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घर पर रहकर व्यायाम सिर्फ 30 मिनट में ।

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एक बार अपने शरीर से ये बात कह के देखिये “मैं व्यस्तता के कारण तुम्हारा ज्यादा ख्याल नहीं रख सकता :- इस बात का बुरा न मानना और स्वस्थ रहना” आपका शरीर जवाब देगा “बहाने सुना किसी और को, मैं तो चला बिगड़ने”| आप इस बात पर हंस सकते हैं लेकिन सच्चाई को नकार नहीं सकते| अपने शरीर का ख्याल रखना आपके लिए हर हाल में ज़रूरी है क्यूंकि इसके लिए आपका शरीर कोई बहाना नहीं सुनेगा की आपके पास वक्त नहीं है या आपमें उतनी एनर्जी नहीं है आदि| स्वस्थ रहने के लिए आपकी दिनचर्या में शरीर की कुछ स्तर की गतिशीलता आवश्यक है, अब अगर आपके काम के दौरान ऐसा हो पाता है तो ठीक लेकिन अगर नहीं हो सकता तो आपको नियमित व्यायाम करना ही चाहिये|

वक्त की कमी एक बड़ी वजह है कई लोगों के लिए की वो नियमित व्यायाम नहीं कर सकते, लेकिन क्या आप जानते हैं :- की आप प्रतिदिन नियम से अगर सिर्फ 30 मिनट का व्यायाम भी कर लेते हैं तो ये आपके शरीर को स्वस्थ रखने के लिए काफी है| अगर आप इस बात से अब तक वाकिफ नहीं हैं तो आप इस लेख को गौर से पढ़िए क्यूंकि इसमें हमने इसी विषय में जानकारी देने का प्रयास किया है| और अगर आप इस बारे में जानते हैं तो भी इस लेख को एक बार ज़रूर पढ़ें की हो सकता है की आपको कुछ अतिरिक्त जानकारी मिल जाये जिससे आप अब तक अनिभिज्ञ हों|

क्या 30 मिनट काफी होंगे?

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सबसे पहला सवाल किसी के मन भी आ सकता है की क्या 30 मिनट का व्यायाम शरीर के लिए काफी होगा? जवाब है हाँ, बेशक :- व्यायाम अगर शरीर की आवश्यकता को समझते हुए प्रणालीबद्ध तरीके से किया जाये तो ये फायदा करता ही है भले ही इसमें सिर्फ 30 मिनट ही क्यूँ ना दिए गए हों और आप इसे घर पर ही कर रहे हों|

आपको बस इस विशेष प्रणाली को समझना है और इसका अनुपालन करना है :- क्यूंकि व्यायाम की ये प्रणाली आपको अपने घर पर ही रहते हुए सिर्फ 30 मिनट में व्यायाम का पूरा फायदा पहुंचा पाने में सक्षम है और आप ये देख के हैरान हो जायेंगे की वाकई में इसका असर भी जिम में एक या डेढ़ घंटे व्यायाम करने से कुछ कम नहीं|

घर पर 30 मिनट के व्यायाम के लिए कुछ शुरुआती जानकारी ।

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कुछ ऐसी जानकारी से शुरुआत करते हैं जो घर पर व्यायाम शुरू करने से पहले आपको पता होनी चाहिए जिससे आप इसका समुचित लाभ उठा सकें :

अपने स्वास्थ्य का आंकलन कीजिये और समझिये की किस प्रकार का व्यायाम आपके लिए उपयुक्त रहेगा ।

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अपने स्वास्थ्य का आंकलन करने से तात्पर्य ये है की आप अपनी उम्र के मुताबिक अपने शरीर की मौजूदा स्थिति पर थोडा गौर कर लें :- इसके लिए अगर आपको कुछ नाप वगैरा लेने की ज़रूरत है तो वो भी ले लें ताकि आप अपने लिए व्यायाम का प्रकार निर्धारित कर सकें|

हालाँकि इस प्रणाली में कुछ ज्यादा फेर बदल की आवश्यकता नहीं पड़ेगी :- लेकिन फिर भी शायद कोई ऐसा व्यायाम हो जो आप ना कर सकें या फिर कोई और व्यायाम जिसे आपको कुछ ज्यादा करने की आवश्यकता हो| ये सब आप व्यायाम शुरू करने से पहले ही अपने स्वास्थ्य का आंकलन करके निर्धारित कर सकते हैं|

आवश्यकता के अनुसार लक्ष्य बना के रखिये ।

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स्वास्थ्य का आंकलन आपको निम्नलिखित निष्कर्षों में से किसी एक पर पहुंचा सकता है :

  • 1 आप फिलहाल स्वस्थ नहीं हैं, यानी की आपके शरीर में कोई समस्या है जैसे आपका पेट ज्यादा निकला हुआ है, आपके अन्दर स्फूर्ति की कमी है, शरीर में लचीलापन बिलकुल नहीं है, या फिर स्टैमिना के नाम पर आप बहुत कमज़ोर हैं यानी की ऐसी कोई भी तकलीफ जिसे व्यायाम के ज़रिये बड़ी आसानी से ठीक किया जा सकता है| और अगर इसे अभी ठीक ना किया गया तो आगे चलकर तकलीफ बढ़ भी सकती है|
  • 2 आप स्वस्थ तो हैं लेकिन इसे बनाए न रख सके तो ये स्वास्थ्य टिकेगा नहीं
  • 3 आप स्वस्थ हैं लेकिन आप अपने शरीर की बनावट को कुछ ज्यादा आकर्षक बनाना चाहते हैं|
  • इनमे से कोई भी निष्कर्ष आपको लक्ष्य निर्धारित करने मं सहायक होगा और आप व्यायाम के लिए ज्यादा प्रेरित हो सकेंगे |

