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क्या आप इस गणेश चतुर्थी के त्यौहार में अस्सल महाराष्ट्रियन रेसिपी बनाना चाहते हो?
साल का वह वक्त आ गया हैं जब हर महाराष्ट्रिय व्यक्ति बहुत उत्साहित होता हैं भगवन गणेशजी का जन्मदिन पुरे भारत में और खास कर महाराष्ट्र में बड़े धूम धाम से मनाया जाता हैं। इस त्यौहार में अनुष्ठान के वक्त भगवान् को प्रसाद और पूजा के बाद नेवैद्य चढाने की रस्म है। हम आपको महाराष्ट्र के कुछ ख़ास व्यंजन बनाने की विधि बताएँगे।
गणेश चतुर्थी का त्यौहार क्या हैं
गणेश चतुर्थी या विनायक चतुर्थी त्यौहार है जो पुरे भारत में और खास कर महाराष्ट्र में बड़े धूम धाम से मनाया जाता हैं।यह १० दिवसीय त्यौहार भगवन गणेश जी, जो हाथी के सिर वाले देव हैं, के जन्मदिन के तौर पे मनाया जाता हैं। गणेश जी की पूजा लोग इसलिए नहीं करते हैं क्यूंकि यह मान्यता हैं की वह आपके जिंदगी से बाधाओं को मिटाते हैं और आपका भाग्योदय करते हैं। गणेश चतुर्थी सितम्बर महीने में होती हैं और यह त्यौहार देख के आप मंत्रमुग्ध हो जाओगे. आप गणेश जी की भव्य मूर्तियाँ, पूजा समारोह, और प्रसाद के थालों को देख के अचंबित जाओगे.
गणेश चतुर्थी के पीछे की कहानी.
हर त्यौहार के पीछे कोई न कोई कहानी होती हैं. भगवान् गणेश, भगवान् शिव और देवी पार्वती के पुत्र हैं। ऐसा माना जाता हैं की देवी पार्वती ने अपने शरीर के मैल से गणेश जी का निर्माण किया और उन्हें दरवाजे पे रक्षा करने के लिए कहा जब तक वह अपना स्नान पूरा नहीं करती. गणेश जी ने भगवान् शिव को ना पहचानते हुए उन्हें अंदर आने से मना कर दिया. भगवान् शिव ने क्रोध में गणेश जी का सिर धड़ से अलग कर दिया.
देवी पार्वती ने उन्हें गणेश जी को फिर से जीवित करने की माँग रखी और तब भगवान् शिव ने एक हाथी के सिर को लगाके गणेश जी को फिरसे जीवित कर दिया और अब हम उन्हें इस रूप में पूजतें हैं। भक्त यह पावन पर्व गणेश जी पूजा करके और उन्हें भोग चढ़ाके मनाते हैं. यह मान्यता हैं की गणेश जी को खाना और खासकर मोदक नामक मिठाई बहुत पसंद हैं. ऐसा कहा जाता हैं की भगवान को भोग / प्रसाद चढ़ाने से वह खुश होते हैं और हमें आशीर्वाद देते हैं.
महाराष्ट्र में गणेश चतुर्थी कैसे मनाई जाती हैं ?
गणेश चतुर्थी का महत्व, महाराष्ट्र के राजा छत्रपति शिवजी के वक्त से हैं। यह कहा जाता हैं की उन्होंने इस त्यौहार को बहुत पहले शुरू किया था. फिर, स्वतंत्र सेनानी लोकमान्य तिलक ने यह त्यौहार, भारत में ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ लोगों को एकजुट करने के इरादे से फिरसे शुरू किया। इसलिए इस त्यौहार को हर मजहब के भारतीय को एक साथ मिलाने के लिए महत्वपूर्ण माना जाता हैं। महाराष्ट में यह एक बहुप्रतीक्षित त्यौहार माना जाता हैं। मुंबई के लोग इस त्यौहार को सबसे अच्छी तरह मनाते हैं। भक्तों का उत्साह और उत्कंठा देखने योग्य होती हैं। महाराष्ट्र में त्यौहार के दौरान नाच गाना और खाना इतना बेहतरीन होता हैं की हर किसीने इसका अनुभव जिंदगी में एक बार लेना ही चाहिए. ऐसी हैं इस त्यौहार की शान.
