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आधुनिक पालन पोषण
एक बच्चा माता पिता के लिए आशीर्वाद होता है। लेकिन यही आशीर्वाद अनेको जिम्मेदारियों के साथ आता है। एक बच्चे को न केवल एक अच्छे पालन पोषण की आवश्यकता होती है, बल्कि बच्चे को एक प्रेम और स्नेह भरे पालन पोषण की भी आवश्यकता होती है। यह हमारे माता पिता के समय में कोई समस्या नहीं होती थी जब परिवार में करीबन 10 सदस्य होते थे। परिवार एक साथ रहते थे। किसी के भी हिस्सेदारी के लिए कोई त्याग नहीं होता था। बच्चे के पालन पोषण में सभी अपनी भूमिकाये निभाते थे। लेकिन अब परिवार तीतर बितर हो गए है, और पालन पोषण का पूरा जिम्मा माता पिता पर आ गया है। इंटरनेट विशेषज्ञों के साथ संयुक्त, पालन पोषण अब हमारे सामने एक बहुत ही जटिल प्रक्रिया के रूप में है।
नए माता पिताओ के लिए इंटरनेट ने एक काउंसेलर का रूप ले लिया है। यह कई विशेषज्ञों द्वारा अख्तर की गयी जानकारी है जो कि पालन पोषण पर अपने विचारों को सूचीबद्ध करते हैं और बताते है कि माता-पिता को बच्चों के साथ अधिक गुणवत्ता वाले समय बिताने की आवश्यकता होती है। परिणामस्वरूप माता के रूप में आपका आपके बच्चे के जीवन में अंतर्निहित होता है। खेलो से लेकर अतिरिक्त कक्षाओं तक प्रत्येक निर्णय, वह माता पिता ही होते है जो सभी निर्णय लेते है। अधिकांश मामलो में, बच्चो को बोलने का अवसर ही नहीं मिलता है।
पालन पोषण के प्रकारो का विवरण
आधुनिक जीवन और समाज में बदलाव के साथ, पालन पोषण की शैलियों में पारम्परिक शैलियों से कुछ अधिक बदलाव आये है। माता-पिता अच्छे या बुरे के लिए पेरेंटिंग शैलियों के साथ विकसित हुए हैं। सभी पालन पोषण की शैलिया बच्चो के लिए लाभदायी नहीं होती है। इच्छित परिणाम के लिए आपको बहुत कुछ छोड़ना होगा। आपके पालन पोषण का तरीका यह दर्शाता है कि आपका बच्चा भविष्य में कैसे बड़ा होगा। बच्चो का आत्म-मूल्य, विकास और सामाजिक विकास सभी इस बात पर निर्भर करते है कि आप आप उनके साथ कैसे बातचीत करते हैं और आप उन्हें कैसे अनुशासित करते हैं। हालांकि जिस तरह आप अपने बच्चे का ललन पालन करते है, वह भिन्न भिन्न हो सकते है, लेकिन यहाँ फिर भी काफी समानताएं है जिसे आप चार भागो में वर्गीकृत कर सकते है।
क्या सभी पालन पोषण के तरिके अच्छे होते है? क्या ये वह माध्यम प्रदान करते है कि आपके बच्चे स्वतंत्र रूप से विकसित हो सके? क्या वे बच्चे के आत्म-मूल्य की भावना को पूरा करते है?