नियमितता का अनुपालन ज़रूर करिये ।

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आगे बताई जाने वाली बातों का कोई महत्व नहीं अगर आप इन्हें नियम के साथ अपना ना सकें :- आप अगर चाहते हैं की आपके शरीर का स्वास्थ्य बेहतर हो और बेहतर बना रहे तो आपको ये बात माननी ही पड़ेगी, इसीलिए शुरू करने से पहले ही इस बात की जानकारी आपको दे दी गई है|

घर पर रहकर सिर्फ 30 मिनट में फुल बॉडी वर्क आउट के लिए 10 ख़ास व्यायाम ।

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व्यायाम के बारे में जानकारी देने से पहले आपको एक और आवश्यक बात बता दें :

    इस प्रणाली का अनुपालन आपको अपने शरीर के स्वास्थ्य के मौजूदा स्तर के अनुसार करना पड़ेगा| जो बात हम मान के चल रहे हैं वो ये की आप 3 में से किसी एक स्तर पर फिलहाल हैं :

  • 1 आपने अब तक कभी भी व्यायाम की तरफ रुख नहीं किया और ये पहली बार है की आप ये कोशिश करने जा रहे हैं| इस सूरत में आपको पहले दिन से ही पुरे 30 मिनट के व्यायाम को नहीं अपनाना चाहिए क्यूंकि इससे आपके शरीर पर और मांसपेशियों पर अचानक क्षमता से अधिक दबाव पड़ेगा और उनमे तनाव उत्पन्न हो जायेगा, दर्द भी हो सकता है| तो आप पहले 3 दिन तक सूचि में बताये गए प्रकार में सिर्फ पहले 2 प्रकारों तक ही सीमित रहिये जिससे आपके शरीर में कुछ लचीलापन पैदा हो सके और आप इस प्रक्रिया को बिना किसी दिक्कत के आगे बढ़ा सकें| आगे बढ़ने के बाद भी व्यायाम के प्रकार के कुछ हल्के स्वरूप को ही अपनाएं जो हम अलग अलग व्यायाम के साथ बताते चलेंगे, और ऐसा अगले 10 दिन तक करें| इस प्रकार कुल 13 दिन बीत जाने के बाद आपके शरीर और मांसपेशियों में इतनी शक्ति आ जाएगी की आप पूरा व्यायाम बिना किसी मुश्किल के कर पाएंगे|
  • 2 आप व्यायाम तो करते हैं इसलिए आपके शरीर में पर्याप्त लचीलापन और शक्ति मौजूद है तो आपको पूरा व्यायाम कर पाने में कोई तकलीफ नहीं होने वाली लेकिन व्यायाम के कुछ प्रकार ऐसे हैं जो शायद आपको कुछ मुश्किल लगें तो बेशक आप उस व्यायाम के हल्के प्रकार को अपनाएं और जब आपको उचित लगे तो स्तर को आगे बढ़ाएं| अगर तो आप नीचे बताये गए सभी व्यायाम कर सकते हैं तो भी शुरुआत में उन्हें ज्यादा न करें, बस प्रत्येक प्रकार के 2 या अधिकतम 3 सेट ही लगायें फिर धीरे धीरे इसे बढ़ा सकते हैं|
  • 3 आप जिम जाते थे, यानी की आप पूरा व्यायाम कर पाने में सक्षम हैं लेकिन अब उतना समय ना होने के कारण या फिर आजकल के लॉकडाउन में सब कुछ बन्द होने के कारण आप जिम नहीं जा सकते| ऐसी सूरत में आप नीचे बताये गए व्यायाम को बखूबी पूरा कर सकते हैं वो भी पहले दिन से ही| क्यूंकि इस प्रणाली में योजनाबद्ध तरीके से शरीर के हर हिस्से के व्यायाम के लिए प्रकार समायोजित किये गए हैं तो आप इसका पूरा फायदा उठा सकते हैं| यहाँ तक भी मुमकिन है की अगर हम कहें की इस प्रणाली को अपनाने के बाद हो सकता है की आपको लगे की अब तक आपने जिम में इतना वक्त और पैसा बर्बाद किया सिर्फ उस काम के लिए जो आप घर पे रहकर भी कर सकते थे तो शायद अतिश्योक्ति ना होगा|
  • इस विशेष जानकारी को ध्यान में रखते हुए चलिए आगे बढ़ते हैं व्यायाम की तरफ :

वार्म अप ।

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कभी भी व्यायाम शुरू करने से पहले सबसे आवश्यक है वार्म अप होना यानी की अभी तो आपका शरीर पुरे आराम की स्थिति में है :- तो आपको पहले उसे ये एहसास कराना पड़ेगा की उसे कुछ मेहनत करनी है| वार्म अप होने से शरीर में रक्त संचार बढ़ता है मांसपेशियों में कुछ गतिशीलता उत्पन्न होती है जिससे वो व्यायाम कर पाने के लिए तैयार हो जाती हैं| वार्म अप होने के लिए सबसे अच्छा और आसान तरीका है स्पॉट रनिंग यानि की एक ही स्थान पर रहते हुए दौड़ने की प्रक्रिया| जिस प्रकार कुछ मद्धम गति से जॉगिंग की जाती है ठीक वोही काम आपको एक जगह पर खड़े रहकर करना है|

शुरुआत करने वाले व्यक्ति इसे 2 मिनट तक कर सकते हैं :- फिर कुछ दिन बाद इसका समय एक एक मिनट बढाकर 5 मिनट तक ले जा सकते हैं| अगर आपके पास स्किप्पिंग रोप (कूदने की रस्सी) है तो वार्म अप के लिए पुरे समय यानी की कुल 5 मिनट में से आधा स्पॉट रनिंग और आधा रोप स्किप्पिंग भी कर सकते हैं|

