जन्माष्टमी के पवित्र और पावन उत्सव पर अगर आप किसी को उपहार देना चाहते हैं, तो इन दस उपहार विकल्पों को जरूर देखे। साथ में कुछ जरूरी युक्तियाँ (2019)

जन्माष्टमी के पवित्र और पावन उत्सव पर अगर आप किसी को उपहार देना चाहते हैं, तो इन दस उपहार विकल्पों को जरूर देखे। साथ में कुछ जरूरी युक्तियाँ (2019)

अगर आप भी किसी को जन्माष्टमी पर उपहार देने की सोच रहे हैं पर समझ नहीं आ रहा कि क्या दें तो हम आपकी मदद करने के लिए तैयार है । इस अनुच्छेद में हम आपके लिए ऐसे 10 बेहद शानदार और सस्ते उपहार विकल्प लाए हैं जिन्हें आप बेफिक्र होकर दे सकते हैं । साथ में हमने आपको कुछ जरूरी बातें भी बताई हैं । अधिक जानने के लिए अनुच्छेद पढ़ें ।

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जन्माष्टमीं मनाने के नुख्से (तौर-तरीके)

जन्माष्टमीं का साँराश

जन्माष्टमीं एक हिन्दु त्योहार है जो पूरे विश्व में हर्षो उल्लास,उत्साह और धूमधाम से मनाया जाता है।ये माना जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण मानब जाति में सवसे शक्तिशालि और परुषोतम पुरुष के रुप में भगवान विष्णु के अवतार थे। जन्माष्टमीं का दिन विशेष रुप से उनके जन्मदिन के रुप में मनाय़ा जाता है।ये त्योहार भगवान श्रीकृष्ण के प्रेरणास्रोत व समृद ब्यक्तित्व के रुप में मनाया जाता है जिसका उद्देश्य मानवजाति में विद्दयमान वुराइयों को नष्ट कर आपसी भाइचारे और प्यार के संदेश को सर्वब्याप्क रुप से फैलाना होता है। कृष्ण जन्माष्टमीं का त्योहार,व्रत रखना,प्रार्थना करना,भगवान कृष्ण और विष्णु के मन्दिरों में जाना,देश के कई हिस्सो में दही-हाँडी/मटकी फोड प्रतियोगिता और अनुष्ठान में भाग लेके मनाया जाता है और ये बिशेष तौर पर महाराष्ट्र और देश के पशिचमी राज्यों में बडी धूम धाम से मनाया जाता है। उस दिन छोटे वच्चो द्वारा लड्डू गोपाल (श्रीकृष्ण के रुप में) डैस पैहने हुए दिखना आम दृष्य होता है इसके अलाबा उस दिन पूरे बाजार मिठाइयों से सजे होना,हाँडी से सुशोभित,लोगो को कृष्ण रास-लिला की तैयारियों में जुटे दिखना और मंन्दिरों को सुन्दर,सुगन्धित फूलो से सजे हुए दिखना ये सब मनमोहक दृष्य उस दिन देखने को मिलते है।ये त्योहार पूरे देश में वडी धूम-धाम और हर्षोउल्लास के साथ लगभग सभी देशवासियों द्वारा मनाया जाता है लेकिन फिर भी देश के कुछ स्थानो में विशेष तैयारियों के साथ मनाया जाता है और जिस कारण उस दिन हर तरफ मनमोहक दृष्य देखने को मिलते है।