अधिनायक
क्या आपके पालन पोषण की शैली कुछ इस प्रकार की है " मेरी मर्जी या बिलकुल नहीं"? क्या आप अपनी आशाओं को अपने बच्चो पर थोपते है है ? क्या आप चाहते है कि आपका बच्चा बिना सवाल जवाब के आपकी आज्ञा का पालन करे? यदि आप इन प्रश्नों को स्वयं में चिन्हित कर पा रहे है, तो आप एक अधिनायक माता पिता है। अधिनायक माता पिताओ को अपने बच्चो से बहुत अधिक आशाएं होती है और साथ ही वे अपने बच्चो से अंध आज्ञापालन कि आशा भी रखते है। ये अपने बच्चो को उनके द्वारा बनाये गए नियमो के पीछे के कारन को सीखने में रूचि नहीं रखते है। इनकी सजा बजाये बच्चों को समझने और बेहतर निर्णय लेने में सहायता करने के केवल उनकी गलतियों के लिए उन्हें क्षमा महसूस करना होता है।
इस प्रकार के माता पिता के बच्चे कम आत्म सम्मान के साथ विकसित होते है। हालांकि, ये माता पिताओ की सभी आज्ञाओं का पालन करते है, लेकिन ये स्वयं के बारे में नहीं सोचते है। इस प्रकार के बच्चो में निम्न शैक्षणिक प्रदर्शन, खराब सामाजिक कौशल, अपराध सामान्य है। वे सबसे विद्रोही स्वभाव के होते हैं, बाद में सबसे शत्रुता कर लेते हैं। ये झूठ बोलने में भी बेहतर होते है, सजा से बचने के लिए इन्होने अपने झूठ बोलने के कौशल को भी बेहतर बना लिया होता है।
अधिकारक
क्या आप अपने बच्चो के साथ नियमो के पीछे के कारनो को समझाने के लिए समय बिताते है? क्या आपके अपने बच्चे के साथ एक सकारात्मक सम्बन्ध है? आप अपने बच्चे हो अनुसाशित करते है और लेकिन उन्हें सजा नहीं देते है? आप आशीर्वाद से एक अधिकारक माता पिता है। एक अधिकारक माता पिता की भी अपने बच्चो से बहुत अधिक आशाएं होती है और उन्हें पूरा करने की बच्चो से आशा रखते है। लेकिन ये पालन पोषण करने वाले और उचित भी होते हैं। ये जो भी नियम आप अपने बच्चो के लिए बनाते है, उन्हें अपने बच्चो को समझा देते है। माता पिता और बच्चो के बिच संचार दो तरफा मार्ग है। ये अपने बच्चों के समर्थक होते है ।
इस प्रकार के माता पिताओ के बच्चे उच्च आत्म सम्मान वाले और साथ ही अच्छे अनुसाशित होते है। इन बच्चो का प्रदर्शन और सामाजिक कौशल भी अच्छे से ऊपर होता है। ये बच्चे जिस जीवन का मार्गदर्शन करते हैं उसमें सफल और खुश रहते हैं। ये बच्चे जिम्मेदार वयस्कों के रूप में विकसित होते हैं और सही निर्णय लेने में अच्छे होते हैं।
अनुमोदक
क्या आप नियमो को लेकर गंभीर नहीं है और न ही उन्हें बच्चो पर लागु करने पर गम्भीत है? क्या आप अपने बच्चो को थोड़ा हस्तक्षेप के साथ विकसित होने देने का चयन करना पसंद करते है? तो आप विशिष्ट अनुमोदक माता-पिता हैं। अनुमोदक माता पिता थोड़े दयालु होते है लेकिन थोड़े क्रोधी और जिम्मेदार भी होते है। ये अपने बच्चो से बहुत अधिक आशाएं नहीं रखते है। ये आम तौर पर दयालु होते हैं और अपने बच्चो पर निश्चित रूप से नियमों को नहीं थोपते है और "बच्चे ही बचपना तो करेंगे ही" इसी रवैये के साथ परिणाम का सामने करते हैं। ये अपने बच्चो के साथ एक अच्छा संचार रखते है, लेकिन यह एक माता पिता के अधिक एक मित्र जैसा होता है।
