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क्यों पांडिचेरी आपकी यात्रा सूचि में होनी चाहिए?
यदि आप भारत में फ्रांस जैसा रोमांच का अनुभव करना चाहते है तो आपको पांडिचेरी जाना चाहिए :- हालांकि फ़्रांस उपनिवेश स्थापित कर चूका है और काफी समय पहले ही स्थान त्याग चूका है लेकिन आप अभी उनके वर्चस्व को यहाँ अनुभव कर चुके है। पांडिचेरी चेन्नई, तमिलनाडु के दक्षिण में 492 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल के साथ 160 किलोमीटर दूर स्थित है। यह शहर भारत के दक्षिण-पूर्वी तट पर पुदुचेरी जिले में स्थित है, और यह तमिल नाडु राज्य से घिरा हुआ है। आप फ़्रांसिसी प्रभाव को इमारतों में देख सकते है, आपको रास्तो के चिन्ह भी फ्रेंच में दिखाइ देंगे और आप देखेंगे कि अधिकांश लोग बहुत अच्छी फ्रेंच भाषा बोल रहे है।
पांडिचेरी एक विशिष्ट संस्कृति और प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर एक छोटा सा स्थान है :- जो आपको योग, ध्यान और अन्य गतिविधियों की सहायता से शांत कर देता है। आपको यहाँ सुन्दर समुन्द्र तट, इतिहासिक इमारते, धार्मिक चर्च और मंदिर सब कुछ एक साथ एक ही जगह में देखने को मिलेंगे। यह पर्यटकों के द्वारा सबसे अधिक घूमने जाने वाला एक स्थान बना हुआ है जोकि रोड, रेलवे और वायुमार्ग के जरिये जुड़ा हुआ है। आप चेन्नई, दिल्ली, कोलकाता, मुंबई, कन्याकुमारी, हैदराबाद इत्यादि स्थानों से पांडिचेरी पहुंच सकते है। आप हैदराबाद, बैंगलोर, चेन्नई आदि से लॉन्डसेट पांडिचेरी के केंद्र शासित प्रदेश के एक विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में स्थित पांडिचेरी हवाई अड्डे के लिए उड़ान भर सकते हैं।
पांडिचेरी या उसके आस पास घूमने के 10 सबसे अच्छे स्थान ।
ऑरोविले "द सिटी ऑफ़ डॉन" ।
पांडिचेरी में सबसे अधिक घूमे जाने वाले स्थानों में से एक है ऑरोविले :- इसे 'सार्वभौमिक शहर' के रूप में देखा जाता है और इसकी स्थापना एक परीक्षण के रूप में और 124 देशो और भारतीय 23 राज्यों द्वारा हुयी थी। यह पांडिचेरी से लगभग 15 कि.मी दूर स्थित है और इसकी स्थापना 1968 में मिर्रा अल्फ़ासा ने कि थी जोकि अरबिंदो की शिष्या थी और श्री अरबिंदो सोसाइटी की 'माँ' के रूप में जानी जाती थी।
ऑरोविले का उद्देश्य लोगो में एकता लाना है,195 राष्ट्रीयता के 2,800 से अधिक लोग ऑरोविले में रहते है :- शांति, सद्भाव और दिव्य चेतना के सिद्धांत पर अपना जीवन जीते है। इन्होने एक बंजर जमीन को एक हरे भरे जंगल में बदल दिया, इस प्रोजेक्ट का भारतीय सरकार ने साथ दिया और युनेस्को ने 1966 में इसे "मानवता के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट" के रूप में सुझाया। साथ ही ऑरोविले "सिटी ऑफ़ डौन" के नाम से भी जाना जाता है। यदि आप इस जादुई स्थान के बारे में और अधिक जानना चाहते है तो आपको यहाँ एक कैफ़े में आकर बैठना होगा और यहाँ रहने वालो से इस विषय में बात करनी होगी, यहाँ के लोगो को अपने नजरिए को लोगो के साथ बाटने और अन्य लोगो से भिन्न तरिके से जीवन जीने के नजरिये को बताने में बहुत ख़ुशी होती है।