स्ट्रेचिंग ।

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वार्म अप होने के बाद जो दूसरी प्रक्रिया ज़रूरी है, वो है स्ट्रेचिंग :- ये करने से शरीर की मांसपेशियों में खिंचाव उत्पन्न होता है और वो कुछ लचीली हो जाती है और इससे व्यायाम करते वक्त इनमे दबाव के असर से तनाव या तकलीफ नहीं होती|

स्ट्रेचिंग आपको पुरे शरीर के हर हिस्से के लिए करनी होगी तो गौर से देखिये की इसमें आपको क्या क्या करना है :

    फुल बॉडी स्ट्रेच :

  • अपने स्थान पर सीधे खड़े रहकर अपने दोनों हाथों को ऊपर की तरफ ले जाइये, ऐसा करते वक्त गहरी सांस अन्दर की तरफ खीचिये
  • अब कमर के स्तर से धीरे धीरे आगे की तरफ झुकिए, हांथों की स्थिति वैसी ही रखिये और झुकते हुए नीचे की तरफ अपने हाथों की उँगलियों को अपने पैरों के पंजे तक पहुँचाने का प्रयास कीजिये| ऐसा करते वक्त सांस को धीरे धीरे छोड़िये| हो सकता है की आपके हाँथ पूरा नीचे ना पहुँच पा रहे हों तो कोई बात नहीं, जहाँ तक हो सके वहां तक ले जाइये|
  • 2 सेकंड रुकने के बात उसी प्रकार वापस उठिए जिस प्रकार झुके थे और इसके साथ सांस फिर भीतर खींचिए|
  • इन स्टेप्स को 5 बार दोहराइए|
  • इस स्ट्रेच से आपके हाँथ, पैर, कमर और पेट की स्ट्रेचिंग एक साथ हो सकती है|
  • शोल्डर स्ट्रेचिंग :

  • अपने स्थान पर खड़े रहकर अपने दायें हाँथ की उँगलियों को दायें कंधे पर रखें और बाएं हाँथ की उँगलियों को बाएं कंधे पर|
  • उँगलियों को कन्धों पर स्थिर रखते हुए अपने दोनों हाँथ की कोहनियों को गोल घुमाएँ पहले एक दिशा 10 बार में फिर दूसरी दिशा में 10 बार
  • इस प्रक्रिया को 2 बार दोहराएँ
  • नैक स्ट्रेच :

  • सीधे खड़े रहकर अपने सर को दाईं तरफ झुकाएं फिर बाईं तरफ झुकाएँ, दोनों तरफ 3 बार झुकाएँ
  • अब सर को आगे की तरफ झुकाएँ फिर पीछे की तरफ झुकाएँ, ये भी दोनों तरफ 3 बार करें
  • इस क्रिया को धीमी गति से ही करें वर्ना जिस चीज़ से बचने के लिए ये कर रहे हैं वही हो जायेगा यानी की नस चढ़ सकती है|
  • साइड स्ट्रेचिंग :

  • इसमें आपको अपने पैरों के बीच अपनी कमर की चौड़ाई के बराबर जगह रखते हुए खड़े होना है
  • अब अपने बाएं हाँथ को कमर पर रखिये, दाहिना हाँथ सीधा नीचे की तरफ रहना चाहिए
  • अब एक दोहरी प्रक्रिया है जिसमे आपको बाईं ओर झुकना है और साथ में अपने दायें हाँथ को दाईं दिशा में बाहर की तरफ बढाते हुए ऊपर की ओर ले जाना है|
  • झुकना इतना है की आपके शरीर के ऊपरी भाग और कमर से नीचे के भाग के बीच 90 डिग्री का कोण बन जाये और आपका दाहिना हाँथ सीधा आसमान की तरफ इशारा कर रहा हो
  • 2 सेकंड इस मुद्रा में रुककर वापस सीधे हो जाएँ
  • अब इस प्रक्रिया को दाहिनी तरफ करें यानी की दाहिना हाँथ कमर पे, झुकना है दाईं तरफ और बायाँ हाँथ उठाना है ऊपर की तरफ
  • इस प्रकार दोनों तरफ 3 बार इस स्टेप्स को दोहराएँ
  • वेस्ट एंड स्टमक स्ट्रेचिंग :

  • पैरों के बीच में कुछ फासला देकर खड़े रहें
  • अब अपने दोनों हांथों को उन्ही की दिशा में बाहर की तरफ फैलाकर सीधा रखें
  • हांथों को इसी स्थिति में स्थिर रखते हुए कमर के स्तर से बाएँ तरफ घूमिये, फिर सीधे सामने की तरफ आइये फिर दाईं तरफ घूमिये और फिर सामने की तरफ आइये
  • इस क्रिया को दोनों तरफ 5 बार करिये
  • बैक स्ट्रेच :

  • पैरों के बीच में कुछ फासला देकर खड़े रहें
  • अब अपने दोनों हाथों को कमर पर पीछे की तरफ रखें
  • हाँथ रखे हुए पीछे की तरफ झुकने का प्रयास करें
  • जितना झुक पायें उतना झुकें और वहीँ पर 2 सेकंड रूककर वापस सीधे हो जाएँ
  • इस क्रिया को 5 बार दोहराएं
  • इतना सब कर लेने से आपके शरीर की स्ट्रेचिंग पूरी हो चुकी है, और अब आप आगे के व्यायाम कर सकते हैं| अगर तो ये आपके व्यायाम का पहला दिन है तो जैसा की हम पहले ही बता चुके हैं की आप यहीं तक सीमित रहें और 3 दिन तक इतना कर लेने के बाद ही आगे बढ़ें

