अक्सर हम पहाड़ी क्षेत्र या पहाड़ी इलाके के बारे में सुंनते हैं या फिर जानने की कोशिश करते हैं :- जबकि कुछ ख़ास ज़रूरत हो तो, जैसे की हम छुट्टियाँ मनाने के लिए जगह देख रहे हों या फिर मौजूदा हाल जैसे हम इस लेख को लिखने का प्रयास कर रहे हैं| पर कभी इस बात पर गौर किया है की पहाड़ी क्षेत्र होते क्या हैं, यह नाम किसने रखा और क्यूँ? वैसे पहाड़ी क्षेत्र या पहाड़ी इलाके यह नाम एक औपनिवेशिक आविष्कार (colonial invention) है जिसका उपयोग यूरोपीअंस ने कुछ अलग क्षेत्रों ( जैसे की अफ्रीका, साउथ एशिया, मिडिल ईस्ट, इत्यादि) में रहने के दौरान किया|
असल में इन क्षेत्रों में रहते वक्त इन्हें गर्मियों के मौसम में बहुत परेशानीयों का सामना करना पड़ता था क्यूंकि उस स्तर का तापमान उनकी बर्दाश्त की हद से ज्यादा हुआ करता था :- तो उन लोगों ने ऐसे मौसम के लिए कुछ अलग क्षेत्रों को ढूंढने का प्रयास किया जहाँ तापमान का प्रकोप कुछ कम हो और वो कुछ आराम से रह सकें| ऐसी जगहें उन्हें पहाड़ी इलाकों में मिल पाई, और उन लोगों को इन जगहों पर जाकर कुछ सुकून का अनुभव हुआ तो उन्होंने ऐसी जगहों पर अपने रहने लायक स्थान निर्मित करवाए जिससे बेहद गर्म मौसम में वो वहां जाकर रह सकें और अपने नियंत्रित क्षत्रों पर अपना नियंत्रण बनाये रख सकें| कुछ आसान शब्दों में कहा जाय तो यूरोपियन उपनिवेशवासियों के लिए गर्मी के मौसम में रहने लायक क्षेत्र हुआ करते थे|
पहाड़ी इलाकों को चुनने के लिए 4 मुख्य कारण :
अपनी रोज़मर्रा की ज़िन्दगी से कुछ दूर एक सुकून और आनंद भरा अवकाश मनाने के लिए :- वैसे तो इस देश में बहुत सारे विकल्प हैं जैसे समुद्र के आस पास के स्थान, रेगिस्तानी इलाके, कुछ दूर दराज़ खुबसूरत शहर या फिर अनेकों खुबसूरत बस्तियां लेकिन पहाड़ी इलाके इन सबमे अपनी विशिष्ठ जगह बनाये हुए हैं| ऐसा इसलिए है की पहाड़ी इलाकों में हमें मौसम, खुबसूरत परिदृश्य, संस्कृतियों का बहुत अच्छा संरूपित समागम देखने को मिलता है और इसके भी ऊपर रोमांचित कर देने वाला ऐसा अनुभव जो हमें शायद और कहीं नहीं मिल सकता|
कम जनसँख्या और कम प्रदूषण ।
भारत के पहाड़ी इलाके आमतौर पर कम जनसँख्या वाले क्षेत्र हुआ करते हैं :- इसी वजह से यहाँ प्रदुषण की मात्रा भी कम होती है| इन इलाकों का मौसम और भू-परिदृश्य एक बड़े पैमाने के कृषि या औद्योगिक विकास के लिए अनुकूल नहीं होता, यही कारण है की इन जगहों पर बहुत ज्यादा जनसँख्या स्थापित नहीं हो पाती| नतीजतन कम आबादी और उसके अनुसार कम ही प्रदुषण, जो की देश के निचले हिस्से के शहरों में रहने वालों के लिए बहुत ही उत्तम विकल्प के रूप में इन जगहों को चिन्हित करता है| इस तरह का वातावरण लोगों को अपनी छुट्टियाँ बिताने के लिए बहुत आकर्षक और सुकून भरा लगता है और इसीलिए वो ऐसी जगहों को चुनते भी हैं| इन जगहों पर कुछ दिन व्यतीत करने पर लोग अपने तनावों से कुछ निजाद तो पा ही लेते हैं|