यह 1.25 किलोमीटर के व्यास में स्थापित है और इसके केंद्र में प्रसिद्ध मातृमंदिर है जो सुंदर बगीचों से घिरा हुआ है :- यह स्थान औद्योगिक क्षेत्र, सांस्कृतिक क्षेत्र, शांति क्षेत्र और एक आवासीय क्षेत्र में बटा हुआ है। मातृमंदिर शांति से बैठने और आसपास के वातावरण को अनुभव करने के लिए एक उत्तम स्थान प्रदान करता है। इसमें कमल के आकार के नींव कलश के साथ 30 मीटर ऊंचा ग्लोब है। अंदर की ओर शांति के महत्व को उज्जवल करने के लिए सफेद रंग किया गया है, इसके केंद्र में एक क्रिस्टल बॉल है जो सूर्य की प्रकाश को प्रतिबिंबित करता है और स्थान को एक जादुई प्रभाव प्रदान करता है।
ऑरोविले में बहुत सरे रेस्टॉरेंट है जो भलीभांति तैयार व्यंजन प्रदान करते है :- आप यहाँ उत्तम स्वाद वाले इटालियन खाने से लेकर दक्षिणी भारतीय व्यंजनों का स्वाद ले सकते है।
यदि आप ऑरोविले जाना चाहते है :
- सबसे सरल होगा कि आप चेन्नई के लिए उड़न भरे और वह से एक टैक्सी के माध्यम से ऑरोविले तक आये।
- हवाईअड्डा ऑरोविले से लगभग 115 किलोमीटर दूर है। आप चेन्नई, तिरुवन्नामलाई, बेंगलुरु या ऊटी से बस भी ले सकते है।
- सबसे करीबी स्टेशन विल्लुपुरम है जोकि ऑरोविले से लगभग 32 किलोमीटर दूर है।
- ऑरोविले जाने का सबसे अच्छा समय है नवंबर से मार्च के दौरान।
प्रोमेनेड बीच ।
प्रोमेनेड बीच एक बहुत ही सुन्दर समुन्द्र तट है :- यह लगभग 1.2 किलोमीटर लम्बा है और अन्य जगहों जैसे वॉर मेमोरियल, डुप्लेक्स पार्क, स्टेचू ऑफ़ जोन ऑफ़ अर्क, ओल्ड लाइट हाउस इत्यादि के बहुत करीब होने के कारन यह पांडिचेरी के सबसे अधिक घूमे जाने वाले सथनो में से एक स्थान है। हालांकि प्रोमेनेड बीच एक समुन्द्र तट है लेकिन बंगाल की खाड़ी के इसके किनारे के साथ चट्टानों की एक दीवार के कारण यह अन्य समुंद्री तटो से पूरी तरह भिन्न है। ये चट्टानें तटरेखा पर कटाव और निर्गमन को रोकने के लिए पांडिचेरी सरकार द्वारा वहां लगायी गई थीं। आप इन चट्टानों और बोल्डरो को देख सकते हैं जो अनोखे प्रकार से समुद्र तट की सुंदरता को बढ़ाते हैं।
प्रोमेनेड बीच रॉक बीच या गाँधी बीच के नाम से भी जाना जाता है :- क्योकि ये महात्मा गाँधी के पुतले के काफी करीब है। यहाँ कई अच्छे अच्छे रेस्टोरेंट भी है जो कमाल के समुंद्री व्यंजनों के साथ पारम्परिक भोजन भी प्रदान करते है। आप यहाँ के स्थानी हॉकरो से छोटे छोटे हाथ से बनाये गए उपहारों की खरीददारी भी कर सकते है। आप पर्यटक सूचना केंद्र की पुराणी धरोहर इमारत को भी समुद्र तट के ठीक सामने देख सकते हैं जो पर्यटकों के लिए बहुत सहायक होती है।
यदि आप समुंद्री लहरों की शांत शोर में बैठ कर आराम करना चाहते है तो शाम का समय उत्तम है :- यदि आप शाम के समय यहाँ पर होते है तो ली कैफ़े में बैठकर एक उत्तम कॉफ़ी के कप की चुस्किया लेते हुए अद्भुत सूर्यास्त का नजारा लेना मत भूलियेगा। प्रोमेनेड बीच पांडिचेरी के केंद्रीय रेलवे स्टेशन से केवल 2 घंटे की यात्रा दुरी पर है।