बरपी ।

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कार्डियोवैस्क्युलर स्ट्रेंथ यानी की ह्रदय की ताकत और क्षमता को बढाने के लिए किये जाने वाले व्यायाम को कार्डियो एक्सरसाइज कहा जाता है :- अगर जिम में कार्डियो एक्सरसाइज करी जाये तो इसके कई विकल्प हुआ करते हैं जैसे ट्रेडमिल, साइकिलिंग, स्टेपर आदि लेकिन जब आपको घर ही व्यायाम करना है तो ये सब जुटाना ज़रूरी नहीं| कार्डियो स्ट्रेंथ के लिए सबसे बेहतर एक्सरसाइज मानी जाती है बर्पी|

इस व्यायाम को समझने के लिए कृपया गौर से पढ़ें :

  • 1 अपने पैरों के बीच फासला रखकर खड़े होइए
  • 2 घुटनों को मोड़ते हुए अपने शरीर को नीचे की तरफ ले जाइए और अपने हथेलियों को पैर के पंजों के आगे रखिये, हाँथ सीधे ही रहें, कोहनियों पर मुड़े हुए ना हों
  • 3 अब अपने शरीर का वज़न हाथों पर टिकाते हुए अपने पैरों को कुछ उछाल देकर पीछे की तरफ सीधा बढाइये और उन्हें भी पंजों पर ठहरा दीजिये
  • 4 ये मुद्रा ऐसी होगी जैसे की आप पुश अप करने जा रहे हैं
  • 5 इस अवस्था में एक पुश अप लगायें, यानी की हांथों को कोहनियों से मोड़कर अपने आप को थोडा नीचे ले जाएँ और फिर वापस ऊपर आयें|
  • 6 अब फिर अपने हाथों पर वज़न को केन्द्रित करके अपने पैरों को कुछ उछाल देते हुए वापस हांथों के नज़दीक लायें, हाँथ और पैर दोनों ज़मीन को छू रहे हों
  • 7 अब इस मुदा से अपने शरीर को ज्यादा उछाल देते हुए आपको खड़े होना है| ये उछाल इतना होना चाहिए की आप ज़मीन से कुछ ऊपर उठ सकें और फिर वापस ज़मीन पर सीधे खड़े हो जाएँ|
  • 8 इन सभी स्टेप्स को इसी प्रकार 5 बार दोहराने से शुरुआत करी जा सकती है और धीरे धीरे गिनती बढाई जा सकती है|
  • ये क्रिया इसी प्रकार करी जाये तो बर्पी एक्सरसाइज का पूरा स्वरूप है लेकिन अगर इसका कुछ हल्का स्तर रखना चाहते हैं तो इसमें से दो स्टेप्स कम किये जा सकते हैं जो हैं :

  • 1 शरीर को उछाल देने वाला स्टेप जो की तीन बार आता है :
    पहला जब नीचे बैठे हुए उछाल देकर पैरों को पीछे ले जाते हैं, दूसरा जब उछाल देकर पैरों को वापस आगे लाते हैं और तीसरा जब नीचे से उछलकर आप सीधे खड़े होते हैं| इन सभी स्टेप में उछाल दिए बगैर स्टेप को पूरा कर सकते हैं जैसे पैरों को पीछे ले जाते समय एक एक पैर को पीछे ले जाएँ, वापस लाते समय भी एक एक पैर को वापस लायें और फिर खड़े होते वक्त भी बिना उछले खड़े हो जाएँ|
  • 2 पुश अप लगाने वाला स्टेप पूरी तरह से छोड़ा जा सकता है : ये तो था बर्पी एक्सरसाइज को कुछ आसान करने का तरीका लेकिन अगर आप को ये काफी मुश्किल लग रही हो तो आप जम्पिंग जैक से भी काम चला सकते हैं और कुछ दिनों बाद बर्पी के स्टेप्स को समझकर इसे शुरू कर सकते हैं|
  • जम्पिंग जैक :

  • इसके लिए आप अपने पैरों को मिलाकर सीधे खड़े होइए
  • अब दोहरी क्रिया के तहत थोडा उछलते हुए अपने पैरों को बाहर की तरफ फैलाइए साथ में अपने दोनों हाथों को भी बाहर की तरफ फैलाइए
  • फिर से उछलकर दोनों पैरों को भीतर लाइए साथ में दोनों हाथों को भी नीचे लाइए
  • हाँथ और पैरों को बाहर ले जाते वक्त और भीतर लाते वक्त आपको उछलना है|
  • शुरुआत में आप इसे 15 बार दोहरा सकते हैं| फिर धीरे धीरे गिनती बढ़ा लीजियेगा|

बाइसिकल क्रंच ।

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पेट के हिस्से की मांसपेशियों यानी की एबडोमिनल मसल्स के लिए होती है ये एक्सरसाइज जिसे कहते हैं क्रंचेस :- इसे करने से पेट के हिस्से में जमा हुई चर्बी तो कम होती ही है साथ में मांसपेशियां भी मज़बूत होती हैं| इन्हीं क्रंचेस को करने से मिलते हैं 6 पैक एब्स| अब समझ में आया| वैसे तो क्रंचेस के कई प्रकार होते हैं लेकिन बाइसिकल क्रंच करने से एक ही एक्सरसाइज में एब्स के तीनों हिस्से यानी अपर, लोअर और साइड पर असर पड़ता है|

इसे करने की प्रक्रिया इस प्रकार है :

