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आपकी पांच केदार की यात्रा की शुरुवात एक साहसिक केदारनाथ की ट्रैकिंग से शुरू कीजिये

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उत्तराखंड के इस पर्वतीय भू-दृश्य में किसी को भी ट्रैकिंग, पत्थरो पर चढ़ाई, और पर्वतारोहण करने का भरपूर अवसर मिल जायेगा। पिथौरागढ़, पहाड़ी के सबसे पूर्वी किनारे पर स्थित इस जिले को कश्मीर का छोटा रूप कहा जाता है, यह अपनी प्राकर्तिक सुंदरता क्ले लिए प्रसिद्ध है और यह इस स्थान को ट्रैकिंग के लिए अति उत्तम बनाती है। प्रभु शिव को समर्पित एक हिन्दू मंदिर, केदारनाथ उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है। यह केदारनाथ शिखर के नीचे स्थित है और वह पहला केदार जो आपको सबसे पहले मिलेगा यदि आप पांच केदार धाम की यात्रा पर निकले है। और, अन्य केदारो में तुंगनाथ, कल्पेश्वर, मध्यमहेश्वर, और रुद्रनाथ शामिल है।

केदारनाथ केवल हिन्दुओं के एक धर्म स्थल के रूप में प्रसिद्ध नहीं है, बल्कि यह ट्रैकिंग के लिए एक उत्तम स्थान के रूप में भी प्रसिद्ध है। आमतौर पर, यह सर्दियों में बंद रहता है, लेकिन अब ट्रैकिंग करने वालो के लिए विभिन्न मार्ग खुले है। अपनी ट्रेक में, आप केदार घाटी के स्थलों को देख और इसकी शानदार सुंदरता की प्रशंशा कर सकते हैं।

केदारनाथ पर ट्रैकिंग यात्रा की योजना बनाने से पहले इसे पढ़िए

केदारनाथ तक कैसे पहुंचे?

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  • सड़क मार्ग से:केदारनाथ तक सड़क मार्ग से पहुंचने के लिए, आप एक टैक्सी या एक कैब को किराये पर ले सकते है जिसे या तो निजी तौर पर चलाया जाता हो या जो जीएमओयू लिमिटेड का हो। और, यदि आप केदारनाथ दिल्ली से जा रहे है तो सबसे पहले आपको किसी भी तरह (ट्रैन, वायु या सड़क) देहरादून पहुंचना होगा। देहरादून से, आपको हरिद्वार के मार्ग की और मुड़ना होगा जिसे आमतौर पर उत्तराखंड के छोटे चार धाम के जैसे देखा जाता है। आप दिल्ली कश्मीरी बस स्टैंड से सीधा एक बस भी ले सकते है जो आपको सीधे गौरीकुंड तक ले जाएगी। उत्तराखंड ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन इन सेवाओं को नियमित रूप से चलाती है और आपकी यात्रा यहाँ आकर शेष हो जाती है। अब, यहाँ से आपको केदारनाथ मंदिर अपने पैरो पर जाना होगा।
  • वायु मार्ग से:यदि आप केदारनाथ वायु मार्ग से जाने की योजना बना रहे हो तो आपके पास दो विकल्प है। आपके पास हरिद्वार और देहरादून से हेलीकाप्टर यात्रा सेवा द्वारा मार्ग विकल्प है।
    • देहरादून से: देहरादून से, आपको सहस्त्रधारा हेलिपैड तक यात्रा करके पहुंचना होगा और वहां से, आप गंतव्य तक 40 मिनट के अंदर पहुंच जायेंगे।
    • ऋषिकेश या हरिद्वार से : यदि हरिद्वार या ऋषिकेश पहुंचना सुविधाजनक है, तो आपको ऋषिकेश या हरिद्वार से फटा तक टैक्सी से यात्रा करनी चाहिए जोकि लगभग 200 किलोमीटर की दुरी है।
  • ट्रैकिंग मार्ग से:ट्रैकिंग आपके गंतव्य तक पहुंचने के लिए एक वैकल्पिक माध्यम है। सोनप्रयाग पहुंचने के बाद, आपके पास साँझा कैब 20 रुपए प्रति व्यक्ति का विकल्प है और यह आपको गौरीकुंड तक पहुंचा देगा। इसके बाद, आप गौरीकुंड से केदारनाथ तक ट्रैकिंग कर सकते है जो 14 से 16 किमी की ऊँचाई पर है और लगभग 6 से 7 घंटे का समय लेता है।