पहाड़ी इलाकों का भौगोलिक आकार, प्रकार और परिदृश्य कई प्रकार के रोमांचकारी और साहसिक खेलों के लिए बहुत ही लोकप्रिय स्थल साबित होता है :- इन इलाकों में मौजूद पहाड़, और छोटी पहाड़ियाँ जो की अपने आप में बहुत बुलंद पहचान रखते हैं और इसके साथ ही इनके ऊँचे नीचे रास्ते खासकर के ट्रेकर्स को अपनी ओर बहुत आकर्षित करते हैं| हिमालय की श्रंखलाओं मे स्थित पहाड़ी इलाके इन सब खूबियों के बेहतरीन उदहारण हैं| यहाँ की पगडंडियों और रास्तों का लुत्फ़ उठाने के लिए आपका ट्रैकिंग में बहुत अनुभवी होना कोई ज़रूरी नहीं है क्यूंकि इनमे कुछ रास्ते ऐसे भी होते हैं जो की नए नए लोगों के लिए अनुकूल हों, इसलिए यहाँ पर ट्रैकिंग का मज़ा हर तरह के लोग उठा सकते हैं|
रैफ्टिंग नामक नौका विहार का रोमांचकारी खेल का भी अनुभव और लुत्फ़ आप इन इलाकों में ले सकते हैं :- इन पहाड़ों के बीच नदियाँ तीव्र ढलान के कारण बहुत तेज़ बहाव में बहती हैं और आप इनमे रैफ्टिंग करके अपने भीतर मौजूद उस साहस को जांच सकते हैं जो की ऐसे साहसिक खेलों के लिए आवश्यक है| इसके अलावा पर्वतारोहण भी एक और अति रोमांचक खेल है जिससे आप अपनी शारीरिक क्षमता को एक ऊँचे स्तर पर जांचने और उसका आनंद लेने के लिए कर सकते हैं| बंजी जम्पिंग, पैराग्लाइडिंग इत्यादि भी ऐसे ही रोमांचित करने वाले कुछ अन्य खेल हैं| बाइकिंग भारत के पहाड़ी इलाकों में अब धीरे धीरे लोकप्रिय हो रहा है|
अतुलनीय दर्शनीय सुन्दरता :
पहाड़ी इलाके अपने बेहद खुबसूरत परिदृश्यों के लिए जाने जाते हैं :- बल्कि यह दूसरा महत्ववपूर्ण कारण है लोगों के आकर्षित होने का| पहला यकीनन यहाँ का ठंडा मौसम| यहाँ के हरे भरे पहाड़, बड़े क्षेत्रों में फैले हुए चाय के बागान, फूलों के बाग़, सफ़ेद बर्फ की चादर से ढके हुए पहाड़ जो की बादलों तक की ऊंचाई जितने ऊँचे प्रतीत होते हैं, यहाँ के झरने, यहाँ के स्वच्छ और निर्मल जल की नदियों की लहरें, इन पहाड़ी इलाकों को एक बेहद खुबसूरत और अविस्मर्णीय स्थल बनाते हैं|
यहाँ के हर शहर या कस्बे या फिर गाँव में कुछ विशिष्ठ रमणीय स्थल होते हैं :- पर वास्तविकता तो यह है की इन इलाकों का हर हिस्सा खूबसुरत होता ही है| अगर आप अपने निर्धारित कार्यक्रम से कुछ हटकर स्वप्रेरित सैर करना चाहते हैं तो बेशक करें, और यकीन रखें ऐसा करने से भी खुबसूरत जगहों का अवलोकन किसी भी प्रकार छूटेगा नहीं|
खुबसूरत और अनोखी संस्कृतियों का अवलोकन :