  • 1 ज़मीन पर लेट जाएँ और अपने दोनों हथेलियों को अपने सर के नीचे रख लें, साथ में अपने पैरों को घुटनों से मोड़कर कुछ ऊपर इस प्रकार रखें की घुटने से कमर के बीच 90 डिग्री का कोण बन जाये और घुटने से नीचे का हिस्सा सीधा रहे| ये मुद्रा ऐसी है जैसे की आप कुर्सी पर बैठें हों और अपने हाथों को सर के पीछे रखें हों| इस एक्सरसाइज के लिए ये स्टार्टिंग पोजीशन है
  • 2 अब आपको तीन क्रियाएँ एक साथ करनी है: अपने दाहिने कंधे को उठाते हुए बाईं ओर झुकाइए, बाएं घुटने को ऊपर सीने की तरफ बढाइये, और दायें पैर को सीधा करिये| ये तीनो क्रियाएँ एक साथ होनी हैं|
  • 3 जिस प्रकार साइकिल चलाते वक्त जब एक पैर ऊपर की तरफ आता है तो दूसरा पैर स्वतः ही नीचे की तरफ जाता है, ऐसा ही पैरों का मूवमेंट इस क्रिया में भी होना चाहिए, बस इसके साथ आपको अपने एक तरफ के कंधे की ओर से ऊपर की तरफ उठना भी है|
  • 4 घुटने को सीने की तरफ उठाये हुए और कंधे को ऊपर की तरफ उठाये हुए 2 सेकंड रुकिये फिर स्टार्टिंग पोजीशन में वापस आकर इस क्रिया को दूसरी साइड से करिए, यानी की बायाँ कन्धा उठाइये, दाहिना घुटना ऊपर लाइए और बायाँ पैर नीचे ले जाइए|
  • 5 इस एक्सरसाइज को पहली बार में 10 बार ही कीजिये ज्यादा नहीं|
  • 6 ध्यान रहे आपको जोर कंधे पर देना है गर्दन पर नहीं और इस क्रिया को करने में कोई जल्दबाजी की ज़रूरत नहीं, शुरू में आप इसे धीरे धीरे करिए जिससे इसका मूवमेंट आप सही तरह से समझ जाएँ फिर चाहें तो गति कुछ बढ़ा सकते हैं| लेकिन बाद में भी बहुत ज्यादा गति की ज़रूरत नहीं है|
  • जिनके लिए व्यायाम अभी एक नई क्रिया है उनको ये कुछ ज्यादा मुश्किल लग सकता है तो आप बेशक इसके कुछ आसान प्रकार अपना सकते हैं :

  • 1 पहले प्रकार में आपको ज़मीन पर लेटना है पैरों को घुटनों से मोड़कर रखना है की तलवे ज़मीन पर रहें और अपनी हथेलियों को सीने के मध्य भाग पर एक के ऊपर एक रखना है| ये आपकी स्टार्टिंग पोजीशन है| अब अपने पेट पर जोर देते हुए अपने ऊपरी हिस्से को इतना उठाना है की आपके ऊपरी हिस्से और निचले हिस्से में 45 डिग्री का कोण बने| 2 सेकंड इस अवस्था में रूककर वापस स्टार्टिंग पोजीशन में आइये और फिर से उठिए| शुरुआत में इसके 10 रेपिटीशन काफी होंगे और अगर हो सके तो 10 का एक और सेट लगायें
  • 2 दुसरे प्रकार में आपको ज़मीन पर लेटना है, अपने दोनों हाथों को कमर के बगल में ज़मीन पर इस प्रकार रखना है की हथेलियाँ ज़मीन पर रहें| अपने दोनों पैरों को सीधा मिलाकर रखें और हवा में कुछ उठा कर रखें| ये स्टार्टिंग पोजीशन है| अब अपनी कमर पर जोर देते हुए पैरों को ऊपर उठायें की पैरों और शरीर के ऊपरी हिस्से के बीच 90 डिग्री का कोण बने| इस अवस्था में 2 सेकंड रूककर पैरों को वापस नीचे लायें| इन्हें ज़मीन से नहीं लगाना है थोडा ऊपर ही रखना है| इस क्रिया को भी 10 बार दोहराएँ और अगर हो सके तो 10 का एक सेट और लगायें|
  • बाइसिकल क्रंच ना कर पाने की सूरत में आप इन दोनों क्रंच को कर सकते हैं और जब आप इन्हें आसानी से करने लग जाएँ तो बाइसिकल क्रंच का प्रयास कर के देख लीजियेगा|

रिवर्स लंजिंग ।

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पैरों के व्यायाम के लिए सबसे बेहतरीन एक्सरसाइज है :- लन्जिंग या रिवर्स लंजिंग| इन दोनों प्रकार में पैर की सभी मांसपेशियों का व्यायाम हो जाता है|

यहाँ आप रिवर्स लंजिंग के स्टेप्स जान लीजिये :

  • 1 पैरों के बीच कुछ फासला रखते हुए सीधे खड़े हों और अपने हाथों को अपनी कमर पर रखें
  • 2 अपने बाएं पैर को करीब 2 फीट पीछे की तरफ ले जाएँ और पैर के पंजे को ज़मीन पर रखें| घुटना ज़मीन पर नहीं लगना चाहिए|
  • 3 ये करते वक्त आपको दाहिना पैर मोड़ना पड़ेगा जिसे आप 90 डिग्री तक मुड़ने दें
  • 4 कमर के ऊपर का हिस्सा सीधा रहना चाहिए|
  • 5 इस मुद्रा में आपका पूरा वज़न आपके दायें पैर पर केन्द्रित है और बायाँ पैर पीछे रहकर सिर्फ कुछ सपोर्ट दिए हुए है|
  • 6 अब दाहिने पैर पर जोर देकर अपने आप को सीधा खड़ा करें और बाएं पैर को भी वापस पहले की जगह पर ले आयें|
  • 7 यही क्रिया अब दूसरी तरफ करें, यानी दाहिने पैर को पीछे ले जाएँ और बाएं पैर पर वज़न रखते हुए नीचे आयें
  • 8 अब इससे भी वापस पहले की स्थिति में आ जाएँ
  • 9 इन स्टेप्स को दोनों तरफ 10 10 बार दोहराएँ|
  • वैसे तो ये एक्सरसाइज ज्यादा मुश्किल नहीं है लेकिन फिर भी अगर आपको मुश्किल लगे तो शुरुआत में आप सिर्फ स्क्वाट्स करके ही काम चला सकते हैं फिर कुछ दिनों बाद लंजिंग के स्टेप्स को समझ कर शुरू कर लीजियेगा :

