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उदयपुर- झीलों का खूबसूरत शहर।

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यह ऐसी खूबसूरत जगह है जो की इतिहासिक रजवाड़ों, किलों और अन्य सुंदर जगहों के लिए जाना जाता है :- इतना ही नहीं यहां खूबसरत बाग़ - बगीचे और सजे धजे बजार भी हैं जो इसको काफ़ी आक्रषण देते हैं। यह जगह हर पर्यटक के लिए काफी इंटरेस्टिंग है। इतना ही नहीं इस जगह को झीलों का शहर भी कहा जाता है। यह राजस्थान के अरावली हिल्स के बीच बसा एक बहुत ही खूबू सूरत शहर है।

इतिहासिक खासियत।

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यह शहर सन् 1558 में सिसोदिया के महाराज उदय सिंह द्वारा बसाया गया था :- यह शहर राजपूतों के द्वारा चितौड़गढ़ से यहां लाया गया था। यह शहर सदियों तक मेवाड़ की राजधानी रहा। फिर 1818, में यह ब्रिटिश साशित राज्य बन गया और 1947 में भारत के स्वतंत्रता प्राप्त करने तक ब्रिटिश सशित राज्य रहा।

भूगोल।

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अगर भौगोलिक रूप से बात की जाए तो :- उदयपुर दक्षिणी राजस्थान में गुजरात सीमा के पास  मौजूद है। ये शहर अरावली रेंज से घिरा हुआ है यही चीज इसको थार रेगिस्तान से अलग बनाती  है। शहर के चारों तरफ सात झीलें हैं। साबरमती, सोम, अहार, माही, बनास शहर और उसके आसपास बहती है। उदयपुर में आमतौर पर हिंदी, राजस्थानी सहित मेवाड़ी बोली जाती है।

घूमने के लिए सही समय ।

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उदयपुर शहर में घूमने के लिए आपको सर्दियों का मौसम चुनना चाहिए :- क्योंकि इस मौसम में तापमान बिल्कुल घूमने के लायक होता है। यह मौसम किलों और रजवाड़ों को घूमने के लिए बेहतर है। यहां घूमने के लिए आए तो सितम्बर से मार्च का समय चुने।

उदयपुर कैसे पहुंचे।

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उदयपुर शहर तक पहुंचने के लिए आप किसी भी बड़े शहर जैसे की दिल्ली, मुंबई या जयपुर से अपनी यात्रा शुरू कर सकते हैं :- यह शहर  दक्षिण - पश्चिम दिशा में जयपुर से 405 किमी और दिल्ली से 663 किमी, ग्वालियर से 620किमी, आगरा से 637किमी और मुंबई से 797 किमी की दूरी पर मौजूद है।

यह बाकी उत्तर भारत के कुछ बड़े शहरों के साथ सड़क के रास्ते, हवाई रास्ते और रेल रास्ते से जुड़ा हुआ है :- इस शहर के सबसे नजदीकी एयरपोर्ट महाराणा प्रताप एयरपोर्ट है जो कि शहर से महज 20 किमी की दूरी पर है। यह शहर भारत के अन्य शहरों से  बस और रेल के रास्ते से जुड़ा है।

उदयपुर में करने लायक कुछ रोमांचक बातें ।

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अगर आप उदयपुर में आएं तो यहां आपको आकर्षक और चकाचौंध भरे मेले, त्यौहार और बाज़ार ज़रूर घूमने चाहिए यहाँ आपके लिए उदयपुर की रूचिकर चीजों की सूची दी गई है :-


1. गणगौर और मेवाड़ त्योहारों पर जाएं :- उदयपुर में  पूरे वर्ष कई त्योहार मनाए जाते है। उदय पुर रंगीन और जीवंत त्योहारों के लिए प्रसिद्ध है। यहां का सबसे पुराना त्योहार है गणगौर, जिसे 18 दिनों तक मनाया जाता है। हर साल मार्च में व देवी पार्वती की पूजा की जाती है, ये त्यौहार गरमियों की शुरुआत का प्रतीक है। मेवाड़ महोत्सव जो गणगौर त्योहार के साथ मेल खाता है, लोक नृत्य प्रदर्शन और कई अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों की मेजबानी करता है।