- इस त्यौहार को भगवान् के घर आने का समय माना जाता हैं। पहले दिन गणेश जी की मूर्ति को घर में पूजा के स्थान पर या पंडालों में स्थापित किया जाता हैं। आरती और भजन गायें जाते हैं और विशेष पूजा की जाती हैं। प्रसाद और नैवैद्य के रूप में खाना बनाया और चढ़ाया जाता हैं।
- भक्त भारी मात्रा में रस्ते पर आकर गाना, नाच, जुलुस इत्यादि में हिस्सा लेके "गणपति बाप्पा मोरया " गाते है (यह एक नारा हैं जो गणेश जी के स्तुति में बोला जाता हैं लोग अक्सर पंडालों में भी प्रार्थना करते हैं और गणेशजी के स्तुति में भजन और भक्ति गीत गाते हैं।
- 10 दिनों के उत्सव और भक्ति के बाद, ऐसा कहा जाता हैं की गणेश जी अपनी स्वर्गीय यात्रा में लौट जाते हैं। गणेश जी को विदा करने का एक प्रतीकात्मक तरीका होने के कारण मूर्तियों को पानी में विसर्जित किया जाता हैं
देवता का स्वागत और पूजा करना
पंडालों में उत्सव और जुलुस
मूर्तियों का विसर्जन
घर में गणेश चतुर्थी कैसे मनाई जाती हैं?
अगर आप घर में गणेश चतुर्थी मनाना चाहते हैं तो आपको कुछ चीजें हैं जिनका आपको पालन करने की आवश्यकता है।
- गणेश मंडप तैयार करें और मूर्ति को स्थापित करें। पूरे घर को साफ कीजिये और भगवान् का स्वागत करने के लिए तैयार कीजिये। गणेशजी की मिट्टी की मूर्ति को एक ऊंचे स्थान पर रखें
- गणेशजी के मंत्रों का जाप करें और भगवान् की पूजा करें। गणेश जी की स्थापना के दौरान मंत्रों का जाप किया जाता है। आप किसी पंडित से पूजा और उससे जुड़ी प्रक्रियाओं को करने के लिए भी कह सकते हैं।
- आरती के साथ मूर्ति का सम्मान करें। इस दौरान मूर्ति को पवित्र जल (अभिषेक) से स्नान कराई जाती है और फूलों और मालाओं से सजाई जाती है। आरती में दिया जलाना और भजन, मन्त्र और भक्ति गीत गाने का रिवाज़ होता हैं।
- भगवान को मिठाई और विशेष व्यंजनों से बना नैवेद्य और प्रसाद चढ़ाएं। प्रसाद या भोग के रूप में मिठाई इस उत्सव में बहुत महत्व रखते हैं। इनमे से सबसे महत्वपूर्ण है मोदक जो गुड़, नारियल और चावल के आटे से बनी मिठाई हैं । हमने आपके लिए घर पर बनने वाली ही कुछ आसान व्यंजनों की सूचि दी हैं
अस्सल महाराष्ट्रीय व्यंजन जो आप गणेश चतुर्थी के लिए बना सकते हैं
अगर आप पहली गणेश चतुर्थी मना रहे हैं तो स्वाभाविक हैं की आप थोड़े चिंतित हो रहे हो. सारे सामग्री को इकठ्ठा करना एक थकाने वाला काम हो सकता हैं। पूजा की तैयारी करना और पूजा करनें के लिए बहुत ऊर्जा की जरुरत होती हैं। आपको प्रसाद के तौर पे मेहमानो दो देने के लिए तरह तरह के व्यंजन भी बनाने पड़ते हैं. हमने आप के लिए कुछ प्रसाद के व्यंजन दिए हैं जो बनाने में बहुत आसान हैं
मोदक
गणेश जी का कोई भी त्यौहार बिना मोदक के अधूरा हैं। यह गणेश जी का मनपसंद हैं और इसी कारण उन्हें "मोदकप्रिय" कहा जाता हैं। मोदक, एक मिठाई जिसमे नारियल और गुड़ का मिश्रण होता हैं, इस त्यौहार का एक मुख्य प्रसाद होता हैं। मोदक एक पारम्परिक व्यंजन हैं ।
- 1 कप चावल का आटा
- 1 कप पानी
- 2 छोटे चम्मच घी
- 1 कप गुड़
- 1 कप कसा हुआ नारियल
- 1 चुटकी जायफल या इलाइची पाउडर