दयालु माता पिता के साथ बड़े होने वाले बच्चे आवेगशील व्यव्हार के होते है। इनमे बहुत कम समाजिक कौशल और कम आत्म सम्मान होता है। अनुमित जीवनशैली के कारण ये बच्चे मोटापे और स्वास्थ्य समस्याओं से ग्रस्त हैं। बड़े होने के बाद, ये बच्चे अहंकारी वयस्क के रूप में बड़े होते है और ये अक्सर समस्याग्रस्त रिश्तों में पड़ जाते हैं।
असंबद्ध
क्या आप अपने घर और कार्य में इस तरह फंस गए है कि आप अपने बच्चे के साथ दो पल बात भी नहीं कर पाते है? क्या आप जानते है कि आपके बच्चे के स्कूल में क्या चल रहा है? क्या आप अपने बच्चो पर ध्यान देते है ? क्या आपको अपने बच्चो के मित्रो के बारे में पता है? यदि आपका उत्तर नहीं है तो आप एक असंबद्ध माता पिता है। असंबद्ध माता पिता के बच्चो के लिए कोई अधिक नियम नहीं होते है और उन्हें स्वयं ही बड़ा होने दिया जाता है। वे सहज, पोषण और उत्तरदायी नहीं होते हैं। बच्चो को समान्य आवश्यकताए भी बड़ी मुश्किल से मिलती है। असंबद्ध माता पिता को अपने बच्चों के जीवन या ठिकाने के बारे में शायद ही कोई जानकारी होती है।
ये बच्चे अपने आत्म सम्मान के लिए आमतौर पर बहुत मेहनत करते है। ये बहुत आवेगशील होते है और स्कूल में बहुत बुरा प्रदर्शन करते है। ये नशे और शराब की लत और व्यवहार संबंधी समस्याओं के लिए भी प्रवण हो सकते हैं।
सकारात्मक पालन पोषण
सकारात्मक पेरेंटिंग, हालाँकि नौटंकी जैसा सुनाई पड़ता है, जो वर्तमान दुनिया के अनुरूप को नए तरीके से परिभाषित करता है। यह आपके बच्चे के साथ आपका एक प्रतिबद्ध रिश्ता सत्यापित करने पर केंद्रित है जहा वह आप पर विश्वाश करता है और आपका सम्मान करता है। यहाँ, बच्चे बेहतर आत्म सम्मान और अपनी भावनाओ को नियंत्रण करना सीखते है।
सकारात्मक पालन पोषण न कि अनुमोदक पालन पोषण
हलाकि सकारात्मक पेरेंटिंग दिखने में अनुमोदक पालन पोषण के सामान लग सकता है, लेकिन यह काफी हद तक अधिकारक पालन पोषण के जैसा है। अनुमेय माता पिता अपने बच्चो के लिए अधिक नियम नहीं बनाते है। ये अपने बच्चो से जो छोटे छोटे नियम है उनका भी पालन नहीं करते है, और न ही वे अपने बच्चो को सुधारते है। और सकारात्मक पालन पोषण में माता पिता अपने बच्चो को सजा नहीं देते है लेकिन उन्हें अनुशासित करते है। आप अपने बच्चे को समाज का एक बेहतर सदस्य बनना सिखाते है। उन्हें अनुशासित करने में उनकी बातों को सुनना भी शामिल है और यह बताना भी कि बच्चे कहा गलती कर रहे हैं। इस तरह आप एक ही गलती को दोबारा नहीं दोहराएंगे।
क्यों सकारात्मक पालन पोषण?
बच्चे के लिए सकारात्मक पालन पोषण जितना हो सके उतना जल्दी किया जा सकता है। यह बहुत अधिक लाभदायक होता है जब आप शुरुवात से ही सकारात्मक पालन पोषण शैली का पालन करते है। इस शैली के माध्यम से बच्चों के प्रदर्शन में उनकी साथियो की तुलना में आत्म-सम्मान की बढ़ोतरी देखी गई है। ये बच्चे बहुत अधिक आशावादी और बेहतर समायोजित होते हैं। बच्चो में उनकी आयु के अनुसार बेहतर संज्ञानात्मक और सामाजिक विकास होता है। युवान भी बेहतर सामाजिक कौशल का प्रदर्शन करते हैं और अधिक सहज होते हैं। ये बच्चे सहकर्मी दबाव और नकारात्मक प्रभावों के विरूद्ध भी अच्छे साबित होते हैं।
सकारात्मक पालन पोषण में अनुशासन
अनुशासन सदैव से सजा का पर्याय रहा है। लेकिन यह अधिक भिन्न नहीं हो सकता है। हालांकि सजा नकारात्मकता का प्रतिनिधित्व करता है, जबकि अनुशासन सिखाता है। सकारात्मक अनुशासन में, गलत व्यवहार के लिए दंडित करने के बजाय बच्चे को सिखाने और मार्गदर्शन करने के बारे में सोचें।