बस स्टेशन भी समुन्द्र तट से केवल 3.5 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है :- इसीलिए समुन्द्र तट तक पहुंचना बहुत सरल है। क्योकि, पांडिचेरी बंगाल की खाड़ी का कोरोमंडल तट पर स्थित है, यहाँ घूमने जाने के सबसे अच्छा समय नवंबर से मार्च के बिच होता है। यदि को पानी के खेल पसंद है तो सबसे अधिक मजा लेने के लिए आप अक्टूबर से मई के दौरान प्रोमेनेड बीच जा सकते है। यदि आप पांडिचेरी में है तो प्रोमेनेड बीच तो इसकी सुंदरता और शांति के लिए यहाँ अवश्य जाये क्योंकि आप इस शानदार चट्टानी समुद्र तट पर एक शांत सेर कर सकते है।
पांडिचेरी म्यूजियम ।
यदि आप एक इतिहास प्रेमी है तो आपको पांडिचेरी म्यूजियम अवश्य जाना चाहिए :- यह भारती पार्क पर स्थित है और यह उत्तम मूर्तियों के अनोखे संग्रह के लिए प्रसिद्ध है। इसमें चोला और पल्लव वंश से संबंधित मूर्तियों का एक बड़ा संग्रह है और एरीकेमेडी रोमन बस्ती से पुरातात्विक निष्कर्षों के अवशेषों का एक विशाल संग्रह है। साथ ही आपको रहस्यमय दफन कलश, फ्रेंच फर्नीचर, उत्तम क्रॉकरी, बंदूकें, तलवारें आदि भी देखने को मिलेगी जो आपको पुनः पुराने समय में ली जाएगी।
इस संग्रहालय में तंजौर और कांच के चित्रों, औपनिवेशिक प्रिंट और मंत्रमुग्ध कर देने वाले विभिन्न देवी-देवताओं की कांस्य मूर्तियों का एक बड़ा अद्भुत संग्रह भी है पांडिचेरी म्यूजियम सोमवार और राष्ट्रीय छुटिया छोड़कर प्रतिदिन सुबह 10 बजे से लेकर शाम 7 बजे तक खुली रहती है। एक बार जब आप इस संग्राहलय में आएंगे तो यहाँ से पाई हुयी जानकारियों से आप स्वयं को प्रबुद्ध महसूस करने लगेंगे। यह आपके और आपके परिवार विशेषकर स्कूल जाने वाले बच्चो के लिए एक शिक्षा यात्रा सिद्ध होगी।
3 यातायात साधनो की सवारी करना मत भूलियेगा :- एक कोच, एक पालकी और एक मूस-मूस (पुराने समय की एक रिक्शा) जिसे चलाने के लिए दो लोगो की जरूरत पड़ती है। पांडिचेरी संग्रहालय बस स्टेशन से केवल 3 किलोमीटर दूर है और आपको इसका आनंद लेने के लिए 15 रुपए प्रति व्यक्ति की दर से प्रवेश टिकट के रूप में भुगतान करना होता है।
मनकूला विनयगर मंदिर ।
यदि आपको सुन्दर मंदिर देखना पसंद है तो आपको अवश्य ही पांडिचेरी का मनकूला विनयगर मंदिर देखना चाहिए :- यह मंदिर फ़्रांसिसीयो के यहाँ आने से पहले स्थापित किया गया था। मंदिर का नाम दो तामिल शब्दों से लिया गया है : मनल (रेत) और कुलम (समुन्द्र के करीब एक तालाब)। यह 8000 स्क्वायर फ़ीट से अधिक स्थान में बनाया गया है, यह 18 फ़ीट ऊंचा है और सुनहरी परत वाला कोडिकम्बाम लोगो को मंदिर की ओर आकर्षित करता है। आप मंदिर की दीवारों पर विभिन्न अवतारों में प्रभु गणेश की सुंदर कलाकृतियों को देख सकते है।
यह मंदिर भगवान गणेश को समर्पित है :- आपको यहाँ उनकी एक भव्य मूर्ति बुद्धि और सिद्धि के साथ पूर्व की ओर मुँह किए हुए देखने को मिलेगी। मूर्ति एक सुनहरे रथ पर खड़ी है जिसे की सागौन की लकड़ी से बनाया गया है। रथ को साड़े सात किलो सोने से बनाया गया है और इसका उपयोग दशहरे के जुलुश में किया जाता है। आपको प्रभु गणेश का नृत्य मुद्रा बहुत अद्भुत लगेगा जिसे की नर्तन गणपति कहते है। पुरे वर्ष के दौरान मंदिर में अनेको त्यौहार मनाये जाते है लेकिन सबसे भव्य त्यौहार होता है ब्रह्मोतसावं जोकि अगस्त या सितम्बर के महीने में होता है और यह 24 दिनों तक चलता है।