- एक गरम किये हुए कढ़ाई में कसा हुआ नारियल और गुड़ मिलाएं। गुड़ पिघल जाने तक और मिश्रण में घुल जाने तक इसे चलाएं। इसमें जायफल या इलाइची पाउडर डालें। इस मिश्रण को ठंडा होने के लिए रख दे। एक दुसरे कढ़ाई में नमक और घी डाला हुआ पानी उबाले। इसमें चावल का आटा मिलाये, जो मोदक के बाहर का आवरण बनाने के लिए इस्तेमाल में आएगा। इस आटे के छोटे गोले बनायें और आपके हथेली की मदद से इसे चपटा कीजिये। इसमें गुड़ नारियल वाला मिश्रण डालें और इसे मोदक का आकार देके बंद कीजिये। आप मोदक के तैयार ढाँचे से भी मोदक बना सकते हैं। अब इन्हे भाप से पकाएं या तेल में तल ले
बाहर के आवरण की सामग्री
अंदर भरने की सामग्री
विधि
पुराण पोळी
- यह मीठी रोटी लगभग हर महाराष्ट्रीय त्योहारों और गणेश चतुर्थी में बनायीं जाती हैं।
- सामग्री
- अंदर भरी जाने वाली सामग्री
- 2 कप चना दाल (पका के छान ले)
- 1 कप कसा हुआ गुड़
- 1 छोटा चम्मच इलाइची पाउडर
- 1/4 छोटा चम्मच जायफल पाउडर
- 1 बड़ा चम्मच घी
- 1/4 छोटा चम्मच हल्दी
- नमक (एक चुटकी)
- आटा, हल्दी, घी और नमक मिलाएं। इसका नरम आटा गूंदे और ३० मिनट तक रख दे. एक कढ़ाई में पाकी हुई दाल, घी, गुड़ मिलाएं. गुड़ पिघलने तक और गाढ़ा होने तक इस मिश्रण को पकाएं। इसमें इलाइची और जायफल पाउडर डाले । इसे ठंडा होने दे। आटे के छोटे गोले बनायें। इन्हे चपटा करें और इसमें बहुत सारा मिश्रण भरें। इसके सिरों को बंद करें और गोलाकार बनायें। इसे रोटी की तरह बेल ले और तवे पे सेंके। इसके दोनों तरफ घी लगाएं और सुनेहरा होने तक सेंके।
विधि
मुरमुरे का लड्डू
यह कुरकुरा, हल्का और स्वादिष्ट व्यंजन बनाना बहुत आसान हैं। मुरमुरा और गुड़ एक ऐसा स्वाद भरा व्यंजन हैं जो भगवान् गणेश और आपके घर के बाकि लोगों को बहुत खुश करेगा !!
- 3 कप मुरमुरा
- 1/2 कप गुड़ (पाउडर बना हुआ)
- 1/4 कप भुना हुआ बेसन
- 1/4 छोटा चम्मच इलाइची पाउडर
- 4 बड़े चम्मच पानी
- सबसे पहले मुरमुरे को एक गरम कढ़ाई में भूने और ठंडा होने दे। एक बर्तन में गुड़ और पानी डालें. जब गुड़ पिघल जाएँ तो इसे छान ले ताकि कोई गन्दगी हो तो वह निकल जाएँ। यह गुड़ एक बर्तह में ले और उसमे इलाइची पाउडर डालें और इसे चलाते रहें। जब यह गुड़ एक धागे जैसे अनुकूलता पे हो तो इसे मुरमुरे पे डालें। इस मिश्रण में भूना हुआ बेसन डालें और गरम रहते ही इसके छोटे गोले या लड्डू बनाये
सामग्री
विधि
शीरा - सूजी का हलवा
यह उत्कृष्ट भारतीय व्यंजन गणेश चतुर्थी सह विशेष अवसरों और त्योहारों पर बनाया जाता हैं। यह गणेश जी को नैवैद्यम और प्रसाद के रूप में चढ़ाया जाता हैं और फिर लोगों में आशीर्वाद के रूप में बांटा जाता हैं।
-
सामग्री
- 1 कप सूजी (रवा / महीन रवा)
- 1/4 कप घी
- 1 1/4 कप पानी
- 1/2 कप शक्कर
- 1/4 छोटा चम्मच इलाइची पाउडर
- 2 बड़े चम्मच बादाम, काजू, किशमिश (कटा हुआ)
- एक गरम की हुई कढ़ाई में घी और सूजी को मिलाएं। सूजी भूरे रंग की होने तक और घी छूटने तक पकाएं। इसमें धीरे से गरम पानी डालें. और ठीक से मिलाएं। अब इसमें शक्कर डालें और उसे तब तक पकाएं जब तक शक्कर पिघलें और शीरा बाजु में न चिपके। इसमें इलाइची पाउडर और बादाम, काजू किशमिश डालें। याद रखे की आपको इस चलाते रहना हैं
विधि
करंजी