ट्रेक की विशेषताएं

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यह लगभग 16 किलोमीटर की ट्रैकिंग दुरी तय करता है, यात्रा जिसके लिए आपको एक अच्छे शारीरिक स्तर के साथ फिट और स्वस्थ होना आवश्यक है। और, ट्रेक शुरू करने से पहले प्रत्येक तीर्थयात्री को कम से कम 1 से 2 महीने पहले चिकित्सकीय जाँच करवा लेनी चाहिए। एक यात्री के रूप में, यात्रा शुरू करने से पहले आपको अपने स्टेमिना और शारीरिकी स्तर की समझ होनी चाहिए।

गौरीकुंड से, केदारनाथ की ट्रेक प्रातःकाल सुबह 4 बजे शुरू होती है और दोपहर (करीबन 1:30 बजे) तक चलती है। यात्रा का समय तय होता है क्योकि केदारनाथ इस स्थान के वन्यजीव अभयारण्य के अंदर स्थित है और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, यात्रियों को इसके बाद यात्रा करने की इजाजत नहीं दी जाती है। इसके आलावा, ट्रैकिंग यात्रा अधिक ऊंचाई तक होती है और इसीलिए यह उन लोगो के लिए सुझावित नहीं हैं जिन्हे सांस लेने में तकलीफ या सांस की समस्या है ।

उपलब्ध सुविधाएं

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तीर्थस्थल की दुरी को पैरो से तय करने यहाँ अन्य विभिन्न विकल्प है जैसे कि डोली, पालकी और खच्चर। लोग इस प्रकार की सेवाओं को सोनप्रयाग या गौरीकुंड पर बुकिंग काउंटर से बुक कर सकते है। और इनकी कीमत इस बात पर निश्चित की जाती है कि आप कितनी दुरी तय करना चाहते है। इस पूरी ट्रेक लंबाई में कई टेंट आवास, पानी और भोजनालय, ढाबे, रेस्तरांट, और छोटी दुकानों के लिए कई सेवाएं हैं। केदारनाथ धाम के लिए हेलीकाप्टर सेवाएं भी उप्लंध है जोकि फटा से शुरू होती है।

ट्रैकिंग के लिए जाने से पहले करने के लिए महत्वपूर्ण चीजे

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  • अपने साथ एक पानी कि बॉटल लेना न भूले और आप इसे रास्ते में कही भी स्वयं में जलपूर्ति को बनाये रखने के लिए भर सकते है।
  • सनस्क्रीन भी महत्वपूर्ण है क्योकि यह अधिक ऊंचाई पर स्थित है और आपकी त्वचा को सूर्य के प्रकाश के सीधे सम्पर्क से नुकसान पहुंच सकता है।
  • दूसरी महत्वपूर्ण चीज है एक रेनकोट क्योकि केदारनाथ का मौसम अस्थिर है। बारिश कभी भी हो सकती है और आप इसकी उम्मीद सही सही नहीं लगा सकते है ।
  • साथ ही, अपने साथ स्नैक्स और अन्य खाने की चीजे जैसे चॉकलेट, मिठाई, और एनर्जी बार आदि भी ले ले। खाने की चीजे जिनमे भरपूर मात्रा में ग्लूकोस हो, आपकी ऊर्जा की आवश्यकता की पूर्ति कर सकता है ।
  • केदारनाथ में, रातें आमतौर पर ठंडी और सर्द होती है। इसीलिए, आपको एक अतिरक्त शाल और जैकेट भी ले लेनी चाहिए ।

ट्रेक रूट की जानकारी

केदारनाथ तक ट्रेकिंग का पूरा मार्ग कई विभिन्न आरामस्थलो के आधार पर कई हिस्सों में विभाजित किया गया है जिसकी जानकारी निचे दी गयी है।