  • स्क्वाट्स एक्सरसाइज में आपको सिर्फ अपने पैरों के बीच कुछ फासला देकर खड़े होना है और बैठकें लगानी है
  • यानी की पैरों को घुटने के स्तर से मोड़ते हुए नीचे आना है और फिर वापस खड़े हो जाना है|
  • ऐसा आप 10 बार करें और हो सके तो 10 का ही एक और सेट लगा लें|

वी अप ।

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वी अप एक्सरसाइज एबडोमिनल और बैक मसल्स की मजबूती के लिए की जाती है| इसके स्टेप्स इस प्रकार हैं :

  • 1 ज़मीन पर सीधे लेट जाएँ और अपने हाथों को सर के ऊपर की तरफ सीधा ज़मीन पर रखें की हथेलियाँ ऊपर की तरफ हों, ये आपकी स्टार्टिंग पोजीशन है
  • 2 अब एक साथ दोहरी क्रिया आपको करनी है, अपनी कमर पर जोर देते हुए अपने पैरों को सीधा ऊपर की तरफ उठाएं और साथ में अपने सीने के हिस्से को भी ऊपर की तरफ उठाते हुए अपने हाथों को पैरों के पंजों के नज़दीक ले जाने का प्रयास करें
  • 3 अगर मुमकिन हो तो हाथों से पैरों के पंजों को छूने का प्रयास करें, अगर नहीं तो भी जितना नज़दीक ले जा सकें ले जाएँ
  • 4 इस अवस्था में 2 सेकंड रूककर वापस स्टार्टिंग पोजीशन में आयें
  • 5 यही क्रिया 10 बार दोहराएँ
  • इस एक्सरसाइज में आसान करने का एक ही विकल्प है :

  • की शुरुआत में आप अपने हाथों को पैर के पंजे तक नहीं पहुंचा सकते तो भी जितना नज़दीक हो सके ले जाएँ और धीरे धीरे इस दूरी को कम करने की कोशिश करें|
  • वैसे क्रिया आसान है तो कोई भी इसे कर सकता है|

माउंटेन क्लाइम्बिंग ।

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फुल बॉडी वर्कआउट के रूप में खासी लोकप्रिय है माउंटेन क्लाइम्बिंग एक्सरसाइज जिसे रनिंग प्लैंक भी कहते हैं :- इस एक एक्सरसाइज से आपके कंधे, भुजाएँ, सीने, पेट, कमर और पैरों का व्यायाम एक साथ हो सकता है और साथ में क्यूंकि ये एक फुल बॉडी वर्कआउट का प्रकार है तो ये आपके लिए कार्डियो एक्सरसाइज की तरह भी काम करता है यानी की इससे आपके ह्रदय की कार्य शक्ति बढती है और आपके शरीर की कैलोरीज भी जलती हैं|

तो आइये इसके स्टेप्स जानते हैं :

  • 1 अपनी दोनों हथेलियों को ज़मीन पर रखकर अपने पैरों को सीधा पीछे की तरफ ले जाएँ और पंजों पर ठहराएँ| अपने हाथों को सीधा रखें जिससे आपके शरीर का वज़न आपके हाथों और पैरों पर बराबर बंटा रहे| ये ऐसी मुद्रा है जैसे की आप पुश अप करने जा रहे हों और इसे प्लैंक पोजीशन भी कहते हैं और यही आपकी स्टार्टिंग पोजीशन है|
  • 2 अब अपने शरीर का वज़न हाथों पर केन्द्रित करते हुए अपने दायें पैर को अपने सीने की तरफ लेकर आयें, ऐसा करते वक्त आपके दाहिने पैर की उँगलियाँ भी ज़मीन को छूनी नहीं चाहिए यानि की वो हवा में ही रहना चाहिये और ये काम आपको अपने शरीर के निचले हिस्से को कुछ उछाल देते हुए करना है
  • 3 अब फिर से अपने शरीर के निचले हिस्से को उछाल देते हुए दायें पैर को वापस पीछे ले जाना है और पंजों पर ठहराना है साथ में बाएं पैर को ऊपर सीने की तरफ लाना है|
  • 4 इन स्टेप्स को कुछ जल्दी करना पड़ेगा, हालाँकि शुरुआत में स्टेप्स को समझने के लिए आप इसे धीमी गति से कर सकते हैं
  • 5 शुरू के समय में इस एक्सरसाइज को आप 2 मिनट तक ही करें फिर अपने स्टैमिना के हिसाब से समय एक एक मिनट करके बढ़ा सकते हैं|
  • इस एक्सरसाइज को शुरुआत में करते समय आप बेशक शरीर को उछाल दिए बिना और कुछ धीमी गति से पैर को ऊपर लायें और वापस ले जाएँ फिर दूसरा पैर ऊपर लायें और वापस ले जाएँ लेकिन एक बार इसका मूवमेंट आपकी समझ में आ जाये और आप इसे कर सकें तो इसकी गति बढ़ा लें तभी इसका ज्यादा फायदा मिल पायेगा|

रिवर्स प्लैंक ।

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रिवर्स प्लैंक एक्सरसाइज पीठ की मांसपेशियों की मजबूती के लिए अच्छी एक्सरसाइज है ही साथ में अगर सही ढंग से की जाये तो इससे एबडोमिनल मसल्स पर भी अच्छा असर पड़ता है|

    इसे करने के स्टेप्स इस प्रकार हैं :