उत्तर-प्रदेश के,मथुरा,गोकुल,ब्रिन्दावन के ये स्थान जो श्रीकृष्ण के वच्चपन से जुडे हुए है आप इन स्थानों में भी जा सकते है और तैयारियों के दौरान आप इन स्थानों पर दस दिनों की प्रतियोगिता,श्लोको का गुणगान करते हुए,रास-लिला का अभिनय करते हुए,झुलेतसभा और श्रीकृष्ण के अथाह स्बागतम के लिए अतिशवाजी करते हुए मनमोहक दृष्य देख सकते है।आप उदुपी,कर्नाटक में भी नाचने-गाने और नाटको की झाकी का अनुभव कर सकते है,इसके साथ-साथ आप यहाँ रथ के ऊपर गोपुरास को खडे किए हुये और इस रथ पर श्रीकृष्ण की मूर्ती को पूरे शहर में जाते देख सकते है। यहाँ पर लोकल प्रतियोगिताऔं के साथ-साथ आप हुल्ली-बेशा नृत्को को भी एक क्राउड पुलर की प्रतियोगिता में जुटे हुए देख सकते है।जन्माष्टमीं का त्योहार, इम्फाल, मणिपुर, दवारिका-गुजरात, मुबई, पुने, असम, तमिलनाडु और पूरी-उडीसा इत्यादि इन स्थानों पर भी वडी धूमधाम से मनाया जाता है।

जन्माष्टमीं पर आवशयक खरीददारी करना

गोकुलस्वामीं,कृष्णज्यन्ती और जन्माष्टमीं इन अलग-अलग नामों के रुप में प्रेमपूर्वक और पूरे हर्षेउल्लास से ये वार्षिक त्योहार भगवान श्रीकृष्ण के सम्मान में,जो भगवान विष्णु के आठबें अवतार माने जाते है,पूरे भारतवर्ष में मनाया जाता है। इस शुभ अवसर पर आपको कुछ आवश्यक चीजों की खरीददारी करनी होती है जिनकी सूची हमने आपको यहाँ उपलब्ध करवाई है। जन्माष्टमीं पूजा किट इन सब में सवसे महत्वपूर्ण होती है जो कि विशेष रुप से पूजा के कपडों और अन्य पूजा की समाग्री जैसे चंदन,सिन्दूर,पूजा की मिठाइयाँ इत्यादि से बनाई गई है। पूजा को छोडकर कोई भी भारतीय उत्सव, त्योहार,हलवाई की दुकान ले अछुता नही रहा है और मिष्ठान के विना अधुरा भी रहता है।इसके अलावा फूल चढाना,दहीं में चीनी मिलाकर श्रीकृष्ण को चढाना,अपने प्रियजनो को मिठाई बाटना और हाथ से वनाए लड्डू और बर्फी को अपने रिश्तेदारों और प्रियजनो में वाटना,सभी की उस दिन मुख्य पसंद होती है।


जन्माष्टमीं के दिन परम्परागत पोशाक को पुराने युग से मैच कर और इसे इस अवसर के अनुकूल उचित परिधान,इसके अलावा श्रीकृष्ण के लिए भौतिक कपडे खरीदकर मनाना,सवसे उत्तम अवसर माना जाता है।इस रँगपूर्ण त्योहर में जिसमें आप सचमुच में जीबान्त श्रीकृष्ण के रुप की तरह जैसे भी आप चाहते है अपने आप को सजा सकते है।इलके अलावा आप सुन्दर और मनपसंद आभूषण जोकि श्रीकृष्ण के पहनावे के अनुसार डिजाइन किये हुए हो भी ले लकते है। अगर आपको इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है तो आप इससे सम्बन्धित कितावे और डीवीडी भी ले सकते है जो आपको इस त्योहार के वारे में पूजा करने की बिधी और इसके इतिहास के वारे में जानकारी के साथ-साथ इस त्योहार के मनाने के पिछे छिपे रहस्य को जानने में भी वडी सहायता करेगी।