हरिद्वार से गौरीकुंड

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सड़क से हरिद्वार और गौरीकुंड के बिच की दुरी लगभग 300 किलोमीटर है और इसे दुरी को तय करने के लिए आपके पास कई विकल्प है। आप अपनी कार से जा सकते है, एक टैक्सी बुक कर सकते है, एक बस ले सकते है, या आप एक साँझा जीप से भी जा सकते है । आप एक कार से (निजी या भाड़े पर ली गयी) इस दुरी को लगभग 6 घंटे में तय कर सकते है जबकि इसकी कीमत भिन्न भिन्न हो सकता है। जिनि वाहनों के लिए, कीमत लगभग 3000 रुपए हो सकता गई और एक टैक्सी के लिए इसकी कीमत 8000 रुपए तक जा सकता है ।

वैकल्पिक रूप से, आप एक जीएमओयू बस हरिद्वार से गौरीकुंड के लिए ले सकते है जो हरिद्वार से सुबह 5:15 पर निकलती है। दूसरी बस, हिमगिरि द्वारा संचालित, सुबह 7 बजे निकलती है जबकि दोनों बसें लगभग दोपहर तक पहुंच जाती है। यहाँ एक अन्य बस सेवा भी है जिसे रुद्रप्रयाग से प्रतिदिन सुबह 8:30 बजे संचालित किया है। ध्यान रखे कि 2013 के बाढ़ की आपदा के बस सेवाएं प्रभावित हो गयी है और अब आमतौर पर यह केवल चारधाम के अवसर (अप्रैल से अक्टूबर) पर चलाई जाती है।

यदि आप यात्रा का सबसे छोटा मार्ग लेना चाहते है तो आप ऋषिकेश में उपलब्ध टाटा सूमो और जीप ले सकते है । क्योकि यात्रा पहाड़ी है, ये वाहन सरलता से पहाड़ चढ़ सकते है और आपको आपके गंतव्य स्थान तक सबसे कम संभावित समय में पहुंचा सकता है ।

गौरीकन्द से केदारनाथ

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गौरीकुंड से केदारनाथ राम्बरा से गुजरते हुए सबसे पुराना रास्ता है और इसकी लम्बाई लगभग 14 किलोमीटर है। हालांकि इस मार्ग को अच्छी तरह से आश्रयों, दुकानों, बाड़ और पर्यटकों की सुविधा के लिए अन्य सुविधाओं के साथ बनाया गया था, लेकिन यह 2013 में आए विनाशकारी बाढ़ के कारण नहीं रहे।

एनआईएम टीम ने राम्बरा और लिंचौली से होते हुए एक नए मार्ग का निर्माण किया है जिसमें रामबारा लैंडमार्क से जुड़ने के लिए एक पुल का निर्माण शामिल है। इस मार्ग की कुल लम्बाई 15 से 16 किलोमीटर है। इस मार्ग के विभिन्न पॉइंटो में गौरीकुंड (प्रारंभिक बिंदु), रामबारा ब्रिज (6 किमी दूर), जंगल छटी (4 किमी), भीमबली (3 किमी), लिनचौली (4 किमी), केदारनाथ बेस कैंप (4 किमी), और अंत में केदारनाथ मंदिर 1 किमी आगे शामिल है ।

केदारनाथ से गौरीकुंड वापसी

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केदारनाथ मंदिर के दर्शन के बाद, यात्री उसी मार्ग से वापसी करते है। यदि ट्रैक्कर चाहे तो मार्ग के विभिन्न आरामस्थलों पर रुक सकते है।

गौरीकुंड से हरिद्वार वापसी

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वापसी के मार्ग पर, यदि आपके पास अपना वाहन नहीं है तो आप एक बस या एक टैक्सी भाड़ा कर सकते है। हालांकि हरिद्वार का नियमित मार्ग वैसा ही होगा जिसपर आपने आते हुए यात्रा की थी, आप इस स्थान से सीधे ऋषिकेश के लिए एक ट्रांसपोर्ट सेवा भी ले सकते है। और यदि ऐसा हो कि एक निर्दिष्ट समय पर गौरीकुंड से कोई बस उपलब्ध न हो, आप सोनप्रयाग (गौरीकुंड से 6 किलोमीटर दूर) तक की यात्रा कर सकते है जोकि नियमित रूप से बस सेवा द्वारा हरिद्वार से जुड़ा हुआ है।