2. शिल्पग्राम महोत्सव और दुकान :- दिसंबर के महीने में, शिल्पग्राम महोत्सव हर साल उदयपुर शहर से 3 किमी दूर शिल्पग्राम में आयोजित किया जाता है। यह महोत्सव हस्तनिर्मित कढ़ाई, हस्तशिल्प, हाथ से बुने हुए कपड़े और  शीशों के लिए मशहूर है, जो कि पूरी तरह से पर्यटकों को आकर्षित करता है।  


3. विंटेज एंड क्लासिक कार कलेक्शन म्यूज़ियम :- ज्यादातर पुरानी कारें जो कि फ़िल्मों और टेलीविज़न शो में दिखाई जाती हैं, उनको इस मूसियम  में संरक्षित और उनका यहां रख-रखाव किया जाता है।


4. चूंडा पैलेस में खाएं :-   भोजनालय: उदयपुर में कई शाही रेस्तरां हैं लेकिन सबसे मशहूर है चुंडा पैलेस। रासलीला रेस्तरां और लाल बाग रेस्तरां भी काफी मशहूर है और लोगों की खाने के लिए पहली पसंद हैं।

आकर्षक, कलात्मक और जरूरी: अगर आप उदय पुर में हैं तो यह 7 चीजें आपको जरूर खरीदनी चाहिए ।

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उदयपुर में बजार प्रयटको को काफी आकर्षित करते हैं :- वहां के बजारो में बिकने वाला समान पारम्परिक इतिहास को दर्शाता है। अगर आपको शॉपिंग पसंद है और उदयपुर घूमने के लिए जा रहे है तो यकीन मानिए वहां आपको खरीदने के लिए बहुत सी आकर्षक आइटम्स मिलेंगी।

हस्त कला की आइटम ।

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लकड़ी के खिलौने, हाथ से बना कागज, ग्रीटिंग कार्ड्स, दीवार की लटकन, कपड़े की लालटेन आदि राजस्थान के सबसे आकर्षक हाथ से बनी आइटम्स हैं :- उदय पुर उन लोगो के लिए बहुत खास शहर है जिनको हाथ से बनी चीजों में काफी रुचि है। राजस्थान में कठपुतलियां मनोरंजन का सबसे पुराना स्रोत है। अगर आप कठपुतलियां खरीदना चाहते हैं तो चेतक सर्कल इसके लिए काफी मशहूर है। इन कठपुतलियों को आप किसी को उपहार के रूप में भी दे सकते हैं।

उदयपुर का बापू बजार राजस्थानी हस्तकला और इतिहासिक रचनाओं के लिए प्रसिद्ध है :- ऐसे ही लकड़ी के हस्तकला, इतिहासिक रचनाएं हाथी पोल में भी मिलती हैं। शिल्पग्राम में आपको ग्रामीण क्षेत्र से जुड़े हस्ट कला के समान जैसे घड़े, पेंटिंग्स आदि मिल जाएंगे।

राजस्थली एक सरकारी एंपोरियम है जहां आपको बहुत बडी संख्या में हस्तकला से जुड़ा समान मिलेगा :- यह समान खास कर टेराकोटा, कीमती रतन और पथरों से बना होता है। यह देखने में बहुत खूबसूरत होते है। आप इन्हे अपने रिश्ते दार, दोस्तों आदि को भेंट भी कर सकते है।

राजस्थानी कला और पेंटिंग्स ।

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पेंटिंग्स का मशहूर स्टाइल मुर्ल्स और मिनिएचर आपको उदयपुर में मिलेगा :- यह पेंटिंग्स अपने आप में अद्भुत होती हैं।सिटी पैलेस के बिल्कुल साथ हाथी पोल बहुत मशहूर बजार है जहां पर अलग अलग तरीके की हस्तशिल्प और पारंपरिक साजो समान मिलता है। यह बजार खास तौर पर मिनिएचर, पिचवाई और फाड़ पेंटिंग्स के लिए मशहूर है।

