और शांत तरंगे काइट सर्फिंग, नी बोर्डिंग, स्नोर्कलिंग, पैरासेलिंग, पैराग्लाइडिंग, कयाकिंग और डाइविंग जैसे पानी के खेलों का आनंद लेने के लिए सही जगह है।

क्रूज गोवा के प्राचीन जल और मनभावन समुद्र तटों का आनंद लेने का सबसे अच्छा तरीका है। इसके आलावा यहाँ के प्रमुख दार्शनिक स्थलों में शामिल है -द बेसिलिका ऑफ बोम जीसस का प्राचीन चर्च, डोना पाउला - यह क्षेत्र पहले एक गांव हुआ करता था पर आज यहां कई बेहतरीन लक्जरी होटल है ,मजेदार कैसीनो-सबसे अच्छे हैंगआउट में से एक ,मंडोवी नदी में याच की सवारी , टीटो -एक प्रसिद्ध क्लब जो अपने विशाल डांस फ्लोर और ट्रेंडिंग बॉलीवुड संगीत के लिए जाना जाता है, फोर्ट अगुआड़ा-एक पुराना पुर्तगाली दुर्ग, गोवा पिस्सू बाजार और शॉपिंग एस्केप जहां आपको सुंदर गोयन कलाकृतियां, हस्तशिल्प फेनी, काजू, आदि मिलते हैं । यकीनन गोवा का अनुभव और मजा आपके साथ ताउम्र रहने वाला है।

कलिम्पोंग |

" कलिम्पोंग पश्चिम बंगाल के दार्जलिंग जिले में आता है। यह सुंदर हिल स्टेशन अछूते पर्वतीय स्थलो , मनोरम पहाड़ी दृश्यो , तिब्बती हस्तशिल्प, बौद्ध मठ और मंदिरो के साथ शिवालिक पर्वतमाला की तलहटी में 1250 मीटर की दूरी पर तीस्ता घाटी में स्थित है। पुराने-पुराने चर्चों और आकर्षक मंदिरों वाला यह खूबसूरत शहर मनभावन बागों के साथ फूलों के बाजारों के लिए भी जाना जाता है।चाहे दुरपिन दारा हिल, कैक्टस नर्सरी हो , देओलो हिल हो या गलिंगका जो पश्चिम सिक्किम की बर्फ से ढकी पर्वतमाला है सभी लुभावने दृश्य पेश करते हैं और आपको रंगबिरंगे फूलों की खेती के कुछ अनूठे तरीकों से परिचित कराते हैं। यहाँ से उगते और डूबते सूरज का मन मोह लेने वाला नजारा भी देखने को मौका मिलता है। कलिम्पोंग के मॉर्गन हाउस के रहस्मय अतीत से रू-ब-रू होने हर साल जनसैलाब उमड़ता है। थोड़ी दूरी पर स्थित जंग डोंग पाल्रिफ़ो ब्रानग गोम्पा मोनेस्ट्री का आस्था से भरा वातावरण आपको घुटनों टेकने पर मजबूर कर देगा । इसका आलावा आप तीस्ता नदी में रिवर राफ्टिंग का मजा ले सकते है या क्रॉकली बंगला और तीस्ता बाजार के विचित्र वास्तुशिल्प कारनामों , स्थानीय हस्तशिल्प और कलाकृतियों को निहार सकते है ।

कोडैकनाल |

" कोडैकनाल भारत के सबसे लोकप्रिय हनीमून स्थलों में से एक है। यहां पर अति सुंदर विशाल चट्टानें, अद्भुत जलवायु, , बादल से ढंके पहाड़, खूबसूरत झीलें और घाटियाँ हैं। पलानी हिल्स की रोलिंग ढलानों के बीच बसा कोडैकनाल समुद्र तल से लगभग 7,200 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यह शहर प्रकृति, संस्कृति और शांति का अद्भुत मिश्रण है। कुछ लोग इसे "कौड " के नाम से भी जानते है। पर्फेक्ट्ली त्रिमंड स्लोप , सुंदर पानी के झरने और खूबसूरत झीलें कोडाइकनाल को घूमने के लिहाज से एकदम सही जगह बनाती हैं।20 हेक्टेयर में फैली कोडैकनाल झील पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है। कोकर्स वॉक नामक जगह की ऊंचाई पर पहुंच कर आप इसकी ढलान के सौंदर्य को निहार सकते है।