यदि आप मंदिर देखना चाहते है,तो :
- आपको यहाँ सुबह 5:45 से लेकर 12:30 दोपहर या दोपहर 4 बजे से लेकर रात 9:30 के बिच में आना होगा।
- आप मंदिर तक किसी भी स्थानीय यातायात से पहुंच सकते है क्योकि यह पांडिचेरी बस सटशन से केवल 3 किलोमीटर दूर है।
जवाहर टॉय म्यूजियम ।
बच्चो के साथ पांडिचेरी जा रहे है? तो जवाहर टॉय म्यूजियम पांडिचेरी के घूमने के अन्य स्थानों के साथ आपकी सूचि में सबसे ऊपर होना चाहिए :- यह पांडिचेरी बस स्टैंड से 2.5 कि.मी. कि दुरी पर स्थित है और यह गोबेर्ट अवेनुए के ओल्ड लाइट हाउस के बहुत करीब है। चिंता मत कीजिये यदि आप बच्चो के साथ नहीं आये है, लेकिन यदि आपके अंदर थोड़ा भी बच्चा है तो हसने और मुस्कुराने के लिए इस संग्रहालय में अवश्य जाइये क्योकि जवाहर टॉय म्यूजियम में खिलोनो का एक बड़ा संग्रह दिखाया गया है। यहाँ इस क्षेत्र के पारम्परिक वस्त्रो में 120 गुडियो का एक सुन्दर संग्रह है (हर उम्र कि लड़कियों के लिए एक स्वपन जैसा)। इसे देश के सबसे अनोखे संग्राहलय के रूप में जाना जाता है।
संग्रहालय की सोच है कि विभिन्न संस्कृतियों और परंपराओं पर लोगों को खिलौने और गुड़िया के माध्यम से शिक्षित करना है आपको यहाँ बंगाल, राजस्थान, पंजाब, महाराष्ट्र, गुजरात, कश्मीर इत्यादि स्थानों से गुड़िया देखने को मिलेगी। यहाँ पर एक स्थान ऐसा भी है जहा प्रभु गणेश के छोटे छोटे पपेट से एक परियो का देश दिखाया गया है। जवाहर टॉय म्यूजियम सोमवार और राष्ट्रीय छुटिया छोड़कर प्रतिदिन सुबह 10 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक खुली रहती है।
बसीलिका ऑफ़ सेक्रेड हार्ट ऑफ़ जीसस ।
बसीलिका ऑफ़ सेक्रेड हार्ट ऑफ़ जीसस 100 वर्ष पुराना एक ऐतिहासिक चर्च है :- जो कि 50 मीटर लम्बा, 48 मीटर चौड़ा और 18 मीटर ऊंचा है और 24 स्तंभ इस शानदार संरचना को अपने स्थानों पर बनाये रखते हैं। यह अनोखे ग्लास पैनलों के साथ गोथिक वास्तुकला का एक उदाहरण है जो जीसस और अन्य साधुओ के जीवन के विभिन्न कालो को दर्शाता है। यह ईसाईयो के लिए सबसे धार्मिक स्थलों में से एक है। जैसे ही आप चर्च में प्रवेश करेंगे आपको ईश्वर की उपस्थिति और वातावरण में सकारात्मकता का अनुभव होगा।
चर्च की सुंदरता को विभिन्न रंगों जैसे हरे, दूधिया सफेद और लाल रंग के मिश्रणो के अद्भुत विशाल डिज़ाइनो से बाध्य दिया गया है :- चर्च के साइड में मैडोना की एक सुंदर प्रतिमा नीले रंग की साड़ी में लिपटी हुई बनाई गयी है। जब आप चर्च के अंदर बैठेंगे और प्राथना करेंगे और ईश्वर की उपस्थिति का अनुभव करेंगे तो आप स्वयं को धन्य महसूस करेंगे।
बसीलिका ऑफ़ सेक्रेड हार्ट ऑफ़ जीसस में जाने का समय :
- सोमवार से शनिवार : सुबह 5:30 बजे, दोपहर 12:30 बजे, शाम 6:00 बजे और रविवार: सुबह 5:30 बजे, 7:30 बजे, दोपहर 12:00 बजे, शाम 5:00 बजे (अंग्रेजी), शाम 6:15 बजे (तमिल) है।