भारत के पहाड़ी इलाके सदियों से कई संजातीय समूहों का या फिर जातियों और जनजातियों का घर हुआ करते हैं| कुछ समुदाय तो ऐसे भी हैं की जिनके बारे में कभी सुना भी न हो :- पर इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं क्यूंकि भारत देश कई खुबसूरत संस्कृतियों को अपने आप में समाये हुए है और इन सभी का एक अनूठा संगम इस देश में देखने को मिलता है| पर इस अनभिज्ञता का एक और मजेदार पहलु भी हो सकता है की जब आप ऐसे इलाकों की सैर करते हैं और आपको इनमे से किसी अनजाने समुदायों के बारे में पता चलता है तो आपकी ख़ुशी और बढ़ जाती है| आप इन विभिन्न संस्कृतियों और परम्पराओं को जान पाते हैं|
भारत के 10 सबसे अच्छे पहाड़ी क्षेत्र ।
भारत एक गर्म देश है :- इस बात पर कुछ लोग अवश्य बहस कर सकते हैं ये कहते हुए की इतने भिन्न भिन्न मौसम वाले देश को क्या सिर्फ गर्म देश कहना उचित है| तो अगर क्षेत्रफल के अनुपात में बात की जाय तो ऐसे क्षेत्र जहाँ गर्म मौसम रहता है वो उन जगहों से बहुत ज्यादा है जहाँ का मौसम आमतौर पर ठंडा रहता है|
इसके भी ऊपर ग्लोबल वार्मिंग :- अन्य तरीको से मौसम को होने वाले क्षय के कारण कुछ इलाकों का मौसम तो असहनीय होता जा रहा है| कितनी बार शहर के भीड़ भरे रास्तों में ज़बरदस्त ट्रैफिक के बीच से होते हुए गर्मी के मौसम में आप अपने ऑफिस जा रहे होते हैं और आपकी येही इच्छा होती है की काश कहीं से ठंडी हवा का झोका आ जाये और आपको कुछ आराम मिल जाये| बस ऐसी ही इच्छा को पूरी करने के लिए लोग इन पहाड़ी इलाकों में जाना पसंद करते हैं क्यूंकि इन जगहों का मौसम लगभग पुरे साल ठंडा ही रहता है| इन इलाकों में बिताया हुआ एक हफ्ता या फिर दो या तीन दिन भी किसी को सुकून भरा अनुभव देने के लिए काफी होता है| भारत में कई पहाड़ी इलाके हैं और आप हमारी इस बी.पी. गाइड के द्वारा इन जगहों के बारे में जान सकते है|
धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले इस बेहद खुबसूरत श्रीनगर के बिना पहाड़ी इलाकों के बारे में बात करना संभव ही नहीं है :- ऐसी प्राकृतिक खूबसूरती, ऐसे परिदृश्य, विभिन्न रंगों से सजोया हुआ यहाँ का सौंदर्य अतुलनीय है इसीलिए यहाँ पर जाकर छुट्टियाँ बिताने वाले लोगों की तादाद बहुत ज्यादा है| झेलम नदी के किनारे स्थित यह शहर कई खुबसूरत और अविस्मर्णीय स्थलों का घर है जैसे मुग़ल गार्डन, निशात बाग़, और डल झील|
उत्तराखंड में कुमाओं पहाड़ियों के बीच नैनी झील के किनारे चारो ओर उभरा हुआ सा प्रतीत होता यह एक और खुबसूरत शहर नैनीताल है :- बहुत सारी झीलों के उपस्थित होने के कारण इसे झीलों का शहर भी कहा जाता है| समुद्री तल से 1938 किलोमीटर ऊपर स्थित है यह शहर और यहाँ का मौसम पुरे साल बहुत सुहावना रहता है| प्राचीन प्राकृतिक सौंदर्य, शांत झीलें और बर्फ से ढके हुए पहाड़ इस शहर को और खुबसूरत बनाते हैं और छुट्टियाँ बिताने के लिए एक बेहतरीन शहर के रूप में लोकप्रिय करते हैं| यहाँ के कई प्रसिद्ध स्थलों में से कुछ हैं एको केव गार्डन, नैनी झील और नैना देवी का मंदिर|