आदित्य उपहार भेट करने का विचार

जन्माष्टमीं का त्योहार न केवल भगवान श्रीकृष्ण के जन्मदिन वल्कि उनकी महिमा का आनंद,उपलब्धियों और सिद्दातों के रुप में मनाया जाता है।ये त्योहार अपने प्रयजनों के वीच,शुभ-कामनाऔं और आकर्षक उपहारो यो उपहार श्रीकृष्ण और राधा कि मुर्तियों के रुप में भी हो सकते है एक-दूसरे को उपहार देकर,गिफ्ट कार्ड और हैम्पर,पूजा समाग्री,सूखे मेंवे के साथ खुशियाँ बाटकर हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।बिभिन्न प्रकार की मुर्तियाँ अलग-अलग अकार,डिजाइन और रंगो के साथ भगवान श्रीकृष्ण की मुर्ति आदि को एक उपहार के रुप में खरीद सकते है और किसी को उपहार भी भेट कर सकते है।ये उपहार सजावट के साथ-साथ पूजा के रुप में भी उत्तम उपहार होगा।ये बाजार में हस्तकला,मैटस के रैजिन से वनाई हुई विभिन्न प्रकार की किस्मों में असीमित सख्याँ में उपलब्ध है।इसके अलावा श्रीकृष्ण झूला जिसे श्रीकृष्ण भक्ति हेतु भी प्रयोग किया जाता है भी खरीद सकते है।

यहाँ पर विभिन्न प्रकार की भगवान श्रीकृष्ण की मुर्तियाँ जो घर की दिवारो और दरवाजों पर लटकाई जा सकती है,भी एक उत्तम उपहार के रुप में एक सुन्दर गिफ्ट हो सकता है।इसके अतिरिक्त भब्य तरीके से नक्कशाकशी की हुई दीवार पर रखने वाली मुर्तियों और भगवान श्रीकृष्ण की बंसुरी वजाते हुए राधा कृष्ण की मुर्तियाँ इत्यादि भी खरीद सकते है। आप बढों व बजुरगों के लिए,भगवद गीता के उपदेशो का चुनाब भी कर सकते है जो सवसे सर्बोतम चुनाव हो सकता है।जिससे आप उनका अथाह आशीर्वाद भी पा सकते है।

जन्माष्टमीं त्योहार का सुन्दर विचार

झुले में धातु का लड्डू गोपाल (बाल कृष्ण)

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सम्मृदि,खुशियाँ,सफलता और विलासिता का प्रतीक ये सोने की धातु से लेप किया हुआ,झूले में लड्डू गोपाल देब्बत्व का प्रतीक माना जाता है।इसके अतिरिक्त ये मानसिक,आध्यात्मिक सन्तुष्टि और ज्योतिषी वास्तु से सत्यापित (सर्टिफाइड) भी होता है। ये इंडो-मैटल लड्डू गोपाल (बाल कृष्ण) जो झूले के ऊपर रखा गया है जिसका माप 10 सैटीमीटर है।जिसको अनुभवी मुर्तिकारो द्वारा सुन्दर तरीके से डिजाइन कर पूजा के लिए सर्वोतम हो आपकी पसंद अनुरूप तौयार किया गया है।ये सोने की प्लेटो से जडित लड्डू गोपाल झूला जिसका वजन 99.8 ग्रांम माप 11 x 8 x 5.5 सैटीमीटर है जिसका मुल्य मात्र 199 रु है ये धातु का लड्डू गोपाल झूला ऐमेज़ॉन पर उपलब्ध है।

अखण्ड दिया सैट

ये दियों का वोराफूड अखण्ड दिया सैट जो एक पूर्ण मध्यम आकार का पूजा लैप सैट है जो पीतल की धातु से वनाया गया है जिसका माप ऊचाई में 3 इन्च और चौडाई में 2 इन्च है इस चुनाव की सुची में प्रथंम स्थान पर है।इसका ढक्कन सितारों से नक्कशाकशी किया हुआ क्रिस्टल पत्थरो से जडित ये दिया इस शुभ अवसर के दौरान एक अनोखी शान और देबत्व से परिपूर्ण चारों-और अपना प्रकाश फौला देता है।प्रत्येक दिया एक वत्ती के साथ क्रिस्टल गोलाकार कबर जो चमकती हुई परछाई के प्रभाव से मुक्त कर तैयार किया गया है और जव भी ये दिया इन सितारो से जडित ढक्कन के साथ जलता है तो सारे घर की शोभा को चार चाँद लगा देता है।ये तीन वोराफूड अखण्ड दिया सैट जिसका मुल्य मात्र 799 रु है.ये फ्लिपकार्ट पर असानी से उपलब्ध है।