वैकल्पिक ट्रेक मार्ग

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2016 में, यात्रियों के लिए 2 ओर मार्ग केदारनाथ के दर्शन के लिए खोल दिए गए थे। हालांकि इन दोनों में तय की जाने वाली दुरी में कुछ ज्यादा अंतर नहीं है, लेकिन दोनों मार्ग अलग अलग हैं। पहला मार्ग लगभग 18 किलोमीटर तक फैला हुआ है और यह चौमासी से होते हुए, उसके बाद खाम और फिर रामबारा और अंत में केदारनाथ पहुँचता है। दूसरे मार्ग के लिए, आप त्रिजुगीनारायण से सीधे केदारनाथ तक 15 किमी की दूरी तय करते हुए जा सकते हैं।

प्रसिद्ध ट्रेक पैकेज

चोपता ट्रेकिंग यात्रा कार्यक्रम के साथ केदारनाथ यात्रा

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इस यात्रा में केदारनाथ की यात्रा के साथ चोपता ट्रैकिंग भी शामिल है। इस पैकेज में विभिन्न गंतव्य स्थान है जिनमे हरिद्वार, केदारनाथ, चोपता, और तुंगनाथ शामिल है जो 5 रातों और 6 दिनों के अंतराल में पूरा किया जाता है। यात्रा हरिद्वार शहर से शुरू होती है जहां यात्रियों को शहर के दौरे के साथ-साथ हर की पौड़ी पर होने वाली दिव्य गंगा आरती के बाद आराम करने के लिए एक होटल में स्थानांतरण कर दिया जाता है।

केदारनाथ की यात्रा अगले दिन रुद्रप्रयाग से गुजरते हुए केदारनाथ के ट्रेक के साथ पहले स्टॉप गुप्तकाशी से शुरू होती है। मंदिर में पूजा करने के बाद, आप वापसी मार्ग से गुप्तकाशी वापस आएंगे। चोपता (साहसिक और साथ ही प्रकृति प्रेमियों के लिए स्वर्ग के रूप में विख्यात स्थान) को यात्रा का विस्तार 4 वें दिन भी जारी रहता है। इसके बाद, आप तुंगनाथ की ओर पूजा करते हुए ऊपर की ओर लगभग ३ किलोमीटर तक ट्रेक करेंगे और ट्रेक करते हुए वापिस चोपता लौटेंगे। अंत में, यह यात्रा आपको चोपता से वापिस हरिद्वार ले आकर शेष हो जाती है। दौरे का समापन यात्रा, नाश्ते, रात के भोजन, होटल में ठहरने और ट्रेक और जहा जहा प्राथर्ना की आवश्यकता हो, उसकी अनुमति के साथ, और परिवहन के साथ होती है। हालांकि, इसकी कीमत को सार्वजनिक रूप से नहीं बताया गया है, लेकिन आप चार धाम टूर से इस पैकेज की कीमत की जानकारी प्राप्त कर सकते है।

4 रातें 5 दिन केदारनाथ वासुकि ताल ट्रैकिंग पैकेज

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केदारनाथ ट्रेक सबसे दिव्य और सुंदर हिमालयी ट्रेको में से एक है। यह रुद्रप्रयाग जिले पर स्थित है और यह 3584 मीटर ऊंचाई पर स्थित है, जोकि उत्तराखंड के मन्दाकिनी नदी के करीब स्थित है । और, यह धार्मिक के साथ-साथ खेल ट्रेकर्स के लिए महान मूल्यों को वहन करता है।

गढ़वाल हिमालय उत्तराखंड ट्रिप 5 दिनों का है जो आपको 3553 मीटर की उचाई पर एक साहसिक ट्रैकिंग यात्रा पर ले जाता है। इस स्थान पर जाने का सबसे अच्छा समय मध्य मई से जून और मध्य सितम्बर से मध्य नवंबर का है। यह यात्रा ऋषिकेश से सोनप्रयाग की ओर जोकि लिंचौली गौरीकुंड से होते हुए एक ट्रेक के साथ शुरू होते है। अगले दिन, यात्रा लिंचौली से केदारनाथ के लिए फिर शुरू हो जाती है और उसके बाद, वासुकीताल से होते हुए केदारनाथ के लिए वापसी। यात्रा दो दिनों के बाद खत्म हो जाती है जब आप उसी रस्ते से ऋषिकेश पहुंचते है।