  • 1 ज़मीन पर बैठ जाएँ और अपने पैरों को सीधा सामने की तरफ फैला दें
  • 2. अपने दोनों हाँथ की हथेलियों को अपनी कमर से कुछ दूर ज़मीन पर रखें, अंदाजा लगा लें की हांथों के बीच का फासला आपके कन्धों की चौड़ाई के बराबर हो
  • 3. अब अपनी हथेलियों पर अपने शरीर के ऊपरी हिस्से के वज़न को केन्द्रित करते हुए अपनी कमर को ऊपर की तरफ उठायें
  • 4. शरीर को इतना उठाएं की आपके सर से लेकर पैर की एंड़ी तक पूरा शरीर एक सीधी रेखा में हो, आपकी हथेलियाँ ज़मीन पर ठहरीं हों और हाँथ सीधे हों|
  • 5. यही आपकी स्टार्टिंग पोजीशन है और यही स्टॉप पोजीशन है, क्यूंकि इस एक्सरसाइज में और कोई मूवमेंट आपको नहीं करना है, बस इसी मुद्रा में अपने आपको रोकना है
  • 6 शुरुआत में आप अपने आप को इस मुद्रा में ज्यादा रोक नहीं पाएंगे इसलिए सिर्फ 30 सेकंड तक ही रोकने का प्रयास करें और फिर वापस ज़मीन पर बैठ जाएँ| जब आपका स्टैमिना बढ़ जाये तब आप इस अवस्था में कुछ ज्यादा समय तक रुक सकते हैं|
  • इस एक्सरसाइज में एक बात ध्यान रखने की है :

  • की जब आप अपने आप को इस अवस्था में रोक पाने में मुश्किल महसूस करें यानी की आपके हांथों में कुछ कम्पन का एहसास होने लगे तो वापस बैठ जाएँ|
  • ज़बरदस्ती अपने आप को रोके ना रहें क्यूंकि उसका कोई लाभ नहीं पहुंचेगा| बल्कि इससे बेहतर होगा की कम समय के लिए एक बार से अधिक आप इस एक्सरसाइज को कर लें जिससे ज्यादा लाभ पहुंचेगा|

पुश अप्स ।

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पुश अप्स एक्सरसाइज मुख्यतः

  • सीने की मसल्स को मज़बूत बनाने और बढाने के लिए की जाती है, और अगर ठीक तरह से की जाये तो इसका अच्छा असर कन्धों पर और ऊपरी भुजा की बाइसेप्स और ट्राइसेप्स पर भी देखने को मिलता है|
  • हम यहाँ आपको इन्क्लाइन्ड पुश अप्स के स्टेप्स बताएँगे जो पुश अप्स का ही एक प्रकार है लेकिन इसके दोहरे फायदे हैं, एक तो ये की इसमें आप किसी छोटी चौकी या स्टूल की सहायता से अपने शरीर के ऊपरी भाग को कुछ ऊंचा रख पाएंगे तो आपको एक्सरसाइज करने में कुछ आसानी होगी और साथ ही इस एंगल से एक्सरसाइज करने से आपके सीने की निचली मांसपेशियों पर भी असर होगा जो ज़मीन पर सीधे पुश अप्स करते वक्त नहीं होता|
  • तो आइये स्टेप्स देखते हैं :

  • 1 चौकी या स्टूल को अपने सामने रखकर उसके पास अपने घुटनों पर बैठ जाएँ| अपनी दोनों हथेलियों को चौकी के किनारे की तरफ रखकर किनारे को पकड़ लें| फिर अपने पैरों को पीछे की तरफ ले जाते हुए पंजों के बल पर ठहरा दें| इस मुद्रा में आपका शरीर सर से लेकर एंड़ी तक सीढ़ी रेखा में होना चाहिए, आपकी हथेलियाँ चौकी के किनारे पर टिकी होनी चाहिए, हाँथ सीधे होने चाहिये और आप सामने की तरफ देखिये| ये आपकी स्टार्टिंग पोजीशन है|
  • 2 अब अपनी कोहनियों को मोड़ते हुए अपने शरीर के ऊपरी हिस्से को चौकी की तरफ आने दें और इतना नीचे आयें की आपका सीना चौकी को टच करे
  • 3 फिर हांथों और कन्धों पर जोर देते हुए अपने आप को वापस ऊपर उठा कर स्टार्टिंग पोजीशन पर ले जाएँ|
  • 4 इन 2 स्टेप्स को ही दोहराना है, और शुरुआत में आप इसे 15 बार दोहराएँ| हो सके तो 15 का ही एक और सेट पूरा करें
  • पुश अप्स के और भी विकसित प्रकार हुआ करते हैं :

  • जैसे रिवर्स इन्क्लाइन जिसमे अपने पैरों को चौकी पर रखा जाता है और हथेलियों को ज़मीन पर, या फिर स्पार्टन पुश अप्स जिसमे दोनों हाँथ ज़मीन पर आगे पीछे रखे जाते हैं| लेकिन आप पहले इस बेसिक पुश अप्स से शुरू करें फिर आगे चल कर ज्यादा विकसित प्रकार को भी आजमा सकते हैं|

शेक ऑफ/ रिलैक्स ।

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ऊपर बताये गए व्यायाम आपके फुल बॉडी वर्कआउट के लिए काफी हैं जिन्हें पूरा कर लेने के बाद अपने शरीर को रिलैक्स करना ज़रूरी है :

  • 1. सीधे खड़े होकर हल्के हल्के उछलते हुए अपने हांथों और पैरों को शेक कीजिये| ऐसा करने से आपकी मांसपेशियों में एक्सरसाइज के दौरान आया हुआ तनाव कम हो जायेगा|
  • 2. 10 से 15 सेकंड शेक ऑफ करने के बाद ज़मीन पर लेट जाएँ और 2 मिनट तक लेते रहें और साथ में गहरी सांस लेते रहें| इन दोनों क्रियाओं से आपका पूरा शरीर रिलैक्स हो जायेगा और आपकी एक्सरसाइज का शेड्यूल भी पूरा हो जायेगा|