शिल्पग्राम और जगदीश चौक गली पर्यटकों के लिए का काफी आकर्षकता जगह है :- जहां पर हाथ से बनी हुई पेंटिंग्स और अन्य कला कृतियां बिकती हैं।

आभूषण ।

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राजस्थान की पारम्परिक आभूषणों में आपको बहुत से कला, परम्परा और संस्कृति के नमूने मिलेंगे :- कुंदन, पोलका, थेवा, मीनाकारी, रानी हार, चोकर आदि राजस्थानी आभूषणों के अलग अलग प्रकार हैं। राजस्थानी महिलाओं में भरी आभूषण हमेशा से पहली पसंद रहें हैं शायद इसी वजह राजस्थानी आभूषणों में आपको बहुत से इतिहासिक सिक्के, रत्न और मोती आदि दिखेंगे। यह इतने खूबसूरत होते है  कि किसी को भी मंत्र मुग्ध कर सकते हैं।

अगर आप उदयपुर में हैं :- तो यह सब आभूषण आपको बड़ी ही आसानी के साथ सिंधी बजार के घंटा घर से लेकर जगदीश मन्दिर तक कहीं भी मिल जाएंगे। इसमें भी आपको बहुत सी वरियटी मिलेगी कि आपके चुनना मुश्किल हो जाएगा। इनमें आपको इमीटेशन ज्वेलरी, चांदी के आभूषण और पारम्परिक आभूषण मिलेंगे।

अगर आप सोने और चांदी के आभूषण खरीदना चाहते हैं :- तो यह आपको बड़े बजार में मिलेंगे। पैलेस रोड, मोती छोहता और नदा कोहड़ा कुछ अन्य आभूषण खरीदने के उख्या स्थान है। आप शॉपिंग दिन में 11 बजे से 7 बजे तक कभी भी कर सकते हैं।

हाथ से छपाई किया हुआ कपड़ा और साड़ीया ।

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राजस्थानी कपड़े पारम्परिक डिजाइंस और रंग बिरंगे होने की वज़ह से काफी मशहूर हैं :- उदयपुर में आपको हजारों ऐसी दुकानें मिल जाएंगी जहां पर आपको राजस्थानी बांधनी प्रिंट वाले कपड़े जैसे कि साड़ी, कुर्ती, लहंगा, चुनरी और बैग मिल जाएंगे। साथ ही पगड़ी, स्टॉल, जैकेट और शेरवानी तो लगभग हर दुकान पर मिलेगी।

हाथीपोल भी राजस्थान में बिकने वाली पारम्परिक पोशाकों के लिए मशहूर है :- यहां पर आपको लहरिया, बंधेज मिलजाएंगे। यहां आपको राजस्थानी या जयपुरी रजाईयां भी मिलजयेंगी। और तो और कढ़ाई दार मोजडी और राजस्थानी साड़ियों की भरमार है इस जगह पर।

मालदास गली में आपकी शादी ब्याह पर पहनने के लिए कपड़े एकदम वाजिब दाम पर मिलेंगे :- बापू बजार और बड़ा बजार में बतिक और बनधनी प्रिंट की साड़ियां सस्ते दामों पर मिल जाती है  राजस्थली सरकारी एमोरियम भी राजस्थानी कपड़ों के लिए मशहूर है।

रंगबिरंगे जूते- मोजडी और जूतीया ।

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राजस्थानी जूतियां या मोजड़ी सुंदर और कढ़ाई वाले जूते हैं, जिन्हें खरीदना जरूरी है :- रंगों में समृद्ध, जूती पर आमतौर से जरी, दर्पण, सेक्विन और मनके काम के साथ कढ़ाई की जाती हैं। बाहरी सामग्री आमतौर पर रेशम की बनती हैं। आंतरिक सामग्री असली लेदर से बनी होती है। ये आपकी मां या महिला मित्रों को देने के लिए एकदम उत्तम भेंट बन जाते हैं।

