कुत्ते, इंसान के सबसे अच्छे दोस्त ।
कुत्तों को इंसान का सबसे अच्छा दोस्त आखिर क्यूँ कहा गया है :- इसका जवाब हमें मानव जीवन के हज़ारों साल के विकास के दौरान ही देखने को मिल गया था और तबसे ही इंसान और कुत्ते आपस में मिल कर रहने लगे थे और ये रिश्ता धीरे धीरे बहुत ही मज़बूत बंधन में तब्दील हो गया| मानव ने कुत्तों को पालना करीब 30,000 वर्ष पहले शुरू कर दिया था और तबसे ये सम्बन्ध और मज़बूत ही होता गया है|
कुत्तों में अपने मालिकों के लिए मैत्री निष्ठां और बिना शर्त का भरपूर स्नेह होता है :- हम अगर इनसे ये आदतें सीख न भी सकें तो भी इनकी क़द्र तो करनी ही चाहिए| कुत्तों को अपना स्नेह जताने के बदले में हमसे कोई इच्छा नहीं होती बस हम भी अगर उन्हें अपना स्नेह दे सकें तो उनके लिए काफी होता है और वो रोजाना उतने ही जोश और सौहार्दपूर्ण तरीके से हमसे मिलते हैं| कुत्ते सिर्फ आज में ही जीते हैं, वो ये नहीं सोचते की कल क्या हुआ था या कल क्या होगा| यहाँ तक की अगर आपने उन्हें कुछ ही मिनट पहले डांटा हो और अब आप उसके साथ खेलना चाहते हों तो वो उतना ही ख़ुशी से आपके साथ खेलने को तैयार रहता है| कई तरह की वैज्ञानिक शोधों के द्वारा ये बात साबित हो चुकी है की कुत्तों को अपने मालिक के मन के हालात के बारे में जैसे की डर, परेशानी या दुःख वगैरा का एहसास हो जाता है| और ऐसी हालत में शायद आपका कोई नजदीकी व्यक्ति एक बार भले ना समझ पाए पर आपका पालतू कुत्ता ज़रूर समझ लेता है|
चिकित्सा पद्वति में एक है पेट् थेरेपी जिसका विकास ही इन सब बातों को ध्यान में रख कर किया गया :- इस प्रक्रिया में ये देखा किया जाता है की अगर कोई व्यक्ति किसी बीमारी से पीड़ित हो तो उसे कुत्ता पालने की सलाह दी जाती है| ऐसा करने पर सकारात्मक परिणाम भी देखने को मिले हैं| हमने शोध करके ऐसे कुत्तों की सूचि बनायीं है जिन्हें पाला जा सकता है और उन्हें दो प्रकार में बताया गया है| एक वो जो की सुरक्षा कारणों से ज्यादा अच्छे हैं और दुसरे वो जो घर में मैत्री भाव से रखने के लिए ज्यादा उपयोगी हों|
खतरनाक प्रजाति के कुत्ते ।
शुरू करते हैं खतरनाक प्रजाति के ऐसे कुत्तों से जिन्हें सुरक्षा के द्रष्टिकोण से रखा जाता है :- ये कुत्ते सिर्फ दिखावे के लिए नहीं होते बल्कि काफी खूंखार हुआ करते हैं और आपके स्थान को सुरक्षित रखने में बहुत सहयोगी होते हैं| इनकी देखभाल और ट्रेनिंग काफी सोच समझ कर की जाती है की कभी किसी मासूम व्यक्ति को नुक्सान न पहुंचाए|
जर्मन शेपर्ड प्रजाति के कुत्ते काफी अक्लमंद और ताकतवर होते हैं :- क्यूंकि इनकी उपज जर्मनी में हुई थी इसलिए इनका ये नाम पड़ा| सुरक्षा इकाइयों में ये कुत्ते बहुत पसंद किये जाते हैं क्यूंकि इनकी सूंघने की क्षमता तो बहुत अधिक होती ही है, साथ ही इनका आक्रामक स्वभाव भी सुरक्षा कार्यों में बहुत मदद करता है| इनकी इसी काबिलियत की वजह से इन कुत्तों ने कई बार काफी मुश्किल मसलों को सुलझाने में मदद की है| पर हाँ कुछ एक बार इनकी प्रवृत्ति की वजह से कुछ एक बार मासूम लोगों को भी नुक्सान भोगना पड़ा है इसलिए इस प्रजाति के कुत्तों से लोग डरते भी हैं|
वैसे आमतौर पर ये कुत्ते काफी अच्छे मन के होते हैं और इनको पसंद भी यही है की इनके साथ अच्छा बर्ताव किया जाये :- लेकिन किसी कम तजुर्बेकार या काफी व्यस्त व्यक्ति को इन्हें नहीं पालना चाहिए क्यूंकि इनके साथ ज्यादा वक्त बिताना ज़रूरी होता है| साथ ही इन्हें किसी छोटी जगह में रखना ठीक नहीं होता क्यूंकि अगर इन्हें अपने आहार विहार के लिए पर्याप्त जगह नहीं मिलती तो ये काफी चिडचिडे हो जाते हैं और ऐसे में कभी ये किसी का नुक्सान भी कर सकते हैं| और हाँ इनके शरीर पर बहुत बाल होते हैं जो की सर्दियों के अंत में झड़ते हैं, तो अगर आप इन्हें पालना चाहते हैं तो इस मौसम में अपने घर में जगह जगह से बालों को साफ़ करने के लिए भी तैयार रहिये| कुछ भी हो लेकिन ये कुत्ते काफी समझदार होते हैं, इन्हें ट्रेन करना काफी आसान होता है और ये आपके आदेशों को बहुत जल्दी समझने लगते हैं|
ग्रेट डेन जर्मन प्रजाति के सबसे लम्बे और विशाल कुत्ते होते हैं जिन्हें जेंटल जायंट भी कहा जाता है :- ये बहुत अच्छे स्वभाव के कुत्ते होते हैं, इनकी उंचाई लगभग 30 इंच तक और वज़न लगभग 35-40 kg तक हो सकता है| इनके बहुत आज्ञाकारी और समझदार होने की वजह से इन्हें ट्रेन करना बहुत आसान होता है| ग्रेट डेन कुत्तों के खान पान का विशेष ख्याल रखना पड़ता है और उनकी उम्र के मुताबिक पर्याप्त भोजन इन्हें देना चाहिए| इनके अन्दर विभिन्न हिस्सों में सूजन आने की तकलीफ बहुत ज्यादा देखी जाती है जिसके लिए इन्हें दिन में थोड़े थोड़े समय पर कुछ कुछ आहार देते रहना और खाने के वक्त इनको ज्यादा भागदौड़ में शरीक ना होने देना ठीक रहता है और इससे इन्हें ये तकलीफ नहीं होती| सूजन हमारी नज़र में भले ही एक आम प्रक्रिया हो पर इन प्रजाति के कुत्तों के लिए मृत्यु का एक बड़ा कारण बन जाती है|
ये बहुत बड़े और ताकतवर कुत्ते होते हैं :- इनकी छोटी उम्र से ही इनकी ट्रेनिंग में घुलने मिलने की ट्रेनिंग भी सही तरीके से डी जानी चाहिए| हालांकि इनकी त्वचा पर काफी छोटे बालों की परत होती है और इनमे काफी चमक भी होती है पर बाल झड़ने के मौसम में इनके बाल भी झाड़ते हैं| इसलिए इनके बालों को कंघी की मदद से साफ़ करते रहना चाहिए और साथ ही इनके नाखुनो को भी समय समय पर ट्रिम करते रहना चाहिए|
बहुत ही खतरनाक प्रजाति के ये कुत्ते विशेष रूप से सुरक्षा कार्यों में इस्तेमाल किये जाते हैं :- इनकी छोटी पूँछ की वजह से इन्हें डोबर मैन पिन्स्चर भी कहा जाता है हालांकि इनकी पूँछ प्राकृतिक रूप से छोटी नहीं होती बल्कि उसे छोटा रखा जाता है जिससे कार्यक्षेत्र में इधर उधर भाग दौड़ के दौरान इनकी लम्बी पूँछ से कोई अड़चन ना पैदा हो| सन 1890 में जर्मनी के एक टैक्स कलेक्टर कार्ल फ़्रिएद्रिक लुइ डोबरमैन ने इस प्रजाति का आविष्कार किया| जी हाँ आविश्कार कहना उचित ही है क्यूंकि इसके लिए उन्होंने ग्रेहाउंड, रॉटव्हीलर, जर्मन पिन्स्चर, ग्रेट डेन, जर्मन शोर्ट हेयर पॉइंटर, वेइमेरानर, ओल्ड जर्मन शेपर्ड के अलावा कुछ और प्रजातियों का इस्तेमाल किया तब जाके वो इस नस्ल के कुत्तों की प्रजाति का विकास कर पाए|
इस प्रजाति के कुत्ते बहुत ही खतरनाक, तेज़, बुद्धिमान, और खूंखार होते हैं :- सन 1908 में डोबर मैन प्रजाति के कुत्तों को USA में आधिकारिक प्रजाति के तौर पर शामिल किया गया और तबसे वहां की सेना और पुलिस विभाग में इन कुत्तों का इस्तेमाल किया जाने लगा| जर्मन शेपर्ड के बाद इस प्रजाति के कुत्तों का नाम सुरक्षा कार्यों में दुसरे नंबर पर लिया जता है|
पिट बुल प्रजाति के कुत्तों का विकास उत्तरी अमेरिका में लड़ाकू किस्म के कुत्तों के तौर पर किया गया था :- इसकी प्रजाति बुलडॉग और टेरियर प्रजाति के मिश्रण से बनी है| इस प्रजाति के कुछ लोकप्रिय प्रकार हैं अमेरिकन पिट बुल टेरियर, अमेरिकन स्टैफ़ोर्डशायर टेरियर, अमेरिकन बुली और स्टैफ़ोर्डशायर बुल टेरियर| पिट बुल बहुत शक्ति शाली कुत्ता होता है और इसके ज़बड़े भी बहुत मज़बूत होते हैं|
इनकी देख रेख और ट्रेनिंग बहुत कुशलता से करनी चाहिए :- यूनाइटेड किंगडम में इन कुत्तों का इस्तेमाल कुछ ब्लड स्पोर्ट्स में किया जाता था जैसे बुल बेटिंग या बेअर बेटिंग परन्तु 1835 में एनिमल वेलफेयर कानून के आने पर इस पर पाबंदी लगा दी गयी| अपनी आक्रामकता और लड़ाकू प्रवृत्ति के कारण ये पुलिस और सेना दोनों में ही बहुत पसंद किये जाते हैं|
ये प्रजाति भी जर्मनी में विकसित हुई और ये कुत्ते बहुत ही सरल प्रवृत्ति के समझदार कुत्ते होते हैं :- इनको ट्रेन करना काफी आसन होता है| वैसे तो ये कुत्ते खेल कूद को पसंद करने वाले और मिलनसार कुत्ते होते हैं पर इनका जबड़ा बहुत ही खतरनाक होता है| इनके नाम के अनुरूप ही इनके शारीर की बनावट होती है जैसे बड़ा सिर और शरीर का ऊपरी भाग और इसके साथ मज़बूत जबड़े| ये बड़े ही मैत्री स्वभाव के गंभीर और सुरक्षात्मक प्रवृत्ति के होते हैं और अक्सर इन्हें दृष्टि हीन व्यक्ति इन्हें अपने मार्गदर्शक के तौर पर रखते हैं|
ये सफ़ेद, ब्रिन्दल और फॉन रंग में आते हैं, बच्चों के साथ तो काफी आसानी से घुलमिल जाते हैं :- इनकी उंचाई लगभग 23 इंच तक होती है और इनका वज़न लगभग 70 से 80 kg तक हो सकता है| इनकी त्वचा बड़ी चमक वाली होती है और इसपर बहुत छोटे बाल होते हैं इसलिए इस बारे में भी ज्यादा सोचना नहीं पड़ता पर हाँ समय समय पर इनके नाखुनो को ट्रिम करते रहना ज़रूरी है|
शांत स्वभाव के घरेलु कुत्ते ।
अब आइये कुछ घरेलु किस्म की प्रजाति के बारे में भी जान लेते हैं :- ऐसे कुत्ते आक्रामक नहीं होते और अपने आस पास के लोगों को नुक्सान नहीं पहुंचाते| ये तब तक किसी पर आक्रमण नहीं करते जब तक किसी से विशेष प्रकार का खतरा ना लगे| बहुत ही शांत और मैत्री पूर्ण स्वभाव के कारण ये बच्चों के भी अच्छे दोस्त बन जाते हैं|
लैब्राडोर रिट्रीवर एक प्यारे चेहरे वाले और उतने ही प्यार से रखे जाने वाले कुत्ते होते हैं :- भारत में सबसे ज्यादा पसंद किये जाने वाली प्रजाति में से एक यही है| इनकी ऊंचाई 23 से 24 इंच और वज़न लगभग 35 से 38 kg तक हो सकता है| इनका ऊपर घने बालों की डबल कोट वाली त्वचा होती है जिसकी विशेष देखभाल करनी पड़ती है|
इनका रंग चॉकलेट, क्रीम या फिर काला हो सकता है :- ये बहुत ही घरेलु किस्म के कुत्ते होते हैं जिन्हें नियमित रूप से शारीरिक व्यायाम की ज़रूरत होती है वर्ना इनमे मोटापे की समस्या होने लगती है| इन्हें अच्छे क्वालिटी का खाना देना ज़रूरी है वो भी इनकी उम्र के अनुसार पर्याप्त मात्रा में| इनकी औसत उम्र लगभग 10 से 12 वर्षों की हो सकती है| ये काफी अच्छे तैराक भी होते हैं|
आपने वोडाफोन कंपनी के विज्ञापन में उस छोटे से कुत्ते को देखा होगा जो अपने मालिक के पीछे पीछे जाता है हर कहीं| जी हाँ येही छोटा सा प्यारा सा कुत्ता है पग| घरेलु किस्म के कुत्तों के रूप में इस प्रजाति को सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है और अपार्टमेंट्स में रहने वाले परिवारों के लिए बिलकुल उपयुक्त रहता है क्यूंकि इनको अपने आहार विहार के लिए बहुत ज्यादा जगह की ज़रूरत नहीं होती| इनके बाल भी ज्यादा नहीं झड़ते इसलिए इनकी उतनी ज्यादा देखभाल की ज़रूरत भी नहीं पड़ती|
हाँ पर इनके नाख़ून को ज़रूर कम करते रहना पड़ता है वर्ना इन्हें परेशानी होती है| पग भिन्न रंगों में आते हैं जैसे एप्रीकॉट, काले, फॉन या सिल्वर फॉन| इन्हें टॉय ग्रुप के कुत्तों की तरह समझा जाता है| इनकी औसत उंचाई 12 से 13 इंच और वज़न लगभग 14 से 16 kg तक होता है| इनमे मोटापा जल्दी आ सकता है इसलिए इन्हें ख़ास तौर पर ऐसा खाना नहीं दिया जाता जिसमे मोटापा बढाने वाले तत्व हों| ये बहुत ही आसानी से आपके घर में घुल मिल जाते हैं और आपके साथ बाहरी क्रियाओं में भी ख़ुशी से शामिल हो जाते हैं|
शरारती, ये शब्द तो इस प्रजाति के कुत्तों के चेहरे पर लिखा होता है :- ये बहुत ही मिलनसार और समझदार कुत्ते होते हैं| साड़ी दुनिया में घरेलु किस्म के कुत्तों के तौर पर इन्हें पसंद किया जाता है| ये मध्यम आकार के होते हैं जिनकी उंचाई 13 से 15 तक हो सकती है|
हाउंड प्रजाति के ग्रुप के इन कुत्तों की सूंघने की क्षमता बहुत अच्छी होती है :- इसलिए इन्हें एअरपोर्ट पर भी स्निफ्फर डॉग के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है| इनकी एक खराब प्रवृत्ति होती है की ये कुछ भी खा जाते हैं और अपनी ज़रूरत से ज्यादा भी खा जाते हैं जो इनको बाद में मुश्किल में डाल देती है इसलिए इनके खान पान का विशेष ख्याल रखना पड़ता है| इनको कम से कम पुरे साल तक की ट्रेनिंग की ज़रूरत होती है और इसमें भी क्रैट ट्रेनिंग प्रणाली ही ज्यादा सही रहती है|
ये याद रखियेगा की बीगल सुरक्षात्मक कारणों से रखे जाने वाले कुत्ते नहीं होते :- इन्हें सिर्फ घरेलु तरीके से अपने साथ खेलने और टहलने वगैरा के लिए ही इस्तेमाल किया जाना चाहिए| इनका औसत वज़न 20 से 25 kg तक होता है और इनकी औसत उम्र 12 से 15 वर्षों की हो सकती है|
कभी आपने 101 डालमेशन नामक मूवी का नाम सुना है :- जी हाँ उसमे दिखाए जाने वाले प्यारे से काले और भूरे स्पॉट्स वाले कुत्ते ही डालमेशन हैं| ये कुछ बड़े आकार के कुत्ते होते हैं और इनका विकास क्रोएशिया में डाल्मेशिया जगह से हुआ है इसीलिए इनका ये नाम पड़ा| वहां पर इन कुत्तों को मुख्यतः कैरिज डॉग के तौर पर इस्तेमाल किये जाते थे|*
ये अपने धैर्य और क्षमता के लिए भी जाने जाते हैं :- इनकी उंचाई लगभग 20 से 24 इंच तक हो सकती है| इनके त्वचा के ऊपर छोटे बालों की घनी परत होती है जो पुरे वर्ष झडती रहती है इसलिए इन्हें नियमित रूप से साफ़ करते रहना पड़ता है| इनकी उम्र लगभग 11 से 13 वर्ष होती है और ये कुछ बिमारियों के प्रति काफी संवेदनशील होते हैं जैसे एलर्जी, बहरापन और पथरी|
घरेलु किस्म के कुत्तों में इस प्रजाति के कुत्ते सबसे खुबसूरत होते हैं और भारत में काफी ज्यादा लोकप्रिय भी हैं :- ये समझदार होते हैं और रखवाली करने के लिए काफी अच्छे माने जाते हैं| मध्यम आकार के और मज़बूत शरीर वाले ये कुत्ते सुनहरे और क्रीम रंग के होते हैं|
इनके ऊपर घने बाल होते हैं जो की जल प्रतिरोधक होते हैं लेकिन घने बाल झड़ते काफी हैं :- तो इनकी देखभाल करते रहना पड़ता है| इनकी औसत उंचाई 20 से 24 इंच होती है, वज़न लगभग 25 से 35 kg तक होता है और औसत आयु 13 से 15 वर्ष की होती है|
अगर ठीक से देखभाल की जाए तो आपका कुत्ता आपका सबसे अच्छा दोस्त बन सकता है ।
कुत्तों को सिर्फ साथ के लिए नहीं रखा जाता या फिर उनकी वजह से वातावरण में सकारात्मक उर्जा बनती है :- उसके लिए या फिर सिर्फ उनके साथ खेलने के लिए| कभी कभी उनकी प्रतिक्रियाओं पर भी गौर करने से आपको एहसास होता है की वो भी आपकी तरह जीव हैं| कभी तो लोग इसलिए भी इन्हें रखते हैं की वो दिखा सके की वो कितने अमीर हैं| वैसे सुरक्षा और रखवाली दो मुख्य कारण हैं जिनके लिए इन्हें रखा जाता है|
प्राचीन काल से ही जब मानव और कुत्तों के बीच ये सामंजस्य बना तो :- दोनों ही अपने आप को ज्यादा सुरक्षित महसूस करने लगे और ये रिश्ता समय के साथ गहरा ही होता चला गया| पहले जब मनुष्य को खाने के लिए शिकार करना पड़ता था तब ये कुत्ते इनकी मदद करते थे| और जब इंसानों अपने साथ भेड़, बकरियों और गायों को रखना शुरू किया तो इन्ही कुत्तों ने उन सभी जीवों की सुरक्षा बड़े भाई की तरह की और उनको एक साथ रखने में इंसान की मदद की|
कुत्ते बहुत संवेदनशील जीव होते हैं और ये शायद आपके बोले हुए शब्द को ना समझ सकें पर बोलने के अंदाज़ को बखूबी समझ जाते हैं वो भी कभी कभी आपके किसी अपने से ज्यादा :- कोई बड़ा ताकतवर कुत्ता जो की घर के बाहर आपकी सुरक्षा में तत्पर हो वो भी भीतर से उतना ही स्नेह के भूखा होता है जितना की कोई छोटा सा प्यारा सा आपके घर के अन्दर रहने वाला कुत्ता| दोनों प्रकार के कुत्तों की विशेष देखभाल ज़रूर करनी चाहिए और ये बात ज़रूर याद रखनी चाहिए की आप अगर कुत्ता पालते हैं तो वो कुत्ता कोई दिखावे की वस्तु नहीं बल्कि आपके परिवार का एक सदस्य होता है|