जब आपका बच्चा चिढ़ का आवेश करे तो यह जानने का प्रयत्न करे कि वह ऐसा क्यों कर रहा है। उन्हें सिखाइये कि किसी को मारना गलत होता है। उन्हें बताइये कि उनका व्यव्हार बुरा है, वह नहीं। समझने का प्रयत्न करे कि उन्होंने ऐसा क्यों किया। हो सकता है कि वे ऐसा इसलिए कर रहे है क्योकि वे थक गए है या भूखे है या आपका ध्यान पाना चाहते है। उन्हें बताइये कि वे स्वयं को कैसे ठीक कर सकते है और अपने वास्तविक व्यव्हार को नियमित रख सकते है। उन्हें चयन का विकल्प देकर सही चयन करने के अवसर दीजिये। अंत में, अपने अनुशासन के साथ नियमित रहे।
एक प्रभावशाली पालन पोषण के लिए ध्यान में रखने वाली बातें
एक प्रेरणा स्त्रोत बनिये
बच्चे सबसे पहले आपसे सीखना शुरू करते है। यहाँ तक कि शिशु के रूप में भी आप उनके प्रेरणा स्त्रोत होते है। बच्चे आपकी नक़ल करके सीखते है। बच्चे अपना सामाजिक संकेत आपसे ही प्राप्त करते है। देखिये कि आप अपने बच्चो के आवेदनो और नखरो पर कैसे प्रतिक्रिया दे रहे है। यदि आपकी प्रक्रिया मारना है, तो उनसे भी इसी की आशा करीये। शारीरिक अनुशासन का इस्तमाल करना उन्हें सिखाता है कि किसी को मारना उचित है।
अपने बच्चो को दयालु, ईमानदार, सहिष्णु और बेकाबू न होना सिखाइये। यदि आप अपने बच्चे को मेहनती बनाना चाहते है तो स्वयं भी मेहनती बनिये। सम्मान दीजिये और सम्मान कमाइए। बच्चो की तारीफ कीजिये और विनम्र रहिये। अपने बच्चो से अच्छा व्यवहार कीजिये और उनकी भावनाओ को समझने का प्रयत्न कीजिये जैसे आप अन्य लोगो से आशा करते है ।
अपने बच्चे के आत्म सम्मान को बढ़ावा दीजिये
बच्चे युवा होते होते आत्म-सम्मान की भावना विकसित करते हैं। आपके कार्य और शब्द बच्चो को उनकी आत्म मूल्य स्थापित करने में सहायता करते है। युवा होने के कारन, उनकी आत्म-मूल्य और आत्म-सम्मान की भावना बहुत नाजुक होती है। उनके आत्म मूल्य के विकास को आसानी से मात दिया जा सकता है। ऊंची आवाजों में अपनी बातें रखना नजरअंदाज करे। और अपने बच्चो की तुलना अन्य बच्चो या उनके भाई बहनो से करना बंद करे ।
दूसरी ओर, उनकी प्रशंशा कीजिये, यहाँ तक कि उनकी छोटी छोटी उपलब्धियों के लिए उनकी प्रशंशा कीजिये। उन्हें भरोसा दिलाइये कि आपको उन पर गर्व है। उन्हें स्वतंत्र रूप से चीजे करने दीजिये। जब चीजे गलत हो जाये, जैसा कि कई बार हो जाता है, उनके साथ रहिये। उनका साथ दीजिये और उनकी गलतियों को सुधारिये। उन्हें पता चलने दीजिये कि उनके बुरे व्यव्हार के बावजूद भी आप उनसे प्रेम करते है।
अपने बच्चो के लिए समय निकालिये
पालन पोषण एक मुश्किल कार्य है। आपको आमतौर पर अपने बच्चे के लिए समय निकालने के लिए त्याग, समय और प्रयास की आवश्यकता होती है, चाहे बच्चे की उम्र कुछ भी हो। यह अक्सर नहीं होता है कि आपको परिवार के साथ बिताने के लिए समय मिलता है। आपके घर के कार्यो को पुनर्व्यवस्थित कीजिये और अपने बच्चे के लिए समय निकालिये। ऐसा कुछ भी नहीं है जो उन्हें आपके साथ होने से अधिक ख़ुशी दे सकता है।