लड्डू गोपाल के श्रिगाँर की सामाग्री का काँबो सैट

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लड्डू गोपाल के श्रिगाँर की सामाग्री का ये काँबो सैट उच्च गुणवदता वाली सामाग्री से डिजाइन और उत्तकृष्ठ नक्कशाकशी कर वनाया गया है। ये काँबो सैट जिसका मुकूट सुन्दर पत्थरों से जडित बौल्क्रो कलोजर जो असानी ले समजोयित हो सके,मैटिग के साथ पत्थर जडित माला ,धातु की सुन्दर डिजाइन की हुई बासुरी और लचकदार कँगन की जोडी के साथ वनाया गया है। लड्डू गोपाल के श्रिगाँर की सामाग्री का ये काँबो सैट पूरे साल में अलग-अलग अवसरो जैसे राधाष्टमी,कृष्ण जन्माष्टमीं,दीवाली इत्यादि पर उपयोग किया जा सकता है। इस काँबो सैट का वजन 200 ग्रांम और माप 10 x 8 x 5 सैटीमीटर है जिसका मुल्य 499 रु है और ये अमेजॉन पर असानी से उपलब्ध है।

भगवद गीता के साथ वुडन बुक रैस्ट और औक्सिडिजेड मैटल कृष्णा आडोल हैम्पर.

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लकडी के वुकस्टैड पर रखी श्रीमदभगवद गीता का ये काँबो हैम्पर जो औक्सिडिजेड मैटल से वनाकर तथा भगवान श्रीकृष्ण अपनी गायों के साथ सुशोभित कर सुन्दर तरीको से डिजाइन कर तैयार किया गया है,ये मूर्ती का उपहार जन्माष्टमीं पर अनोखा उपहार और मन को लुभाने वाला हो सकता है। ये सुन्दर बुक रैस्ट व बुक टेवल जो श्रीमदभगवद गीता के सभी श्लोको और महाभारत के सभी अध्धयाऔं को अरामदायक और सुगम तरीको से पढने का सुखद अनुभव कराता है।इसके अतिरिक्त भगवान श्रीकृष्ण गायों के साथ हाथ में वासुरी पकडे हुए की ये सुन्दर मुर्ति सभी को देवत्व के अनुभव का अहसास करवाती है। इस भगवान श्रीकृष्ण की मुर्ति का माप 4इन्च X 4इन्च X 4इन्च (l x b x h) जवकि रेहाल वुक रैस्ट का माप 10इन्च X 4.5इन्च X 2इन्च है और ये लकडी से वनाई गई है। श्रीमदभगवद गीता की किताव का माप 8.5इन्च X 5इन्च X 2इन्च (l x b x h) है।ये पूरा सैट मात्र 1,250 रु मे आईजीपी डॉट कॉम पर असानी से उपलब्ध है।

जन्माष्टमीं पूजा बोक्स

गोविन्द गोपाल जन्माष्टमीं पूजा बोक्स माईपूजाबॉक्स डॉट कॉम पर असानी से उपलब्ध है जो विभिन्न पूजा सामाग्रियों के साथ जैसे एक पूजा बोक्स,पीतल की धातु से वनी लड्डू गोपाल की मुर्ति के साथ एक शानदार सजी हुई थाली के साथ आता है,जो पवित्र लाल और केसरी रंगो से सजाकर वनाया गया है।इस बोक्स को सुन्दर चमकीले रंगो में नक्कशाकशी कर विभिन्न रुपों में जैसे गोविन्द गोपाल की चौकी,एक लड्डू गोपाल का बैडिग सैट जो लाल रंग से वनाया गया है इसके साथ गोटा हैंमिग,दौ लड्डू गोपाल ड्रैस जिनमें से एक सुनहरे रंग का और दूसरा भिन्न- भिन्न रगों के मिश्रण के साथ,एक 40 ग्रांम गोलोका अग्रवत्ती पैक,एक धूप बत्ती बोक्स,एक रोली और अकशत,एक मोली,एक आरती की किताव और एक कृष्ण मौर पँख इत्यादि के साथ आता है।एक पूजा की थाली जिसमें 3 दिए रखने की जगह,कुमकुम,हल्दी,दर्पण रखने की जगह और मोतियों की लाइनो के साथ शानदार डिजाइन के साथ पूजा के लिए विशेष तौर पर वनाई गई है।इस जन्माष्टमीं पूजा बोक्स का मुल्य मात्र 2,500 रु है।