समुद्री स्तर से 2240 मीटर ऊपर नीलगिरी पहाड़ियों पर स्थित है यह उदागमंदलम या ऊटी शहर :- जिसे नीले पहाड़ों की रानी भी कहा जाता है| यहाँ का मौसम सारे वर्ष सुहावना रहता है तो यहाँ घुमने के लिए कभी भी जाया जा सकता है| यहाँ की रहस्यमई दिखने वाली प्राकृतिक सुन्दरता ही यहाँ की सबसे ख़ास बात है जिसके लिए लोग यहाँ आते है| ऊटी रोज गार्डन और ऊटी झील यहाँ के कुछ प्रसिद्ध स्थानों में से एक हैं| नीलगिरी पहाड़ों की सैर के लिए आप ट्रेन में सफ़र कर सकते हैं|
इस शहर में प्राकृतिक सुन्दरता, हरा भरा वातावरण, पहाड़ों के किनारे विस्तार से फैले हुए चाय के बागान होने के साथ साथ कुछ प्रांतीय इतिहास भी मौजूद है :- समद्र स्तर से 2050 मीटर ऊपर स्थित यह शहर अंग्रेजों के शासन काल में उनके लिए गर्मी के मौसम में राजधानी हुआ करता था| इसीलिए यहाँ पर उस वक्त और शासन के मुताबिक इमारतें देखने को मिलती हैं| दार्जीलिंग में अनेकों पहाड़ी जनजातियाँ भी हजारों वर्षों से रहती हैं| यहाँ पर स्थित कई प्राचीन और रहस्यमई मठ और इस शहर की मौजूदा संस्कृति इस बात का प्रमाण है| राजनीतिक और व्यावसायिक रूप में इतने महत्त्वपूर्ण होने के बावजूद यह शहर आश्चर्यजनक रूप से ज्यादा भीड़ भाड़ वाला क्षेत्र नहीं है|
खुबसूरत परिदृश्यों से सुसज्जित कंचनजंगा की पहाड़ी श्रंखलाओं वाला यह शहर आपको ज़रूर घूमना चाहिए :- बतासिया लूप, टाइगर हिल और माल देखने से आपको इस शहर का सही सही अंदाज़ा हो जायेगा| यहाँ तक आते वक्त आप सिलिगुरी से स्टीम इंजन वाले ट्रेन में सफ़र का लुत्फ़ उठा सकते हैं|
शिल्लोंग शब्द यहाँ के पहाड़ पर पूजा किये जाने वाले देवता के नाम से प्रेरित है,यह शहर मेघालय राज्य की राजधानी है :- समुद्री स्तर से 1496 मीटर ऊपर है| देवदार के पेड़ों का अधिकता में होना इस जगह को और भी खुबसूरत बनता है, जो की भारत में और कहीं कम ही पाए जाते हैं| इसके ऊपर यहाँ का मौसम बहुत सुकून भरा है जिसमे हलकी ठंडी हवाएं और कभी कभी छिटपुट बौछारें हुआ करती हैं| यहाँ की खूबसूरती, हरा भरा वातावरण और यहाँ की स्थानीय संस्कृतियाँ इस जगह के मुख्य आकर्षणों में से हैं| शिल्लोंग शहरकी सैर आपको उत्तर पूर्वी भारत के किसी चर्चित किस्से का हिस्सा बनने जैसा एहसास देगा| उमिअम झील, एलीफैंट फाल्स और माल्य्न्गोंग यहाँ के प्रमुख स्थलों में से हैं|