पिलर रॉक्स पिकनिक मनाने का सबसे बढ़िया स्थान है। कोडैकनाल की ग्रीन वैली आने के बाद आपकी सारी थकान गायब हो जाती है।इसके आलावा आप कुछ बेहतरीन साहसिक क्लैड गतिविधियों का आनंद भी ले सकते है , जिनमें घुड़सवारी, नाव की सवारी और साइकलिंग, पिकनिक शामिल हैं। भालू शोला जलप्रपात, डेविल्स किचन और मिस्टी वुडलैंड्स, सुंदर वॉकवे, मानव निर्मित झीलें भी कुछ मंत्रमुग्ध कर देने वाले स्थान है। सभी प्रकार के यात्रियों के लिए कुछ न कुछ है जैसे भ्रमण, रहस्यमय चट्टाने और ट्रेकिंग के मजेदार अनुभव । कोडैकनाल में लोकप्रिय वनस्पति उद्यान व ब्रायंट पार्क भी है, जो अपने जीव, संकर और राफ्ट के लिए जाना जाता है और मई में वार्षिक बागवानी शो के दौरान यहाँ देश विदेश से भारी संख्या में लोग आते है।

साइलेंट वैली व्यू, कोडाइकनाल सोलर ऑब्जर्वेटरी, कुरुंजी टेम्पल, नेचुरल हिस्ट्री का शेमबागानुर म्यूजियम, पाइन वन, ला साल्ट चर्च, कुक्कल गुफाएं, मोइर पॉइंट, फेयरी फॉल्स और डॉकमैन सर्किल जैसे कोडाईकनाल के आसपास के खूबसूरत स्थान सचमुच देखने लायक है । "

महाबलेश्वर |

महाबलेश्वर महाराष्ट्र के सबसे लोकप्रिय हिल स्टेशनों में से एक है, जो अपने शानदार झरनों, राजसी पहाड़ियों और कई नदियों के लिए प्रसिद्ध है। यह सितारे जिले में पड़ता है। रसीले स्ट्रॉबेरी के बाग़ और प्राचीन मंदिर इसकी खुबसुरत का अभिन्न हिस्सा हैं। ट्रिम किये घने हरे जंगल, मोहक घाटिया और शांत झील महाबलेश्वर की विशेषता है। महाबलेश्वर जाने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से जून महीने के बीच का होता है। महाबलेश्वर में घूमने के लिए बहुत कुछ है जैसे लोकप्रिय एलीफैंट हेड पॉइंट , चाइनामैन फॉल, आर्थर सीट, वेन्ना लेक, प्रतापगढ़ फोर्ट से महाबलेश्वर मंदिर का ट्रेक , कनॉट पीक, लिंगमाला फॉल्स, मोरारजी कैसल, लॉडविक पॉइंट, टाइगर स्प्रिंग, मैप्रो गार्डन। अमेजिंग रॉक फॉर्मेशन, ऊँची चोटियाँ, भय पैदा करने वाले घाटियाँ, चटक हरियाली, ठण्‍डी पर्वतीय हवा, झीलों के बीच नाव की सवारी, सूर्योदय और सूर्यास्त, मनोरम पलायन, मनमोहक वास्तुकला और ट्रेकिंग इस स्थान को महाराष्ट्र का सर्वाधिक पसंद किये जाने वाला पर्वतीय स्थल बनाते है।

रानीखेत |

अंग्रेजो द्वारा विकसित शहर रानीखेत कुमाऊं के अल्मोड़ा जिले में स्थित है। रानीखेत प्राचीन मंदिरों, रोलिंग पहाड़ियों और घने वनो से घिरा बहुत ही सुंदर हिल स्टेशन है। रानीखेत में जिले की सबसे बड़ी सेना की छावनी है जहां भारतीय सेना के जवानो को ट्रेनिंग दी जाती है। एक अद्भुत म्यूजियम है जिसके अंदर हथियार, सैन्य और ऐतिहासिक वस्तुओ का भव्य प्रदर्शन किया गया है। रानीखेत को ट्रेकिंग रेंज, गोल्फ कोर्स, नंदादेवी शिखर, मंदिरों और बागों के लिए भी जाना जाता है। हिमालय की गोद में स्थित चौबटिया बगीचा एशिया का सबसे बड़ा फलों का बगीचा है जो बेर , आड़ू, सेब और खुबानी के लिए प्रसिद्ध होने के साथ आपको नीलकंठ, नंदा देवी, नंदघुनती और त्रिशूल चोटियों के मनोरम दृश्यों से अवगत कराता है ।रानीखेत का 9-होल गोल्फ कोर्स समूचे भारत में दूसरे नंबर पर आता है। यह गोल्फ लोकल और विजिटर्स दोनों के लिए कई तरह के मेम्बरशिप प्लान प्रोवाइड करता है । हरे-भरे जंगल के बीच बनायी गयी कृत्रिम झील, भालु डैम बर्फ से ढकी घाटियो ,पक्षियों और ताजी हवा के साथ एक परफेक्ट पिकनिक स्पॉट है। झूला देवी मंदिर, मनकामेश्वर मंदिर, द्वाराहाट, हैड़ाखान बाबाजी मंदिर, राम मंदिर कुछ लोकप्रिय तीर्थस्थल और मंदिर हैं जो आपको दिमाग को सुकून और मन को शांति शांति प्रदान करते है।