बच्चे को पसंद होता है जब उन्हें माता पिता से अविभाज्य ध्यान प्राप्त होता है। न केवल परिवार के साथ, यह सुनिश्चित कीजिये कि आप और आपके बच्चे एक दूसरे के साथ अकेले भी समय बिताते है। वे बच्चे जो अपने माता पिता के साथ समय बिताते है वे कम बुरा व्यव्हार करते है। जबकि किशोर और युवा होने पर उतना ध्यान नहीं चाहते हैं जितना कि वे बच्चे होने पर चाहते है, यह सुनिश्चित किजियए कि उन्हें यह पता हो कि आप उनके साथ है। और जब भी वे आपसे बात करने आए, उनके लिए उपलब्ध रहीए।
माता पिता का प्रेम अशर्तिये होता है
आप बहुत अधिक प्रेम देकर एक बच्चे को बिगड़ नहीं सकते है। यही वो चीज है जो आप प्रेम के नाम पर करते है जो बच्चो को नष्ट कर देते है। उपहार, कम आशाएं और अधिक हिफ़ाज़ती बच्चो को बिगाड़ देते है। सामग्री भोग आमतौर पर प्रेम के स्थान पर दिया जाता है या तब दिया जाता है जब माता पिता बच्चो के साथ समय बिताने में सक्षम हो होते है। जब बात बच्चो की आती है, तो बच्चो को किसी बड़ी चीज की आवश्यकता नहीं होती है, केवल एक हग उन्हें खुश करने के लिए पर्याप्त होता है।
यह सुनिश्चित कर लीजिये कि बच्चो को अनुशाशन करने के दौरान भी उसमे आपका प्रेम नजर आए। टकराव की आवाज़ में बात न करे, उन्हें दोष न दें या उनकी आलोचना न करें। इससे उनका आत्मसम्मान कम होता है और असंतोष होता है। उन्हें पता चलने दीजिये कि चाहे आप निराश है, फिर भी आप उनसे प्रेम करते है।
नियमित अनुशासन बनाए रखें
जैसा के मास्टर लॉरेंस स्टीनबर्ग ने कहा था “जो माता पिता नियमित नहीं होते है, उनके बच्चे भ्रमित रहते है"। इसलिए स्वयं को अधिक नियमित होने के लिए दबाओ डालिये। यदि आप अपने अनुशासन के प्रति नियमित नहीं है, तो यह आपकी गलती है कि बच्चे बिगड़ गए है। अपने नियमो, सीमाएं और आशाओं को निर्धारित कीजिये।
घरेलू नियमो को स्पष्ट कीजिये और उनका पालन न करने वालो के लिए अनुशासन निर्धारित कीजिये। बच्चो को आपके द्वारा निर्धारित आशाओ का पालन करने दीजिये और उनको आत्म-नियंत्रण पर काबू पाने दीजिये। सख्ती बरतने के साथ, दयालु भी बने रहीए। ऐसे नियम मत निर्धारित कीजिये जिनका बच्चे पालन न कर पाए या जिनमे बच्चे सुनिश्चित तौर पर असक्षम हो।
शायद बच्चे अभी आपकी सीमाओं का परीक्षण करे, लेकिन आगे चलकर जिम्मेदार वयस्कों में विकसित होंगे।
उनके बढ़ने के साथ साथ समायोजन करे
अपने बच्चो से यह उम्मीद मत कीजिये कि आपके द्वारा निर्धारित वह उन नियमो का पालन करें जो आपने तब बनाये थे जब वे बच्चे थे। जहा आपके 3 वर्षीय बच्चे आपकी सख्ती वाले 'ना' को मान लेते है, हो सकता है आपके 13 वर्षीय बच्चे न माने।
उसे आपके इनकार के लिए उपयुक्त स्पष्टीकरण की आवश्यकता होगी। अपने पालन पोषण की शैली को बच्चो की उम्र और वातावरण के अनुसार समायोजित करे। आप हर समय उसी पालन पोषण शैली के कार्य करने की उम्मीद नहीं कर सकते हैं ।
जैसे-जैसे बच्चे बड़े होने लगते हैं, बच्चे अपने व्यक्तित्व का पता लगाने लगते हैं और अपने प्रेरणा स्त्रोत को अपने साथियों में तलाश करते हैं। यही वह समय होता है जहा आपको थोड़ा नरम होना है, और उनका मार्गदर्शन करते हुए और सही निर्णय लेने में उनकी सहायता करते हुए उन्हें स्वतंत्र छोड़ना होता है ।
अपनी भावनाओं का संचार करें
बस इसीलिए की आप ऐसा चाहते है, अपने बच्चे को आपकी हर बात मानने के लिए दबाओ मत दीजिये। इसके विपरीत,