सिक्किम राज्य की राजधानी यह शहर एक बहुत प्रभावशाली क्षेत्र है :- यहाँ पर भी बहुत ही खुबसूरत परिदृश्य देखने को मिलते हैं| यह शहर कई बार बादलों से ढक जाता है जो बहुत आकर्षक लगता है, और बहुत दूर बादलों के बीच से झांकते हुए बर्फ से ढके हुए पहाड़ बहुत खुबसूरत लगते हैं| अतुलनीय सुन्दरता के अलावा इस शहर में रोमांचक खेलों के भी अनेकों प्रकार मौजूद हैं| ट्रैकिंग करने के लिए कई सारे उत्तम रास्ते यहीं से शुरू होते हैं, इसके अलावा पर्वतारोहण, रैफ्टिंग इत्यादि भी यहाँ पर की जा सकती है| कुछ प्रसिद्ध स्थलों में रम्तेक मठ और नाथुला पास का नाम आता है|
मसूरी शहर गढ़वाल हिमालयन श्रंखला में समुद्र स्तर से 7000 मीटर ऊपर स्थित है :- अगर आपके लिए छुट्टियों का मतलब है शांत पहाड़ों के बीच अनछुये प्राकृतिक सौन्दर्य का लुत्फ़ उठाते हुए आराम फरमाना तो यकीनन मसूरी आपके लिए है| बेहद हरी भरी पहाड़ियां और खुबसूरत बर्फ के पहाड़ आपकी अन्यत्र सुकून ढूंढ रही आँखों को अपनी ओर खींच लेती है| मौसम पुरे साल काफी सुहावना रहता है इसलिए आप कभी भी जा सकते है| हनीमून पर जाने वाले नवविवाहित जोड़े भी इस शहर को बहुत पसंद करते हैं| केम्पटी फॉल, लेक मिस्ट और लाल टिब्बा कुछ महत्वूर्ण स्थल हैं|
यहाँ के पहाड़ों में मौजूद जंगलों से बहुत कम ही लोग आकर्षित हुए बिना रह पाते हैं :- यहाँ का ठंडा मौसम, शांत वातावरण, किसी दूसरी दुनिया में पहुँच जाने का अनोखा एहसास वाकई में अपने आप में एक मिसाल देने लायक अनुभव होता है| अल्मोरा एक छोटा शहर है और इसका आकार एक घोड़े की नाल के जैसा दिखता है| यहाँ पर औपनिवेशिक विरासतें भी कई हैं| कुछ ख़ास जगहें जो यहाँ आकर आपको ज़रूर देखनी चाहिए हैं जीरो पॉइंट, कटरमल सन टेम्पल, और जागेश्वर
धर्मशाला में स्थित यह छोटा सा क़स्बा एकान्तप्रिय लोगों के लिए बहुत अच्छा विकल्प है :- यहाँ की संस्कृति में तिब्बत की पुरानी प्रथाओं और अंग्रेजों के औपनिवेशिक असर का मिश्रण देखने को मिलता है| बाकी शहरों से कुछ दूर होने के कारण यह पुराने स्वरूप को बचाए रख पाने में सफल रहा है| अंग्रेजों के समय की इमारतें यहाँ काफी ज्यादा देखी जा सकती हैं| तिब्बत के पुराने मठों की खूबसूरती यहाँ एक अनोखा परिदृश्य बनाते हैं| ट्रैकिंग करने वालों के लिए भी यह जगह बहुत उत्तम है| नामग्याल मठ, भाग्सू फाल्स, और सुग्लाग्खंग काम्प्लेक्स कुछ प्रसिद्ध स्थान हैं|
केरल राज्य में पश्चिमी घात पर स्थित मुन्नार एक सुखद पहाड़ी इलाका है| हरा भरा वातावरण, फैले हुए चाय के बागान और ऊँचे नीचे पहाड़ यहाँ का मुख्य आकर्षण हैं :- देश के कुछ सबसे बड़े चाय के बागान इसी जगह हैं, और चाय के व्यवसाय के लिए यह क्षेत्र बहुत ही महत्त्वपूर्ण है| यहाँ पर कई सुरक्षित और प्रतिबंधित क्षेत्र भी हैं जहाँ कुछ लुप्त होती प्रजातियों के जीव देखे जा सकते हैं जैसे नीलाकुरिंजी और नीलगिरी थार| आप यहाँ सैर करते वक्त इन्हें देख सकते हैं| मुन्नार के मुख्य स्थलों में पोथामेदु व्यू पॉइंट, अतुक्कड़ फाल्स और इको पॉइंट का नाम आता है|