लड्डू गोपाल बौकफ्लो इनसैस वर्नर

शिल्पकला के गडजोड से वना लड्डू गोपाल बौकफ्लो इनसैस वर्नर एक 11 सैटीमीटर सजावटी शोपीस की आकृति में जिसका माप 11 सैटीमीटर के साथ-साथ पोलिरिजिन समाग्री से वनाया गया है।इसका माप 8 सैटीमीटर x 11 सैटीमीटर x 7 सैटीमीटर क्रमश:चौडाई,ऊचाई और गहराई के माप से वनाया गया है। वर्नर लड्डू गोपाल मुर्ति के शीर्ष तल पर रखकर आभूष्णों की सामाग्री के साथ डिजाइन कर आकर्षक लुक के साथ वनाया गया है। इसका वजन 250 ग्रांम है और ये लड्डू गोपाल बौकफ्लो इनसैस वर्नर पानी मे अघुलनशील होने के साथ-साथ शीर्ष पर रखा शंकु के आकार में और इससे झरने से निकलते हुए धुए की तरह एक अदभुत और आकर्षक भ्रम का अहसास करवाता है।इन सब विशेषताऔं के साथ ये शंकु ऊपर से नीचे की और नीचे से ऊपर धुए को फैलाता हुआ अतिआकर्षक लगता है।ये लड्डू गोपाल बौकफ्लो इनसैस वर्नर फ्लिपकार्ट पर असानी से उपलब्ध है।इसका मुल्य मात्र 239 रु है।

श्रीकृष्ण मंत्र चैटिंग बोक्स

एक चैटिंग बोक्स जो श्रीकृष्ण महामत्रों को एक बैकराउड मयूजिक के रुप में सुना कर इसकी पुनरावृति करता रहता है।ये बोक्स न केवल श्रीकृष्ण भक्तों को एक आदर्श उपहार के रुप में दिया जा सकता है वल्कि पूजा-कीर्तनों में गाये जाने वाले मन्त्रों को सीखने में भी उनकी सहायता करेगा।इस बोक्स को एक सर्वोतम बोक्स के रुप में जन्माष्टमीं के शुभ अवसर पर पूजा समारोह के दौरान,इसके अलावा हर दिन अपने आसपास के महोल को भक्तिमय वनाने हेतु बैकराउड मयूजिक के रुप में उपयोग कर सकते है।ये सफेद रंग और 25 इन्च का एक श्रीकृष्ण मंत्र चैटिंग बोक्स जिसका माप लम्वाई में 14 सैटीमीटर,चौडाई में 4 सैटीमीटर और लम्वाई में 10 सैटीमीटर है जो लड्डू गोपाल की सुन्दर और चमकीली रंगपूर्ण तस्वीरों के साथ उत्तम धातु के साथ वनाया गया है।इस बोक्स के किनारे दौ वटन जिनमें से एक आँन/आँफ करने के काम आता है जवकि दूसरा आवाज को समाजोजित (अडजस्ट) करने के काम आता है।ये श्रीकृष्ण मंत्र चैटिंग बोक्स 25 मंत्रों के साथ-साथ एक अतिरिक्त मंत्रों की रील के साथ आता है।इसका मुल्य मात्र 549 रु है और ये स्नैपडील पर असानी से उपलब्ध है।