इसे महाराष्ट्र में करंजी और भारत के अन्य भागों में गुजिया के नाम से जाना जाने वाली यह मिठाई गणेश जी को प्रसाद के रूप में चढ़ाएं जाने वाली सबसे लोकप्रिय मिठाई हैं सामग्री ।
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सामग्री
- 1/2 कप कैसा हुआ नारियल
- 1 बड़ा चम्मच सफ़ेद तिल, काजू, बादाम, और किशमिश (९ टुकड़े हर एक के, पिसे हुए या चूरा किये हुए)
- 1/2 चम्मच इलाइची पाउडर
- 3 बड़े चम्मच शक्कर (पीसी हुई)
- चुटकी भर जायफल पाउडर
- 1/2 चम्मच घी
- 2 कप मैदा
- 2 बड़े चम्मच घी
- 1/2 कप दूध
- चुटकी भर नमक
- एक गरम किये गए बर्तन में घी डालकर उसमे कैसा हुआ नारियल भूने. इसे बाजु में रख दे। अब तिल को भूने जब तक वह उछले नहीं। इसे भूने हुए नारियल के मिश्रण में पिसे हुए सूखे मेवे के साथ डालें। शक्कर, इलाइची और जायफल का पाउडर भी मिलाएं. आपका अंदर भरने वाला मिश्रण तैयार हैं। आटे में पिघला हुआ घी और नमक डाले। दूध मिलकर नरम आटा गूंदे। गीले कपडे से ढक के १५ मिनट के लिए रखे।आटे के छोटे गोले बनायें और बेलन से बेल ले.मिलके करंजी के आकार में करे. करंजी को गरम तेल में सुनेहरा होंने तक तल ले
अंदर भरने जाने वाला मिश्रण
बाहर के आवरण के लिए
विधि
कोथिम्बीर वडी
- 2 कप धनिया पत्ते
- कप बेसन
- 1 चम्मच अदरक -लहसुन का पेस्ट
- 1 हरी मिर्च
- लाल मिर्च पाउडर, हल्दी, धनिया पाउडर, जीरा पाउडर (हर एक 1/2 चम्मच )
- 1/4 चम्मच गरम मसाला पाउडर
- 1/2 चम्मच तिल
- 1 छोटा चम्मच निम्बू का रस
- नमक (स्वादानुसार)
- पानी
- तेल (तलने के लिए)?
- सारे सामग्री (तेल छोड़के) एक साथ मिलाएं और एक नरम आटा गूंद ले। इस आटे को बेलनाकार दीजिये। एक स्टीमर को माध्यम आंच पे रखें और यह आटा भांप पे पकाएं। ठंडा होने के बाद इसे पतले स्लाइस में काटे। गरम तेल में सुनेहरा होने तल ले
यह आसानी से बनने वाला नमकीन व्यंजन गणेश चतुर्थी में बनने वाला लोकप्रिय नमकीन हैं
सामग्रीविधि
साबूदाना वडा
- यह नमकीन व्यंजन सारे महाराष्ट्रीय मनपसंद व्यंजन हैं
- 1/2 कप मूंगफली
- 1 कप साबूदाना
- 2 कप आलू (उबले हुए और मसले हुए)
- 1 छोटा चम्मच जीरा
- 2-3 हरी मिर्च (बारीक़ कटी हुई)
- 1 छोटा चम्मच निम्बू का रस
- धनिया पत्ते
- चुटकी भर शक्कर
- नमक स्वादानुसार
- 2-3 चम्मच चावल का आटा
- मूंगफली को भून के उनको पीस ले. बाकि के सारी सामग्री (चावल का आटा छोड़के) मिलाये. एक नरम आटे में गूंद ले. सारा मिश्रण इकठ्ठा करने के लिए चाहे तो चावल का आटा डाले. आटे के छोटे गोले बनाये और वड़े के आकर बनाये. गरम तेल में इसे कुरकुरा और सुनेहरा होने तक पकाएं
- टालने से पहले आप इसे फ्रिज में रख सकते हैं। इस से वड़े टालने के बाद इसमे तेल नहीं रहेगा
सामग्री
विधि
टिपण्णी
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एक और जरूरी बात
हम आशा करते हैं कि आपने हमारा यह अनुच्छेद ध्यान से पढ़ा होगा और आप कोई ना कोई रेसिपी जरूर ट्राई करेंगे । बस आपको इतना करना है कि हमारे द्वारा बताए गए टिप्स को फॉलो करना है और विधि को ध्यान से करना है । और इस बात का भी ध्यान रखना है कि आप सभी चीजें फ्रेश ही ले । ऐसा करने से उसका स्वाद और भी निखर के आएगा ।