- चर्च तक पहुंचना बहुत सरल है क्योकि यह पांडिचेरी ट्रैन स्टेशन के बहुत करीब स्थित है और आप एक स्थानीय साधन लेकर सरलता से यहाँ पहुंच सकते है ।
राज निवास ।
पांडिचेरी में होने पर, राज निवास घूमने के लिए एक ओर सुन्दर स्थल है :- यह बस स्टैंड से करीबन 3.5 किलोमीटर दूर स्थित है। . राज निवास पुडुचेरी के उपराज्यपाल का आधिकारिक निवास स्थल है। यह फ़्रांसिसी उपनिवेश के दौरान का एक स्थल अहइ और उस दौरान यहाँ फ़्रांसिसी राज्यपाल निवास करते थे। इसका निर्माण 18वी शताब्दी में किया गया था और आप यहाँ फ़्रांसिसी और भारतीय वास्तु-कला का अनोखा मिश्रण देखने को मिलेगा।
इसमें अच्छी तरह से समभाले गए बगीचे में एक सुन्दर जल स्मारक है :- आँगन के शानदार खम्बे इसे एक भव्य लुक देते है, आपको इसके मुख्य द्वार के दोनों तरफ एक एक कैनन भी देखने को मिलेंगे। राज निवास ने इतिहास में लंबा रास्ता तय किया है इसकी शुरुवात तब हुयी थी जब डुमास ने 1735 में एक गवर्नर पैलेस की नींव रखी और बाद में यह जाकर 1765 में पूरा हुआ। शुरुवात में यह एक मंजिला ईमारत थी जिसे कि बाद में दो मंजिला महल में तब्दील कर दिया गया था।
दक्षिणी द्वार राज निवास का मुख्य द्वार है ;- राज्यपाल के घर में व्यक्तिगत और वीआईपी मेहमानों को अच्छी मेजबानी के साथ सुन्दर सजाये गए अतिथि कमरों में रखा जाता है जिनका नाम पांडिचेरी, कराईकल, माहे और यनम है।आप राज निवास में केवल राष्ट्रीय छुटियो के दिन घूम सकते है जैसे गणतंत्र दिवस लेकिन आप किसी भी दिन इसकी सुंदरता को बाहर से देख सकते है और आप इसके गौरवशाली दिनों को महसूस कर सकते जो इसने इतिहास पहले देखे हैl
ओल्ड लाइट हाउस ।
आपने कई सिनेमाओं या किताबो में बड़े बड़े लाइट हाउस जरूर देखे होंगे लेकिन वास्तव में आप ऐसा ही एक लाइट हाउस पांडिचेरी में देख सकते है :- यह ओल्ड लाइट हाउस बस स्टेशन से 3 किलोमीटर दूर है और यहाँ के पसंदीदा स्थानों में से एक है। इसका निर्माण 1835 में हुआ था और यह 29 मीटर ऊंचा है। यह एक रेतीले मैदान में बनाया गया है इसीलिए लाइट हाउस को लम्बा खड़ा रखने और मजबूती देने के लिए 9 मीटर गहरे तक खोदा गया है।
इस लाइट हाउस को फ़्रांस से बीकन के आने के बाद जुलाई 1836 में चालू किया गया था :- इस ओल्ड लाइट हाउस के प्रकाश के किरणों को 15 मील दूर से देखा जा सकता है और इस प्रकाश का स्त्रोत 6 लैंप और दो रिफ्लेक्टर है जिसे 1913 के बाद में इलेक्ट्रिक लैंप में बदल किया गया। हालांकि इस लाइट हाउस को 1979 में बंद कर दिया गया था लेकिन आप अभी भी इसे देख सकते है और यह अद्भुत नजारा देख सकते है, इसे देख कर ऐसा लगता है कि आपने समय में पीछे यात्रा की है।
यह नजर रखने और दुकान के लिए एक उत्तम स्थान प्रदान करता है :- इसकी सीढिया जो आपको इसके शीर्ष पर ले जाता है, इस लाइट हाउस को अब एक संग्रहालय में बदल दिया गया है, आप विभिन्न कार्निवल और सांस्कृतिक गतिविधियों को इस लाइट हाउस के सामने होते हुए देख सकते है और यह प्रति वर्ष बहुत सारे पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है।