क्या आप पारंपरिक डिजाइन के साथ बनी रंगीन जूतियों की तलाश कर रहे हैं :- राजस्थली, हाथी पोल, मानेक चौक और बड़ा बाज़ार आपकी पसंदीदा जोड़ी जूतियों को खरीदने के लिए सबसे बेहतरीन स्थान हैं।

मिठाई ।

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राजस्थानी मिठाइयाँ अत्यधिक स्वादिष्ट मिठाइयाँ होती हैं, अगर आप उदयपुर में हैं तो आपको इन्हे ज़रूर आज़माना चाहिए :- घेवर, मावा कचोरी, चूरमा, लड्डू, बाडम की हलवा, दिलजनी, मूंग दाल चूरमा, सांगम बर्फी कुछ प्रसिद्ध मिठाइयाँ हैं जिन्हें उदयपुर की किसी भी मिठाई की दुकानों से आसानी से खरीदा जा सकता है।  

इन मिठाइयों को खरीदने के लिए प्रसिद्ध दुकानें शामिल हैं :- जगदीश मिष्ठान भंडार, जयेश मिष्ठान भंडार, शास्त्री मिठाई, लाला मिष्ठान भंडार, शिव मिष्ठान भंडार आदि जगदीश मिष्ठान भंडार, जिसे सूरजपोल में स्थित जेएमबी के नाम से जाना जाता है अगर बात मिठाइयों की हो तो, उदयपुर  को सबसे अच्छी मिठाइयों के लिए जाना जाता है।


हम सुझाव देंगे :- कि अगर आप उदयपुर में है तो मिठाइयों के अलावा, मर्क वड़ा, प्याज़ कचौरी, दाल कचौरी, फ़ाफ़डा, इमरती और मालपुआ आदि जैसी तली हुई चीजों को चखना बिल्कुल भी मत भूलिए।

पत्थर नक्काशी ।

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पत्थर नकाशी पथरों के वह छोटे टुकड़े हैं जिनको कुदरती पथरों को घिस कर अलग अलग खूबसरत आकार दिए जाते हैं :- यह पत्थर देखने में इतने खूबसूरत होते है कि आपको इनको किसी भेंट स्वरूप भी दे सकते हैं। या फिर अपने घर को सजाने के तौर पर भी इनका इस्तेमाल किया जा सकता है। राजस्थान को राजा महाराजाओं के गढ़ के रूप में जाना जाता है। यहां पर आपको अनेकों खूबसूरत किले और महल देखने को मिलेंगे। उनके अंदर आपको पथरों की खूबसूरत नक्काशी देखने को मिलेगी। उदयपुर पथरों की नकाश कारी के लिए मशहूर हैं। यहां पर आपको बहुत से देवता, राजा महारजाओं, जानवरो आदि के पुतले देखने को मिलेंगे।

पत्थर की नक्काशी और हस्तशिल्प, इंडिक्राफ्ट स्टूडियो (स्टोन प्रतिमा निर्माता), आर्ट स्टोन गैलरी, स्टोन आइडिया सबसे करामाती दुकानों में से हैं :- जिनको खास पत्थर की नक्काशी  के लिए जाना जाता है। इतना ही नहीं यह पर आपको बेहतरीन स्टोन वॉल पैनल, स्टोन लिबास शीट, स्टोन मोज़ेक टाइल, वर्क-टॉप, भारतीय प्राकृतिक पत्थर, संगमरमर, ग्रेनाइट, चूना पत्थर, स्लेट, क्वार्ज़ाइट, बलुआ पत्थर, डिजाइनर वॉल मुरल, ग्लास मोज़ाइक, वॉल कवरिंग स्टोन, गार्डन पत्थर, स्टोन आइडियाज पर बनावट, जटिल पैटर्न, अनुकूलित डिज़ाइन किए गए सजावटी पत्थर के लेख और आंतरिक और बाहरी स्थानों के लिए हस्तशिल्प उपलब्ध हैं।

बोनस टिप्स: उदयपुर में घूमने के लिए 3 अद्भुत जगहें :

उदयपुर बहुत से लोगों के लिए सपनों का शहर है :- इस जगह को ड्रीम डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए भी जाना जाता है। यह जगह खूबसरत झीलों, रजवाड़ों और किलों से भरपूर है।