पैकेज की कीमत अधिभोग के अनुसार प्रदान की जाती है जोकि 30000 रुपए एकल के लिए, डबल के लिए 18000 रुपए, ट्रिपल अधिभोग के लिए 15000 रुपए। अन्य समावेशन में ट्रेकिंग अनुमति, नाश्ता, रात का खाना, और दोपहर का भोजन, शिविरों या गेस्ट हाउस में आवास, ऋषिकेश और गौरीकुंड के बीच परिवहन और एक अनुभवी मार्गदर्शक शामिल है।

केदारनाथ धाम यात्रा

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तृत्य पार्टी (निजी) संचालक, यहाँ उत्तरांचल सरकार जो अब उत्तराखंड के नाम से जाना जाता है, की ओर से कई यात्रा पैकेज उपलब्ध है। स्त्रोतों के अनुसार, मंदिर को भग्तो के लिए 29 अप्रैल 2020 को खोल दिया गया है। मंदिर को भाई दूज की शाम को बंद क्र दिया गया था जोकि इस साल 16 नवंबर को था । और, गंतव्य तक पहुंचने के लिए यहाँ कई प्रकार के विभिन्न यात्रा ोैकगे उपलब्ध है जिसे आप उत्तरांचल ईडिस्ट्रिक वेबसाइट से बुक कर सकते है ।

  • केदारनाथ धाम यात्रा पैकेज 3 रातें और 4 दिनों का, हरिद्वार से शुरू होता है । यात्रा के दौरान, आप गुप्तकाशी, केदारनाथ, और रुद्रप्रयाग प्रत्येक में एक एक रातें गुजारेंगे। उपलब्ध सुविधाओं में ट्विन / ट्रिपल शेयरिंग आवास, दैनिक शाकाहारी नाश्ता, वाहन के समाचार पत्र, स्वागत पेय और सतह परिवहन शामिल हैं। इस पैकेज की कीमत आवेदन पर उपलब्ध है।
  • इस सूचि का अगला नाम दिल्ली से केदारनाथ ट्रेवल पैकेज है जो 5 दिनों और 4 रातों का है। इस पैकेज में दिल्ली से और दिल्ली तक की परिवहन सुविधा शामिल है और यह दिल्ली-हरिद्वार-गुप्तकाशी-केदारनाथ का मार्ग लेता है और इसे मार्ग से वापसी करता है। इस पैकेज में होटल आवास, भोजन, पर्यटन स्थलों का भ्रमण, स्थानान्तरण, पार्किंग, ईंधन, टोल कर और ड्राइवर के साथ-साथ परिवहन और होटलों के लिए लागू अन्य कर आदि शामिल हैं। इस पैकेज की कीमत आवेदन पर उपलब्ध है।
  • यदि आप अपनी यात्रा को बढ़ाना चाहते है और कुछ ओर स्थान जोड़ना चाहते है, तो अन्य कुछ पैकेज भी उपलब्ध है जोकि थोड़े महंगे हो सकते है।
  • एक ही दिन में धाम की यात्रा में हेलीकाप्टर से केदारनाथ धाम और बद्रीनाथ धाम की एक दिन में यात्रा शामिल है।इस पैकेज की कीमत 99,000 रुपए है। यदि आप इतना अधिक खर्च करना नहीं चाहते है, तो आप पंच केदार ट्रेक्किंग टूर का चयन कर सकते है जो हरिद्वार से शुरू होता है और 14 दिन 13 रातों में बद्रीनाथ धाम भी तय करता है। इस पैकेज की कीमत प्रति व्यक्ति 45000 रुपए है यदि आप 10 व्यक्तिओ से अधिक के समूह में यात्रा कर रहे है। 5-10 लोगो के लिए, यह कीमत 49000 रुपए प्रति व्यक्ति तक बढ़ जाती है। इसमें यात्रा के लिए एक समर्पित टैक्सी और यात्रा के दौरान एक समर्पित गाइड शामिल है।

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हमें उम्मीद है कि आपने पूरा लेख पढ़ा होगा और केदारनाथ में एक सफल ट्रेकिंग के लिए हर जानकारी प्राप्त की होगी। किसी भी समस्या से निपटने के लिए हमेशा अपने साथ जरूरी ट्रेकिंग उपकरण रखें। किसी भी आपात स्थिति के लिए अपने ट्रेकिंग बैग्स में आवश्यक खाद्य पदार्थ भी रखें।