लाइट हाउस को देखने का समय :
- सुबह 8 बजे से दोपहर 12:30 बजे और दोपहर 1:30 बजे से शाम 5:30 बजे है
- और आपको इस सुन्दर स्थान के दर्शन करने के लिए 10 रुपए प्रति व्यक्ति के दर से प्रवेश शुल्क देना पड़ता है।
मीरान मस्जिद / मीरपल्ली ।
चर्चों और मंदिरों की बातचीत के दौरान हम आपको यह बता दे कि आप मीरन मस्जिद / मीरापल्ली जाना बिलकुल न भूले : - जो कि पांडिचेरी की दूसरी सबसे पुरानी मस्जिद है और इसका निर्माण 17वीं शताब्दी में आरकोट नवाबों ने करवाया था।यह मस्जिद मीरान नामक एक व्यक्ति का आरामस्थल है जिसने इस मस्जिद को बनाया था। यह पुराने गोथिक इस्लामी शैली की वास्तुकला में बनाया गया है, जिसके शीर्ष पर कांस्य की सुंदर मुखौटा मीनार है।
यह इस क्षेत्र का सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों में से एक है :- जब आप इस भूमि पर कदम रखते है तो आप हवा में दिव्यता को महसूस कर सकते है, प्राथन और भजनो का जप आपके मन को एक आध्यात्मिक स्थिती में ले जाता है। सम्पूर्ण विश्व से लोग यहाँ प्रार्थना करने और अपना सम्मान व्यक्त करने आते है। मस्जिद प्रतिदिन संध्याकाल तक खुला रहता है।
ऑस्टर लेक / ओसुडू लेक ।
ऑस्टर झील पांडिचेरी और तमिल नाडु के बिच ओसुडु नामक गांव में स्थित एक सुन्दर झील है :- यह एशिया की सबसे महत्वपूर्ण आर्द्रभूमि में से एक मानी जाती है और इसे पानी, दलदली और कीचड़ के साथ एक वन्यजीव अभयारण्य के रूप में विकसित किया गया है, जो 390 हेक्टेयर भूमि में फैला हुआ है। आप लेक में प्रवेश करने के बाद यहाँ 40 से अधिक प्रवासी पक्षियों और कुछ विशेष प्रजातिया जैसे पेंटेड सारस, टेलर बर्ड और चित्तीदार उल्लू को देख सकते है। यह परिवार और मित्रो के साथ समय बिताने के लिए उत्तम स्थान है, आप यहाँ 100 रुपए प्रति व्यक्ति की दर से नव की सवारी करते हुए ठन्डे जल और शांत वातावरण का आनंद ले सकते है।
- ऑस्टर झील पांडिचेरी बस स्टेशन से लगभग 10 किलोमीटर दूर है।
- झील पर घूमने जाने का सबसे अच्छा समय ठंड के मौसम के दौरान है क्योकि इस दौरान आप विभिन्न प्रकार के पक्षियों और जल के किनारे ठंडी हवाओ का आनंद ले सकते है।
- झील आगंतुकों के लिए सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक खुली रहती है।
पांडिचेरी में आनंद करने के लिए अन्य मजेदार गतिविधिया ।
घूमने के लिए कुछ उत्तम स्थानों के आलावा पांडिचेरी में करने के लिए कुछ मजेदार गतिविधिया भी है जो आप एक युगल के रूप में या परिवार के साथ भी कर सकते है।
- पेंटबॉल एक मजेदार खेल है जो आप समूह में खेल सकते है : आपको अपने विरोधी दल को पेंटबॉल बंदूक से मारने का मौका मिलता है।
- आपको बंदूक, पेलेट और जैकेट प्रदान किया जाता है।
- यह एक रोमांचक खेल है और हर उम्र के लोग इसका मजा ले सकते है।
- यदि आपके समूह में 4 या उससे अधिक लोग है तो आप रंगो और बंदूकों से इसका मजा ले सकते है, आपको ये खेल बहुत ज्यादा मजेदार लगेगा।
- यह सुबह 9 बजे से शाम 5:30 बजे तक उपलब्ध होता है।