पिछोला झील और सिटी पैलेस ।

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उदयपुर की 7 झीलों में से एक है, पिछोला झील :- यह अपने पानी और खूबसूरत पहाड़ों के लिए मशहूर है। झील को महलों, संगमरमर के मंदिरों, बगीचों के साथ सजाया गया है। यदि आप खूबसूरत दृश्य का आनंद लेना चाहते हैं, तो नाव यात्रा जरूर करें। यह शांत और बड़ी ताज़े पानी की झील है।

पिछोला झील के पूर्वी तट पर, सिटी पैलेस में ट्रिपल-धनुषाकार द्वार के माध्यम से मुख्य प्रवेश द्वार है - त्रिपोलिया :- इसे 1725 में बनाया गया था। यह राजस्थान का सबसे बड़ा महल है, जिसका मुख 244 मीटर लंबा और 30.4 मीटर ऊंचा है। इसमें  तेंदुए के लिए बड़े बाघ-पकड़ने वाले पिंजरे और छोटे पिंजरे देखने लायक़ हैं। इसमें एक सिटी पैलेस मुसियम है जिसकी सजावट शीशों, टाइल्स और चित्रों के साथ की गई हैं, और इसमें बहुत सी असाधारण कलाकृतियों भी मौजूद हैं। यह आम जनता के देखने लायक जगह है।

एकलिंगजी मंदिर ।

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एकलिंग जी हिन्दू मंदिर कॉम्प्लेक्स है जो कि उदयपुर में मौजूद है :- ऐसा माना जाता है कि इस जगह पर महाराणा का साशन था। 14 वीं शताब्दी में मंदिर परिसर को दोबारा बनाया और इसका नव निर्माण चलाया गया और समय-समय पर इसकी मरम्मत की जाती है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और डबल स्टोरी बना हुआ है। इसका आर्किटेक्चर एकदम अद्भुत है।

यहां पर चार मुखी एकलिंग जी है जो कि काले मार्बल से बने हुए हैं जिसकी लंबाई लगभग 50 फीट है :- उनके गले में चांदी के सांप की माला है। उन लोगों को इस मंदिर में जरूर आना चाहिए जो भगवान शिव की पूजा करते हैं। और इस मंदिर में बहुत सी इतिहासिक जानकारी मिलेगी।

मॉनसून पैलेस और सज्जन गढ़ वाइल्ड लाइफ सेंचुरी ।

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सज्जनगढ़, इसे मानसून पैलेस भी बोला जाता है :- यह महाराजा सज्जन सिंह के द्वारा 19वीं शताब्दी में बनाया गया था। इस जगह को एस्टॉनोमिकल सेंटर बनाने के लिए तैयार किया गया था पर बाद में महाराणा सज्जन सिंह की मृत्यु की वजह से इस को कैंसिल करना पड़ा। फतेह सागर लेक को देखते हुए सज्जनगढ़ की पहाड़ियों पर यह बहुत ही सुंदर जगह है।

यहां पर वर्षा के पानी को बचाने के लिए बहुत सी तकनीकों का इस्तेमाल किया जाता है :- जो कि लोगों का मुख्य आकर्षण का केंद्र है। पहाड़ी के नीचे सज्जनगढ़ वाइल्डलाइफ सेंचुरी है जो पर्यटकों का काफी मन भाती है।

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उदयपुर रवाना होने से पहले, उन चीजों के आधार पर अपनी यात्रा का कार्यक्रम तैयार करें, जिन्हें आप खरीदना चाहते है।इस सूची में उल्लिखित सभी चीजें वहां के बाजार में उपलब्ध हैं। इसलिए अगर आप पूर्व योजना से आये हो तो आप खरीदारी आसानी से समाप्त कर सकते हैं। सुनिश्चित करें कि आपको उदयपुर से अच्छी चीजें खरीदनी है और यादगार पल साथ लाने है।आशा करते है,इस लेख में उदयपुर के बारे में दी गयी जानकारी आपको पसंद आयी होगी।