30 मिनट का व्यायाम घर पर करते वक्त कुछ और आवश्यक बातें ।

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घर पर रहकर 30 मिनट में फुल बॉडी वर्कआउट के लिए ऊपर बताये गए व्यायाम को उसी क्रम में करें :- क्यूंकि इसमें शरीर के अलग अलग हिस्सों की एक्सरसाइज बारी बारी से हो जाती है और किसी एक हिस्से पर ही ज्यादा देर तक दबाव नहीं बना रहता| इसके साथ ये भी समझ लीजिये की हमने एक्सरसाइज के साथ उसपर कितना समय देना है ये अभी नहीं बताया है सिर्फ व्यायाम के प्रकार का ही ज़िक्र किया है|

शुरुआत के लिए व्यायाम को जानना ज़रूरी है :- समय के लिए आपको ये बता दें की क्रम में पहले 2 स्टेप्स यानी की वार्म अप और स्ट्रेचिंग इन दोनों के लिए आपको शुरुआत में तीन तीन मिनट प्रत्येक के लिए रखने हैं फिर बाद में इसे बढ़ा कर पांच पांच मिनट तक ले जा सकते हैं| इसके बाद की एक्सरसाइज को पूरा समझ लेने के बाद आप उन्हें कुल बचे 20 मिनट में अपनी आवश्यकतानुसार बाँट लें| ये समय आप ही निश्चित करें तो बेहतर क्यूंकि आप अपने शरीर की आवश्यकता के अनुसार ये देख पाएंगे की कौन सी एक्सरसाइज आपको ज्यादा करनी है और कौन सी बस नियमित रूप से कर लेनी है|

हमने एक्सरसाइज के विकसित स्वरूप के साथ उनके कुछ हल्के प्रकार भी बताएं हैं :- वो सिर्फ इसलिए की आप शुरुआत में कुछ सुगमता के साथ व्यायाम को शुरू कर सकें, लेकिन आगे चलकर अपनी क्षमता को बढ़ा कर और एक्सरसाइज के विकसित प्रकार को समझकर उसे ही अपने रूटीन में रखें तो समुचित लाभ मिलेगा| इसके अलावा कुछ और जानकारी भी आपको देना चाहेंगे:

एक घड़ी या फिर स्टॉप वाच साथ रखें ।

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घड़ी या फिर स्टॉप वाच आपके पास होनी चाहिए क्यूंकि आपको ये रूटीन 30 मिनट में पूरा कर लेना है तो घड़ी की सहायता से ही आप अलग अलग व्यायाम को उसके निर्धारित समय में पूरा कर पाएंगे| अन्यथा आप अगर अंदाजा ना रख पाए तो समय बर्बाद होने की उम्मीद ज्यादा है|

व्यायाम के बीच में पॉज भी ज़रूरी है ।

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एक्सरसाइज करते वक्त आपको एक के बाद एक एक्सरसाइज करते ही नहीं रहना है बल्कि बीच में कुछ समय के लिए रुकते भी रहना है जिससे आपका शारीर कुछ रिलैक्स हो सके और अगली एक्सरसाइज के लिए तैयार हो सके| ये पॉज किसी भी एक्सरसाइज के एक से ज्यादा सेट लगाते वक्त भी रखना है| पॉज के लिए 10 सेकंड का समय पर्याप्त है जिस दौरान आप रूककर खड़े रहकर गहरी सांस लेते हुए रिलैक्स हो सकते हैं|

व्यायाम की गति और लय क़ायम रखने के लिए म्यूजिक की मदद लें ।

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म्यूजिक की मदद से एक्सरसाइज करने में एक ले स्थापित हो जाती है जो निश्चित समय में एक्सरसाइज को पूरा करने में मदद करती है, तो आप भी इसका लाभ उठायें| ऐसा करने से एक्सरसाइज करते वक्त बोरियत या बोझिल होने का एहसास भी नहीं होता|

व्यायाम का रेपिटीशन और सेट दोनों महत्वपूर्ण हैं ।

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किसी भी व्यायाम के लिए ज़रूरी है की अगर आप उसे ज्यादा कर सकते हैं या आपको ज्यादा करने की ज़रूरत है तो एक बार में ही उसे ज्यादा से ज्यादा ना करें, बल्कि कुछ कम रेपिटीशन के साथ उसके एक से ज्यादा सेट लगायें| ये सिस्टम ज्यादा लाभदायक है|

यूट्यूब की मदद से व्यायाम के विडियो भी देख सकते हैं ।

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वैसे तो ऊपर एक्सरसाइज करने के लिए पुरे स्टेप्स लिख दिए गए हैं लेकिन फिर भी अगर आपको समझने में कुछ मुश्किल हो रही हो तो बेशक आप यू ट्यूब पर एक्सरसाइज का नाम डालकर उसका विडियो देख लें और अच्छी तरह समझ कर ही एक्सरसाइज को करें|

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व्यायाम की शुरुआत के लिए पहले वार्म-अप होना और समझना ज़रूरी है।

फुल बॉडी वर्कआउट के लिए ऊपर बताये गए व्यायाम को उसी क्रम में करे। क्यूंकि इसमें शरीर के अलग अलग हिस्सों की एक्सरसाइज बारी बारी से हो जाती है। आपको ये बता दें की क्रम में पहले 2 स्टेप्स यानी की वार्म अप और स्ट्रेचिंग इन दोनों के लिए आपको शुरुआत में तीन तीन मिनट प्रत्येक के लिए रखने हैं और फिर बाद में इसे बढ़ा कर पांच पांच मिनट तक ले जा सकते हैं| इसके बाद की एक्सरसाइज को पूरा समझ लेने के बाद आप उन्हें कुल बचे 20 मिनट में अपनी आवश्यकतानुसार कर सकतें है।