ऊटी |

" ऊटी उर्फ ​​उदगमंडलम दक्षिण भारत के तमिलनाडु राज्य का एक शहर है। ऊटी को पहाड़ियों की रानी के रूप में भी जाना जाता है। यहाँ दूर तक फैली हरियाली , चाय के बागान ,पहाड़ियां ,शांत बहते झरने किसी भी प्रकृति प्रेमी के लिए स्वर्ग से कम नहीं है। यह शहर नीलगिरि की पहाड़ियों के बीच समुद्र तल से लगभग 2,240 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। वैसे तो यहां का वातावरण वर्ष के अधिकांश समय सुखद और आनंदमय रहता है। पर गर्मियों के महीनों के दौरान मार्च से जून तक का वक्त ऊटी घूमने के लिए सबसे अच्छा है। ऊटी नव विवाहितों के लिए घुमावदार गलियों, एक पुरानी दुनिया का आकर्षण और कोलोनियल आर्किटेक्चर के साथ हनीमून मनाने का एक बेस्ट डेस्टीनेशन माना जाता है।शहर की हरियाली के बीच से चीरकर निकलती टॉय ट्रेन जिसमें हर समय जगमगाते पानी के झरने दिखाई देते हैं नीलगिरी माउंटेन रेलवे के पास एशिया की सबसे खड़ी ट्रैक है।जब कभी भी आप इस हिल स्टेशन में आये तो बोटैनिकल गार्डन, ऊटी झील, रोज़ गार्डन, थ्रेड गार्डन, कलाहट्टी फॉल्स, डॉल्फिन नोज, टाइगर हिल, डोड्डाबेट्टा पीक, वेनलॉक डाउन्स, थंडर वर्ल्ड, वैक्स म्यूज़ियम और केयर्न हिल का दौरा करना न भूलें। "

सिक्किम |

शहरी के भीड़ भाड़ वाले माहौल से दूर, सिक्किम राज्य आकर्षक उच्च ऊंचाई वाली झीलों, पानी के झरने, नीले रंग की नदियों और कई प्रकार के रोमांच, राजसी इतिहास और प्रकृति की सुंदरता की एक अद्भुत पेशकश है। मार्च और जून के बीच का समय सिक्किम की यात्रा करने के लिए सबसे अनुकूल होता हैं क्योंकि इस वक्त आपको पर्वतारोहण, ट्रेकिंग और रिवर राफ्टिंग, मेलों और त्यौहारों, माउंटेन खंगचेंदज़ोंग के मनोरम दृश्य और बौद्ध भ्रमण जैसे साहसिक खेलों का आनंद लेने का अवसर मिलेगा ।चाहे वह सिक्किम के पहाड़ों और हरे-भरे घास के मैदानों के खूबसूरत नज़ारे हों या हाई अलटीटुडे लेक्स जैसे गुरुडोंगमार, तीस्ता और रंगित की नदियों का संगम, कास्केड ऑफ़ 7 सिस्टिर्स , नूरू ला और गोइचा ला, बोरोंग और रालोंग जैसे गर्म झरने, रहस्मय गुफाएं हो या गोइचा ला ट्रेक, ग्रीन लेक ट्रेक और बार्सी रोडोडेंड्रोन ट्रेक, या दुर्लभ जानवरों और पक्षियों की प्रजातियों वाला वाइल्डलाइफ रिज़र्व हो जैसे प्रसिद्ध खांगचेंदज़ोंगा नेशनल पार्क, फ़िचोंग ल्हो वाइल्डलाइफ सैंक्चुअरी , सिक्किम आपके पास आपको मंत्रमुग्ध करने के लिए बहुत है । त्योहारों की एक श्रृंखला जो कृषि केंद्रित और धार्मिक रूप से समृद्ध है जैसे लोसोंग, लोसार, भुमचू, सागा डावा, और फांग ल्हाबसोल भी स्वादिष्ट भोजन के साथ राज्य की हार्मोनिक विविधता का प्रदर्शन करते हैं। "