राधा-कृष्णा 3डी इल्लुजन लैड लैप

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ये मनमौहित 3डी लैप क्रिएशन जिसे सुन्दर,आकर्षक तत्बों के मिश्रण और शानदार डिजाइन कर बनाया गया है जिसे आप कहीं भी सजावट के लिए प्रयोग कर सकते है। ये राधा- कृष्णा 3डी इल्लुजन लैड लैप होलोग्राम प्राभाव को प्रदर्षित करता है जब इसका प्रकाश इसके तल से होकर एक्रिलिक सरकेस तक जाता है तो एक छोटी सी राधा- कृष्णा मुर्ति के रुप में चमकता हुआ एक सुशोभित रुप में जो अन्धेरे में और भी सुन्दर लगता है। ये नई तकनीक से डिजाइन कर 3डी आँपटिकल इल्लुजन लैड लैप 16 रंगो की लैड सैटिग के साथ ऊर्जा बचत के साथ आता है।ये लगभग 10,000 घण्टो तक विना गर्म हुए सुरक्षित अवस्था में जलता रहता है।ये लैप रिमोट कँट्रोल की विशेषताऔँ के साथ आता है जो उचित रंग उपयोग और 16 अन्य रंगो के साथ अपनी इच्छानुसार चयन के अनुरुप आता है।इसका माप 10.2 x 10.2 x 17.8 सैटीमीटर और वजन 399 ग्रांम के साथ वनाया गया है। इस राधा-कृष्णा 3डी इल्लुजन लैड लैप का मुल्य मात्र 1,019 रु है और ये ऐमेज़ॉन.पर उपलब्ध है।

डिवाइन राधा-कृष्णा बिद पीकोक

राधा-कृष्णा की इस छोटी सी मूर्ति का मुल्य मात्र 4,449 रु है।ये एक स्वर्ग में वने जोडो की तरह लगता है। इस जोडे को चारो और मौर पँख से सजाकर वनाया गया है। इस मूर्ति को तीन शिलप्कारों की गहनता को ध्यान में रख कर मनमोहक आदित्य उपहार के रुप में तैयार किया गया है।ये प्रदर्शनि और सजावट का अनोखा प्रतीक है जो देखने में अति सुन्दर लगता है। इस मूर्ति को पोलिरीसिन सामाग्री से वनाया गया है। इसका वजन मात्र 1455 ग्रांम है और माप 22 x 14 x 30.5 सैटीमीटर है। ये देवत्व राधा-कृष्णा की जोडो की तरह लगने वाला और मौर पँख के साथ सुशोभित किया गया है ये सुन्दर उपहार माईपूजाबॉक्स डॉट कॉम पर उपलब्ध है।

राधा-कृष्णा सिल्क पेंटिग

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राधा-कृष्णा सिल्क पेंटिग आकर्षण का मुख्य प्रतीक है।ये विभिन्न विशेषताऔं के साथ रेड शेड के साथ राधा-कृष्णा के चारों और गोपियों से गिरे हुए जैसे मघुबन के उतोपियन जंगलों में वर्णित राधा-कृष्णा और गोपियों का साक्षात प्रतिबिम्ब लगता है।ये पेंटिग सुन्दर बास्तविक परिधान के साथ जिसमें लहगाँ,पेडों पर खिले फूलो के साथ और आकर्षक झीलों के दृष्यों के साथ आता है जो इस पेंटिग को चमकीला, आकर्षण और अनोखी शान से सुसर्जित कर देता है।इस पेंटिग को ऐक्रिलिक पेँटस के साथ और पोरट्रेट आकार में वनाया गया है। इस राधा-कृष्णा सिल्क पेंटिग का माप 20.5 X 15.8इन्च X 0.5इन्च (ऊचाईँxचौडाई) विना फ्रेम के साथ तैयार किया गया है। इसका मूल्य मात्र 625 रु है और ये आईजीपी डॉट कॉम पर उपलब्ध है।