- आप जॉर्बिंग, लक्ष्य साधना, तीरंदाजी, रस्सी कोर्स, ज़िपलाइन, एटीवी सवारी और स्लिंग शॉट जैसी गतिविधियों के कॉम्बो पैकेज का विकल्प चुन सकते हैं :
- आप निशाना लगा सकते है, रस्सियों पर संतुलन बना सकते है या जॉर्बिंग बॉल में घूमने का आनंद ले सकते है।
- यह मजे से भरपूर गतिविधि है जो सबको पसंद आता है विशेषकर बच्चे और युवाओ को।
- आप इनका आनंद सुबह 8:30 बजे से शाम 6:30 बजे के बिच ले सकते है और यह पांडिचेरी सिटी सेंटर से लगभग 20 किलोमीटर दूर है।
- आप एक पुराणी समय की साइकिल को भाड़े पर ले सकते है:
- अपने मित्रो के साथ शहर का नजारा लेते हुए पुरे शहर में घूम सकते है।
- आपको फ्रांसीसी उपनिवेशों और अन्य ऐतिहासिक स्थानों के आसपास भी सवारी करने का अवसर मिलता है।
- यदि आप पानी के साथ मजा करना चाहते है :
- लहरों की सवारी करना चाहते है तो आप पांडिचेरी के समुंद्री तटों पर सर्फिंग कर सकते है।
- साहसिक और रोमांच प्रेमिओ के लिए यह सबसे सुप्रसिद्ध और रोमांचक गतिविधियों में से एक है।
- आपको एक यादगार और मजेदार दिन के लिए एक सर्फबोर्ड के साथ लहरों पर सवारी करने के लिए 1,200 रुपए का भुगतान करना होता है।
- यदि आपको खरीददारी करना पसंद है तो पुलिस स्टेशन के विपरीत ओर स्थित गोबेर्ट मार्किट जाइये :
- आप प्रतिदिन की चीजे, ताजे फल और फूल, आभूषण, कपडे, चमड़े का सामान और भी बहुत कुछ यहाँ से खरीद सकते है।
- इस बाजार की गलियों में आपको उत्तम से उत्तम भोजन भी मिलेगा।
- आपको यहाँ सुबह जाना होगा और अपना पूरा दिन यहाँ सुन्दर सुन्दर सजी हुयी दुकानों को देखते हुए बिताना है ।
- यदि आप रचनात्मक है तो आपको गोल्डन ब्रिज पॉटरी सेंटर में क्ले मॉडलिंग करने का मजा आ जायेगा :
- आप मिट्टी के बर्तनों को बनाने की मूल बातो को जान सकते हैं और फिर अपने बर्तनों को स्वयं ही डिज़ाइन कर सकते हैं।
- यदि आप पांडिचेरी में है और आप स्कूबा डाइविंग नहीं करते है तो आपकी यात्रा अधूरी है :
- पांडिचेरी भारत के पूर्वी तट का एकमात्र गोताखोरी करने का स्थल है।
- आपको इसमें प्राकृतिक कोरल रीफ्स, चट्टानी पॉप-अप्स और समुद्री जीव जैसे लायनफ़िश, किंगफ़िश, मोरे ईल्स, समुद्री सांप और बहुत कुछ देखने को मिलेगा।
- यह टेम्पल एडवेंचर्स द्वारा आयोजित करवाया जाता है,जो कि एक 5-स्टार रेटिंग वाला पेड़ी सेंटर है।
- पुरे वर्ष के दौरान गोताखोरी का समय सुबह 6:30 बजे से शाम 7:30 बजे है और इस डाइविंग कोर्स का मूल्य 9,322 रुपए है ।
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ऑरोविले का उद्देश्य विश्व में एकता लाना है,इसलिए यहां घूमना सार्थक है।
पांडिचेरी में सबसे अधिक घूमे जाने वाले स्थानों में से एक है ऑरोविले, इसे 'सार्वभौमिक शहर' के रूप में देखा जाता है। ऑरोविले का उद्देश्य विश्व में एकता लाना है,195 राष्ट्रीयता के 2,800 से अधिक लोग ऑरोविले में रहते है। ये लोग शांति, सदभाव और दिव्य चेतना के सिद्धांत पर अपना जीवन जीते है। यदि आप इस जादुई स्थान के बारे में और अधिक जानना चाहते है तो आपको यहाँ एक कैफ़े में आकर बैठना होगा और यहाँ रहने वालो से इस विषय में बात करनी होगी।