उन्हें अपनी अपेक्षाओं और उनके पूरा न होने के परिणामों के बारे में समझाये। उन्हें अपने साथ कार्य करने के लिए आमंत्रित कीजिये। यह सुनिश्चित कीजिये कि आप दोनों के पास अपने चयन और उनका समाधान हो। इस तरह वे आपसे बातचीत कर सकते हैं और स्वयं निर्णय ले सकते हैं।
सुनिश्चित कीजिये कि आप अपने बच्चे की बात सुन रहे है और आप उनके साथ है। आपके बच्चे के साथ आपका खुला संचार उसे समस्या के दौरान आपके पास आने में सहायता करता है। जब बच्चे आपके पास सुझाव के लिए आए तो उनकी बात सुनिए। शायद उन्हें हर बार समाधान की आवश्यकता न हो, लेकिन एक सक्रिय श्रोता उनकी सहायता कर सकता है।
उनकी सुरक्षा के साथी बने
अपने बच्चो के लिए उनकी सुरक्षा के साथी बनिये और समस्याओ के दौरान उन्हें आपके पास आने दीजिये। अपने बच्चो को यह पता होने दीजिये कि आप उनके साथ है। उनकी चाहते और आवश्यकताओ के प्रति संवेदनशील रहे। आपके विस्तार के रूप में नहीं, उन्हें स्वयं के एक व्यक्तित्व के रूप में बड़े होने दीजिये। उनकी भावनात्मक जरूरतों के लिए सक्रिय रहे। एक जिम्मेदार माता पिता के रूप में अपने बच्चो के साथ होना उन्हें भावनात्मक, मानसिक और सामाजिक रूप में बेहतर तरिके से विकसित होने में सहायता करता है।
अपने बचपन के बारे में बात करे
आपके बचपन के किस्से एक वयस्क के रूप में भी आपके बच्चे के लिए एक निरंतर रुचि का एक स्रोत है। उनकी रूचि का लाभ उठाइये और इसे उन्हें आपकी गलतियों से सिखाने के एक अवसर के रूप में इस्तमाल कीजिये। अपनी गल्तिया स्वीकारना एक मुश्किल कार्य है लेकिन यह आपके बच्चे के लिए एक नई दुनिया के द्वार खोल देता है और यह आप दोनों को एक दूसरे के ओर करीब भी ला सकता है। एक अभिभावक के रूप में अपनी गलतियों के प्रति सचेत रहें और अपने बच्चों के प्रति अपना दृष्टिकोण बदलें। हो सकता है कि आप इस समय सफल न हो, लेकिन निश्चित रूप से आपको इसके परिणाम भविष्य में देखने को मिल जायेंगे।
आपकी भलाई महत्व रखती है
एक माता पिता की भलाई और आत्म देखभाल तब काम आती है जब एक बच्चा जन्म लेता है। आमतौर पर इसका अर्थ है कि आपकी सेहत और शादी मुश्किल में पड़ सकती है। अपने बच्चे की भलाई के लिए, आपकी शारीरिक और भावनात्मक स्वास्थ्य का अपने सर्वोच्च स्थान पर होना आवश्यक है। सहायता के लिए अपने परिवार के सदस्यों के पास जाये। अपनी देखभाल और जीर्णोद्धार के लिए अपने लिए थोड़ा समय निकालिये। इतना इंतजार मत करीये की अधिक देर हो जाये।
अपनी सिमित्ताओ को जाने और अपनी कमजोरियों पर कार्य करे। अपनी काबिलियत को समझिये और इसे अपने गुणो के रूप में इस्तेमाल कीजिये। स्वयं के साथ अधिक जबरजस्ती न करे। आप एक बुरे माता पिता नहीं बन जायेंगे बस इसीलिए कि आपकी जरूरते पहले आती है। स्वयं के स्वास्थ्य और भलाई की देखभाल करना आपके बच्चे के लिए एक उदाहरण बनेगा ।
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बच्चे के विकास के लिए
हम आशा करते हैं कि आपने पूरा लेख पढ़ा होगा और इसे जरूर पसंद किया होगा। अपने बच्चे को हमेशा खुशहाल माहौल में रखें लेकिन इसके साथ ही उसे जीवन की वास्तविकताओं के बारे में भी बताएं। उसे एक उचित और बढ़िया शिक्षा दें, लेकिन उसे अपने सपनों को पूरा करने के लिए भी समय दें।