बोनस टिप:- जन्माष्टमीं मनाने का डेकोरेटिब अन्दाज

जन्माष्टमीं का महत्व,श्रीमदभगवद गीता के दौहो में छिपा हुआ है। इन दौहो में पहले से विद्दयमान वुराइयों और धर्म के गरते स्तर को ध्यान में रखकर भगवान विष्णु के द्वारा इन वुराइयों को नष्ट करने और अच्छाइयों को पुन: स्थापना हेतु अवतार धारण करने का वर्णन किया गया है। लोग जन्माष्टमीं के लिए अपने घरे को सजाते है,मन्दिरों को प्रकाश व फूलों के साथ और धार्मिक संगीत की संगोष्ठि को आजोयित कर अपने आस-पास के वातावरण के भक्तीमय वनाकर तथा भगवान विष्णु की प्रार्थना के साथ मनाते है। इस शुभ त्योहार को प्यार और आपसी भाईचारे के प्रतीक के रुप में मनाने के कुछ साधारण तरीके दिये गए है जिनका आप भी अनुसरण कर सकते है।
  • सजावट करना: सजावट इस त्योहार को मनाने का एक महत्वपूर्ण अंग है।आप अपने मन्दिरों को संवार सकते है इसके अतिरिक्त अपने घरों को फूलो की मालाऔं के साथ,सुन्दर और आकर्षक लाइटों से सजाकर जिसमें राधा-कृष्णा का देवत्व प्रतिबिम्ब हो से भी सजा सकते है।आप मन्दिर के चारो और गुवारे लगाकर शानदार वना सकते है। आप अपनी घर की दीवारो,दहलीजों इत्यादि पर राधा-कृष्णा के चित्रों से अंकित सुन्दर रंगोली वनाकर मनमोहक और आकर्षक वना सकते है।

  • ऐड आँन: आप अपनी दीवारो को श्रीकृष्ण की लिलाऔं को नाचते हुए उनकी नटहट हरकते करते हुए,उनका राधा और गोपियों के साथ उनका चित्र भी वना सकते है। आप सुन्दर टी-लाइटस को अपने मन्दिर के कक्ष या एक टेवल के ऊपर से प्रकाश को केन्द्र की और एक वास्तविक पानी बहने की तरह दिखने वाली इन लाइटो को लगाकर अपनी कलाकृति और सजावट से और भी अधिक सुन्दर वना सकते है।

  • पूजा सामाग्री: आप पूजा के दौरान उपयोग होने वाले श्रीकृष्ण झूले को जिसमें आप लड्डू गोपाल को इसमें झुलाते हुए अपनी पूजा अनुष्ठान हेतु खरीद सकते है। अपनी पूजा की थाली को चमकीले डिजाइन,मौर पँख को काटकर वनाया गया सुन्दर गुलदस्ता,गोटा-पट्टी,पोम-पोमस इत्यादि पूजा सामाग्री से सजा सकते है। इलके अतिरिक्त आप लड्डू गोपाल को सुन्दर पोशाक पहनकर सुन्दर आभूष्णों के साथ जोसे मुकुट,टिका,कँगन,तगदी और पुशक आदी पहनाकर भी सजा सकते है। इस प्रकार आप इस शुभ त्योहार को निकट-सम्वन्धियों,प्रियजनों,आपसी-भाईचारे के साथ-साथ भक्तीमय महोल में यादगार पलों को संजोते हुए मना सकते है।
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आखरी महत्वपूर्ण टिप

हम आशा करते हैं कि आपने पूरा अनुछेद पढ़ लिया होगा और आपको अपने बजट और पसंद के हिसाब से कोई ना कोई बेहतरीन उपहार विकल्प मिल गया होगा । हम आपको यहां एक और टिप देना चाहेंगे कि आप जन्माष्टमी से एक हफ्ता पहले ही अपना आर्डर दे दे । क्योंकि कई बार ऐसा होता है कि वह प्रोडक्ट आउट ऑफ स्टॉक हो जाता है जिससे आपको परेशानी हो सकती है । पूरा अनुच्छेद पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद ।

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