श्रीनगर |

श्रीनगर भारत के जम्मू कश्मीर प्रान्त की ग्रीष्मकालीन राजधानी है। श्रीनगर झेलम नदी के तट पर कश्मीर की घाटी में स्थित है। इसको 'हेवन ऑन अर्थ' भी कहा जाता है। अपने लुभावने मौसम के कारण श्रीनगर पर्यटकों को सारा वर्ष आकर्षित करता रहता है। जंगली पहलगाम के पानी से लेकर गुलमर्ग की शांत वादियों तक , स्वच्छ पर्वतीय हवा में ताजगी का मजा लेने से लेकर किराए की हाउसबोट में बैठकर डल झील की खूबसूरती को निहारने तक आप चाहे जहां भी जाएं आपको बहुत अच्छा लगेगा। इसके आलावा दिलचस्प रंग बिरंगी शिकारा राइड और गोंडोला रैनबोट है जो आपका रुख कराती है सब्जी बाजार और झील पर बसने वाले लोगों के ऊर्जावान समाज मीर बैरिस का। आप दाल लेक में कयाकिंग और स्कीइंग का भी आनंद ले सकते हैं। श्रीनगर टेरेस लॉन, शालीमार बाग, चश्मा शाही बाग और निशांत बाग, परी महल जैसी मनमोहक पर्यटन स्थलों के लिए भी जाना जाता है। जबरवन चोटी से आप पुरे शहर की सुंदरता को एक साथ निहार सकते है। हजरतबल, इंदिरा गांधी मेमोरियल गार्डन, चार चिनार, शंकराचार्य मंदिर, वुलर झील, बारामुला, तारसार मार्गर ट्रेक, अनंतनाग, सिथान टॉप, श्रीनगर में घूमने के स्थानों की सूची इतनी लंबी है कि आप घूमते घूमते थक जायेंगे पर जगह खत्म होने का नाम नहीं लेंगी।

बोनस टिप: यात्रा करे सेलेब की तरह ।

जब छुट्टियों बिताने के लिए जगह के चुनाव करने की बारी आती है तो बजट और प्रेफरन्स के बिच तालमेल स्थापित करना बड़ा मुश्किल हो जाता है । हम सब पैसो की तंगी से बचने के लिए सस्ती और अच्छी जगह खोजने की कोशिश करते है । पर एक समय ऐसा भी आता है जब हमारा फोकस पैसे से हटकर केवल हॉलिडे एन्जॉय करने पे चला जाता है। तो आज हम आपको कुछ महत्वपूर्ण टिप्स देने जा रहे है जिनकी मदद से आप ज्यादा पैसा उड़ाए बिना बिल्कुल सेलेब्स की तरह घूम सकते है।

  • स्थानीय वनस्पतियों और जीवों के साथ एक सेल्फी बहुत जरूरी है।
  • कभी छुट्टी बिताने स्वीटपैंट पहनकर न जा
  • मोड ऑफ़ ट्रैवेलिंग के हिसाब से कपड़ो सेलेक्ट करे।
  • सही इंस्टाग्राम शॉट के लिए एक विंडो सीट सबसे उपयुक्त है।
  • चिली फ्लाइट पर जाने से पहले साथ में कुछ एक्स्ट्रा गर्म कपड़े लेकर चले ।
  • अपने मित्रों को चिढ़ाने के लिए सोशल मीडिया चालू रखें।
  • ओवरपैकिंग हमेशा भद्दी दिखती है और पर्सनालिटी को निखरने नहीं देती । इसलिए ओवरपैकिंग से बचे।
  • छुट्टियों का को पूर्णतय आनंद लेने के लिए स्थानीय लोगों के साथ दोस्ताना व्यवहार करें।
  • एक्सेसरी न भूलें !
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अंत

हमें विश्वास है कि अब तक तो आपने अपने लिए एक सुंदर सी जगह का चुनाव कर लिया होगा जहां आप अपनी गर्मियों मे जाना चाहेगे। आप हमारे द्वारा बताई गई बातों का भी ध्यान रखें क्योंकि यह है आपके काफी काम आएंगी। अनुच्छेद पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद।