Related articles

रमजान भोजन उत्सव के बिना क्या है ?

Source www.inbrampton.com

दिनभर भूखा प्यासा रहने के बाद अगर आप शाम के इफ्तार पर जो चाहे, जितना चाहे खाने की रास रखे हैं, और हम कहें ऐसा मत कीजिये तोह आपकी नजरों में ये बेहद बुरी बात होगी :- यदि आप सुबह से पहले एक अच्छी सेहरी को नहीं ले रहे है और पुरे दिन खाने और पीने में परहेज करने के बाद यदि आप एक तली हुई, तैलीय, मांसयुक्त, और पापी इफ्तार के हकदार नहीं हैं, तो आप ये पूछ सकते है की इस उपवास का आखिर मकसद क्या है।

रुकिए, हम आपको आपके रमजान के पसंदीदा खाने को छोड़ने को नहीं बोल रहे है :- बस कुछ अस्वस्थ खाना जिनके बारे में आप ये सोचते है कि पुरे दिन के उपवास के बाद इन्हे खाया जा सकता है। आगे पढ़ें और फिर देखें कि क्या आपको अभी भी ये लगता है दिन के अंत में एक गहरे तले हुए मांस वाले समोसे की इच्छा होती है।

खाना रमज़ान का महत्वपूर्ण बिंदु नहीं है : आध्यात्मिकता है।

Source www.acoustimac.com

सामान्य तौर पर, आप कितना समय खाद्य सम्बंधित गतिविधियों में बिताते है :- जैसे योजना बनाना, इनकी खरीददारी करना, इन्हे बनाना, खाना और फीर उसके बाद की सफ़ाई करना ? इसका उत्तर खाना खाने वाले छोटे से छोटे को भी हैरान कर देगा।

भोजन जीवन के लिए आवश्यक है, लेकिन रमजान आपको इससे वंचित नहीं करता है :- बल्कि आपको लंबे समय के इस बोझ से कुछ समय के लिए आजाद करता है ताकि आप उस ऊर्जा को जीवन के अन्य समस्याओ पर इस्तेमाल कर सकें। जैसे कि आगे की सोचना, प्रार्थना या आध्यात्मिकता।

भोजन शरीर का ईंधन होता है, और कुछ भोजान हम ख़ुशी से खाते है, कुछ घंटो के लिए खाना न खाने से हमे कोई हानि नहीं होती है :- बल्कि ये आपके शरीर को अपने अंदर से टोक्सिन निकलने में मदद करता है। आगे पढ़े की आपका शरीर भोजन का उपयोग कैसे करता है, क्या होता है जब आप उपवास रखते है और कैसे इस रमजान को स्वस्थ रमजान बनाये।

आपके शरीर को क्या होता है जब आप उपवास करते है।

Source www.iloveqatar.net

मानव शरीर तंत्रो और प्रणालियों का एक अद्भुत संयोजन है और ये बेहतरीन तरिके से हानिकारक खादयो से लड़ता है :- अनेक वर्षो से कई संस्कृतियों और धर्मों का हिस्सा है। मुसलमानों महीने भर के रमज़ान का पालन करते है और उसी प्रकार यहूदि तिश ब’व और योम किप्पुर जैसे कई दिन लम्बे उपवास का पालन करते हैं।

ईसाई धर्म में 40 दिनों का लेंट होता है जिसमे खाने और पीने में पूरी तरह से परहेज करने कके बजाए थोड़ा अलग तरीके से मनाया जाता है :- भक्त उन चीजों को छोड़ देते हैं जिन्हे वे बहुत ज्यादा पसंद करते हैं।उपवास हिंदू धर्म, जैन धर्म और बौद्ध धर्म में एक बड़ी भूमिका निभाता है, जैसे की नवरात्रि की दौरान हिन्दू मीट और अंडे का सेवन नहीं करते है।

धार्मिक करने के आलावा भी, कुछ अन्य किस्म के उपवास की सलाह हमारे लाभ के लिए दी जाती हैं :- और अक्सर चिकित्सकों द्वारा करने के लिए कहा जाता है, इसीलिए, चलिए देखते है कि आखिर क्या होता है जब आप कई दिनों के लिए खाना छोड़ देते है।

उपवास बनाम अकाल ।

Source totalhealthproject.com

हम अक्सर 'मैं भूख से मर रहा हु' इस लाइन का उपयोग करते है जब हम बहुत ज्यादा भूखे होते हैं :- आपके अत्यधिक हाव भाव इसका वर्णन कर देती है कि आपको कितनी भूख लग रही है, लेकिन, ये 'भूख से मरना' शब्द का सही उपयोग नहीं है।
मानव शरीर को काम करने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है, इस ऊर्जा का प्राथमिक संसाधन ग्लाइकोजन होता है जिसे शरीर कार्बोहाइड्रेट्स को तोड़ कर बनता है। शरीर शर्करा जैसे सरल कार्ब्स का पहले उपयोग करती हैं, इसके बाद जटिल कार्बोहाइड्रेट की बरी आती है। जिसका तुरंत इस्तमाल नहीं होता है उसे बाद के इस्तेमाल के लिए यकृत में जमा कर लिया जाता है।

जब आप उपवास कर रहे होते है तो आप कोई खाना नहीं खाते है, यकृत में 8 घंटो बाद ग्लाइकोजन की मात्रा खत्म हो जाती है :- और इस समर हमारा शरीर अपने आप वसा का उपयोग करने लगता है ग्लाइकोजन बनाने में। इस चरण को ग्लुकोनियोजेनेसिस कहते है और इसलिए क्युकी ये प्रक्रिया सामान्य भोजन से ग्लाइकोजन बनाने के मुकाबले ज्यादा जटिल है, शरीर और तेजी से कैलोरी खर्च करने लगता है। यह वजन कम करने के लिए की जाने वाले व्यायाम का मूल आधार भी है, और साथ सभी उपलब्ध कार्ब्स को जलाने के लिए ताकि शरीर जमा हुए वसा का उपयोग करना शुरू कर सके।

रमजान में उपवास, आपके स्थान के अनुसार 12 से 18 घंटो तक चल सकता है, और पहले 8 घंटे और कुछ समय ग्लाइकोजन का इस्तमाल करने के बाद, उपवास के बाकि समय शरीर वसा का उपयोग शुरू कर देता है :- वसा को जमा करने की विधि इस तरह की स्थिति झा भोजन नहीं मिल सकता, के लिए ही बनायीं गयी है। यही ग्लूकोनेोजेनेसिस मोड भुखमरी में स्थानांतरित हो जाता है जब आप एक साथ कई दिनों तक नहीं खाते हैं; औरर इस समय शरीर प्रोटीएन का इस्तमाल करने लगता है अपनी ऊर्जा आवश्यकता की पूर्ति के लिए।

इसीलिए रमजान के उपवास के दौरान ये पूरी तरह सुरक्षित है :- क्युकी आप एक ही दिन में सेहरी, इफ्तार और रात का भोजन कर रहे है; आपको अत्यधिक खाकर पूर्ति करने की आवश्यकता नहीं है क्युकी आपने केवल दोपहर का भोजन नहीं किया है और आपका शरीर कुछ घंटो के लिए भोजन की कमी को संभाल सकता है।

शरीर पर उपवास करने का, या रोजा रखने का क्या असर होता है ।

Source ethnichealthcourt.com

रमजान के दौरान उपवास करने के शरीर पर कई सकारात्मक प्रभाव पड़ते है,शोध से पता चलें कुछ प्रभाव इस प्रकार है :

  • उत्थान :
    इस प्रकार का उपवास जो रमजान के दौरान किया जाता है, यह एक लोकप्रिय तरीका है, जिसे मानव विकास हार्मोन (एचजीएच) के उत्पादन को बढ़ाने के लिए किया जाता है, इसे इंटरमिटेन फास्टिंग कहते है। पिट्यूटरी ग्रंथि द्वारा निर्मित, यह हार्मोन यौवन और उम्र बढ़ाने का कार्य करता है। यह हॉर्मोन विकास, कोशिका की मरम्मत और चयापचय भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, और यदि आपके शरीर में एचजीएच की कमी हो तो इसकी सम्भावना अधिक होती है की आप बहुत जल्दी मोटे हो जाते हो। रमजान की कुछ दिन बाद ही, तीसरे दिन से ही, शरीर बहुत अधिक मात्रा में विकास हार्मोन (एचजीएच) बनाने लगता है, ये लगभग सामान्य से पांच गुना होता है।
  • टोक्सिन को दूर करना :
    एचजीएच का उच्च स्तर न केवल पूरे शरीर में कोशिकाओं का पुन: उत्थान करता है, बल्कि यह ऑटोफैगी नामक प्रक्रिया को भी शुरू करता है, जो एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें स्वस्थ कोशिकाओं को कम नुकसान पहुंचते हुए, नए और स्वस्थ कोशिकाओं को बनती है। सेलुलर स्तर पर हानिकारक पदार्थों का निष्कासन वसा के टूटने के साथ मेल खाता है और वसा में संग्रहीत हानिकारक पदार्थों को शरीर से निष्कासित कर दिया जाता है।
  • वजन कम हो सकता है :
    थोड़े कैलोरी खर्चने के बाद और शरीर के स्व-सफाई की प्रक्रिया के कारन वजन कम हो सकता है, विशेष रूप से अतिरिक्त वसा के नष्ट होने से, लेकिन इस दौरान एक संतुलित और पौष्टिक आहार उपवास के साथ होना चाहिए।
  • उम्र बढ़ने की प्रक्रिया दिखना धीमी हो जाती है :
    मांसपेशियों का विकास, कोशिका की मरम्मत और हानिकारक पदार्थों का निष्कासन से उम्र बढ़ने की प्रक्रिया दिखना धीमी हो सकती है। एथलीट भी रिकवरी को तेज करने और मांसपेशियों के सख्त निर्माण के लिए इसी तरह का उपवास करते हैं (हालांकि वे शरीर में पानी की कमी न हो इसलिए पानी पीते रहते हैं)।
  • आंत की पुनःपूर्ति :
    सामान्य पाचन कार्यों के बिच एक विलम आंत को आराम करने और खुद को ठीक करने की अनुमति देता है जो बदले में पोषक तत्वों को ग्रहण करने की प्रक्रिया को बेहतर बनता है। इसमें आंत से हानिकारक पदार्थों का निष्कासन भी शामिल है।
  • अध्ययन से यह भी पता चला है :
    कि उपवास से शरीर में इंसुलिन के प्रतिरोध को कम करके रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है, हार्मोन जो यह बताता है कि रक्त ग्लूकोज को उस स्थान पर ले जाने में कितना प्रभावी है, जहां इसकी जरूरत है। और साथ ही कई दिन उपवास करने से मस्तिस्क भी अच्छे से कार्य करने लगता है।

ज्यादा या भारी भोजन किस प्रकार किसी काम में बढ़ा डालता है ।

Source economictimes.indiatimes.com

कुछ समय खाना न खाने के बाद, तला हुआ, अस्वस्थ भोजन और अत्यधिक मीठा पेय युक्त भारी भोजन का सेवन करने का बुरा प्रभाव शरीर पर पड़ता है :- इस प्रभाव की तुलना आपको गहरी नींद से जगा के कोई जातील कार्य करने के लिये कहा जाये, या दौड़ने भेज दिया जाये, से की जा सकती है। आपका शरीर और दिमाग इन चुनौतियों को लेने के लिए संघर्ष करेगा, और संभावना कम हो जाएगी - आप भ्रमित और भटकाव में होंगे, यह समझने में थोड़ा समय लेंगे कि क्या हो रहा है।

जैसा की पहले बताया गया, आपका पूरा शरीर, पाचन तंत्र सहित, शरीर की मरमत और सफाई कर रहा था और उसे कुछ समय आसानी से टुटने वाला भोजन देने की जरूरत है :- आपको पोषण की आवश्यकता है लेकिन ये कुछ साधारण और हल्का होना चाहिए जिसे आसानी से पचाया जा सकता हो। जितना भारी भोजन हम करेंगे, उतना ही मेहनत हमारे पेट को करनी होगी इसे तोड़ने में। अपने पेट को भारी, अत्यधिक मीठे और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों से भर देने से आपको आवश्यक पोषक तत्व नहीं मिलते हैं। ये जो करर्ते है वह ये है कि उपवास के पुनरावर्तक प्रभावों को रोकते हैं, और इससे निपटने के लिए आपके शरीर को अनावश्यक कैलोरी इकट्ठी करनी पड़ती हैं।

उपवास से बहुत से स्वस्थ लाबभ होते है :- क्युकी इससे शरीर हानिकारक पदार्थो को दूर करता है और खुद को फिर से स्वस्थ बनता है। रमजान की 30 दिन का उपवास करना आसान नहीं है ; आप फ़ायदा क्यों नहीं उठाना चाहते?

आपको इफ्तार और उसके बाद क्या खाना चाहिए ।

Source in.pinterest.com

आप ज्यादा कुछ खाना नहीं चाहते है इसीलिए आपका हार एक निवाला महत्वपूर्ण बन जाता है :- आपको ऐसा भोजन चुनना होगा जिनसे आपको अच्छा पोषण मिले और जिनमे कैलोरी की मात्रा कम हो। वसा बुररी चीज नही है, बल्कि शरीर को भी कुछ विशिष्ट कार्यो के लिए वसा की आवश्यकता होती है। आपको बस तले हुए भोजन जैसी चीजों को नहीं खाना है।

Source timesofindia.indiatimes.com

    खजूर :

  • यह बहुत से अच्छे कारण हैं कि नबीने उपवास को तोड़ने के लिए खजूर क्यों चुने। इन्हे आसानी से पचाया जा सकता है और यकृत को इन्हे तोड़ने में ज्यादा ऊर्जा भी नहीं लगती है और इसमे फाइबर, ग्लूकोज और पोषक तत्वों भरे होते हैं जो शरीर के ग्लूकोज स्तर को जल्दी से पहले जैसा करने में मदद करता है। अतिरिक्त मिठास और फाइबर भूख को शांत करता है और आपको खाने से रोकता है।
  • पानी :

  • 12 घंटो तक कुछ न खाने पिने के बाद, पानी एक मात्र ऐसा पेय है जो आपकी शरीर में पानी की कमी नहीं होने देता है। चीनी युक्त पेय का सेवन न करे, क्योंकि वे बिना किसी स्वास्थ्य लाभ के खजूर द्वारा प्रदान की जाने वाली शर्करा को नष्ट सकते हैं। फलों के रस के साथ भी यही नियम लागू होते है, जो थोड़ा स्वास्थ्यवर्धक है। रस के बजाय, फ़ाइबर और अतिरिक्त पोषक तत्वों का लाभ उठाने के लिए फलो का सेवन करे।
  • प्रोटीन :

  • लाल मांस को पचाना थोड़ा मुश्किल होता है इसीलिए इसे बाद के लिये बचा के रखे, लेकिन आप ये प्रोटीन मछली, अंडे, चिकन और यहां तक ​​की शाकाहारी प्रोटीन से प्राप्त कर सकते है। ऐसा भोजन चुनिए जिन्हे बनाने में ज्यादा तेल की आवश्यकता न होती हो और आसानी से पचाया जा सकता हो।
  • ज्यादा कच्चा खाना न खाये :

  • फल और कुछ सब्जियों को कच्चा खाया जा सकता है, लेकिन कच्चे खाने को पचाने में समय लगता है। ऐसे कई सूक्ष्म पोषक तत्व होते हैं और आपको उन्हें अपने भोजन में अवश्य शामिल करना चाहिए, लेकिन पहले इन पोषक तत्वों को संरक्षित करने के लिए उन्हें हल्का पकाएं, जिससे उन्हें पचाने में आसानी हो।

Related articles

From our editorial team

क्या आप जानते है,इफ्तार और उसके बाद आपको अच्छा पोषण युक्त खाना चाहिए ।

अगर आप ज्यादा कुछ खाना नहीं चाहते है,तो आपको ऐसा भोजन चुनना होगा जिनसे आपको अच्छा पोषण मिले जैसे खजूर में फाइबर, ग्लूकोज और पोषक तत्वों भरे होते हैं जो शरीर के ग्लूकोज स्तर को जल्दी से पहले जैसा करने में मदद करता है,12 घंटो तक कुछ न खाने पिने के बाद, पानी एक मात्र ऐसा पेय है जो आपकी शरीर में पानी की कमी नहीं होने देता है। फल और कुछ सब्जियों को कच्चा खाया जा सकता है।